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हाय फ्रेंड्स, मैं विक्की आपके सामने मेरे जीवन की सच्ची कहानी लेकर आया हूँ जो मेरी और मेरी पड़ोसन हॉट भाभी के बीच की चुदाई की है. मैं इंदौर का रहने वाला हूँ. मेरे परिवार में हम 4 लोग हैं. मैं, मेरी छोटी बहन और मम्मी पापा.
हमारे घर के पास वाले घर में एक परिवार रहता है. मूल रूप से तो यूपी के कानपुर के हैं, पर कई वर्षों से इंदौर में ही रह रहे हैं. उस परिवार में एक भैया हैं, जिनका एक मेडिकल स्टोर है. एक उनका भाई, जो उनसे छोटा है और उनकी वाइफ, जिसे मैं भाभी कहता हूं. भाभी का नाम डिम्पल है. ये कहानी मेरी और डिम्पल भाभी की है.
हमारे घर अगल बगल में ही हैं, तो हमारा उनसे संबंध घर जैसा ही है. उनके साथ इतना अधिक घरोबा सा है, मतलब सारे त्योहार साथ में मनाना, आए दिन एक दूसरे के घर के कार्यक्रमों में शामिल होना.. वगैरह वगैरह.
अब रोज का नियम यह था कि भैया और उनका भाई सुबह उनके मेडिकल स्टोर पर निकल जाते और रात को 10 बजे के बाद ही आते थे. डिम्पल भाभी पूरा दिन घर में अकेली रहती थीं और इस कारण मेरी उनसे अच्छी खासी दोस्ती हो गयी थी. भाभी दिखने में खूब गोरी तो नहीं, पर उनका रंग साफ है और वो घर में साड़ी पहनती हैं.
ऐसे ही कई 2 साल बीत गए, पर तब तक सब सामान्य था. पर एक दिन सुबह की बात है, वो पानी भरने बाहर आईं और तब वो शायद उठकर ही आयी थीं.. इसलिए उन्होंने गाउन पहन रखा था. मैं वहीं खड़ा था, वो जैसे ही पानी का बर्तन उठाने नीचे झुकीं तो मेरी नजर हॉट भाभी के गाउन के अन्दर से उनके झांकते उरोजों पर चली गयी, जो उनके खुले गले वाले गाउन से पूरे साफ दिख रहे थे. उन्होंने अन्दर ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी. मैं वो नजारा देखता ही रह गया. क्या गजब का नज़ारा था.
तभी भाभी ऊपर को उठीं और उन्होंने मुझे अपने स्तन देखते हुए पकड़ लिया और बोलीं- क्या देख रहे हो? मेरी फट गई, मेरे मुँह से शब्द नहीं निकले. फिर भी मैंने बोला- कुछ नहीं भाभी. वो भी मुस्कुरा दीं.. इससे मुझे हिम्मत आ गई.
जब भाभी जाने लगीं, तब मैंने कहा- भाभी, आप बहुत सुंदर हो. पर इस बार वो बिना कुछ बोले चली गईं. फिर मैं भी अपने काम में लग गया.
इस घटना के बाद से मेरी भाभी को देखने की नज़र बदल गयी, जो शायद उनको भी पता चल गया था.
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए और फिर एक दिन मेरे मामा के घर से फ़ोन आया कि उनके लड़के की शादी तय हो गयी है और दो दिन बाद सगाई का कार्यक्रम है, तो सबको आना है.
सब घर वाले जाने की तैयारी करने लगे, पर मुझे मेरे काम की वजह से जाने का मौका नहीं मिला. मैं बताना भूल गया कि मेरा कपड़ों का होलसेल का काम शुरू हो गया था, तो काम की वजह से मुझे रुकना पड़ा. सब घर वाले निकलने लगे और जाते समय मम्मी ने डिम्पल भाभी से कहा- हम सब 3 दिन के लिए जा रहे हैं तो आप विक्की का ध्यान रखना और खाना आदि खिला देना. भाभी ने मेरी और देखकर एक अजीब सी स्माइल देकर बोला- जी बिल्कुल, ये तो हमारा फ़र्ज़ है, आप निश्चिन्त होकर जाइए.. इनकी चिंता मत कीजिये. मुझे भाभी की बात से कुछ समझ नहीं आया और मैं अपने काम पर चला गया.
