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दोस्तो, मेरा नाम देव है. मैं कोटा राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरी बॉडी और चेहरा काफी आकर्षक है. मैं रोज जिम भी करता हूँ.. इसलिए बिल्कुल टाइगर श्रॉफ जैसा लगता हूँ. मेरा लिंग 9 इंच का है. मैं कैसी भी लड़की, भाभी, आँटी को सन्तुष्ट करने में सक्षम हूं. मैंने अब तक कई लड़कियों, भाभियों से सम्बंध बनाए हैं.. जो भी मुझसे मिली है.. वो मुझे कभी भूली नहीं है.. और भूल भी नहीं सकती है.
यह बात एक साल पुरानी है. उस वक्त मैं कोटा में मेडिकल की तैयारी करने पहली बार आया था. अब भी मैं कोटा में ही हूं.
जब मुझे कोटा में आये ज्यादा दिन नहीं हुये थे. एक दिन मैं बुक्स लेने मार्केट में गया. वहां पर शॉप पर मैंने दुकानदार से बुक्स मांगी. तभी एक भाभी अपने छोटे से बच्चे के साथ आईं. जब मैंने उनको देखा, तो देखता ही रह गया. वो ब्लैक साड़ी में इतनी कामुक लग रही थीं कि बता नहीं सकता. उनकी आँखें जैसे गहरी झील, उनके होंठ, जैसे खिलते हुए गुलाब की पंखुड़ियां. उनके स्तनों का आकार 36 का था, जो मुझे बाद में चूसते समय पता चला. उनके मम्मे ब्लाउज में इस कदर कसे हुए थे, मानो एकदम से बाहर आने को मचल रहे हों.
जैसे ही उसको पता चला कि मैं उनको घूर रहा हूं.. तो उन्होंने मेरी ओर देखा. मैंने एक मुस्कराहट छोड़ दी. वो अपने बच्चे के लिए स्कूल की किताबें लेने आयी थीं. मैंने दुकानदार अंकल से बोला- अंकल जल्दी करो.
तो फिर उन्होंने मेरी ओर देखा और मुस्कराहट छोड़ दी, जो सीधे मेरे लिंग पे जा लगी और लिंग कड़क होने लगा. अंकल किताबें दिखाने लगे और वो किताबों को चैक करने लगीं. मैं हिम्मत करके थोड़ा करीब आ गया. अब हम बिल्कुल पास पास थे. मेरे हाथ में मेरा मोबाइल था तो जब उनके बच्चे को दिख गया और वो जिद करने लगा. तो मैंने भी टेम्पल रन वाला गेम चला कर उसे दे दिया.
फिर भाभी ने मुझसे पूछा- स्टूडेंट हो? मैंने कहा- हां, मेडिकल की तैयारी कर रहा हूँ. भाभी ने कहा- कहां रहते हो? मैंने कहा- महावीर नगर में पीजी पर. भाभी- अच्छा कहां से हो? मैंने कहा- पास से ही हूं.. बून्दी (राजस्थान) से.. भाभी- अच्छा.. मन तो लग रहा है ना? मैंने कहा- जी नहीं, घर की बहुत याद आती है.
मैंने देखा कि भाभी मेरे करीब को होती जा रही थीं. भाभी के कूल्हे जो काफी भारी और उठे हुए थे.. बिल्कुल मुझसे टच हो रहे थे. जिससे मेरे लिंग ने हुँकार भरी और बहुत ही ज्यादा बड़ा हो गया. मैं धीरे धीरे से भाभी के कूल्हे को अपने बदन से सटाकर सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद दुकानदार अंकल ने बुक्स निकाल दीं और हिसाब बनाने लगे. अब तक भाभी बहुत ही ज्यादा गर्म हो गई थीं, जो उन्होंने बाद में बताया.
तभी भाभी ने अपने एक हाथ को काउंटर के साइड से मेरे खड़े लिंग पर रख दिया. खड़े लंड पर भाभी के हाथ टच होते ही मेरी तो हालत खराब हो गई थी. मैंने भी हौले से उनके कूल्हे पर चपत लगा दी. इसके तुरंत बाद मैंने साइड से उनको थोड़ा सा हग जैसा कर लिया.
तभी दुकानदार अंकल ने बिल दिया. मैंने पैसे दिए और उनके बच्चे से मोबाइल ले लिया.
थोड़ी देर बाद भाभी भी पैसे देकर अपने बच्चे को लेकर अपनी स्कूटी पर बैठ गईं. मैं उनसे नम्बर लेना चाहता था, पर हिम्मत ही नहीं हुई. वो मुस्करा कर चली गईं. मैं बस उन्हें देखता रहा.
