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दोस्तो, मेरी पिछली कहानियों को आपने इतना प्यार दिया, उसके लिए आप सभी का शुक्रिया! मेरी इस कहानी के पिछले भाग मेरी मम्मी रंडी निकली-4 में अपने देखा कि कैसे मैंने मेरी बहन शीतल और मेरी बाकी दो बहन जो दूसरे बाप से पैदा हुई अंजलि और शिवानी, हम सबने खूब चोदम-चुदाई की! अब आपको आगे की कहानी बताता हूँ.
इसके अगले भाग में आप आगे की कहानी मम्मी एवं शिवानी की कोख में अपना बच्चा टिकाना, अंजलि को रंडी बनाना पढ़ेंगे! उस रात जम के चुदाई के बाद हम सब सो गए, मैंने सबको पेला था तो मैं काफी देर तक सोता रहा और करीब ग्यारह बजे सुबह मेरी नींद खुली. मैंने अपनी बहन शीतल की पैंटी पहन रखी थी. मुझे जगा हुआ देख कर शिवानी तुरंत चाय लेकर आयी. उसने टाइट स्कर्ट और टॉप पहन रखा था, उसके बूब्स लटक रहे थे और उस सफ़ेद टॉप से निप्पल दिखाई दे रहे थे.
मैंने पूछा- शिवानी, ब्रा नहीं पहनी है क्या तूने? शिवानी- नहीं भैया, ब्रा और पैंटी दोनों ही नहीं पहनी, कल रात का नशा नहीं उतर रहा है न मेरा… और न ही अंजलि का! इसलिए नहीं पहनी ताकि तुम्हें उतारने में समय न बर्बाद करना पड़े!
इतना सुनते ही मैंने तुरंत ही शिवानी का हाथ पकड़ के उसे खींच के अपनी गोद में बिठा लिया और चाय पीने लगा! मैंने शिवानी से पूछा- बहन, बाकी लोग कहाँ है? शिवानी- सब लोग घर में ही हैं, अंजलि और शीतल मिलकर मम्मी को चोद रही थी हॉल में, और मैंने फटाफट आपके लिए खाना बना दिया है! मैं- शिवानी तेरी गोरी गोरी जांघ देख के मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता है, तुझे भी माँ बनाना चाहता हूँ मैं. शिवानी- भैया, मैं तो क्या अब तो अंजलि भी तुम्हारी हो चुकी है, जिसके साथ जो करना हो करो!
तभी मेरी बहन शीतल आयी अंदर और आकर सीधा मुझे किस किया और शिवानी को बोली- बहन, अब हट जा, भाई के लौड़े का मज़ा तू अकेले अकेले ही लेगी क्या? अब थोड़ी देर मुझे भैया की गोदी में बैठने दे! शिवानी- अरे शीतल, आ जाओ आ जाओ, बैठो भैया के लौड़े पे, चोद लिया उस साली छिनाल प्रभा को? शीतल- हाँ यार, थका दिया साली ने, उसका जोश ही ख़त्म नहीं हो रहा है, चूत से बस पानी छोड़ रही है, अब वक़्त आ गया है कि अब लगातार एक हफ्ते तक भैया उसकी चुत में अपना माल गिराए ताकि वो माँ बन जाए!
मैं- बहन, अंजलि को बुलाओ, तुम सबसे मुझे कुछ बात करनी है जरूरी! शिवानी अंजलि को बुला कर ले आयी और फिर मैंने शीतल को कहा- बहन, लौड़ा चुत में लेकर बैठ मेरी गोदी में… ऐसे खाली मत बैठ!
शीतल ने तुरंत ही मेरा लौड़ा अपनी चुत में घुसेड़ लिया और मेरे दोनों साइड अंजलि और शिवानी बैठ गयी और सबने कहा- बोलो भैया, क्या बात है? मैं- देखो बहनो, अब माँ की पेट में मैं अपना बच्चा टिका दूंगा लेकिन फिर वो बाहर के मर्दो से नहीं चुदवा पायेगी तो ऐसे में हमारे घर का खर्च कैसे चलेगा?
इस पर शिवानी ने कहा- क्या भैया, आप भी छोटी छोटी बात पे टेंशन लेते हो, अरे हम तीन बहनें कब काम आएंगी आपके? अरे हम सब का बदन बहुत ही अच्छा है और गैर मर्दों से कंडोम लगवा के सेक्स करने में कोई दिक्कत नहीं है, अगर हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल्स बन जायें हम लोग तो घर का खर्च भी अच्छे से चल जायेगा और आप भी मज़े ले पाओगे अच्छे से! फिर जब माँ बच्चे को जन्म दे देगी तो वो वापस से काम पे लग जाएगी और फिर एक एक कर के हम तीनों बहनों को भी माँ बनाना तुम!
