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मेरी सेक्सी कहानी के दूसरे भाग पुत्र वधू की सुहागरात-2 में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने और मेरी बहू ने आपस में समझौता करके सुहागरात मनायी. अब आगे:
अपनी बहू पूजा को चोद कर मुझे ऐसा लगा जैसे ये मेरी नई सुहागरात है. थोड़ी देर बाद मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया लेकिन पूजा थोड़ी थोड़ी सो रही थी. मैं उसकी गोरी गोरी चूचियों को अपने हाथ से सहलाने लगा और फिर उसकी चुची के निप्पल के ऊपर हलके से जीभ फिराने लगा. उसकी जवान कड़क चुची आह… कसम कोई हिज़ड़ा ही होगा जिसका लण्ड खड़ा ना हो जाए मेरी नंगी बहू को देख कर! मुझसे रुका नहीं गया, मैंने उसकी एक चुची क़ो चूसना चालू किया तो पूजा भी जाग गई- पापा क्या हुआ? आपका लंड तो फिर से मूसल जैसा कड़क हो गया.
मैं बोला- हाँ पूजा रानी, आज तुम्हारी और मेरी सुहागरात जो है. तेरी माँ क़ो मैंने सुहागरात में छह बार चोदा था, आज तेरे साथ मेरी दूसरी सुहागरात है तो तुझे भी छह बार चोदूँगा. वो बोली- सच पापा… फिर तो मैं आपकी गुलाम हो जाऊँगी.
“बेटी पूजा, अब हम किसी दूसरे स्टाइल से चोदते हैं!” पूजा बोली- अब मैं आपके ऊपर चढ़ कर आपको चोदूँगी. अब मेरी चूत में आपका मोटा लंड अब आराम से घुस जाएगा.
और पूजा मेरे ऊपर चढ़ गई, मेरे लंड क़ो उसने चूस कर गीला किया और मेरे लण्ड के ऊपर अपनी चूत क़ो सेट किया. मैंने नीचे से एक जोर का धक्का दिया और पूरा लण्ड पूजा की चूत में… मैंने उसकी दोनों चूचियां अपने हाथ में पकड़ी और पूजा धक्के देने लगी. पूजा की सिसकारी से लग रहा था कि उसे स्वर्ग का आनंद मिल रहा है.
हमारे कमरे का दरवाजा खुला ही पड़ा था, तभी मुझे ऐसा लगा कि कोई दरवाजे पर खड़ा था और मेरा लण्ड डर के कारण सिकुड़ गया. ध्यान से देखा तो सामने मेरा बेटा अंकुश खड़ा था. इस वक्त मुझे बड़ी शर्म आ रही थी. लेकिन पूजा तो बिंदास मेरे ऊपर लेटी ही रही, वो अंकुश से बोली- देख गांडू, मुझे चोदने वाला मिल गया. तू जा के अपने दोस्तों से गांड मरा. पूजा क़ो शर्म तो छोड़ो… अंकुश क़ो चिढ़ाने में मज़ा आ रहा था क्यूंकि उसकी भी अंकुश के दोस्तों के सामने बेइज़्ज़ती हुई थी, मानो वो उसका बदला ले रही थी.
वो अंकुश से बोली- अब से मैं पापा के साथ उनके रूम में ही सोया करुँगी. तूने तो मेरी कदर नहीं करी. और दो मेरा लण्ड अंकुश क़ो दिखाने लगी- देख भोसड़ी के… तेरे बाप का लण्ड तेरे लण्ड से लम्बा और मोटा है. पापा मुझे आज छह बार चोदने वाले हैं, तू बाहर जायेगा या तेरे सामने ही चुदाई करें? अगर तुझे हमारी चुदाई देखनी हो तो आराम से बैठ के देख. जैसे मेरे सामने तू अपने दोस्तों के लण्ड चूस रहा था, गांड मरवा रहा था, वैसे ही आज मैं पापा का लण्ड चूसूंगी और पापा क़ो हर तरह से चोदने दूंगी. और सुन गांड मराऊ… मेरा हनीमून अब पापा के साथ होगा. हम दोनों पांच दिन के लिए हनीमून मनाने मुनार जा रहे हैं. तुझे चलना हो तो अपने गांडू दोस्तों से पूछ लेना.
वो पूरी बेशर्म हो के हर तरह से मेरे बेटे अंकुश की बेइज़्ज़ती कर रही थी और उसे बदला लेने में बड़ा मज़ा आ रहा था. पूजा ने मेरे सोये हुए लन्ड को मुँह में लेकर चूसना चालू किया और मेरे पूरे बदन पे प्यार से हाथ फिराती रही. पूजा ने लन्ड के बाद मेरी गोली चूसी तो मेरा लन्ड घोड़े के जैसा खड़ा हो गया.