फिर मैंने कमरे में आकर तीन बार मुठ मारी.. तब जाकर मुझे थोड़ी शांति मिली. मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आया कि एक बार तो नम्बर माँग लेना चाहिए था. फिर सोचा वो भी तो दे सकती थीं.
कुछ दिनों बाद सब सामान्य हो गया. लेकिन एक कसक सी दिल में रह गई.
लेक़िन कहते हैं ना, जो नसीब में होता है, वो जरूर मिलता है. दो महीने बाद हम मॉल में मिल गए. भाभी ने जीन्स और टी-शर्ट डाल रखी थी, आँखों पर काला चश्मा लगाया हुआ था. क्या मस्त माल लग रही थीं.
उनके मम्मे थोड़े से आम के आकार के.. उठी हुई चौंच वाले थे.. जो टी-शर्ट से बाहर निकलने को बेताब थे.
मैंने उन्हें नमस्ते किया. वो काफी सरप्राइज़ थीं. वो भी मुझे देख कर बहुत ही खुश लग रही थीं.
उन्होंने मुझे बेहिचक बाँहों में ले लिया और बोलीं- बहुत मिस किया तुमको.. कहां गायब हो गए थे? तुमको ढूँढने मैं रोज उस दुकान पर जाती थी कि शायद तुम दिख जाओ. पता नहीं मैंने कितनी बार महावीर नगर का चक्कर लगाया है.
मैंने कहा- मिस तो मैंने भी बहुत किया आपको. रोज खुद को कोसता था कि अपना नम्बर ही आपको दे देता. तो भाभी बोलीं- मुझे लगा था कि तुम दे दोगे. मुझे क्या पता था कि तुम इतने डरपोक हो, नहीं तो मैं ही दे देती. मैंने कहा- रात गई, बात गई. फिर भाभी ने मुझे कॉफ़ी के लिए कहा कि चलो कॉफ़ी पीते पीते बात करते हैं.
मैं उनके साथ चला गया. इधर उधर की बातें हुईं, नम्बर एक्सचेंज किए. मैंने बोला- मूवी चलते हैं. तो बोलीं- कभी फिर, अभी मैं जल्दी में हूँ.. घर पर लड़का अकेला है. थोड़ी देर बाद भाभी जाने लगी, मैंने उनको बाय बोला. उन्होंने छोटा सा हग किया.. चूचियों का हल्का सा स्पर्श हुआ, फिर वो गांड मटकाते हुए चली गईं. मैं बस उन्हें देखता रहा.
उनकी गांड काफी बड़ी और भरी हुई थी.. जो काफी मटक रही थी. मुझे खुद पर कंट्रोल नहीं हुआ और मॉल के बाथरूम में जाकर दो बार मुठ मारी.
उस दिन मैं बहुत खुश था. शाम को मैंने भाभी को कॉल किया. उधर से आवाज आई- कौन? मैंने कहा- आपके दीवाने. भाभी- बड़ी देर लगा दी, हमारे दीवाने ने. मैं- क्या करें दीवाने में थोड़ी हिम्मत कम थी. भाभी- अच्छा, क्या कर रहे हो? मैं- आपकी याद आ रही है.. मिस कर रहा हूँ. भाभी- आ जाओ अभी मेरे पास, पता व्हॉट्सैप करती हूं. मैंने कहा- जी, ओके.
एक घंटे बाद मैं उनके घर पे था, उनका घर तलवंडी में था, काफी पॉश कॉलोनी है.
उन्होंने वही ब्लैक कलर की साड़ी पहन रखी थी. मुझे सोफे पर बिठाया और फ्रिज से पानी की बोतल निकाल कर दे दी. हम दोनों बातें करने लगे.
मैंने पूछा- आपका नाम क्या है? तो भाभी ने हँसते हुए कहा- मंजू दीक्षित. मैंने पूछा- आपके हस्बैंड क्या करते हैं? तो बताया कि वो डॉक्टर हैं. अभी वो गुजरात किसी सेमिनार में गए हैं.
मैं थोड़ा खिसक कर पास को हो गया. मैंने पूछा- आपके सास ससुर? तो भाभी ने कहा- वे जयपुर रहते हैं, मेरे देवरों के पास. मैंने कहा- अच्छा जी.. आपका बेटा? भाभी- सो रहा है.. कोई नहीं है, अब देर न करो यार.
