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हाय दोस्तो, मेरा नाम जय पटेल है. काफी दिनों से मैं अपनी कहानी आप सबके साथ शेयर करना चाहता था, पर समय नहीं मिल पा रहा था. यह मेरी पहली कहानी है, अगर कोई भूल हो तो माफी चाहूंगा.
मैं गुजरात का रहने वाला हूं और मेरी उम्र 22 साल है. मैं ऐसा तो नहीं कहूंगा कि मैं बहुत ही हृष्ट-पुष्ट गबरू जवान हूं, पर हां मेरा शरीर ठीक ठाक है. मेरी ऊंचाई 5 फुट 7 इंच है और लंड की साइज 7″ से थोड़ी ज्यादा है. मैं अब तक काफी लड़कियों को खुश कर चुका हूं.
यह बात तब की है, जब मैं कॉलेज के तीसरे साल में था. मुझे एक लड़की पसंद थी, जिसका नाम शीतल था. वो एकदम अप्सरा के जैसी लगती थी. एकदम दूध सा गोरा रंग और 34-30-36 का फिगर बड़ा ही कामुक था. ऊपर से उसके होंठों पर एक तिल था, जो कि मेरे भी होंठ पे है.
शीतल को देख के हमारे कॉलेज के सभी लड़के उसके पीछे लाइन मारते थे. पर वो कहते है ना.. जिसके भाग्य में लिखा होगा, उसको ही मिलता है. मेरे साथ भी कुछ ऐसा हुआ.
मैं कॉलेज के सभी कार्यों में भाग लेता था, जिससे कॉलेज के इवेंट मैंनेजमेंट का काम मुझे और मेरे दोस्तों को मिला हुआ था. इस काम में मुझे कुछ लड़कियों की भी जरूरत थी, तो मैंने शीतल से हमारे साथ जुड़ने के लिए कहा. वो मुझे मना नहीं कर पाई.. क्योंकि मैंने उससे ऐसा कहा कि उसके हेड ऑफ डिपार्टमेंट ने बोला है. इसी बहाने मैंने उससे ऐसा भी कह दिया कि तुम अपना नंबर भी दे दो.. अगर कोई काम होगा तो कॉल करूंगा.
उसके बाद मेरी और उसकी धीरे धीरे फोन पर बातें होने लगीं और हम अब अच्छे दोस्त बन गए थे. उसके बाद हम कई बार कॉलेज में इवेंट्स में साथ काम करते रहे और इस तरह से धीरे धीरे हमारी दोस्ती बढ़ने लगी थी. एक दिन टीचर्स डे के दिन जब कॉलेज में कार्यक्रम था, तब पूरा संचालन मुझे ही करना था. तो मैंने उसे अपने साथ रख लिया. जब हम तैयारियां कर रहे थे तब मेरे दोस्तो ने मुझे उसको प्रपोज करने के लिए बोला.
मैंने थोड़ी हिम्मत करके मंच सजाने का जो सामान रखा था, उसमें से एक प्लास्टिक का गुलाब उठाया और उसके पास जाके उसे प्रपोज किया, तो उसने सबके सामने पहले तो मुझे मना कर दिया. पर फिर जब हम संचालन कर रहे थे और किसी की स्पीच की बारी आई, तब वो मेरे बाजू में खड़ी हो गई थी.
उसने मुझसे कहा कि जय मैं भी तुमको पसंद करती हूं, पर सबके सामने मैं तुम्हें हां नहीं कहना चाहती थी. फिर उसने मुझे ‘आई लव यू..’ कहा और किसी को पता ना चले, उस तरह से मेरा हाथ पकड़ लिया.
इस तरह अब वह मेरी गर्लफ्रेंड बन गई थी. हम लोग की बातें भी अब बढ़ चली थीं.. रोज रात को सोने से पहले एक दूसरे को फोन पर ही किस करना वगैरह करना चालू हो गया था.
मैं अब बात आगे कैसे बढ़ाऊं, इस बारे में सोच रहा था कि तभी उसने अपनी किसी सहेली के साथ मूवी देखने जाने का प्लान बनाया और मुझे साथ आने के लिए बोला. हम तीनों लोग मूवी देखने गए. मैं, शीतल और उसकी एक सहेली, जिसका नाम काजल था. मैंने जानबूझ कर कोने वाली सीट बुक की ताकि उसके साथ कुछ कर सकूं.
हमने जैसे ही फिल्म देखनी चालू की, उसमें एक रोमांटिक सीन पे हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और थोड़ा मुस्कुरा दिये. फिर क्या था, मैं समझ गया कि हरी झंडी मिल गई है इसलिए मैंने उसके कंधे पे हाथ रखकर उसके सिर को थोड़ा मेरी तरफ घुमाया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
आहा.. हा..हा..हा.. क्या कोमल कोमल होंठ थे उसके.. उसको किस करके मुझे जैसे जन्नत का एहसास हो रहा था. ये सब करते हुए उसकी सहेली काजल भी हम दोनों को देख रही थी और मुझे लगा कि उसको भी थोड़ा थोड़ा मन हो रहा होगा.
