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मित्रो, दीपक को पिछले २-३ महीने से काफी मेहनत करनी पड़ी थी, ताकि एक ३३ साल की विधवा औरत को अपने झांसे में फंसाकर वो मजा कर सके। वैसे भी शादी शुदा औरत हो या विधवा आसानी से वो अपना जिस्म किसी को नहीं समर्पित करती है।
एक मुलाकात बाज़ार में और फिर हिना ने मुझे अपने घर बुलाया और दोनों शारीरिक सम्बन्ध का एक अध्याय अपने जीवन में जोड़ लिया। हिना की अवस्था खेलने खाने की है यानी उसको हमसफ़र का प्यार, उसके साथ हमबिस्तर होना और अपने शरीर की भूख को मिटाने की तमन्ना है।
लेकिन अब तो उसका कोई हमसफ़र ही नहीं रहा था। एक दिन जब हिना और मै अपने झिझक को दूर करके अपने कामुकता को समझ कर, एक दूसरे के संग सहवास क्रिया कर रहे थे। तो समझो दूरियां ख़तम सी हो गई थी, और फिर हिना का मोबाइल नंबर मुझे मिल गया था।
एक सप्ताह बीत चुका था और इधर रिया दीदी की महवारी शुरू हो गयी थी। तो मै अब चुत चोदने को आतुर था, इसी क्रम में एक रात मै हिना के नग्न बदन की कल्पना करते हुए मैंने मुठ भी मारी।
लेकिन इससे लंड को शांत तो किया जा सकता है लेकिन संतुष्टि नहीं मिलती। फिर एक सुबह जब मै कालेज के लिए निकला तो मेरी मोबाईल की घंटी बजने लग गयी। मैने बाईक को सड़क किनारे करके फोन के स्क्रीन पर हिना का नंबर देखा, और फिर मैं उससे बात करने लग गया।
मैं – हैलो हिना, कैसी हो?
हीना – ठीक हूं लेकिन तुमने तो उस दिन के बाद मुझे एक फोन तक नहीं किया।
दीपक – इसके लिए माफी मांगता हूं।
हीना – मै माफ नहीं करने वाली, बल्कि तुम्हे अब इसकी सजा मिलेगी।
मै मुस्कुराया और बोला – ठीक है बोलिए क्या सजा आप देने वाली हैं आप मुझे?
हीना – तुम अभी कॉलेज के लिए निकले हो ना?
मैं – हां अभी पनकी चौक पहुंचने वाला हूं।
हीना – ठीक है तुम वही रुको मै ५ मिनट में पहुंचती हूं, और फिर तुम्हे सजा मिलेगी।
मै समझ गया कि आज हिना ऑफिस से छुट्टी लेकर कुछ प्लान करके बैठी है। तो मै वही पास में एक पान दुकान पर जाकर एक सिगरेट पीते हुए हिना का इंतजार करने लग गया। कुछ देर बाद हिना को थोड़ी दूरी पर पैदल आते देख, मै बाईक स्टार्ट करके उधर बढ़ गया।
फिर हिना मुस्कुराते हुए बाईक पर बैठ गई, अब मै तेज रफ्तार से बाईक चलाने लग गया। तो हिना आज किसी जवान लड़की की तरह मेरे साथ बैठी थी, उसके दोनों पैर दो दिशा में थे, और उसके हाथ मेरे कमर से लिपटे हुए थे।
अब वो अपने दोनो स्तन को मेरे पीठ से रगड़ने लग गयी और बोली – दीपक आज मै छुट्टी पर हूं, मेरे एक रिश्तेदार के यहां दिन में दावत है।
मैं – अच्छा तो आपको वहीं ड्राप करना है?
