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दोस्तो, यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है. इसमें मैंने नाम व जगह बदल दी है. मेरा नाम जयदेव है, मेरे दोस्त मुझे जय बुलाते हैं. मेरी उम्र करीब बाईस साल है.
लगभग दो वर्ष पहले मुझे नेहा नाम की लड़की से प्यार हो गया था. उस वक्त उसकी उम्र करीब 18 साल थी. वह 12 वीं क्लास में थी. वो लड़की दिखने में बड़ी स्मार्ट थी. एकदम पतली और छरहरी सी थी, उसका फिगर 28-24-26 का था.. रंग भी ठीक ठाक था. उसके चेहरे की बनावट बहुत ही अच्छी थी, जिसके कारण वह मुझे बहुत पसंद थी. उसके चुचे ज्यादा बड़े नहीं थे.
वह बचपन से ही अपने नाना-नानी के यहां रहती थी. उसके दो मामा थे, जिनमें से एक गुड़गांव रहते थे. जबकि दूसरे गांव में ही थे. नाना व मामा भी अलग अलग रहते थे तो वो नाना नानी के पास रहती थी. नानी के घर में उसके सोने का कमरा अलग था.
यह बात लगभग नवम्बर की है, जब हमारी दोस्ती हुई. हम फोन पर बातें किया करते थे. कुछ रोमाँटिक कुछ सेक्सी कुछ प्यारी सी बातें होती थीं. मेरा दिल पूरी तरह से उस पर आ गया था. बस उसे चोदने की इच्छा बाकी रह गई थी. मैं उसे चोदने के तरह तरह के सपने देखता रहता था.
कुछ दिन बीत जाने पर वो दिन भी आ ही गया. काफी मनाने के बाद उसने रात को अपने घर पर मिलने के लिए बुलाया. वो गांव में थी और मैं करीब एक किलोमीटर दूर खेतों में बने एक मकान में रहता था. मेरे मन में उसको चोदने को लेकर तरह तरह की कामनाएं थीं. मेरा लंड चूत चोदने के नाम से काफी अकड़ जाता था. उसकी चूत को लेकर मेरे लंड में मानो तूफान आ रहा था.
मैं अपने एक दोस्त को लेकर रात करीब ग्यारह बजे उसके घर पहुँचा. उसके घर के पास खंडहर से मकान थे, मेरा दोस्त वहां बैठ गया. मैं उसके दरवाजे पर पहुँचा, तो वह मेरा इंतजार कर रही थी. वह मुझे अपने कमरे के अन्दर ले गई. उसने ब्राउन जींस व ग्रे कलर का टॉप पहना हुआ था. वह बहुत हॉट व सेक्सी लग रही. मेरा लंड बार बार चोदने की चाह में उठ बैठ रहा था. लंड में तूफान आ चुका था.
हम दोनों बेड पर बैठ थे, पहले हम दोनों कुछ बातें की. मैं उसके होंठों को अपनी वासना भरी नजर से निहार रहा था. मुझे ऐसा लग रहा था मानो इसके होंठों से अभी रस टपक रहा हो. मैंने हरकत शुरू की.. उसके हाथ को पकड़ा और उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपनी बांहों में ले लिया. उसे किस करते हुए मैंने बेड पर लेटा दिया.. वो चुप थी. मैंने उसके होंठों को चूमा जो काफी रसीले थे, उसकी गर्दन पर किस किया.
करीब दस मिनट तक ऐसा ही चलता रहा. उसने भी थोड़ा साथ दिया.. लेकिन वो मेरे साथ अभी सहज नहीं हो पा रही थी.
मैंने उसके टॉप को निकाला. नीचे उसने व्हाईट कलर की समीज पहनी थी. फिर समीज को उठाकर उसके चूचों पर चुम्बन करने लगा. वह लंबी लंबी सांसें लेने लगी. मैं कभी उसके होंठों पर, कभी गर्दन, कभी पेट पर किस करने लगा. मेरा हाथ उसके संतरे के आकार के मम्मों को सहला रहा था. उसके मम्मे छोटे थे, जिस वजह से मेरे मुँह में पूरे आ रहे थे.
दस पंद्रह मिनट बाद मैंने उसकी जींस उतारनी चाही, लेकिन उसने मना कर दिया. लेकिन तब भी मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया. मेरी उंगलियों ने उसकी चुत के मुहाने को टच किया, चूत गीली हो चुकी थी.