इस पर मैंने कहा- बात तो तुम लोगों की ठीक है… लेकिन अगर तुम सबको मैं बच्चा टिकाऊँगा तो उससे पहले तुम तीनों से शादी करना चाहूंगा मैं, वरना बिना शादी के अगर बच्चा टिका दिया तो तुम सब रखैल ही कहलाओगी मेरी! शीतल ने कहा- अरे मेरे बड़े भैया, शादी का मन है तो कर लो आज ही हम सबसे, बाकी तुम हमें अपनी रखैल बनाओ या पत्नी… हमें कोई फर्क नहीं पड़ता! तुमने हमारी जवानी को इतना खोल दिया है कि तुम चाहो तो हम खुद और लड़कियाँ लेकर आएंगी तुम्हारे लिए!
यह सुनकर मेरा लौड़ा शीतल की चूत में कसने लगा और मैंने उसके बूब्स मसल के कहा- ठीक है बाबू, ऐसा करते हैं, अभी मैं सिर्फ मम्मी को पेलूंगा, अगले तीन दिनों तक तुम लोगों को टच भी नहीं करूँगा. चौथे दिन तुम तीनों से घर में ही शादी कर के सुहागरात मनाऊंगा! सबने ख़ुशी में हामी भर दी और फिर मैंने कहा- चलो बाहर घूम के आते हैं सब लोग!
सब लोग नहाने चल दिए और मैं मम्मी के कमरे में गया जो अपनी चूत में वाइब्रेटर डाल के लेटी थी, मैंने कहा- अरे मेरी छिनाल माता जी, सुबह से ही चूत मरवा रही हैं आप अपनी बेटियों से… तेरी ढलती जवानी ने तो कहर मचा रखा है साली! इतना बोल के मैंने उसके बाल पकड़े और जमीन पे पटक दिया!
मम्मी- क्या करूँ बेटा, अगर जवानी बर्दाश्त होती तो अपने ही बेटे से चुदती क्या मैं? मुझे तो बस हर वक़्त लौड़ा चाहिए, चाहे किसका भी हो! यही हाल मेरी माँ का भी था, रंडी थी साली और मुझे अपने बाप का खुद को अभी तक नहीं पता कि किसकी नाजायज औलाद हूँ मैं, हो सकता है मेरे बाप ने भी ठोका हो मुझे!
मैंने- वो तो मैं शुरू से जनता था साली जब तू मेरे बाप से चुदते वक़्त जोर जोर के चिल्लाती थी ताकि मोहल्ले के लोग भी तुझे चोदें! मम्मी- बहनचोद, मोहल्ले के नहीं मुझे बहुत शौक था कि तू और तेरा बाप मुझे मिलकर चोदें! चल कोई नहीं, कम से कम इतना तो है कि तुम दोनों बाप बेटों की पत्नी बनी मैं… और दोनों का बच्चा अपनी कोख में लूंगी! साले जल्दी कर न… अब माँ बना मुझे, तेरा माल अपने अंदर ही लेना है मुझे हमेशा!
मैं- मम्मी, अभी मैंने सभी बहनों से बात की है, अगले तीन दिन तक मैं सिर्फ तुझे ही पेलूंगा अपनी रंडी पत्नी समझ के, अब तुझसे शादी की है तो पत्नी वाला मज़ा भी तो दे दे! उसके बाद उन तीनों के साथ एक साथ सुहागरात मनाऊंगा!
मम्मी- अबे ठरकी मादरचोद, मैं तो तेरी ही हूँ, जब जहाँ मन करे जो मन करे, वो करे मेरे साथ, चल आज खुले पार्क में चोद मुझे, लोगों को देखने दे कि तेरी बीवी कितना मज़ा देती है तुझे, और अगले एक हफ्ते तक मेरी चूत में ही अपना माल गिरा… फिर आठवें दिन उस तीन बहनों के साथ सुहागरात मनाना, मैं मनवाऊँगी, तेरा बिस्तर लगाऊँगी! मैंने कहा- ठीक है, एक हफ्ते तक लगातार दिन रात पेलूंगा तुझे, चल अब फटाफट सेक्सी कपड़े पहन कर तैयार हो जा, बाहर चल शॉपिंग करने शादी की!
अब तीनों बहन तैयार होकर आ गयी और मम्मी ने भी फटाफट नहा के कपड़े पहने! शीतल और अंजलि ने जीन्स पहना और शिवानी ने सूट और मम्मी ने वाइट हॉट पैन्ट, अंदर पतली सी पैंटी ब्रा और स्लीवलेस टॉप!
