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हैलो मेरे प्यारे दोस्तो, अन्तर्वासना में मैं मनीष आप सभी का फिर से स्वागत करता हूँ। आज फिर मैं एक और रोमांचक कहानी लेकर आया हूँ जो मेरी जीवन का किस्सा है। आशा करता हूँ कि आपको मेरी ये कहानी पसंद आएगी। मेरी पहली कहानी सहकर्मी से प्यार और चूत चुदाई में थोड़ी त्रुटियां रह गयी थी पर इस बार कोशिश की है कि आपको शिकायत का मौका ना दूँ।
मेरा नाम मनीष है। इंजीनियरिंग खत्म करके अभी गुडगांव में जॉब कर रहा हूँ। एक अच्छे शरीर का मालिक और 7 इंच लंबे लंड का बादशाह जो किसी भी चूत की प्यास को तृप्त कर सके। यह घटना उस समय की है जब मैं अपने बी. टेक के दूसरे वर्ष में था। उस समय मैं अपना ज्यादा समय फेसबुक जैसी साइट्स पर बिताता था।
बात आज से कुछ तीन साल पहले की है। ऐसे ही एक दिन मेरी दोस्ती लड़की से हुई जो आगरा से थी। हमारी दोस्ती को कुछ दिन हुए थे तो सब कुछ सही चल रहा था पर जानते है ना ये लंड कितना हरामी होता है लड़की देखी नहीं कि बस खड़ा हो जाता है।
उसका नाम मोहिनी (बदला हुआ नाम) है। हम दोनों में अब काफी अच्छी दोस्ती हो गयी थी और यह दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गयी, हम धीरे धीरे प्यार के रिश्ते से आगे बढ़ने लगे और हम कई बार फोन सेक्स भी करने लगे। एक दिन मैंने उससे कहा- हमें मिलना चाहिए, मैं तुमसे मिलना चाहता हूं। उसने भी मुझसे मिलने की इच्छा जताई।
तो मैं उससे मिलने उसके शहर ताज की नगरी आगरा निकल पड़ा। आगरा पहुँच कर मैंने उसे फोन किया पर वो मुझे लेने स्टेशन नहीं आ पाई पर उसने मुझे होटल का पता बताया तो मैं उसके बताये होटल पर पहुँच गया और रूम में जाकर आराम करने लगा।
रात होने को थी, उसने मुझसे सुबह मिलने का वायदा किया। रात में हमारी बातें हुई और फिर मैं सुबह का इंतज़ार करने लगा।
सुबह का इंतज़ार खत्म हुआ और वो मुझसे मिलने के लिए आई। जान कसम जितनी खूबसूरत वो फ़ोटो में दिखती थी असल में वो और भी खूबसूरत थी। संगमरमर सा उसका बदन और उसकी शीशे जैसी कांची आंखें मानो जैसे फलक से कोई परी उतर आयी हो। मैं उसके बारे में आप लोगों को बता दूं कि वो देखने में एकदम जैसे सनी लियॉन और उसका फिगर 34-28-36 का जैसे कि बस उसका जिस्म देखकर हर कोई उसका दीवाना हो जाये जैसे।
मैंने उसका बहुत ही गर्मजोशी से स्वागत किया और उसको तोहफा दिया। वो जीन्स ओर टॉप में कयामत ढा रही थी ऐसे लग रहा था जैसे वासना की देवी मुझे आमंत्रण दे रही हो और उसकी चूचियों के उभार अपनी ओर बार बार आकर्षित कर रहे थे।
सुबह का वक़्त था, मैंने हम दोनों के लिए कॉफी मंगाई और हम दोनों कॉफी पीते पीते एक दूसरे से प्यार भरी बातें करने लगे।
कॉफी पीने के बाद मैं उसके पास गया और उसके हाथों को अपने हाथ में लेकर किस किया वो सिहर उठी और टेबल पर कप रखने के लिए टेबल के पास गई और वहां खड़ी हो गयी। मैं भी उसके पीछे गया और मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लगा।
वो मेरी तरफ पलटी और उसकी आँखों में जो नशा देखा, उसको देखकर मैं समझ गया कि हम दोनों ही प्यार और वासना के प्यासे हैं। उसकी आंखों से मैं समझ गया कि उसने मुझे अपने हवाले कर दिया। मैंने उसे अपनी तरफ खींचा ओर उसको ‘आई लव यू!’ बोला उसने भी मुझे ‘आई लव यू टू!’ बोला।