तब पूजा ने मेरे लंड को अपनी चूत में डाला. ये सब देख कर अंकुश शर्म के मारे कमरे से बाहर चला गया. पूजा अपने चूतड़ उठा उठा कर धक्के दे रही थी, मैं भी नीचे से अपनी गांड उठा के धक्के देने लगा. पूजा बड़ी खुश थी क्यूंकि उसे भी आज दमदार लंड मिल गया था और अंकुश की बेज़्ज़ती करने का मौका भी. अब तो मुझे ऐसा लग रहा था कि पूजा मेरी बहू नहीं मेरी बीवी है.
मैं पूजा की चुदाई करता रहा, पूजा मेरी चुदाई करती रही. जब पूजा थकने लगी तो मैंने पूजा को अपने नीचे लिया और उसकी टांगें ऊपर उठा के उसकी छाती से लगवा ड़ी, अब मैंने उसकी चूत में एक झटके से लंड डाला. पूजा के मुझ से चीख निकली- ऊई माँ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं मर गई… साले भोंसड़ी के… आराम से नहीं घुसा सकता था… इस तरह से अब मेरी पुत्रवधू मुझे खुल कर गालियाँ दे दे कर चुद रही थी.
कुछ देर में हम दोनों चरम सीमा पर पहुँच कर झड़ गए. मैं बहू के नग्न शरीर से नीचे उतरा और उसकी बगल में लेट कर बातें करने लगा. मैंने पूजा को बताया कि शुक्रवार से सोमवार तक ऑफिस की चार दिन की छुट्टी है. हम दोनों हनीमून पर चलेंगे. वो तो एकदम से मेरे बदन से चिपट गई और जोर जोर से चुम्बन करने लगी- पापा, मैं तो कब से इंतज़ार कर रही हूँ, वहां दिन रात हम दोनों चुदाई करेंगे. मैं अपने लिए सेक्सी सेक्सी कपड़े ले कर आऊँगी. हाँ आपके लिए कुछ लाना हो तो बता दो? मैंने कहा- बेटी, मेरे लिए कुछ नहीं लाना, तुम अपने लिए सेक्सी सेक्सी नाइटी ब्रा चड्डी जरूर ले आना.
हम दोनों ससुर बहू अपने हनीमून की योजना बनाते रहे. कुछ देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मेरी बहू पूजा मेरे खड़े होते लंड को देख कर मुस्कुराने लगी, बोली- पापा जी, आपके लंड में तो बहुत दम है…
फिर हम दोनों अगले ही दिन मुनार के बढ़िया होटल किंग्स में गए और एक कमरा लिया. अब इसे मैं अपना दुर्भाग्य कहूँ या सौभाग्य. जैसे ही मैं कमरे का दरवाज़ा खोल रहा था, सामने से मेरा जीजू रमेश दिखाई दिया. उनका कमरा हमारे कमरे के सामने ही था. वो बोला- बेटे बहू के साथ घूमने आये हो? मेरी तो बोलती ही बंद हो गई. फिर वो बोला- बेटा अंकुश तो नहीं दिख रहा.
मैं अब कैसे चुप रहता तो बोल दिया- उसे जरूरी काम से कंपनी ने लंदन भेजा हुआ है. रमेश बड़ी शक की नज़र से मुझे देखने लगा. वेटर हमारा सामान रख के जब चला गया तो रमेश ने पूछा- तुम बहू के साथ अकेले एक ही कमरे में सोओगे? क्या चक्कर है? मैं बोला- नहीं, कोई ऐसी वैसी बात नहीं है. बहु बोली- पापा की छुट्टी हैं तो सोचा कि घूम के आते हैं बस.
हम अपने कमरे में आ गए, चाय नाश्ता का आर्डर दिया. पूजा बोली- पापा जी, नाश्ता आने में टाइम लगेगा, इतने आप मेरी चूत के बाल काट दो. मैं बोला- पूजा, वो तो ठीक है… लेकिन अब तुम मुझे पापा नहीं, जानू बोला करो ना!
हम दोनों बाथरूम में जाकर नंगे हुए और मैंने पूजा की चूत के बाल की शेविंग चालू करी. पूजा मेरे लन्ड से खेल कर उसे खड़ा कर रही थी. इतने में घंटी बजी तो पूजा बोली- आप टॉवल लपेट कर वेटर से ट्रे ले लो.
जैसे ही कमरे का दरवाजा खोला, सामने वेटर नहीं रमेश खड़ा था और वो कमरे में घुस आया.
