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मेरा नाम शानू है, मैं एक अमीर घराने से हूँ. आज मैं आपको अपनी पहली बार की चुदाई की कहानी सुना रही हूँ. मुझे अपने ही कॉलेज के एक लड़के से प्यार हो गया था. वो हमारे घर के पास ही रहता था, हमारे परिवारों के बीच आना जाना भी है तो वो मेरे घर अक्सर आ जाया करता था और अक्सर रोमांस करता रहता था, पर धीरे धीरे हमारे बीच प्यार और रोमांस बढ़ता गया. वो मेरे साथ सेक्स करने की जिद करने लगा. लेकिन मैं हमेशा उसे मना कर देती थी. पर अब मुझे भी ये सब करने का मन होने लगा था.
एक दिन हम दोनों हमारे घर बैठ बात कर रहे थे, तो उसने मुझसे सेक्स की जिद करनी शुरू कर दी. पहले मैंने मना किया, पर ज्यादा जिद करने पर मेरा मन भी सेक्स करने को हो गया. मैंने कहा- ओके.. पर कहां पर? उसने कहा- उसका मैं सारा इंतजाम कर लूंगा.. मेरे दोस्त का रूम है, वहीं मिलते हैं. कल तुम किसी बहाने से सुबह दस बजे यहाँ से निकल कर आना, मैं रास्ते में मिल जाऊंगा.
मैंने हां भर दी. उस वक्त सुबह के ग्यारह बज रहे थे.
उसने कहा- मैं तुम्हें दुल्हन की तरह देखना चाहता हूँ, क्या तुम वैसे कल तैयार मिलोगी? मैंने हामी भर दी, मैंने कहा- कुछ होगा तो नहीं? उसने कहा- मैं हूँ ना, कुछ नहीं होगा. फिर वो वहां से चला गया.
थोड़ी देर बाद मम्मी घर पर आ गई, हमने खाना खाया. एक बज गया था. अब मुझे बाजार से कुछ शॉपिंग करनी थी, क्योंकि मेरे पास साड़ी नहीं थी.
मैंने मम्मी से कहा- मुझे मार्किट जाना है, कुछ शॉपिंग करनी है. मेरी सहेली की बड़ी बहन की सगाई है, तो मैं साड़ी लेना चाह रही हूँ. तो उन्होंने कहा- ठीक है तो साड़ी ले ले. लेकिन तुझे अकेले जाना पड़ेगा, मुझे किट्टी पार्टी में जाना है! मैंने कहा- मम्मी पैसे तो दे दो? तो मम्मी ने मुझे अपना कार्ड दे दिया.
मैं अकेली ही मार्केट चली गयी. मैं एक बहुत बड़े शो रूम में गयी, मैं वहां दुल्हन वाले सेक्शन में अन्दर चली गई.
अन्दर अलग अलग काउन्टर थे, पहले मैं लायेंज़री काउन्टर पर गयी, मैंने काफी सारी ब्रा और पैंटी निकलवा कर देखी, पर कुछ जमा नहीं. फिर आखिरकार मैंने नेट वाली ब्रा पैंटी का लाल कलर का सैट ले लिया.. क्योंकि मुझे दुल्हन की तरह चुदाई करवाना थी.
मैंने वो सैट खरीद कर अपने हैंड बैग में रख लिया. आगे मैं साड़ी के काउन्टर पर गई, वहां मुझे साड़ी की जानकारी नहीं थी क्योंकि मैंने कभी पहनी नहीं थी. मैं थोड़ी नर्वस थी, पर तब भी मैं साड़ी देखने लगी. मुझे ये साड़ी कुछ हट कर चाहिए थी, क्योंकि मेरी पहली चुदाई होनी थी.
मैंने सेल मैन से कहा- मैरिज पार्टीवियर प्री स्टिचड साड़ी बताओ.
वो मेरे टेस्ट को समझ गया और अच्छा सा कलेक्शन ले आया. मुझे उसमें से एक रेड कलर और एक येल्लो की साड़ी पसंद आ गई, पर मुझे सुहागरात या यूं कहूँ कि सुहागडे मनाना था, तो मैंने नेट वाली रेड कलर की साड़ी ले ली और उसके साथ ब्लैक कलर का वेलवेट का डीप कट स्लीवलैस ब्लाउज ले लिया. इस ब्लाउज में भी नेट का काफी इस्तेमाल था. मैंने वेलवेट का ही तैयार पेटीकोट भी ले लिया.