उनके इतना कहते ही मैंने भाभी को बाँहों में भर लिया और स्मूच करने लगा. मैंने और भाभी ने हर एंगल से स्मूच किया. हमने लगातार बहुत देर तक स्मूच किया. ऐसा लग रहा था, जैसे कोई युद्ध चल रहा हो और कोई भी हारना नहीं चाहता रहा था.
मैंने भाभी की ब्लैक साड़ी को निकाल कर फेंक दिया. उनके ब्लाउज के बटन तोड़ कर उसको निकाल दिया. ब्लाउज़ के निकलते ही उनके मम्मे बाहर निकल गए.
क्या मम्मे थे यार दूध से गोरे, ब्लैक ब्रा में कैद. क्या सीन था दोस्तो, शब्दों में बयान नहीं कर सकता हूँ. मैं उनके मम्मों से चिपक गया. वो पीछे से मेरी पीठ पर हाथ घुमाने लगीं.
मैं भाभी के मम्मों को मसलने लगा, भाभी ‘आह, ऊह…’ की आवाजें करने लगीं.. जिससे मेरा जोश और बढ़ गया. मैंने उनकी ब्रा को निकाल कर फेंक दिया और उनके एक निप्पल को चूसने लगा.
भाभी जोर जोर से आहें भरते हुए बोलने लगीं- आह.. जोर से काटो, मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ.. तुम बहुत अच्छा कर रहे हो.. आह बेबी, मेरे निप्पल को और मुँह के अन्दर लो, आह बहुत अच्छा, आह तुम कितने हॉट हो, कहां थे इतने दिन राजा.
तभी अचानक कमरे में से आवाज आई; हम दोनों डर गए. तभी अचानक फिर से आवाज आई. पता ही नहीं चला कि उनका बेटा भी घर में है. उन्होंने जल्दी से अपने मम्मों पर अपनी साड़ी लपेट ली और ब्रा और ब्लाउज़ उठाते हुए अन्दर बेडरूम में जाते हुए अपने बेटे से बोलीं- आ रही हूं बेटा.
सिर्फ आवाज ही आई थी, उनका बेटा बाहर नहीं आया था. अब तक मैंने भी खुद को ठीक किया.
फिर थोड़ी देर बाद भाभी भी आ गईं. वे अपने लड़के के साथ बाहर आ गईं.
उनके लड़के ने मुझे नमस्ते बोला. मैंने कहा- क्या नाम है बेटा? तो बोला- हर्षित.
मैंने उसको मेरा मोबाइल दे दिया और वो फिर से गेम खेलने में लग गया.
जब मैंने भाभी की ओर देखा तो भाभी मुस्कारते हुए मेरी गोदी में खड़े लिंग के ऊपर बैठ गईं.
वो अपने कपड़े बदल चुकी थीं. उन्होंने झीना सा टॉप और जीन्स पहन रखा था. मैं फिर से शुरू हो गया. मैं औऱ भाभी एक दूसरे में खो गए.
मैं उनको स्मूच करने लगा. कभी मैं अपनी जीभ उनके अन्दर डाल रहा था कभी वो. दोस्तों जीभ को चूसने का मजा ही कुछ और ही है.
हमने कुछ देर स्मूच किया, फिर भाभी बोलीं- चलो क्या खाओगे.. मैं आर्डर कर देती हूं. भाभी ने अमर पंजाबी ढाबे पर कॉल करके आर्डर कर दिया. फिर मुझसे इतराते हुये बोलीं- कुछ पियोगे जनाब? मैंने कहा- मुझे तो आज बस तुमको पीना है. वो बोली- अरे आशिक़.. मैं ड्रिंक की बात कर रही हूं. मैंने पूछा- क्या क्या है? वो बोलीं- बियर है, व्हिस्की है. मैंने कहा- बियर ले आओ. उन्होंने और मैंने अलग अलग बॉटल ले लिए. फिर मैंने कहा- ऐसे नहीं पिया जाता है. तो भाभी बोलीं- फिर कैसे?
मैंने अपने मुँह में बियर भर कर उनके होंठों से होंठ लगा दिए.. भाभी समझ गईं और उन्होंने मुँह खोल दिया. मैंने किस करते करते उनको बियर पिलाई और उन्होंने मुझे.
कभी आप भी कोशिश करना दोस्तो, मज़ा आ जाएगा.
इस तरह हमने चार बोतलें ख़त्म कर दी थीं. मुझे थोड़ा सा नशा आ गया था. मैं उनको पकड़कर उनके मम्मों को चूसने लगा.
वो बोलीं- रुको.. मैं बच्चे को सुला कर आती हूँ. मैंने पूछा- कैसे सुलाओगी? तो बोलीं- नींद की गोली से.