हीना – हां, सर्वोदय नगर में उनका घर है।
तो मेरा इरादा कुछ डगमगा सा रहा था, मेरी काम इच्छा जाग चुकी थी लेकिन हिना का प्लान सुन मेरा मन दुखी था। खैर कुछ देर के बाद सर्वोदय नगर के उस अपार्टमेंट में दाखिल हुए जहां हिना को जाना था और वो बाईक से उतर कर बोली।
हीना – पहले चलकर काफी पी लो, फिर कालेज जाना।
मै बाईक लगा कर उसके साथ चलने लग गया, हिना टाईट काले रंग के लेगिंग्स और टॉप्स में सेक्सी लग रही थी। तो उसका गोरा चेहरा और बड़े बड़े स्तन मुझे रिझा रहे थे, अब मेरा मन दूध पीने का करने लग गया था।
उसके गोल चूतड़ की लचक देख मेरा लन्ड टाईट हो रहा था। हम दोनों दूसरे मंजिल पर लिफ्ट से गए और हिना एक दरवाजे के पास रुककर बेल बजाने लग गयी। फिर जब दरवाजा नहीं खुला तो मै बोला।
मैं – मुझे कालेज के लिए लेट हो रहा है तो मै चलता हूँ।
हीना ने अपने पर्स से एक चाभी निकाली और वो बोली – नहीं, तुम मुझे अकेले छोड़ कर नहीं जा सकते।
फिर हिना दरवाजा का लॉक खोलकर अंदर घुसी तो मै उसके पीछे पीछे कमरे में घुस गया। हिना अब पलट कर दरवाजे को बंद कर रही थी, तो मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर बात क्या है। हिना अब अपना पर्स टेबल पर रख मुझे घूरते हुए मेरे से लिपट गई, और मै उसके पीछे हाथ लगा कर फेरता हुआ उसके गाल को चूम कर बोला – ओह तो आपकी ये दावत होने वाली है?
हीना – हां, ये लोग २-३ दिन के लिए बाहर गए हुए है, तो मैंने अपनी सहेली से कुछ बहाना बनाकर उससे चाभी ले ली है। और अब बंद कमरे का दरवाजा खोलना तुम्हारा काम है।
दीपक उसकी चूतड़ को सहलाता हुआ बोला – काम तो हमेशा करने को जी करता है, वो भी आप जैसी सेक्सी लड़की के साथ तो मैं जरुर करूँगा।
वो थोड़ा शरमा कर मेरे कंधे पर सर रख कर बोली – जरूर आज इसलिए मैंने छुट्टी ली है दीपक।
फिर हम दोनों खड़े खड़े एक दूसरे की गर्दन और चेहरा को चूमने लग गये। हीना का लगा इत्र खुस्बू बिखेर रहा था, तो मैने उसके लंबे बाल को कसकर पकड़ा और होंठो को चूमने लग गया।
वो अपने स्तन को मेरे छाती से रगड़ते हुए मुझे कामुक कर रही थी। फिर हम दोनों एक दूसरे की जीभ को चाटने लगे गये, मै हिना के गोल गुंबदाकार गान्ड को सहलाता हुआ उसकी जीभ को मुंह में भर कर चूस रहा था।
अब मै उसे नंगा करने की फिराक में था, फिर उसके कमर से लेगिंग्स को नीचे करने लग गया तो वो उसकी जांघों पर आकर रुक सी गई। लेकिन हम दोनों का काम क्रीड़ा चालू था, हिना के जीभ चूसता हुआ उसके नग्न गान्ड को सहला रहा था।
वो एक पैंटी से अपनी चुत को ढक रही थी, तभी उसने मेरा चेहरा पीछे की ओर धकेल कर जीभ को निकली। अब उसका लेगिंग्स पैर के पास था, तो वो मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए मेरे जींस के हूक को खोलने लग गयी। मै हिना के स्तन को टॉप्स पर से ही दबाता हुआ मस्त था, और पल भर बाद हिना सिर्फ अपनी ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। और मै चढ्ढी और बनियान में उसके सामने खड़ा था। हिना का गुप्त योजना मेरे मन को शांत लेकिन कामुक कर चुका था।