अब मुझे थोड़ा मेकअप का सामान लेना था क्योंकि मैं कुछ भी मिस नहीं करना चाहती थी. इस सब सामान को खरीदते हुए अब मेरा मन भी चुदाई के लिए बेकाबू होने लगा था. मैंने मेकअप का सारा सामान और रिमूवर भी ले लिया, जिससे झांटें साफ़ की जा सकें.
फिर कुछ और छिटपुट चीजें खरीदते हुए मैं घर वापस आ गई.
अब शाम के 4 बज चुके थे. घर आते ही मैंने सामान कमरे में रखा और मैं रिमूवर लेकर बाथरूम में घुस गई. मैंने मेरी बुर को साफ़ किया. मेरी बुर एकदम सॉफ्ट सी थी. मैंने उसे एकदम क्लीन कर चिकनी चमेली बना डाला. जैसे जैसे शाम होने लगी, मेरे मन अजीब सा होने लगा. पहली चुदाई के लिए मैं डरी हुई भी थी और उत्तेजित भी थी.
अब रात को मैं यही सोचती रही कि कल मेरी पहली चुदाई कैसी होगी, यह सब सोचते हुए मेरी नींद लग गई.
सुबह मैं 7 बजे उठी, नाश्ता किया.
नौ बजे मैंने मम्मी से कहा- मुझे आज मेरी फ्रेंड की सिस्टर की सगाई में जाना है. मम्मी ने कहा- ठीक है, मैं तुम्हें छुड़वा देती हूँ.
यह सुनकर मैं टेंशन में आ गई.
मैंने कहा- नहीं.. पास में ही है, मैं चली जाऊंगी और वहां राम भी आएगा. मम्मी ने तो कहा- राम तो कल आया था, उसने तो ऐसी कुछ बात ही नहीं कही थी? मैंने गुस्सा दिखाकर कहा- ठीक है, उसने नहीं कहा तो मैं नहीं जाती. मम्मी ने हंसते हुए कहा- अरे गुस्सा मत कर.. जा चली जा.
अब मैंने बाथरूम में जाकर सारे कपड़े उतार दिए और मैं नहाने लगी. मैंने अच्छे खुशबूदार साबुन को पूरे बदन पर मसला और अच्छे से नहाया.
फिर बाहर आकर मैंने बाल बनाए और एक अच्छा सा डियो परफ्यूम लगाया. अब बात साड़ी पहनने की थी कि इसे कैसे पहनूं. मैंने यू ट्यूब पर देखा तो मुझे प्री स्टिच साड़ी पहनने की विडियो मिल गयी. मैंने देख देख कर साड़ी पहन ली. उसके बाद मैंने सारा मेकअप किया और एकदम दुल्हन की तरह सज गई.
मैंने आपने आपको शीशे में देखा तो क्या बला की खूबसूरत लग रही थी. मेरे मन में चुदाई की ख़ुशी हो रही थी. इस वक्त समय पौने ग्यारह हो गया था. राम से किए वादे के मुताबिक मैं घर से बाहर निकली. कुछ दूरी पर मुझे उसकी आवाज सुनाई दी. मैं रुकी तभी एक बाइक रुकी, वो राम था. वो बस मुझे देखे जा रहा था. मैंने हल्की सी मुस्कान बिखेरते हुए कहा- चलना भी है या नहीं? उसने कहां- ह..हां चलना है.. बैठो.
मैं बाइक पर बैठ गई. उसने मेरी बहुत तारीफ की और आने को लेकर थैंक्स कहा. मैंने मन ही मन कहा कि मुझे भी तो चुदाई करवानी है.
वो मुझे थोड़ी दूर एक मकान में बने एक अलग से बने रूम में ले गया. उधर ताला लगा था.
मैंने कहा- यहाँ कोई आ तो नहीं जाएगा? तो उसने कहा- कोई नहीं आएगा.. तुम टेंशन मत लो.. मैं हूँ ना.
हम लोग अन्दर घुस गए और दरवाजा लॉक कर लिया. हमने कोल्ड ड्रिंक ली जो वहां पहले से ही रखी हुई थी. राम से थोड़ी देर बातें करके मेरा मन रिलेक्स हुआ.
अब मेरी बुर में खुजली हो रही थी कि ये कुछ कर क्यों नहीं रहा. फिर मैं बेड से खड़ी हुई, तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बाँहों में भर लिया और किस करने लगा. मैं भी गरम होने लगी और उसे बाँहों में भर कर लिप को चूसने लगी. मेरी बुर से कुछ निकल रहा था.