तभी पूजा ने आवाज़ दी- जानू वेटर चला गया हो तो जल्दी से आओ. रमेश बोला- अब बोलो… ससुर बहु जानू? और रमेश ने मोबाइल पे मेरी फोटो खींच ली और फटाक से बाथरूम का दरवाजा खोल कर नंगी पूजा की भी फोटो खींच ली, फिर आराम से पलंग पे बैठ गया.
उसने आवाज़ लगाई- ससुर की जानू बाहर आ जा… मैं सब समझ गया हूँ. साले साहब यार आपकी बहू तो बड़ी मस्त माल है. इसकी चूत तो मुझे भी चाहिए. मैं बोला- ये क्या बोल रहे हो? रमेश बोला- अगर ना करोगे तो मैं सबको तुम दोनों की ये फोटो दिखा दूंगा… तेरे बॉस को भी! और फिर समझो तेरी तो नौकरी गई… और समाज में इज़्ज़त भी.
पूजा सब सुन रही थी. हम दोनों फंस चुके थे.
रमेश नंगा हुआ और बाथरूम में घुस गया- हाय सेक्सी बेबी! और उसने पूजा को अपनी बांहों में जकड़ लिया. पूजा भी नंगी थी. पूजा बोली- ये आप क्या कर रहे हो फूफाजी? रमेश का लन्ड पूजा की चूत से सटा हुआ था और वो पूजा को कस कस के चुम्बन कर रहा था. पूजा किसी तरह अपने आप को छुड़ाने के लिए तड़फ रही थी.
मैं चिल्लाया- जीजू, पूजा को छोड़ दो वर्ना मैं अभी रीनू (मेरी छोटी बहन और रमेश की बीबी) को बुला के तेरी हरकत दिखाता हूँ. रमेश हंसने लगा- जाओ, जा के बुला लाओ. मुझे लगा कि वो खाली मुझे चूतिया बनाने के लिए बोल रहा है. इसकी बीवी आएगी तो इसकी गांड फट जाएगी.
मैं अपनी टीशर्ट और लुंगी पहन कर सामने वाले रमेश के कमरे में गया. मेरी बहन रीनू सिर्फ पारदर्शी नाईटी में थी उसमें से उसकी चूचियाँ साफ दिखाई दे रही थी, मोटे मोटे चूचों के ऊपर काले निप्पल और नीचे चूत भी… काफी कुछ दिखाई दे रही थी. फिर भी उसने झेंपने की कोशिश ही नहीं करी.
मेरी बहन रीनू चालीस साल की है लेकिन भेण की लोड़ी तीस साल जैसी ही दिखती है.
मैं रीनू से बोला- जरा मेरे कमरे में आके देखो, जीजू क्या कर रहे हैं. वो बोली- क्या बात है भैया? मैं बोला- तुम चल के खुद ही देख लो.
मैं उसको अपने कमरे में लेके आया. उसने पूछा- कहाँ है रमेश? मैं बोला- बाथरूम में है. रीना ने बाथरूम का दरवाजा खोला तो देखा रमेश पूजा को अपनी बाँहों में पकड़ कर किस किये जा रहा था और अपने लन्ड को पूजा की चूत पे रगड़ रहा था. पूजा उसकी पकड़ से निकलने की पूरी कोशिश कर रही थी.
मेरी बहन थोड़ा चौंकी, उसने मुझसे पूछा- भैया ये सब क्या है? आप दोनों अकेले यहाँ आये हो? अंकुश नहीं आया क्या? मज़बूरी में मैंने सारी बात अपनी बहन रीनू को बताई.
वो बोली- ओह माय गॉड… यानि ससुर बहु चुदाई करते हैं. तो फिर अगर फूफा भी बहू को चोद लेगा तो क्या फर्क पड़ेगा. मैं चकराया कि ये कैसी बीवी है जिसका पति दूसरी लोंडिया को चोद रहा है और उसे कोई फर्क ही नहीं.
वो बोली- भैया, इतनी सुन्दर कड़क जवान लोंडिया को देख कर कौन छोड़ देगा. हाँ आप इसका बदला ले लो सिम्पल! मैं कुछ समझा नहीं कि बदला कैसे लूँ.
मेरी बहन रीनू बोली- आप भी ना बड़े सीधे बन रहे हो. मुझे ही सब कहना पड़ेगा क्या? वो आपकी बहू को चोद रहा है आप उसका बदला मुझ से लो. और वो रमेश को बोली- बाहर आकर आराम से पलंग पे चोदो इस लोंडिया को… और भैया इसका बदला मुझ से लेंगे. रमेश बोला- लेने दो ना बदला… तू भी तो इससे चुदाने को मरी जा रही है. चुद ले भेन की लोड़ी.