उसकी कामवासना भी भड़क रही थी लेकिन वह बार बार मना करती रही. मेरे हाथ को खींचती रही. मैं भी सेक्स में पागल होकर कुछ जबरदस्ती करता रहा. कुछ देर सहलाने के बाद मैंने अपनी उंगली उसकी चुत में डाल दी, लेकिन उसने नाराज होकर उंगली बाहर निकलवा दी.
अब मुझे गुस्सा आ गया और मैं भी नाराज होकर बिना चुत चोदे अपने घर वापिस आ गया. मेरा लंड मानो पागल सा हो गया हो. हम दो चार दिन नाराज रहे.
फिर एक दिन उसका कॉल आया, मैंने उठाया. मैं उससे नाराज था.. मेरा लंड उसके खिलाफ गवाही दे रहा था. फिर मैंने उसे चुत न देने का कारण पूछा. उसने बताया- मुझे डर था कि बहुत दर्द होता है.. न जाने क्या होगा. मैंने उसे समझाया.. लेकिन कारण कुछ और ही था. उसने बताया कि वह पहले दो बार सेक्स कर चुकी है और मुझसे सच्चा प्यार करती है. कहीं पता लग गया तो मैं उसे छोड़ न दूँ. इसलिये उसने मेरे साथ सेक्स नहीं किया.
मैंने उसे समझाया और फिर मिलने के लिये कहा. अब वह तुरंत मान गई. उसकी हामी से ही मेरा लंड मानो हवा में सैर करने लगा था. आखिर इस बार चुत मिलनी पक्की थी.
फिर बात जनवरी की है. उसने मुझे बुलाया. मैं फिर अपने दोस्त को लेकर पहुँचा. इस बार कड़ाके की ठंड थी. सर्दियों की छुट्टियों में उसकी सगी बहन स्नेहा व मौसी आई हुई थीं. नेहा ने अपनी बहन स्नेहा को मेरे बारे में बता दिया था.
रात को कमरे में स्नेहा, मैं और वो तीनों थे. मौसी दूसरे कमरे में नानी के साथ थीं. ग्यारह बजे थे, हम तीनों ने कुछ देर बातें की. फिर स्नेहा सो गई. मैंने एक कोने में गद्दा लगाया व रजाई ले ली और दोनों वहां सो गए.
सर्दी अधिक थी, हम दोनों एक दूसरे की बांहों में बाहें डालकर लेट गए. मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया. उसने भी मेरा साथ दिया. मेरा एक हाथ उसकी कमर को सहला रहा था. उसने भी अपना हाथ मेरी कमर पर रखा हुआ था. मैंने उसकी गर्दन पर किस किया, वह चुदास से एकदम गरम हो उठी.
वह इस वक्त लोवर टी-शर्ट में थी, मैंने उसकी टी-शर्ट उतारी तो देखा कि उसने नीचे कुछ नहीं पहना था. मैंने अपनी भी शर्ट उतार दी. फिर उसके पेट पर चुम्बन करना शुरू किया, उसकी कमर को हल्के से प्यार से च्यूंटी काटी.. वह उछल कर मेरे ऊपर आ गई. वो काफी पतली थी.. मुझे उसका वजन फूल सा लगा. वह धीरे धीरे मजा ले रही थी.
मैंने उसके लोवर को उतारा, नीचे उसने ब्लैक कलर की पेंटी पहनी थी. मैंने उसको भी उतार दिया. फिर उसने मेरी पेंट व अंडरवियर भी उतरवा दी. मेरा लंड टाईट हो चुका था. लंड से पानी टपकने लगा था.
हम दोनों बिस्तर पर लेट गए. मैंने उसके मम्मों को दबाया और ऐसे चूसा.. मानो मम्मों से रस बह रहा हो. फिर उसके होंठों को चूमा, गर्दन पर किस किया. कान को चूमा.. वह वासना से पानी पानी होने लगी. मैंने चूत पर हाथ फेरा तो पाया कि उसकी चुत पर हल्के बाल थे. शायद दो तीन दिन पहले ही चूत शेव की हुई थी. उसकी चुत भी रसीली हुई पड़ी थी.
मैं उसके ऊपर चढ़ गया. मेरा उस्ताद उसकी चुत से बार बार टच हो रहा था. मानो वह कह रहा हो कि मुझे अन्दर जाना है.
वह हल्की आवाज में मादक सिसकारियां ले रही थी. फिर वह मेरे ऊपर आकर बैठ गई. उसने मेरे लंड को देखा, वह शर्मा कर पानी पानी हो रही थी. उसने मुझे किस किया और मुझे ऐसे चूसने लगी.. मानो खा जाएगी. मैंने उसे लंड चूसने के लिए कहा, पहले उसने मना किया पर कई बार कहने पर मान गई. उसने मेरे आधे लंड को अपना शिकार बनाया. दो मिनट बाद उसने लंड चूसना बंद कर दिया. उसे उबकाई सी आने लगी थी.
