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तो वह उनसे बोलता है, साहब जी मेरी चौकीदारी का इस महीने का पैसा दे दो। मेरे पति ऑफिस जाने के लिए तैयार थे वह कहते हैं, तुम जोया से ले लेना मैं अभी जल्दी में हूं मुझे कहीं जाना है।
वह वहां खड़ा रह कर वो मुझे देखने लग गया, और मुस्कुराने लग गया। वह मुझे घुरे जा रहा था, इतनी देर में मेरे पति घर से चले गए और वह मुझे ऐसे हि टकाटक मुझे देखे जा रहा था। और जैसा की आप सभी जानते हैं मैं एक बार उस्मान से चुदवा चुकी हूं, तोह अब मुझमें भी चुदाई भड़क रही थी।
तो मैंने भी अपना पल्लू हटा के उसे स्तन दिखा ही दिए, फिर वो मुझे बहुत बुरी हवस भरी नजर से देखने लग गया।
फिर वो बोला – जोया मुझे पैसे देगी या तेरा दूध?
मैं – जो तेरी मर्जी हो ले ले सब कुछ तेरा ही है, वैसे भी मैं तेरी बेगम से कम थोड़ी हूं।
फिर मैं उसे घर के अंदर अपने बेडरूम में ले गई, और पता नहीं कैसे पर मैंने अपनी बच्ची को अलग रख कर अपने सारे कपड़े उतारना चालू कर दिया। आखिरकार मैंने उसके होठों को चुंबन देना शुरू किया और मैं उससे लिपट गयी।
मैं उससे ऐसे लिपट गई मानो जैसे कई सालों बाद उससे मिली हो, उसने भी अपने सारे कपड़े उतार है मेरी चूत मुझे चोदना चालू कर दिया। फिर पता नहीं कब उसने अपना वीर्य मेरी चूत में डाल दिया, और फिर उसने मुझे कहा।
वो – अभी कुछ घंटों बाद नरगिस आएगी तुझसे मिलने वह जैसा कहें तू वैसा कर देना मैंने हां कहा।
फिर कुछ घंटों बाद नरगिस आई और उसने अपने मोबाइल में मुझे मेरी नंगी तस्वीरें दिखाई और वो मुझसे बोली।
नरगिस – मेरी सौतन जोया यह तस्वीरें तुझे इसलिए दिखा रही हूं, क्योंकि मुझे पता है तू तो मेरे पति का बिस्तर गरम करती रहेगी पर मुझे तुझसे कोई शिकवा नहीं है। अगर तुम मेरा बस एक काम कर दे, तो मैं तेरी तस्वीर ये इंटरनेट पर नही डालूंगी।
मैं – क्या काम करना है?
नरगिस – मेरा भाई सादिक जिस कॉलेज में पढ़ता है, उस कालेज में मेरी बहन सकीना प्रोफेसर है। वो दोनो अभी कुंवारे है, और मेरा भाई सादिक का दिल तेरी बहन सकीना पर आया है। और वह उससे निकाह करना चाहता है।
मै – नरगिस सकीना की तो सगाई हो चुकी है, कुछ ही दिनों में शादी हो जाएगी। यह तो संभव ही नहीं है और वैसे भी वह उम्र में तो सकीना से छोटा है।
नरगिस – कोई चिंता की बात नहीं है, तेरी बहन सकीना भी तेरी जैसी चुदेलन है। क्योंकि वह कहता है, कि वो पढ़ाते पढ़ाते कई बार अपने साड़ी का पल्लू गिराती है और क्लास के लड़कों का लंड खड़ा करती है वह पक्का मान जाएगी। और नहीं मानी तो तुझे मनाना है क्योंकि तू जानती है नहीं तो मैं क्या कर सकती हूं।
फिर मैंने हां में सर हिलाया और उसे कहा – यह इतना आसान नहीं है, वह तो कुंवारी है उसने कभी संभोग भी नहीं किया होगा। और अगर उसने अपनी चूत चुदवा ली, तो वो अपने पति को क्या मुंह दिखाएगी। तुम एक काम क्यों नहीं करती सकीना से अच्छे बूब्स मेरे हैं, तुम उसे मेरे स्तनों का दूध पिलाओ।
नरगिस – तू समझती क्यों नहीं जोया, उसका दिल सिर्फ सकीना पर आया है, एक बार सकीना से मिला तो दे।
मैं – चलो ठीक है एक काम करते हैं, कल दोपहर में उस्मान से कहना की हमें फिल्म दिखाने ले चलो। तो मैं सकीना को भी ले आऊंगी वही सादिक से उसकी मुलाकात करा दूंगी।
नरगिस – ठीक है।