मैंने अपने होंठों को उसके रसीले होठों से मिलाया और उनका रसपान करने लगा। मैंने एक हाथ उसकी कमर में लपेटा ओर दूसरे हाथ से उसकी चूचियों को टॉप के ऊपर से ही मसलने लगा। उसको मैंने दीवार के सहारे खड़ा किया और उसके टॉप को उतार दिया। ब्रा में उसके बूब्स देखने लायक थे इतनी कसी हुई चूचियाँ।
मैं उसके गले, कंधे ओर चूचियों को किस करने लगा। उसने ना जाने कब अपनी चूचियों को ब्रा से आजाद कर दिया। वो गर्म होने लगी और उसके मुँह से मादक आवाजें निकलने लगी। अब मैं उसको बेड पर ले गया और अपनी शर्ट उतार कर उसके ऊपर आ गया। मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबा दबा कर चूस रहा था और दूसरे हाथ से उसकी पैंट का बटन खोल कर उसकी चूत जो कि एकदम शेव की हुई थी उसमें कभी उंगली डाल कर, कभी उसकी चूत के दाने को मसल मसल कर सहला रहा था।
मेरा लंड जो कि 7 इंच लम्बा ओर करीब 2.5″ इंच मोटा है, वो तन कर सलामी दे रहा था, वो सीधा खड़ा हो गया.
मोहिनी को जब मेरा खड़ा लंड महसूस होने लगा तो वो मेरे लंड को ऊपर से ही दबाने लगी। हम बहुत ही जंगली होकर एक दूसरे को किस करने लगे, एक दूसरे को काटने लगे और जीभ से होठों को किस करते और कभी कभी जीभ से जीभ भी। हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे।
तभी उसने मुझे पैंट निकालने के लिए बोला, मैंने अपनी पैंट ओर अंडरवियर दोनों उतार दी और मैंने उसकी भी पैंट पूरी उतार दी। उसने एक ट्रांसपेरेंट पैंटी पहनी हुई थी जिसमें से उसकी चूत साफ झलक रही थी।
मैं उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाल के उसकी चूत मसल रहा था और उसकी चूत में उंगली कर रहा था। उसकी चूत इतनी पानी छोड़ रही थी कि मेरी उंगलियां उसकी चूत के रस में डुबकी लगा रही थी। 20 मिनट ऐसे ही किस करते करते मैं उसे बेड तक ले गया और उसकी पैंटी भी उतार दी।
मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके पैरों को किस करने लगा, साथ में हाथों से उसकी चूचियाँ मसल रहा था। धीरे धीरे मैं उसकी चूत तक पहुँचा और उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर उसकी चूत चाटने लगा। उसकी चूत के पानी से वो एकदम नमकीन जैसा स्वाद दे रही थी।
उसने भी मेरा लंड चूसने की इच्छा जताई तो हम 69 की तरह हो गए और वो मेरे लंड को चूसने लगी, मैं उसकी चूत को चूसने लगा। इसी बीच उसकी चूत ने एक बार फिर गर्मागर्म पानी छोड़ दिया जिसे मैं चाट गया।
अब मोहिनी से रहा नहीं गया तो उसने कहा- मनीष, और मत तड़पाओ, अब जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल कर उसकी प्यास बुझा दो। मैंने अपना लंड उसकी चूत पे रखा और अपने होठों से उसके होठों को किस करने लगा।
मेरे पहले झटके से मेरा लंड थोड़ा सा उसकी योनि में गया तो वो दर्द से छटपटाने लगी और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी। मैंने अपनी पकड़ बहुत मजबूत बना रखी थी और मैं उसके होठों को चूसता ही गया ताकि उसका दर्द कम हो और उसे मज़ा आए। लेकिन लगता है उसको ज्यादा दर्द हो रहा था उसने अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ा दिए।