अब सब लोग निकल गए गाड़ी से, अंजलि गाड़ी चला रही थी और शिवानी बगल में बैठी थी, शीतल, मैं और मम्मी पिछली सीट पे थे. गाडी अपार्टमेंट से निकालने के बाद शीतल ने कहा- भैया, मॉल जाने में आधा घंटा लगेगा, तुम्हारा लौड़ा भी खड़ा है, अभी एक राउंड मम्मी को चोद के माल उसकी चूत में गिरा दो! शीतल ने इतना ही कहा था कि मम्मी ने तुरंत मुझे किस किया और मेरी जिप खोल कर मेरा लौड़ा बाहर निकाल लिया और चूसने लगी!
शीतल ने उसकी हॉटपैंट का बटन खोला और पैंटी समेत नीचे उतार दिया, फिर प्रभा सीधी आकर मेरा लौड़ा अपनी चूत में लेकर बैठ कर कूदने लगी. करीब पंद्रह मिनट बाद मेरा गिर गया उसकी चूत में ही! तब तक हम मॉल पहुंच गए!
मम्मी ने फटाफट पैंट पहनी और फिर हम दूकान में गए और वहां सबने अपने लिए एक एक लहंगा लिया, फिर चूड़ियाँ, बिंदी और बाकी सजने के सामान लिया! फिर हम सब खाना खाने एक रेस्टोरेंट में बैठ गए!
तभी अंजलि का ध्यान गया और प्रभा को बोली- साली रंडी, भैया का माल तेरी चूत में ही गिरकर नीचे पैंटी और हॉटपैंट दोनों को गीला कर चुका है! सभी ने देखा और फिर प्रभा ने कहा- रहने दे, क्या हुआ मेरे पति का ही है न… यहाँ जितनी भी महिलायें हैं, सब चुदती हैं तो इसमें क्या है! हम सब मुस्कुराने लगे, खाना खाया और शाम तक वापस आ गये!
रात को सबने खाना खाना शुरू किया. खाना मम्मी की चूत पे शिवानी रखती जाती थी, मैं वहां से चाट चाट के खाता था! फिर अंजलि ने कहा- भैया, अब तुम दोनों पति-पत्नी अपनी चोदम-पट्टी शुरू करो! मैंने कहा- हाँ, अब ये साली मम्मी कहाँ रही, अब तो मेरी बीवी हो गयी है, इसे तो लगातार पेलूंगा एक हफ्ते तक… फिर आठवें दिन तुम सबसे शादी करूँगा! तब तक तुम सब सामने बैठ के हमारी चुदाई देखना!
इतना सुनकर शिवानी ने कहा- हाँ भैया, इस साली को हम मारेंगे और तुम चोदना! शीतल ने प्रभा से कहा- अबे रांड साली, जा अपने पति के लिए तुरंत नंगी हो जा और मज़ा दे मेरे भाई को अच्छे से! इतना कहकर उसने मम्मी के दोनों हाथ पीछे से पकड़ लिए और अंजलि को कहा- अंजलि दी, थप्पड़ मार साली को… गर्म करते हैं इसे अच्छे से ताकि भाई को खूब मज़ा दे!
अंजलि ने कस कस के चांटे लगाने शुरू कर दिए. इस पर शिवानी उठी और चप्पल से मम्मी की गांड पे मारने लगी. शीतल ने कहा- शिवानी दी, अंदर से वियाग्रा ले आओ!
वो लेकर आयी और मम्मी के मुँह में एक गोली डाल दी, फिर शीतल ने उसे नीचे बैठा दिया और अंजलि को कहा- इसके मुँह में मूतो अंजलि दी, आज तुम्हारे पेशाब से ही ये वियाग्रा खायेगी! अंजलि ने तुरंत ने जीन्स खोली और प्रभा के मुँह में मूत दिया!
और फिर 15 मिनट बाद तो जैसे प्रभा कुत्ते से भी चुदवा ले… इतना जोश चढ़ गया था, वो लंड की प्यास से मरी जा रही थी- मुझे लौड़ा दो, मुझे चुदवाओ! शीतल- मिलेगा साली, लौड़ा भी मिलेगा तुझे… तब तक मार खा रंडी हमसे, और अच्छे से गर्म हो जा ताकि भाई को असली पत्नी वाला सुख दे!
कुछ देर बाद प्रभा की चूत से पानी गिरने लगा और शीतल ने कहा- अब जा कुतिया अपने पति के पास! वो सीधा आकर मेरा लौड़ा चूसने लगी, मैंने तुरंत ही उसे पटक दिया जमीन पे और साली के ऊपर चढ़ के चोदने लगा कस कस के! चप-चप की आवाज़ से कमरा भर गया था और प्रभा की सिसकारी निकलने लगी- आअह्ह्ह्ह बेटा… मेरा पति… अपनी माँ की चूत का आज भोसड़ा बना दे!