अगले दिन उस्मान सादिक के साथ मेरे घर आया, मुझे बड़ा डर लग रहा था कि मैं एक चौकीदार के साथ मैं कैसे जाऊंगी। पर वह भी बड़ा होशियार था वह साथ में बुर्खा लाया था। उसने सकीना और मुझे दो बुर्के दे दिया, जिसे हमने पहन लिया और हम नजदीक के सिनेमा हॉल में चले गए।
मैंने सकीना को मेरी व्यथा बता दी थी, जिसके कारण वह मेरे साथ चलने को राजी हो गयी। वह समझ गई थी कि अगर वह नहीं गई तो मेरे फोटो मार्केट में वायरल हो जाएंगे। वह मेरी इज्जत बचाने के लिए आज शायद खुद की इज्जत लुटाने आई थी।
जैसे ही हम सिनेमा हॉल पहुंचे वहां उस्मान ने \”बेगम जान\” फिल्म की चार टिकट ले ली। अंदर जाने के बाद अंधेरे में उस्मान ने हम दोनों को बीच में बैठाया, और सकीना के पास सादिक को बिठा दिया।
मुझसे तो रहा नहीं जा रहा था, मेरा सर नीचे झुककर उस्मान की पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाला। फिर मै उसका लंड चूसने लग गई, यह पहली बार था नहीं था जब मैं मुख चोदन करा रही थी।
मैं साथ में देखा तो, सादिक सकीना को चुंबन दे रहा था और सकीना भी सब शरम हया भूलकर उसका साथ दे रही थी। कुछ देर बाद मै उन्हें टॉयलेट का कहकर बाहर चली गई, और साथ में एक बैग भी ले गई थी।
उसमें मैंने अपना बुर्खा उतार कर डाल दिया और नरगिस को फोन लगाकर मेरे बेटी का हाल पूछा। कि कहीं वह रो कर परेशान तो नहीं कर रही है, क्योंकि मैं अपनी बच्ची को नरगिस के पास छोड़ कर आई थी।
मुझे देख कर सकीना भी बाथरूम में आ गई, और उसने भी बुर्खा उतार के बैग में डाल दिया। अंदर हम दोनों ने जींस टॉप पहना हुआ था और हमारा टॉप स्लीवलैस था, जिससे हमारे शरीर पूरा नजर आ रहा था।
जेसे हि हम टॉयलेट के बाहर निकले तो देखा उस्मान और सादिक भी बाहर कैंटीन पर खड़े हैं। वहाँ से वो हमे खींच कर प्रोजेक्टर रूम में ले गए, जहाँ उनका का दोस्त मकसूद था वह हमें देखकर उस्मान से बोला।
मकसूद – यह दोनों कौन है कोई नया माल पटाया क्या?
वो – हां यार।
फिर उन्होंने प्रोजेक्टर रूम का गेट लॉक कर दिया और हम दोनों को नंगा होने को कहा। फिर बाहर हॉल के साउंड में बेगम जान पिक्चर की सिसकारी भरी आवाज आ रही थी। जिससे मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपना टॉप उतार दिया, मैंने अंदर कोई ब्रा नहीं पहनी थी।
जैसे ही मैं नंगी हुई उस्मान मेरे बूब्स को दबाने लग गया, मैंने मकसूद की पेंट उतार उसका लंड हाथ में ले लिया। मैंने देखा की उसका लंड काफी लंबा था, फिर मैं उसको मुंह में लेकर चूसने लग गयी।
उसी तरह सकीना भी सादिक का चूसने लग गयी, मैं नहीं चाहती थी कि सकीना का कौमार्य शादी से पहले भंग हो। अब उस्मान का लंड मेरी चूत में था और मकसूद उसके बूब्स चूस रहा था।
कुछ समय बाद उन्होंने अपनी जगह बदल ली, और मकसूद मेरी चूत में धके मारने लग गया। मैंने देखा कि सादिक उसका लंड सकीना की चूत में डालने वाला है, तभी मैंने उसका लंड पकड़ कर अपनी गांड पर लगा दिया।
देखते ही देखते मेरे तीन छेद भरा गए कुछ देर बाद उस्मान सकीना पर चला गया। मैंने उसका लंड पकड़ लिया और उसे रोक दिया। इस तरह करते करते हैं सकीना का मुख चोदन तो मैंने होने दिया पर उसकी चूत बचा कर मैंने उसका कौमार्य भंग नहीं होने दिया।
और मैंने उन तीनों का वीर्य में अपनी चूत में भरवा लिया। उन तीनों ने मिलकर हमारे बूब्स को पूरा लाल कर दिया था। इस तरह मैंने सकीना का कौमार्य भंग होने से बचा लिया। फिर हम अपने कपड़े पहन कर वापस आ गए।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताइएगा।
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