तभी दोनों सोफ़ा पर बैठे और हिना बोली – आराम से बैठो मैं सब ब्यवस्था कर रखी है।
फिर वो मेरे सामने से अपनी गान्ड हिलाते हुए किचन की ओर चल दी, मै भी पीछे पीछे गया और फिर वो दो ग्लास लिए खड़ी थी तो मैने भी रेफ्रिजरेटर से बियर की एक बोतल को निकाल ली।
फिर हम दोनों बैठकर बीयर पीते हुए मस्त होने लग गये, हिना की गोलाई पर हाथ लगा कर मै उसको पुचकार रहा था। तो उसके गोरे बूब्स ब्रा से बाहर की और दिख रहे थे, थोड़ी देर में बियर पीकर हिना फिर से गरम औरत की तरह मेरे साथ सेक्स करने लग गयी।
उसका हाथ मेरे छाती पर था तो उसके होंठ मेरे गाल पर थे। मै उसके नग्न पीठ को सहलाता हुआ मस्त हो रहा था, हिना मेरी बनियान को उतारकर छाती को चूमने लग गयी। तो मेरा हाथ उसके चिकने पीठ को सहलाता हुआ बूब्स मसल रहा था।
हिना सेक्सी स्वर में बोली – उह आह दीपक आज दिन भर मेरे साथ काम करो, उह कितना मोटा उभार है तुम्हारा।
ये कह हिना मेरे जांघिया को उतार कर मेरे लंड को कसकर पकड़ने लग गयी। तो मै पूरी तरह से नग्न था और तभी हिना उठकर जमीन पर बैठी और मेरे लंड का चमड़ा नीचे करके सुपाड़ा को नाक पर लग गया सूंघने लग गयी।
सही में हिना काफी कामुक औरत थी, और तभी वो जीभ से सुपाड़ा को चाटते हुए झांट में उंगली फेरने लग गयी। अब उसका चेहरा लाल हो चुका था, तो वो मुंह खोल पूरा लंड निगल गई।
लेकिन मेरा लन्ड अर्ध रूप से खड़ा था, सो हिना मुंह बंद किए उसे चूसने लग गयी। अब मेरा हाथ उसके पीठ पर था, तो मै सिसकने लग गया – उई आह ओह हिना तुम मेरा जान क्यों निकाल रही हो उह।
मेरा लन्ड अब उसके मुंह में टाईट होने लग गया था, तो मैने हिना की ब्रा की डोरी खोलकर उसके बूब्स को नंगा कर दिया। मैं उसकी एक बूब्स मसलते हुए उसके सर पर हाथ लगा कर नीचे से लंड का झटका मुंह में देने लग गया।
तो वो पल भर बाद मेरे गीले लंड को मुंह से बाहर करके, उसने मुझे देखा और फिर से वो मेरे लंड को अपनी जीब से चाटने लग गयी। मेरा लन्ड अब पूरी तरह से चोदने को तैयार था लेकिन बिना चुत चाटे मै चोदने वाला नहीं था।
आखिर चूसे हुए लंड से चाटे हुए चुत को चोदने का आनंद ही कुछ और है। फिर दोनों अर्ध नग्न रूप में सोफ़ा पर बैठे, तो हिना सीधे रेफ्रिजरेटर की ओर गई और उधर से एक बोतल बीयर लेकर आई।
अब हम दोनों बियर पीने लगे तो मै हिना की कमर पर हाथ लग गयाकर पैंटी के हूक को खोल कर उसकी पैंटी को नीचे करने लग गया। लेकिन हिना तभी अपनी जांघ पर जांघ रख पैंटी नहीं निकालने दी रही थी।
फिर मै उसकी जांघ सहलाता हुआ बियर पीकर मस्त हो गया। हिना का हाथ मेरे छाती से लेकर जांघों तक घूम रहा था। फिर मै अपना चेहरा उसकी बूब्स पर लगा कर दूध पीने लग गया।