शाम को 8 बजे जब मैं घर वापस आया और फ्रेश हुआ, तो भाभी ने आवाज दी और बोली- भूख लगी हो तो खाना तैयार है. मैंने उन्हें मना किया- रहने दीजिए.. भाभी मैं बना लूंगा, आप परेशान ना हों. वो गुस्से से बोलीं- हां सही है.. हम कौन से आपके कुछ लगते हैं, जो आप हमारे हाथ का बना खाना खाएंगे. मैंने बोला- ऐसी बात नहीं है.
मैंने बहुत कहा, पर वो कुछ नहीं मानी. वे घर से खाना ले कर आईं और किचन में जाकर एक थाली में परोस कर ले आईं. मैंने कहा- क्या मैं अकेला खाऊंगा? ये तो गलत बात है, आपको भी खाना पड़ेगा. तो वो बोलीं- नहीं आपके भैया आएंगे, तब उनके साथ खाना पड़ेगा. मैंने भी धीरे से बोल दिया- इतने सालों से थे तो खा ही रही हो उनके साथ.. आज हमारा साथ दे दो. इस पर वो बोलीं- जल्द देंगे.. पर अभी नहीं.. और आप जल्दी खा लो, मुझे घर जाना होगा, इनके आने का टाइम हो गया है.
मैंने खाना खाया और वो जाने लगीं. जाते हुए भाभी मुझसे बोलीं- और कुछ चाहिए? तो मैं उनके चुचों की तरफ देखकर बोला- मन तो दूध पीने का है. तो वो बोलीं- मन है तो पी लो. इतना बोलकर वो भाभी एक हॉट कातिल सी स्माइल देकर चली गईं.
उस पूरी रात मैंने उनके नाम की दो बार मुठ मारी और सुबह 4 बजे सो पाया.
फिर सुबह सुबह किसी के दरवाजा ठोकने की आवाज से उठा, तो देखा 10 बज रहे थे. मैंने तुरंत दरवाजा खोला तो बाहर बाहर भाभी खड़ी थीं. उनके हाथ में चाय का कप था और वो गाउन में ही थीं. मैं तो उन्हें देखता ही रह गया. तब उन्होंने बोला- क्या हुआ.. क्या देख रहे हो? अन्दर आने दोगे या नहीं? मैंने उन्हें अन्दर बुलाया. वो बोलीं- दस बजे गए, अब उठ रहे हो.. लो पहले चाय पी लो और आज जाना नहीं क्या? मुझे जाना तो था, पर भाभी को देखकर मन बदल गया.
फिर वो मजाकिया अंदाज में बोलीं- रात में दूध पिया या नहीं? मैं उनकी बात का कोई जवाब नहीं दे पाया, तो वो बोलीं- आज पिला देंगे. मैंने उनके मम्मे घूरे तो वो बोलीं- आप नहा लो.. मैं कपड़े धो दूँगी.
ये कह कर भाभी चली गईं. फिर मैं नहा कर टीवी देखने लगा. थोड़ी देर में भाभी फिर आ गईं और बोलीं- आज जाना नहीं है क्या? मैंने बोला- आज मन नहीं है जाने का. वो बोलीं- फिर कहां है मन आपका?
मैं कुछ बोलता, इससे पहले वो बाथरूम में जाकर कपड़े धोने लगीं. तब मुझे याद आया मेरी जॉकी तो अन्दर ही पड़ी है, जिसपे मेरा रात का वीर्य लगा है. मैं तुरंत में बाथरूम की ओर गया भाभी से बोला- रुको भाभी. वो कहने लगीं- कोई बात नहीं..
ये कहते हुए उन्होंने सबसे पहले उस जॉकी को ही धोने के लिए उठाया और वो उस पर लगे वीर्य को देखा, जो सूख कर कड़क सफेद हो चुका था. उसे देखकर बोलीं- इसी कारण आप रात को लेट सोये हो.. लगता आपकी भी शादी करवाना पड़ेगी. भाभी मुझे देखकर हंस दीं.
मैं वहीं खड़ा उन्हें देख रहा था. कपड़े धोते समय उनके हिलते भारी मम्मे मुझे साफ दिख रहे थे, क्योंकि उन्होंने अभी भी गाउन पहन रखा था, वो भी बिना ब्रा के. उन्होंने ये देख लिया कि मैं उन्हें घूर रहा हूँ. वो बोलीं- क्या देख रहे हो.. इरादा क्या है? मैंने अपनी नजर दूसरी ओर की और बोला- कुछ नहीं भाभी. उन्होंने कहा- लाओ, एक बाल्टी पानी डाल दो.
मैंने टंकी में से पानी निकाला और डालने लगा, तो अचानक मेरा हाथ फिसला और आधी बाल्टी पानी उनके ऊपर गिर गई और भाभी पूरी भीग गईं.