फिर मैंने उसे झट से नीचे लेटाया… उसके मम्मों को चूसा.. गर्दन.. नाक आंख पर चुंबन किया. मेरा लंड उसकी चूत के छोटे कांटे जैसे बालों को टच कर रहा था मानो किसी कंटीले पार्क में हो. मेरा लंड बार बार मानो मुझसे कह रहा था कि उस्ताद अन्दर घुस जाऊं क्या.. लंड से रस टपकने वाला हो रहा था.
फिर मैंने उसे उल्टा लेटाया और ऊपर चढ़ गया. उसकी छोटी सी गोल गांड मुझे बहुत पसंद आ रही थी. मैं उसकी कमर पर किस करने लगा. उसके चूतड़ों को सहलाया व अपने दांतों से एक चूतड़ पर कट्टू कर लिया.
वह गरम सिसकारियां ले रही थी- आहह..उम्म्ह… अहह… हय… याह… अआहहह..
थोड़ी देर बाद उसे सीधा लेटाकर उसकी जुबान अपने मुँह में ले ली और भयंकर तरीके से चूसते हुए उसको किस करने लगा. इस दौरान उसके हाथ मेरी पीठ को सहला रहे थे.
फिर एक हाथ उसकी चुत पर रखा और उसको सहलाया. हम दोनों की सेक्स की इच्छा बहुत तीव्र हो चुकी थी. अचानक उसने अपने हाथ से मेरे लंड टच किया और हिलाने लगी. लंड हिलाने का ये अलग सा आनन्द था.
मैं नीचे चला गया और मैंने उसकी चूत को देखा.. चूत रस से गीली हो चुकी थी. मैंने चूत को कपड़े से साफ किया और एक हल्का सा चुंबन चूत के ऊपरी भाग पर किया. वह मुट्ठियाँ भींच कर आहें लेने लगी- ससस… उअ्.. आहहह..
फिर मैं उसकी चूत पर चुंबन करने लगा. मैंने अपनी पूरी जीभ चूत के अन्दर डाल दी. मैंने उसकी पूरी चूत को मुँह में भर कर चुंबन किया. वह सेक्स के लिए तैयार थी- आहहह.. उहहह.. सससस.. मर गई.. अब मत तड़फाओ.. बस अब कर लो.. आहहहह… अन्दर डाल दो.. उहहह.. सससस…
मैंने नेहा की टांगों को फैलाया और घुटनों पर बैठकर लंड उसकी चूत पर रखा, वह चुदने बेताब थी. उसकी चूत चिकनी हो चुकी थी. मैंने झटका मारा तो मेरा दो इंच लंड चूत के अन्दर चला गया. वह दर्द से तड़फने लगी. मैंने लंड बाहर निकाला और उसके होंठों को अपने मुँह में डाल कर उसकी जुबान चूसने लगा.
हालांकि उसकी चूत से खून नहीं आया था.. क्योंकि वह पहले दो तीन बार चुदाई करवा चुकी थी. मैंने दोबारा से लंड डाला तो इस बार आधा लंड अन्दर घुस गया. वो तड़फी, लेकिन इस बार मैं लगातार किस कर रहा था. कुछ पल बाद वह भी सामान्य हो गई व चुदाई का आनन्द लेने लगी.
उसकी आहें अब मजा देने लगी थीं- अहहहउउ.. आअआ.. ओआहहह.. वह लंड अपनी चूत में लिए हुए मेरी पीठ को सहला रही थी.
करीबन पांच मिनट बाद वह झड़ गई. लेकिन मैंने चुदाई को जारी रखा. ‘आहहह.. उउउउ.. इइइआ हहह..’
उसके दस मिनट बाद मैंने भी अपनी मलाई उसकी चूत में बहा दी. तब तक वह दोबारा झड़ चुकी थी. उसके बाद हमने एक दूसरे को चुंबन किया.
मैंने उसे उस रात तीन बार चोदा. सुबह चार बजे मैं घर वापस आकर सो गया. इसके बाद मैंने उसे न जाने कितनी बार चोदा है. अब तो वो बड़ी मस्ती से गांड उठा कर लंड लेती है और उसके मम्मे भी भर गए हैं.
मेरी सेक्सी स्टोरी पर मुझे आपके ईमेल की प्रतीक्षा रहेगी.
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