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नमस्कार दोस्तो, यह मेरे पहली बार सेक्स की कहानी है. मेरा नाम प्रिंस मेहता है मैं जयपुर का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 19 साल है. मैं एक गांव का लड़का, लेकिन फिलहाल जयपुर में रहता हूँ. जयपुर में मुझे रहते हुए 2 साल हो गए है. मैं एक कॉल सेंटर में काम करता हूँ.
चूंकि मैं अन्तर्वासना की कहानियां बहुत दिनों से पढ़ रहा हूँ, इसलिए मुझे लगा कि मैं भी अपनी कहानी लिखूँ. यह कहानी दो महीने पुरानी है.
मेरे गांव की एक लड़की है, उसका नाम अंतिमा है और वो मेरी सगी चाची की बहन है. मैं उसको शुरू से ही बहुत पसंद करता था और वो बहुत सुंदर भी है. उसका चेहरा फिल्म हीरोइन उर्वशी रौतेला की तरह लगता है और उसकी हेयर स्टाइल भी ‘सनम रे गाने..’ में उर्वशी की तरह ही है.
तब वो मुझसे एक क्लास छोटी क्लास में थी. हम दोनों साथ में ही पढ़ते थे.
आपको बताना चाहूंगा कि मेरे चाचा की ससुराल भी हमारे गांव में ही है, तो अंतिमा का भी हमारे घर आना जाना लगा रहता था. वो मुझे पसंद भी करती थी.
जब वो हमारे घर आती थी, तो हम छत पर चले जाते थे. एक मेरे चाचा की भी एक लड़की है.. वो, अंतिमा और मैं हम तीनों ही छत पर मस्ती करते रहते थे. मेरे चाचा की लड़की अभी छोटी उम्र की है, तो वो जवान लड़के लड़की की मस्ती के बारे में अभी कुछ नहीं जानती थी. इसलिए हम दोनों पास में बैठकर बातें किया करते थे.
हम दोनों आपस में खूब घुल मिल गए थे. वो रोजाना हमारे घर पर आया करती थी. हम दोनों में मुहब्बत हो गई थी मैं उसे कभी कभी चूम लेता था और वो भी मुझे किस कर लेती थी. हालांकि हम दोनों ने कभी अपने प्रेम का इजहार नहीं किया था, लेकिन ये बात हम दोनों ही समझते थे कि हमारा लव अफेयर हो चुका है.
इसी तरह से चूमाचाटी के बाद एक दूसरे के अंगों को टच करने का सिलसिला भी चल पड़ा था. मैं अक्सर उसके चूतड़ों पर हाथ फेर कर सहला देता था या उसके मम्मों को मसल देता था. वो हंस कर रह जाती थी. उसको भी मेरी ये हरकतें पसंद आती थीं. इस पर भी मैं एक दो बार उसका हाथ अपनी गोदी में रखने का बहाना करते हुए उसको अपना लंड पकड़ने का इशारा दिया.. लेकिन वो शर्मा जाती थी और उसने मेरा लंड कभी नहीं सहलाया था.
फिर एक दिन गजब हो गया. मेरी मम्मी ने हम दोनों को बात करते देख लिया, लेकिन उन्होंने कुछ बोला नहीं, शायद उनको शक हो गया होगा. ये तो अच्छी बात थी कि उस वक्त हम दोनों किसी आपत्तिजनक स्थिति में नहीं थे.
हालांकि मम्मी के देख लेने के बाद कोई ख़ास बात सामने नहीं आई.. लेकिन अब हम दोनों जरा सजग हो गए थे. फिर ऐसे ही ऐसे काफी दिन निकल गए.
एक दिन हुआ यूं कि गर्मियों के मौसम था. इन दिनों शादियों का सीजन भी रहता है और हमारी समाज में गर्मियों के समय ही शादियां होती हैं. कुछ सम्मेलन भी होते हैं. हमारे रिश्तेदारों में किसी की शादी थी, ये शादी पास ही के शहर में सम्मेलन था, उसमें होकर होने वाली थी. सभी लोग शाम को सम्मेलन में जाने वाले थे. हम दोनों ने मौक़ा देखा तो प्लान बना लिया था कि हम दोनों सम्मेलन में नहीं जाएंगे. बस हम दोनों ने बहाना बनाकर सम्मेलन में जाने से मना कर दिया.