अब उसने देर ना करता हुए मेरी साड़ी के पल्लू को गिरा दिया और मुझे चूमने लगा. मैं भी उसे चूम रही थी.
उसने मेरी साड़ी निकाल दी, अब मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मैं थोड़ी डरी हुई थी, पर वो मुझे चूमता रहा.
कुछ देर बाद वो मेरे मम्मों को दबाने लगा. थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद वो मेरी बुर पे हाथ ले गया, पर पेटीकोट की वजह से ठीक से नहीं सहला पाया तो उसने मेरे पेटीकोट और ब्लाउज को भी उतार दिया. मैं अब लाल रंग के ब्रा पैंटी में थी. मेरी बुर और चूचे नेट वाली ब्रा पैंटी से साफ साफ दिख रहे थे. वो मुझे देख कर कहने लगा- वाह क्या खूब सेक्सी लग रही हो.
मैं रेड ब्रा में वाकयी बहुत सेक्सी लग रही थी. अब वो मुझे खूब प्यार से किस पर किस किये जा रहा था और मेरे चूचे भी दबाए जा रहा था.
कुछ पल बाद वो मेरी बुर को भी सहलाने लगा था. इस सबमें मुझे खूब मजा आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे बस स्वर्ग में हूँ. मैं बस अभी यही मजे ले रही थी कि मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा था.. चूचे भी बड़े कड़क हो रहे थे. मैं बस आंख बंद करके मजे ले रही थी.
अब राम देर न करते हुए खुद के कपड़े उतारने लगा. उसने पहले टी-शर्ट को खोला, फिर पैन्ट उतारने लगा.
मैं उसे प्यार से देख रही थी. उसने अपनी बनियान को भी उतार दिया. उसकी चौड़ी छाती देख कर मुझे चुदास चढ़ने लगी थी. वो थोड़ा मोटा और काला सा था. मुझे उसका शरीर अजीब सा लग रहा था, पर अब क्या.. अब तो जल्दी से चुदाई हो जाए ऐसा लग रहा था. मैं तो चुदने के लिए बेताब थी.
अचानक उसने मुझे धक्का दिया और बिस्तर पर लिटा दिया. वो मेरे ऊपर आ गया, मुझे किस करने लगा. उसका लंड मेरी बुर को टच कर रहा था. मैं उसके लंड को महसूस कर रही थी. अब उसने मुझे बैठा दिया और मेरी ब्रा खोल दिया और मेरे मम्मों को पागलों की तरह चूसने लगा. मैं भी मजे से चूची चुसवा रही थी और मजे ले रही थी. मेरी बुर पानी छोड़ रही थी और लंड लेने को बेताब थी. फिर वो मुझे चूमते हुए मेरी बुर के पास आ गया और उसने मेरी पेंटी निकाल दी.
सफाचट बुर देख कर वो कहने लगा- क्या मस्त गुलाबी बुर है.. मक्खन जैसी सॉफ्ट सी यार.
वो मेरी बुर में अपना मुँह लगा कर बुर चाटने लगा. वो अपनी जीभ से मेरी बुर को चोदने लगा. मैं पैर फैला कर बुर चटाई का मजा लेने लगी, मुझे बहुत ही मजा आ रहा था. मेरे पूरा तन एक अजीब सी फीलिंग कर रहा था, मेरी बुर अकड़ रही थी और मैं बेचैन थी. कुछ ही देर में मेरा पानी निकल गया. मैं ‘उफ़.. ओह्ह…’ करते हुए उसके मुँह में झड़ गई.. वो मेरा सारा पानी पी गया.
अब मैं थक सी गई थी और अब मैं नंगी ही आँख बंद करके बेड पर लेटी थी. उसने मुझे चूमते हुए कहा- क्या हुआ? मैं ‘कुछ नहीं..’ कह कर आंख बंद करके लेटी रही.
कुछ देर बाद उसने मुझे फिर से मुझे बैठा दिया और किस करने लगा.
मैं फिर से गरम होने लगी. अब उसने मेरा हाथ पकड़ कर कच्छे के ऊपर से ही अपने लंड पर रख दिया. पर उसका लंड अभी मुरझाया हुआ सा था.. मुझे उसका लंड अपने हाथ से तनता हुआ सा महसूस हो रहा था. लंड मोटा सा और लम्बा होने लगा था.