मैं सोफ़े में बैठा रहा. कुछ देर बाद वो आईं तो मैंने बोला- सु सु आ रही है.
भाभी काफी नशे में लग रही थीं. मैंने कहा- बेबी तुम ठीक हो? तो बोलीं- हां जानू.. तुमको सु सु आ रहा है ना.. तो मेरे मुँह में कर दो. मैं चौंक गया, मैंने पोर्न मूवी में ये सब जरूर देखा है, लेकिन भाभी इतनी सेक्सी होंगी.. नहीं सोचा था. वो बोलीं- शर्मा मत.. मेरे देव बाबू, मैंने बहुत वीडियो में देखा है.. मैं भी चाहती थी कि कोई मेरे साथ ऐसा करे. शायद मैं शर्म के मारे तो नहीं बोल सकती थी लेकिन थैंक यू.. तुमने बियर पिलाने के अंदाज से मेरी वो कामना जागृत कर दी. अब मुझे तुम्हारे लंड को चूसना है.
ऐसा सुनते ही मुझे बहुत जोश आ गया. मैंने अपना लिंग बाहर निकाल लिया. उन्होंने देखा तो देखती रह गईं. “हे भगवान.. इतना बड़ा.. कहाँ छुपा रखा था.. वाह मेरे शेर..” भाभी ने अगले पल ही मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.
मैंने कहा- मुँह से मत चूसो, मुझे पेशाब करनी है, वीर्य नहीं निकालना है. मैंने अपना लिंग भाभी के मुँह से बाहर निकाल लिया और उनको बोला- मुँह खुला रखना.
उन्होंने आ करके मुँह खोल दिया. फिर मैंने उनके मुँह में सू सु कर दिया. वो आराम से मेरा पेशाब पीती चली गईं. फिर मैंने लास्ट का थोड़ा सा पेशाब उनके मुँह पर करके उनको भिगो दिया. फिर भाभी नशीली आवाज में बोलीं- मुझे भी सुसु लगी है. मैंने कहा- रुको.. बीयर है क्या? तो बोलीं- नहीं है. मैंने कहा- व्हिस्की ले आओ.. थोड़ी प्याज़ और नमकीन भी ले आना.
थोड़ी देर बाद भाभी, व्हिस्की, प्याज़, बीकानेरी नमकीन, मेवे, आइस, लेकर आ गईं. अब उन्होंने एक पेटीकोट पहना हुआ था, जींस उतार दी थी.
मैंने दोनों के लिए पैग बनाए. मैंने तीन पैग पिए और भाभी ने दो लगाए. हम दोनों खूब नशे में हो गए थे.
फिर मैंने कहा- ला मेरी जान पिला मुझे तेरा गरम पानी…
ये कहते हुए मैंने भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, पेटीकोट ‘सररर..’ करते हुए गिर गया.
वाह क्या टांगें थीं.. एकदम दूध सी, उनकी टांगों के बीच में काली पेंटी फंसी थी. मैंने पेंटी को खींच कर फाड़ दिया और उनकी चूत पर मुँह लगा कर बोला- ला पिला.. मुझे तेरा गर्म पानी.
भाभी ने चुत की धार खोल दी.
उस वक़्त मैं बहुत ही नशे में था. मैंने उनका पूरा पेशाब पी लिया.. और चूत चाटने लगा. वो भी मेरा सर पकड़ कर गाली देने लगीं- और चूस मेरे कुत्ते.. और अन्दर तक चाट आह.. आह.. मज़ा आ रहा है.. ऐसे ही करते रहो बेबी.. आई लव यू देव.. यार तुम तो बहुत ही हॉट हो.. अन्दर तक जीभ घुमाओ.. और अन्दर बेबी.. आह.. थोड़ी देर ऐसे ही करते रहो.. आह.. आने वाली हूं मैं.. आह बेबी…
वो बहुत ही कामुक आवाजें निकाल रही थीं. कुछ देर बाद उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया, मैंने उनकी चूत को चाट चाट कर साफ़ कर दी.
थोड़ी देर बाद घंटी बजी. भाभी कपड़े पहनते हुए बोलीं- खाना आ गया है.. चलो.. जाओ तुम ले आओ. भाभी ने अपना पर्स मुझे दे दिया, मैंने खाना लिया और अन्दर आ गया.
अब हम दोनों खाना खाने लगे. डाइनिंग टेबल पर हम दोनों पास पास की कुर्सी पे बैठे थे. मैं उनको स्मूच करने लगा. फिर मैंने उनको पकड़कर अपनी गोद में ही बैठा लिया. मुझपर काफी नशा था, मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और पूरी नंगी कर दिया.