मैं थोड़ा रुका और दूसरा शॉट लिया मेरा पूरा लंड अंदर चला गया। वो मुझे हटाने की बहुत कोशिश कर रही थी. इसी बीच मैंने देखा कि चादर पर खून लगा हुआ था. पर मैंने उसे प्यार से समझाया और उसे किस करता रहा, तब वो थोड़ी शांत हुई।
इसके बाद मैंने धीरे धीरे शॉट लगाने शुरू किए। उसे अब दर्द की जगह मज़ा आना शुरू हो गया था तो मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ाई और थोड़ी देर बाद उसको मैं डॉगी स्टाइल में चोदने लगा। वो जोर जोर से सिसकारियां भर रही थी उसकी सिसकारियों से पूरा कमर गूंज रहा था।
मैंने फिर उसे अपने ऊपर लिया और उसकी चूत में अपने लंड को धकेलता रहा, उसकी चूत अपना रस छोड़ रही थी जो मेरे लंड पर लग रहा था। उसके चेहरे पर साफ झलक रहा था कि वो थक गई है पर मैं कहां झड़ने का नाम ले रहा था। मैंने अपने झटकों की गति बढ़ा दी और कुछ मिनट बाद मैंने उससे कहा कि मैं भी निकलने वाला हूं! उसने कहा कि अपना लावा मेरी चूत में ही छोड़ना!
मैं उसकी चूत में झड़ गया उसने भी अपनी चूत को सिकुड़ा कर मेरे लंड को निचोड़ दिया।
हम पसीने से भीग गए थे, मैंने उससे कहा- चलो नहा लेते हैं! तो वो नहाने के लिये मान गयी और हम दोनों शॉवर के नीचे नंगे नहाने लगे! होटल के रूम में अपना पहला सेक्स करने के बाद उसके चेहरे पर एक अलग चमक थी।
मेरा लंड उसके गोरे चमकते बदन को देखकर फिर से खड़ा हो गया और मैं उसे किस करने लगा। किस करते करते मैंने उसका एक पैर नीचे वाले नल पर रखा और अपनी जीभ से उसकी चूत को चूसने लगा, बीच बीच में अपने दाँत से उसकी चूत के दाने को हल्का काट भी लेता तो वो सिहर सी जाती और मेरे सर को अपनी चूत में दबाती।
उसने कहा- क्यों इतना तड़पाते हो मुझे तुम? जल्दी करो ना! मैंने भी देर न करते हुए अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अपने लंड से उसकी चूत सहलाने लगा।
फिर उसकी चूत ने पानी छोड़ा उसकी चूत पानी से पूरी गीली हो गई थी। मैंने उसे वहीं बाथरूम के साफ़ सुथरे फर्श पर लिटा लिया, उसकी चूत गीली होने की वजह से लंड दो शॉट में पूरा अंदर चला गया। इस बार उसे भी मज़ा आ रहा था वो खुलकर मेरा साथ दे रही थी। हम जानवरों की तरह सेक्स कर रहे थे कभी वो मेरे ऊपर तो कभी मैं उसके। काफी देर तक सेक्स करने के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए और हम एक दूसरे से चिपके रहे और किस करते रहे।
फिर बेड पर आकर हमने आराम किया।
उसने मुझे गले लगाकर ‘थैंक यू…’ बोला और एक लंबा स्मूच कर के उसने मुझसे कहा- अब चलें! आगरा भी घूमना है आपको! मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और बांहों में भर कर कहा- मैंने तो जन्नत घूम ली आगरा क्या घूमना!
उसने मुझसे धत्त कहा और हम आगरा घूमने के लिए निकल पड़े। उसके बाद वो दिल्ली पेपर देने आयी तब फिर हमने जबरदस्त चुदाई की उसके बारे में फिर कभी। अभी के लिये अलविदा, सभी लंड और रसभरी चूत को मेरा ढेर सारा प्यार। अगली बार फिर मिलूंगा नई कहानी के साथ।
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