मैंने और कस कस के चोदना शुरू कर दिया, करीब बीस मिनट पेलने के बाद मैंने अपना फव्वारा मम्मी की चूत में छोड़ दिया, तभी प्रभा का भी गिर गया, फिर हम दोनों लेटे रहे काफी देर तक और फिर सो गए!
करीब एक हफ्ते तक ऐसे ही चोदता रहा मम्मी को दिन-रात! फिर वह दिन आया जब मैं अपनी बहनों से शादी करने वाला था!
दोपहर को करीब दो बजे नींद खुली, तब तक तीनों बहनें फूल माला लेकर आ गयी और शाम को करीब पांच बजे तक सब अपने अपने लहंगे पहन कर तैयार हो गयी! सब एकदम क़यामत लग रही थी! मम्मी भी मस्त साड़ी पहन के तैयार हो गयी और पंडित बन कर मेरी तीनों बहनों से मेरी शादी करवा दी. मैंने सबको मांग में सिन्दूर भरा और शादी हो गयी मेरी सबसे!
इतने में रात के आठ बज गए, मम्मी ने डबल बेड को ट्रिप्पल बेड बना दिया और गुलाब के फूलों से सजा दिया था! सबने खाना खाया और मैंने कहा- चलो मेरी पत्नियो, अब सुहागरात मनाई जाये! शीतल ने कहा- भैया, एक साथ ही हम सबको पेलो क्यूंकि एक हफ्ते से हम प्यासी हैं, हमसे बर्दाश्त नहीं होगा! मैंने कहा- ठीक है!
मैं बेड पे जाकर लेट गया, मम्मी वाइब्रेटर चूत में डाल कर वही कुर्सी पे बैठ गयी!
सबसे पहले शीतल ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और तीनों ने मुझे चूमना शुरू कर दिया!
मैंने शीतल की चोली खोली, फिर शिवानी और अंजलि ने भी अपनी चोली खोल दी और मैंने एक एक करके सबके निप्पल चाटे फिर बूब्स मसल दिए और धीरे धीरे सबका लहंगा भी खोल दिया! फिर मैंने शीतल को कहा- बाबू, मेरा लौड़ा अपनी चूत में लेकर बैठो! और शिवानी को कहा- बाबू, तुम अपनी चूत मेरे मुँह पे लेकर बैठो!
शीतल ने लौड़ा अपनी चूत में लिया और कस के चिल्लाई- ओह्ह्ह्ह भैया! इधर मैंने शिवानी की चूत में अपनी जीभ घुसा दी और अंजलि की चूत में उंगली डाल रखी थी!
फिर थोड़ी देर बाद अंजलि लौड़ा लेकर बैठी अपनी चूत में और कूदने लगी, उसे कुछ ज्यादा ही वासना चढ़ रही थी, मैं शीतल की चूत चाट रहा था अब और शिवानी को उंगली कर रहा था!
अंजलि कस कस के कूदने लगी और सिर्फ 20 मिनट में ही उसका गिर गया और वो वहीं बगल में लेट गयी, उसकी चूत से सना हुआ लौड़ा और जानवर बन गया था, मैंने शिवानी को बोला- अब तुम बैठ के झूला झूलो, करीब आधे घंटे में उसका भी गिर गया! वो भी लेट गयी, अब मेरी बहन शीतल को मैंने कुतिया बनाया और पेलने लगा कस कस कस!
शीतल- आह भैया, मुझे भी माँ आज ही बना दोगे क्या? मैंने- हाँ बहन, तेरी दोनों बहनों का तो गिर गया और मैंने तेरे अंदर गिराऊंगा! शीतल- गिरा दो भैया, आज गिरा ही दो अपने लौड़े का माल मेरी चूत में!
कुछ देर बाद शीतल और मेरा एक साथ गिर गया, सारा माल शीतल की चूत में ही गिरा दिया मैंने! फिर हम सब सो गए!
अगले दिन सुबह सोकर उठा तो पता चला प्रभा को रात के 3 बजे से उल्टियाँ हो रही है!
शिवानी तुरंत ही प्रेगनेंसी किट लेकर आयी और हमने पाया कि मम्मी की कोख में मेरा बच्चा टिक गया है! अंजलि तुरंत मिठाई लेकर आयी घर में ख़ुशी का माहौल बन गया!
अब हम सबने मम्मी का ख्याल रखना शुरू कर दिया और घर खर्च के के लिए फ़िलहाल शिवानी रोज दो कस्टमर के पास जाती है, उतने में आराम से घर का खर्च चल जाता है!
जब मम्मी वापस काम पे लौटेगी तो शिवानी की कोख में बच्चा टिकाऊँगा, फिर धीरे धीरे अपनी तीनों बहनों में!
तो भाइयो और भाभियो, बहनो और बेटियो, आपको मेरी ये शृंखला (मेरी रंडी मम्मी) कैसी लगी मुझे ईमेल कर के जरूर बताइये. [email protected]
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