अब वो मुझे किस किए जा रहा था और मैं उसके लंड को सहला रही थी. अचानक उसने अपने कच्छे को उतार दिया और मेरा सामना एक भुजंग से काले लंड से हो गया था. जोकि अभी सामान्य से थोड़ा ज्यादा तना हुआ सा था लेकिन शायद ये अभी चुदाई के लिए पूरा कड़क नहीं था.
नंगा गर्म लंड देख कर मैं सोचने लगी कि इतना बड़ा और मोटा … मेरी तो फट जायेगी. वो समझ गया कि मैं लंड देख कर घबरा गई. वो फिर से मुझे किस करने लगा और फिर लंड मेरा हाथ में दे दिया. उसके लंड को देख कर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा और मैंने लंड से हाथ हटा लिया. उसने कहा- क्या हुआ? मैंने कहा- कुछ नहीं.. अब मैं भी अच्छे से लंड को सहलाने लगी. कुछ ही पलों में उसका लंड अब कड़क हो गया था.
अब उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गया. मुझे किस करने लगा और मेरे मम्मों को चूसने लगा.
मैं अभी इस सबके मजे ले ही रही थी कि अचानक उसने लंड को मेरी बुर के मुँह पर लगा कर सुपारा रगड़ दिया. मेरी बुर एकदम टाईट थी, तो मुझे दर्द सा होने लगा. मैंने कहा- मुझे लंड चुभ रहा है.
वो रुक गया और मुझे बिस्तर के कोने पर खींच लिया. उसने मुझे उसके लंड को मुँह में लेने को कहा, पर मैंने मना कर दिया. उसने कुछ नहीं कहा.
अब वो फिर से मेरी बुर चाटने लगा. मैं बुर चटने से मदहोश हो गई.
वो खड़े होकर अपना मूसल लंड मेरी बुर पर घिसने लगा. अब मुझे मजे आ रहे थे कि तभी उसने जोर के झटके के साथ लंड को मेरी बुर के अन्दर पेल दिया. मुझे जोर का दर्द हुआ और मैं चीखने लगी- हट जा दूर.. हटा ले.. मुझे जोर का दर्द हुआ है..
पर वो नहीं उठा, मैं रोने लगी.. तो वो मुझे समझाने लगा- कुछ नहीं.. थोड़ा सा दर्द होगा.. कुछ नहीं होगा.
फिर वो मेरे मम्मों को चूसने लगा, मैं दर्द भूल कर मजे लेने लगी.
फिर उसने जोर का झटका मारा तो उसका लंड मेरी बुर में आधा घुस गया. मेरी फिर से चीख निकलने वाली थी कि उसने मेरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया और चुम्बन करने लगा. मैं दर्द से तड़फ रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी बुर में कोई चाकू घुसेड़ दिया हो. अन्दर से कुछ गर्म गर्म सा अहसास हुआ, कुछ बहने जैसा महसूस हुआ. मैंने मेरी बुर को हाथ सा छू कर देखा, तो मेरा हाथ खून से लाल हो गया था.
मैंने घबरा कर उससे कहा- ये क्या है? उसने कहा- पहली बार चुदने पर थोड़ा सा खून तो आता ही है.. घबराओ मत.
वो मुझे किस करने लगा. फिर उसने थोड़ा रुक कर जोर का झटका मार कर अपना पूरा लंड मेरी बुर में पेल दिया. मेरी जान निकली जा रही थी और आँखों से आंसू निकले जा रहे थे, पर उसने मुझे पूरा दबाया हुआ था.. और मेरे होंठों को मुँह में दबाया हुआ था. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी बुर में कोई गरम रॉड घुसा दी गई हो. उसका लंड एकदम से मेरी नन्हीं सी कमसिन बुर में फंस सा गया था. थोड़ा सा भी हिलने पर दर्द हो रहा था.
वो मेरे होंठों को मुँह में लिए किस कर रहा था और कुछ नहीं बोलने दे रहा था. वो अपने हाथों से मेरे मम्मों को दबा रहा था. थोड़ी देर बाद मैं भी गरम होने लगी और मादक सिस्कारियां लेने लगी.
मैंने आँख बंद कर रखी थीं. अब उसने धीरे से अपने लंड को मेरी बुर से थोड़ा निकाला और फिर घुसा दिया. ऐसा उसने 5 या 6 बार किया, तो मेरी बुर से पानी आने लगा. जिससे उसका लंड थोड़ा चिकना सा हो गया. वो अब लंड को मेरी बुर में अन्दर बाहर करने लगा. धीरे धीरे चुदाई होने लगी.