फिर मेरी चाची ने अंतिमा को बोल दिया कि तू अपने घर पर चली जा. तो वो अपने घर चली गई. वो शाम को सभी लोग सम्मेलन में जाने के बाद हमारे घर पर आ गई.
अब हमारे घर पर मेरे और अंतिमा के अलावा कोई नहीं था. हम दोनों हमारे एक कमरे में आ गए, जिसमें टीवी रखी हुई थी और कूलर चल रहा था. मैंने झट से दरवाजा बंद करके कुंडी लगा दी और टीवी में पेन ड्राइव लगा कर सेक्स वीडियो चला दी. ये अवसर पहला था जब हम दोनों साथ बैठ कर ब्लू फिल्म देख रहे थे. कुछ ही देर में उसकी आग भड़क गई और वो मेरी बांहों में आ गई.
मैंने इससे पहले कभी भी कुछ नहीं किया था और उसका भी पहली बार था. हम दोनों एक ही बेड पर पास पास आ गए थे. मैंने उसको गाल पर किस किया तो आज मुझे इस अकेले माहौल में बहुत मज़ा आया और वो भी चुदास के चक्कर में एकदम से सिहर उठी.
फिर मैं उसके ऊपर आ गया और उसे लिप किस करने लगा. मैं उसके होंठों को चूस रहा था. वो मेरे होंठों को चूस रही थी. ये सिलसिला दस मिनट तक चलता रहा.
फिर मैंने उससे पूछा- मज़ा आया? वो बोली कि हां.. पर कुछ दिक्कत तो नहीं होगी न? मैंने बोला- कोई दिक्कत नहीं होगी.
वो मुझसे लिपट गई. मैंने उसको चूमते हुए उसके कपड़े उतारने शुरू किए. उसकी जीन्स काफी टाइट थी.. तो उसको निकलने में टाइम लगा. जीन्स निकलते ही उसकी गोरी गोरी टांगें देखकर मैं तो दंग रह गया. मैंने उसकी जांघ पर किस किया. मैंने वापस उसे लिप किस किया और उसकी टी शर्ट भी उतार दी. उसकी नंगी जवानी देख कर मेरे तनबदन में आग सी लग गई.
इस कमरे में अलमारी में काफी बड़ा काँच लगा है. मैंने उसके सामने खड़े होने का बोला, वो झट से खड़ी हो गई. फिर मैंने मेरे कपड़े भी उतार दिए और सिर्फ चड्डी बनियान में आ गया. हम दोनों कांच के आगे खड़े होकर आपस में एक दूसरे को देखने लगे और मुस्कुरा उठे.
हम दोनों लिप किस करने में लग गए. इसके बाद मैंने उसके मम्मों को सहलाया और उसकी आँखों में देखा तो उसने मुझे चूम लिया उसका चूमना मुझे आगे बढ़ने का इशारा था. मैंने झट से पीछे हाथ ले जाकर उसकी ब्रा उतार दी. फिर मैंने मेरी बनियान भी उतार दी अब हम दोनों के तन पर सिर्फ चड्डी और पेंटी बाकी रह गए थे. मैं उसको थामे हुए बेड के करीब आया और हम दोनों बेड पर लेट गए. इसके साथ ही मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत को देखने लगा. मैंने पहली बार चूत को देखा था, तो देखते ही मैंने उसकी चुत को चूम लिया.
अब तक मेरा लंड भी काफी टाइट हो गया था. मैंने उसकी चुत पर थोड़ा थूक लगाया और उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दी. अभी मैं चुत के ऊपर ही ऊपर उंगली फेर रहा था.