फिर उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ने की कोशिश की, लेकिन मैंने कहा- मैं क्या पहन कर जाऊँगा. तो वो रुक गईं, मैंने अपने कपड़े उतार कर रख दिए, मैं भी नंगा हो गया और कुर्सी पर बैठ गया. मेरे बैठते ही भाभी अपनी चौड़ी टांगें करते हुए मेरे लंड पर बैठ गईं. मेरा लंड गप्प की आवाज करते हुए अन्दर चला गया.
मैंने पीछे से पकड़कर उनको हग करते हुए चूमा और हम दोनों इसी अवस्था में खाना खाने लगे.
दोस्तो, मुझे लगता है, ये आप लोगों को भी करना चाहिए. ये मुझे आज तक का सबसे ज्यादा कामुक वाला काम लगा. इस आनन्द को मैं बयान नहीं कर सकता हूँ.
खाना खाने के तुरन्त बाद ही मैं इतना कामुक हो गया कि मैंने भाभी को फर्श पर लिटा कर इतने जोर से चोदा कि उन्होंने मुझे अपने नाखूनों से पूरी पीठ को नोंच डाला. जब ये तूफान ख़त्म हुआ तो पता चला ब्लड निकल रहा है, भाभी के शरीर से भी और मेरी पीठ पर भी. मैंने झटके इतने तेजी से मारे थे कि कोई गिन भी नहीं सकता.
उन्होंने मेरे घावों पर डिटॉल लगाया और बोलीं- थोड़ा आराम कर लो.
फिर वो कमरे में जाकर अपने बच्चे को पानी पिलाकर अच्छे से सुलाकर आ गई. और मुझे हग कर लिया. मैंने उन्हें उठाकर कमर तक ले लिया और किस करने लगा.
लगातार 15 मिनट तक किस करने के बाद वो बोलीं- चलो बेडरूम में चलते हैं.
मैंने कहा- शहद है क्या? तो बोलीं- हां क्यों? मैंने कहा- लेकर आओ तो. वो बोलीं- अभी लाई.
कुछ देर बाद भाभी शहद लेकर आ गईं. मैंने कहा- लेट जाओ. वो चित लेट गईं, मैंने उनके होंठों पर स्तनों पर, लगभग सारे शरीर पर शहद लगा दिया और चाटने लगा. भाभी कामुक आवाजें निकालने लगीं. मैंने उनके स्तनों को चाट चाट कर लाल कर दिया. उनके होंठों से ब्लड निकलने लगा.
वो गालियां देने लगीं, मुझसे गुहार लगाने लगीं- आह.. साले अब तो मुझे चोद दो.
फिर मैंने उनको चोद दिया, लगातार ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैंने अपना लावा उनकी चूत में छोड़ दिया. फिर दोनों हग करके बाते करने लगे.
बीस मिनट बाद मैंने अपने लंड पर शहद लगा कर भाभी की ओर कर दिया. भाभी मेरे लंड को चूसने लगीं. कुछ देर बाद मैंने कहा- रुको.
अब मैंने उनकी चूत पर बहुत सारा शहद लगाया और हम दोनों 69 की अवस्था में हो गए. जितनी जल्दी वो मेरे लंड को चूसतीं, उतने ही अन्दर में अपनी जीभ घुसेड़ देता. हम एक दूसरे को तब तक चूमते और चाटते रहे, जब तक हमने एक दूसरे को स्खलित नहीं कर दिया. मैंने भाभी को उस रात कई बार चोदा. हर अवस्था में चोदा. भाभी थक गईं और खुद बोलीं- बस करो यार..
फिर भी मैं नहीं माना, वो रात मेरी जिंदगी की सबसे हसीन रात थी. मैंने लगभग एक साल तक भाभी को चोदा. फिर उनके पति का ट्रान्सफर जयपुर हो गया.
अब भी कभी कभी बात हो जाती है तो बोलती हैं कि बहुत मिस करती हूं तुम्हें. मैं भी बस इतना ही कह पाता हूँ- याद तो हमें भी बहुत आती है आपकी. ये मेरी पहली कहानी है तो कुछ भूल हुई हो तो मुझे माफ़ करना और मुझे बताएं कि आपको भाभी की चुदाई की कहानी कैसी लगी. मुझे मेल करें. आपके कमेंट्स का स्वागत है. मेरी मेल आईडी है [email protected] आप मुझे फेसबुक पर भी ढूंढ सकते हैं.
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