भाभी मुझे डांटने लगीं- ठीक से डालना चाहिए ना. मैंने उन्हें सॉरी बोला और कहा- आप चेंज कर लो. वो बोलीं- हां इस हालत में आपके घर से निकलकर अपने घर जाऊँगी, तो आस पास वाले लोग बोलेंगे कि ये बिन मौसम कहां से भीग आयी. मैंने बोला- फिर अब एक काम करो, आप मेरी टी-शर्ट और लोअर पहन लो. वो बोलीं- हां ये ठीक है.
मैंने उन्हें अपने कपड़े दिए, वो पहन कर काम करने लगीं. उन्हें टी-शर्ट लोअर में देखकर मैंने कहा- आप बहुत सेक्सी हॉट लग रही हो. वो बोलीं- रहने दे.. झूठ मत बोल. मैंने कहा- सच्ची भाभी.
अचानक उनकी पीठ में खुजली होने लगी. पर उनका हाथ वहां तक नहीं जा पा रहा था. तो मैंने बोला- मैं मदद कर देता हूं.
ये कहते हुए मैं बाथरूम में चला गया और उनकी पीठ खुजाने लगा. मेरा हाथ लगने से शायद वो मदहोश होने लगीं, मैं भी खुजाने के बहाने उनकी पीठ सहलाने लगा और थोड़ा सा हाथ आगे ले जाकर उनके मम्मों को टच करने लगा, इससे वो एकदम सिहर से गईं. लेकिन भाभी की तरफ से कोई उज्र नहीं हुआ तो मैंने उन्हें अपनी बांहों से पकड़ कर खड़ा कर दिया और उनसे चिपक कर उनकी पीठ सहलाने लगा. भाभी भी मुझसे बिंदास चिपक गईं और उन्होंने खुद को ढीला छोड़ दिया.
उनकी पूरी सहमति जानते हुए मैंने अपना हाथ टी-शर्ट के अन्दर डालकर उनके बदन को सहलाना चालू किया, तो भाभी चुपचाप अपनी आँखें बंद किये खड़ी रहीं. मैंने धीरे से अपना दूसरा हाथ आगे से ले जाकर उनके पेट पर रखकर सहलाना चालू कर दिया.
भाभी अब भी कुछ न बोलीं, तब मैं वही हाथ धीरे धीरे उनके मम्मों पर ले जाने लगा और जैसे ही मैंने उनके मम्मों को पकड़ा, वो एकदम से सिहर गईं और मेरा हाथ छुड़ाकर बाथरूम से बाहर निकल गईं. भाभी बोलीं- नहीं विक्की.. ये गलत है.
मैंने मौके का फायदा उठाने की सोची और तब मेरे मन में यह बात भी आई कि अगर आज ये हाथ नहीं आईं, तो फिर ऐसा सुनहरा मौका दुबारा नहीं मिलेगा. इसलिए मैंने जल्दी बाहर निकलकर भाभी को पीछे से पकड़ा और उनकी गरदन पे किस करने लगा. वो बस मुझे मना करने लगीं, पर मैंने उन्हें नहीं छोड़ा.
इसी दौरान मेरा लंड कड़क होकर भाभी की गांड में घुसने को बेताब होने लगा. लंड की सख्ती को भाभी समझ चुकी थीं और शायद उनको मेरे लंड की छुअन ने गर्म कर दिया था. अब भाभी का मुझसे छूटने का प्रयास कम होने लगा.
इस बीच मैंने उन्हें घुमा कर सीधे किया और सीधे उनके गुलाबी मुलायम रस भरे होंठों को चूसने लगा. शुरू में भाभी मुँह फेरने लगीं और वापस छूटने की कोशिश करने लगीं, पर मैंने उन्हें कस के पकड़ रखा था. बस उनके मुँह से ‘ऊऊऊऊ..’ की आवाज निकल रही थी. मैंने एक सेकंड के लिए उनके होंठ छोड़े, तो वो छूटते ही हांफने लगीं और बोलीं- ये गलत है.. मैं किसी की बीवी हूँ.
मैंने उनकी कुछ नहीं सुनी और वापस अपने होंठ उनके होंठों से चिपका दिए. साथ ही मैं अपने हाथों को पीछे ले जाकर उनकी पीठ सहलाने लगा.
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी. ये मेरी और हॉट डिम्पल भाभी की चुदाई की कहानी आपको कैसी लग रही है, मेल लिख कर मुझे जरूर बतायें! [email protected]
कहानी का अगला भाग: हॉट भाभी से की चुदाई की शुरुआत-2
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