इतने में ही वो जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी ‘आ.. आह.. मम्मी.. अहह…’ मैं लगातार उंगली फेरता रहा. उसकी चुत ने रोना शुरू कर दिया था. वो बोलने लगी- अह.. जल्दी से कुछ करो.. अब सहन नहीं हो रहा है. मैंने उससे बोला- मेरा लंड चूसो न.. पहले तो वो बोलने लगी- ये सब मुझे पसन्द नहीं है.
मैंने उसकी चुत में थोड़ा और थूक लगाया और जोर जोर से उंगली हिलाने लगा. वो एकदम मचल उठी और बोली कि कुछ करो.. आह.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. मैंने उससे बोला- पहले लंड तो चूसना ही पड़ेगा.
अब उसने हां कर दिया और वो उठ कर मेरे लंड के सुपारे को मुँह में लेकर चूसने लगी. मैंने लंड पर दबाव देते हुए उसके मुँह में घुसेड़ने की कोशिश करते हुए कहा- पूरा मुँह में लो ना. उसने लंड का कुछ हिस्सा अपने मुँह में ले लिया, तभी धक्का देकर पूरा मूसल लंड उसके गले तक पेल दिया. मुझे लंड चुसवाने में बेहद मजा रहा था. मेरी आँखें बंद हो गई थीं और मैं धीरे धीरे करते हुए उसके मुँह को ही चोदने लगा था.
कुछ देर लंड चूसने के बाद मैंने उसकी दोनों टांगों के बीच जाकर उसकी चुत पर लंड को टिकाया, तो वो एकदम कांपने लगी. मैंने लंड पर और उसकी चुत पर थोड़ा सा थूक लगाया और उसकी चुत पर लंड को रगड़ने लगा. वो पैर फैलाते हुए सिसकारियां ले रही थी अह… आह… हंह… होह…
काफी देर तक चुत की फांकों में लंड रगड़ने के बाद उसकी चुत ने काफी गीलापन कर दिया था. इधर मेरा लंड भी प्रीकम छोड़ने लगा था.
तभी वो कसमसा कर बोली- अन्दर डालो न.. मैंने बोला- सच में पेल दूँ? वो बोली- सताओ मत यार, जल्दी करो.
फिर मैंने लंड को अन्दर डालने की कोशिश की, तो मेरा लंड फिसल गया. मैंने दुबारा कोशिश की तो फिर से फिसल गया.
मैंने उसकी चुत में उंगली घुसा कर फांकों को फैलाया और थोड़ी सी जगह बना कर मैंने उसी जगह पर लंड को घुसाकर जोर का झटका लगा दिया. अंतिमा की चुत चिर गई और उसके कंठ से घुटी सी आवाज निकल पड़ी- उई माँ.. मर गई.. आह.. इसे बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है. उसकी आंखों में आंसू आ गए थे.
मैं उसको किस करने लगा और पांच मिनट तक ऐसे ही उसके मम्मों को सहलाते हुए उसे किस करता रहा. थोड़ी देर बाद वो गांड हिलाने लगी और उम्म्ह… अहह… हय… याह… करने लगी. मैंने लंड पर महसूस किया कि उसकी चुत से काफी सारा खून निकल रहा था. मैंने उससे कुछ नहीं बोला और धीरे धीरे झटके देना शुरू कर दिया. फिर थोड़ी देर बाद मेरा रस निकलने वाला था, तो मैंने बिना उससे पूछे उसकी ही चुत में माल झाड़ दिया.
वो मुझसे चिपक गई, उसे भी भरपूर सुख मिल रहा था.
कुछ देर बाद हम दोनों उठे और कपड़े पहन लिए. मैंने उससे बेडशीट धुलवा दी और बाथरूम में जाकर दोनों हाथ मुँह धोकर वापस अन्दर आ गए. हम दोनों ने अलग अलग एंगल से कुछ सेल्फी लीं और काफी किस किए.
इसके बाद हम दोनों ने रात भर काफी मज़े लिए. मैं उसके दो या तीन दिन बाद जयपुर आ गया और अब मैं उससे रोजाना बात करता हूँ.
ये ही थी मेरी आप बीती पहली बार सेक्स की कहानी पसंद आई या नहीं, मुझे मेल कीजिए, मेरी मेल आईडी है. [email protected]
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