उसने मुझसे कहा- कैसा लग रहा है? मैंने कुछ नहीं कहा, बस आंख बंद करके लंड के मजे लेती रही. उसने फिर कहा- मजा आ रहा है? मैंने हामी भरते हुए सर हिला दिया.
अब उसकी हिम्मत बढ़ गई और उसने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी. मुझे भी बड़े मजे आ रहे थे. मैं ‘आह उह्ह..’ कर रही थी. मेरी सांसें तेज होने लगीं.
कमरे में फच्छ फच्छ की आवाज आ रही थी. लंड बुर को चीरता हुआ अन्दर जाता बाहर आता.. बुर ने लंड को एकदम से पकड़ रखा था. हम दोनों चुदाई के मजे ले रहे थे. दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों पसीने में लथपथ हो गए थे.
मैं अब भी आँख बंद करके चुदाई के मजे ले रही थी. यह मेरी पहली चुदाई थी.. सुहागदिन मनाया जा रहा था.
अब राम की सांसें भी बढ़ने लगीं और अजीब सी आवाज आने लगी. मैंने कहा- क्या हुआ? उसने कहा- मेरा रस निकलने वाला है. मैं घबरा गई और कहा- अन्दर नहीं! उसने कहा- कुछ नहीं होगा.
मैंने मना कर दिया, तो वो रुक गया और तकिए के नीचे से कंडोम मेरे हाथ में दे कर बोला- लंड में लगा दो.
उसने लंड बाहर खींचा तो उसका लंड गीला सा और चिकना हो रहा था. उस पर मेरी कुंवारी बुर से निकला खून भी लगा था. मैंने कंडोम उसके लंड पे लगा दिया. वो फिर मेरी बुर में लंड पेल कर मुझे चोदने लगा.
इसी बीच मैं एक बार और झड़ गई. अब वो भी जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा और उसने सारा पानी बुर में ही छोड़ दिया, पर कंडोम में ही पानी रह गया. थोड़ी देर वो ऐसा ही मेरे ऊपर पड़ा रहा. मैं तृप्त हो चुकी थी.
फिर मैंने देखा कि एक बजने वाला था.
मैंने उससे कहा- देर हो गई है, मम्मी नाराज होंगी. वो मेरे ऊपर से हट गया. मैंने जल्दी से उठ कर बाथरूम में जाकर बुर साफ की और ब्रा पैंटी पहन कर चूचियों को सही से ब्रा में सैट किया. फिर ब्लाउज और पेटीकोट पहन कर साड़ी उठाने को हुई. तो उसने मुझे एक बार फिर से पकड़ कर किस किया. मैं कुछ नहीं बोली.
फिर साड़ी पहन कर मैं रेडी हो गई थी. बाल आदि ठीक से बना कर मैं एकदम तैयार हो गई थी. अब मैंने उससे कहा- मम्मी नाराज हो रही होंगी. उसने कहा- तुम मेरे फोन से कह दो कि मैं भी वहीं सगाई में हूँ. मैंने फोन किया तो बोलीं- ठीक है, जल्दी आ जाना.
मैंने फोन कट किया.. मुझे नीचे मेरी बुर में हल्का हल्का सा दर्द हो रहा था. उसने मुझे एक पेन किलर दी. साला सब तैयारी से आया था.
फिर वो मुझे बाइक पर बैठा कर ले गया और घर के सामने रुक गया. मैं घबरा गई कि ये क्या, वहां मम्मी मेरा इन्तजार कर रही थीं, पर राम ने मम्मी को सम्भाल लिया और कह दिया कि मेहमान देर से आए थे, जिस वजह से लेट हो गए. मम्मी कुछ नहीं बोलीं तो फिर राम ने कह दिया कि इसलिए मैं इसे अपनी बाइक पर ले आया.
मैंने उसे घर के अन्दर बुला कर पानी पिलाया. फिर वो चला गया. मेरे घर वाले मेरे ऊपर भरोसा करते थे इसलिए मम्मी ने कुछ नहीं कहा.
दोस्तो, मुझे से तरह से चुदाई करवाने में बड़ा मजा आ गया था.. अब मैं सील पैक नहीं रह गई थी. मेरी बुर चुद चुकी थी.
मैं अपने घर वालों को ऐसे ही चूतिया बना बना कर राम के लंड से चुदती रहती थी. अब तो हम ये सब घर पर ही करने लगे थे. जब भी मेरे घर पर कोई नहीं रहता, हम मौका देख कर चुदाई का मजा ले लेते.
मेरे कौमार्य भंग की कहानी कैसी लगी? [email protected]
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