मूवी में सिर्फ हम इतना ही कर पाए. बाद में मैंने फोन पर उससे सब पूछा, तो उसने बताया कि मजा आया था. अब मैंने इसी बहाने उससे बात आगे बढ़ाई और सेक्स के बारे बातें करने लगा. उसने मना किया, तो मैंने भी कोई जोर नहीं दिया.
लेकिन आग तो लग चुकी थी, भले ही वो मना कर रही थी, लेकिन उसकी चुत में भी चुनमुनी तो हो ही रही थी. इस तरह धीरे धीरे हम फोन सेक्स करने लगे. वो इससे काफी गर्म हो जाती और उंगली करके अपने आप को शांत कर लेती.
एक बार उसका कोई प्रोजेक्ट बनाना था तो उसने कहा कि वो अकेली अपने रूम पर नहीं जाग सकती. उसकी सहेली काजल का कल एग्जाम है, तो वो अपनी नींद पूरी करना चाहती है. मैंने उससे कहा- तुम दोनों मेरे कमरे पर आ जाओ, वो भी यहीं सो जाएगी और तुम मेरे साथ जाग कर अपना काम पूरा कर लेना.
तो वो इस बात पे तैयार हो गई.
मैंने मेरे रूममेट को अपने एक दोस्त के यहां भेज दिया और बाकी सारे इंतजाम करके रात होने का इंतजार करने लगा. मेरे रूम के बारे में आपको बता दूँ. मैं और मेरा दोस्त हम दोनों, एक घर में रूम किराये पर लेकर रहते थे. उसका मकान मालिक कहीं और रहता था. वो अपने धंधे का कुछ सामान यहां एक हिस्से में रखता था और बाकी का मकान हमको किराए पर दिया था. ये सब इसलिए लिख रहा हूँ ताकि ये बता सकूँ कि हम लोगों को किसी को लाने में कोई तकलीफ नहीं होती थी.
खैर.. जैसे ही रात के 11 बजे उन दोनों को ले कर आया और उन दोनों को बिठाकर बातें चालू कर दीं. थोड़ी देर बाद काजल को नींद आने लगी, तो वो बाजू में बिछाए गए एक गद्दे पर सो गई. उसके बाद हम जो प्रोजेक्ट बना रहे थे उसको एक तरफ छोड़ कर एक दूसरे के गले लग कर एक दूसरे को किस करने लगे. हम एक जंगली की तरह एक दूसरे को चूम रहे थे, जैसे अब कभी हमको यह मौका मिलेगा ही नहीं.
धीरे धीरे मैंने अपना एक हाथ उसकी टी-शर्ट डाल दिया और किस करते हुए ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियां दबाने लगा. शीतल एकदम से पागल होने लगी. वो मुझे और जोर से किस करने लगी और मेरे होंठ को काटने लगी.
मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी तो उसने भी मेरी टी-शर्ट निकाल दी. मेरा लंड अब तक खड़ा हो गया था, जो मेरे शॉर्ट्स में तम्बू बना रहा था. उसने मेरे शॉर्ट्स को भी नीचे उतार दिया और मेरे लंड को अपने हाथों से सहलाने लगी. मैंने उसकी ब्रा और लेगीज भी उतार दी. अब वो सिर्फ पैंटी थी. क्या मस्त माल लग रही थी दोस्तो.. ऐसे माल को चोद कर मैं अपने आपको धन्य मानता हूं. अगर कोई ऐसा माल और मिल जाए तो मैं और मेरे लंड का जीवन सफल हो जाएगा.
अब मैं शीतल के चूचों के साथ खेल रहा था. कभी उसके निप्पल को काटता, तो कभी चूसता था. उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकल रही थीं. जब मैं उसके निप्पलों को दांतों के बीच दबाकर खींचता, तो वो जोर से मेरा लंड अपने हाथों से दबा देती.
फिर 4-5 मिनट चूचों के साथ खेलने के बाद मैंने अपना एक हाथ उसके पैंटी में डाल दिया, जहां चुत रानी पहले से गीली हो चुकी थी. मैंने थोड़ी देर उसकी चुत को यू हीं सहलाया और बाद में धीरे से अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. उसके मुँह से ‘आहाहहह..’ निकल गई और उसने मुझे जोर से गले लगा लिया.
मैं उसके पूरे बदन पर किस करते करते चूत की तरफ बढ़ रहा था. मैंने अपने दांतों से उसकी पेंटी उतारने की कोशिश की, तो उसने भी अपने चूतड़ों को ऊपर उठाकर मेरी मदद की.
अब उसकी चूत मेरे सामने थी.. एकदम साफ और गुलाबी फांकें थीं, उसको देखकर मैं सीधा उसकी चुत पर लपक पड़ा और उसकी चूत को चाटने लगा. कभी चूत पर जीभ घुमाता तो कभी उसकी चूत डाल देता. जब जीभ उसकी चूत डालता तो वो एकदम से मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पे दबा देती.
इसी बीच मेरा एक हाथ काजल, जो कि बाजू में सोई हुई थी, उसके चूतड़ों पे चला गया.. तो वो थोड़ी हिली. मुझे लगा अभी इसको कुछ करना ठीक नहीं. इसलिए मैं उसको छोड़ कर शीतल की चूत चाटने में लगा रहा.