हीन एक माँ के जैसे मुझे अपनी छाती से लगा कर दूध पीला रही थी, तो वो अपनी सेक्सी आवाज में बोली – उह आह दीपक दांत मत मारो, और जोर से चूसो जान।
अब मेरा लन्ड चुत की गहराई को मापने को आतुर था, और फिर उसकी दूसरी बूब्स को चूसता हुआ मैने उसकी चुत पर हाथ लगया, पैंटी चुत पर से गायब थी तो मैंने दोनों जांघ दो दिशा में कर दी।
मै उंगली चुत के मुहाने पर रगड़ता हुआ अन्दर की ओर घुसाने लग गया। उसकी चूत के गरम पानी में मेरी उंगली जल रही थी। फिर मै बूब्स को छोड़कर जमीन पर बैठा तो वो दो दिशा में जांघ फैलाए बैठी हुई थी।
उसके दोनों फांक दूरी बनाकर मुझे रिझा रहे थे, मै तभी चुत के छेद पर उंगली लगा कर चुत को फैलाया और जीभ पेलकर चुत की गहराई को मापने लग गया। तो हिना मेरे सर पर हाथ लग लगा कर सिसकने लग गयी।
हीना – उई मां मेरी चुत में इतनी खुजली कभी नहीं हुई, और तेज तेज चाट बे कुत्ते।
मैने चुत को कुछ देर तक जीभ से चोदा और फिर उसके दोनों गुदाज फांकों को होंठो के बीच लेकर चूसने लग गया। तो हिना तड़प रही थी और मेरा हथियार चोदने को तैयार था और तभी छर छेर पानी चुत से निकलकर मेरे मुंह में भर गया।
फिर मैं वाशरूम की और भागा, हिना मेरे पीछे आई और पहले तो मूतने लग गयी और फिर उसकी चुत को मैंने साबुन से साफ किया। अब हम दोनों बेडरूम में आए तो वो बेड पर कोहनी और घुटने के बल होकर वो मझे चुदासी चुत चोदने का आमंत्रण देने लग गयी।
मै उसकी गान्ड के पीछे बैठकर लंड पकड़ा और चुत की छेद से सुपाड़ा सटाकर अंदर घुसाने लग गया। आधा लंड जब घुस गया तभी मैंने उसकी कमर पकड़ कर एक जोर का धक्का चुत में दिया, और जो चुत बरसों से लंड निगल रही है वहां क्या परेशानी और मै हिना को चोदता हुआ उसके सीने से झूलते बूब्स को दबाने लग गया।
हीना – उई मां आह और तेज चोद ना दीपक, मेरी चूत में तो आग लगी हुई है।
मै चोदता हुआ बोला – तेरी गान्ड जब फाडूंगा तब समझ आएगी तुझे।
वो चूतड़ हिलाते हुए बोली – अबे साले, कितने मर्दों कि लंड इस गान्ड का स्वाद चख चुके है, मै डरने वाली नहीं हूं समझ ले मादर चोद।
ये सुन कर तो मै पूरी गति से चुत चोदने लग गया और वो अपने कमर को स्प्रिंग की तरह हिलाकर अपनी चुदासी चुत की भूख मिटा रही थी। अब हिना की चुत गरम हो चुकी थी तो ६-७ मिनट से चोदकर मै भी अब झड़ने के करीब था।
मेरा शेर गुफा में तेजी से दौड़ लग गया रहा था और फिर मेरा लंड उसकी चुत में दहाड़ मारकर पस्त हो गया। जैसे हि हीना की चूत में मेरे लंड का पानी निकला तो दोनों रुक से गए, और वो चूतड़ आगे करके लंड को चुत से निकाल रही थी।
हीना अब लंड चूसकर वीर्य का स्वाद लेने लग गयी। अब आगे इस कहानी के अगले भाग में।
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