थोड़ी देर बाद शीतल का शरीर पूरा अकड़ने लगा और उसने मेरे बाल पकड़ कर मेरा मुँह पूरा अपनी चूत पे दबा दिया. मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है. जैसे ही उसका चूत रस निकला, मैं पूरा पी गया.
वैसे मैंने ये सब बातें अन्तर्वासना की कहानियां पढ़कर ही सीखी हैं. और ये मेरा दूसरा अनुभव था, पर पहले अनुभव में मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाया था.
अब मैंने उठकर अपना लंड उसके मुँह के सामने रख दिया और उसे चूसने के लिए कहा. पहले तो उसने मना किया, पर थोड़ी जोर जबरदस्ती के बाद मान गई. उसने धीरे धीरे मेरे लंड पर जीभ घुमाई और बाद में पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
क्या बताऊं.. ऐसा अनुभव तो मुझे पहली बार में भी नहीं आया था. उसके कोमल कोमल होंठों के बीच मेरा मस्त लौड़ा जा रहा था. मैं तो जैसे जन्नत की सैर करने चला गया था.
थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा कि मेरा माल निकलने वाला है, तो मैंने उसे रोका और लंड उसके मुँह में से निकाल के खुद का भी रस निकलने से रोक लिया.
अब मैं उसकी दोनों टांगों के बीच आया और अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रख कर सहलाया. उसने कहा- अब और इंतजार नहीं होता.. डाल दो प्लीज़. तो मैंने देर न करते हुए एक जोर का झटका दे मारा. इस तगड़े झटके से मेरा 2-3 इंच लंड अन्दर चला गया होगा. साथ ही साथ उसके मुँह से एक जोरदार चीख निकली.. पर वो बाहर किसी को सुनाई नहीं सकती थी. अन्दर काजल थी, वो पता नहीं कहां घोड़े बेच कर सो रही होगी कि उसको भी पता नहीं चला या पता चला भी होगा, तब भी उसने कोई रिएक्ट नहीं किया.
मैंने फिर उसको किस करना चालू किया और ऐसे ही थोड़ी देर लंड डाल कर बैठा रहा. जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने धीरे धीरे धक्के मारना चालू किए. हर धक्के पे मैं थोड़ा थोड़ा जोर बढ़ाता जाता था. ऐसे ही कब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जाने आने लगा, पता ही नहीं चला. अब मैंने धकापेल धक्के मारना चालू कर दिया.
अब वो भी पूरी तरह से सामान्य हो गई थी. उसने अपने चूतड़ उठा के मेरा साथ देना चालू कर दिया था. मैंने भी अपनी रफ्तार बढ़ा दी. इसके साथ वो कभी मुझको किस करती, तो मैं कभी उसके चूचे चूसता और दबा देता.
साथ में वो मेरा जोश बढ़ाने के लिए ‘आह्हह…. आह्हह.. उई माँ… आहहहह… जोर से और जोर से..’ ऐसी आवाजें निकाल रही थी. मैं भी रफ्तार बढ़ाकर उसको चोदने लगा.
तकरीबन 20 मिनट की चुदाई में वो बार झड़ चुकी थी और मेरा भी निकलने वाला था, मैंने उससे पूछा- कहां पे निकालूँ? तो उसने कहा- जहां मन पड़े, वहां निकाल दो.
मैंने लंड का पानी चुत के अन्दर ही निकाल दिया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया. थोड़ी देर बाद जब होश आया तब मुझे ऐसा लगा कि काजल जग रही है, पर मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया.
उस रात को मैंने शीतल को 3 बार चोदा और फिर जब 5 बजे के करीब पास पड़ोस सब जागने लग गए तो मैंने उसे छोड़ने जाने की बात की. उसने कपड़े पहने और काजल को जगाया, तो वो जल्दी उठ गई और दोनों तैयार हो गईं.
जब उसे छोड़ने जाने के लिए बाहर निकल रहे थे, तब काजल ने मुझसे धीरे से कहा- रात में शीतल की तो फट गई होगी. क्या जमकर चोदा है आपने? यह सुनकर मैं हक्का बक्का रह गया.
शीतल ने भी ये सुन लिया था उसने काजल से पूछा- तुमको कैसे मालूम.. तुम तो सोई हुई थी न? उसने हंस कर बताया- मैं तो कब की जग गई थी.. मैंने पूरी फिल्म देखी है.
फिर हम तीनों हंसने लगे. उसी वक्त जब शीतल पेशाब करने गई तो काजल ने मुझे अपनी ओर खींचा और एक जोरदार किस करते हुए कहा- अब तुमको मुझे भी ऐसा मज़ा देना पड़ेगा. मैंने भी उसकी चुम्मी लेते हुए दूध मसलते हुए कह दिया- एनी टाइम बेबी.
फिर जब शीतल आयी तो मैं उन दोनों को छोड़ आया.
तो यह थी मेरी चुदाई की पहली सेक्स कहानी … आपको कैसी लगी, मुझे जरूर बताना दोस्तो! [email protected]
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