रमेश पूजा को खींच कर रूम में ले आया. रीना बोली- रमेश तू इसकी चूत मार और भैया बदले में मेरी चूत मारेंगे.
रीना अपना पारदर्शी गाउन उतार कर नंगी हो गई, उसने ब्रा चड्डी कुछ नहीं पहन रखा था. मैं बोला- रीनू, ये क्या कर रही हो?
तब रीनू ने पुरानी बात बतानी शुरू करी: भैया, हमारे घर में सिर्फ एक ही कमरा हुआ करता था. आपकी शादी के बाद मैं आपके कमरे में ही सोती थी और रोज़ रात को सोने का बहाना करके आप और भाभी दोनों की चुदाई देखा करती थी. एक बार जब भाभी पीरियड से थी तब भाभी साइड में सोई थी और मैं बीच में. आप जब कमरे में आये तब लाइट नहीं आ रही थी और आप अँधेरे में मेरे पास लेट गए. आपने समझा आपके पास भाभी सो रही हैं, आपने मेरी चूचियां दबानी शुरू करी. आपको पता था भाभी पीरियड से हैं तो आप चूत तक हाथ नहीं लेकर गए और धोखे में मेरे पूरे जवान और कुंवारे बदन को मसलते रहे.
फिर आपने मेरा हाथ पकड़ के अपना लन्ड मेरे हाथ में दे दिया था. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था क्यूंकि रोज़ मैं आपके लम्बे लन्ड को सिर्फ देखती ही थी और उस दिन आपका लन्ड मेरे हाथ में था. मैं आपके लन्ड को मसलती रही और सोच रही थी कि किसी दिन मौका मिले और आप मुझे चोदो. थोड़ी देर बाद आपका लन्ड झड़ गया और आप सो गए और मैं सारी रात तड़फती रही अपनी चूत रगड़ती रही. उस दिन मैंने सोच लिया था कि अगर मैंने अपनी चूत आपके लंड से नहीं चुदाई तो मेरा नाम भी रीना नहीं.
सच पूछो तो मैं भी अपनी बहन रीनू की शादी से पहले उसे चोदने के सपने देखा करता था लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई. अगर मुझे पता होता कि वो भी मेरे लंड से चुदना चाहती हैं तो उसे तो कई बार चोद दिया होता.
लेकिन देर आये दुरुस्त आये.
रीनू ने मेरे भी कपड़े निकाल कर मुझे नंगा कर दिया. रीना मेरे लन्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी और मेरी गोलियों को हाथ से मसल रही थी जिससे मेरा लन्ड खड़ा हो जाये. रीना बोली- भैया, तुम भी ना चूतिया नंदन हो. मेरी चूत तेरी बहु चाटेगी क्या? बस फिर क्या था. मैं रीना के ऊपर 69 पोजीशन में चढ़ा और उसकी चूत पे अपनी जीभ फिराने लगा. रीनू ने मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना चालू किया.
उधर पूजा ने सोचा कि जब भाई बहन चुदाई कर रहे हैं तो फूफाजी से चुदाने में काहे की शर्म. कहाँ तो एक लंड के लिए तड़फ रही थी, यहाँ दो लंड मिल रहे हैं. वो बोली- फूफाजी, ले लो मेरी चूत, चोद दो मुझे! रमेश बोला- वाह ससुर की जानू और मैं फूफा जी? भेण की लोडी मुझे जीजू ही बोल तू भी! तेरे जानू का जीजू तो तेरा भी जीजू! “ओके मेरे प्यारे जीजू… आज ये सलहज आपकी ही है.”
पूजा फिर रमेश का चुदाई पूरा साथ देने लगी, वो रमेश के ऊपर चढ़ के उसके सारे बदन को प्यार करने लगी.
मैं अपनी बहन की चूत चाट रहा था- रीनू, तेरी चूत तो काफी गीली हो गई है. रीनू बोली- हाँ भैया, अब मेरी चूत में अपना लंड डालो ना. मैंने रीनू को घोड़ी बना कर पीछे से उसकी चूत में लंड घुसेड़ा, रीनू को बड़ा मज़ा आ रहा था, वो बोली- भैया जोर जोर से धक्के मारो. आपका लंड तो बड़ा लम्बा मोटा है.
और मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. रमेश बोला- क्यों रीना रानी, बड़ा मज़ा आ रहा है भैया के लंड से? कई बार बोल चुकी थी कि भैया से अपनी चूत चुदवानी है. “हाँ बड़ा मज़ा आ रहा है! और तू भी तो अपनी बहन को चोदता है. अभी मज़े से ताज़ी चूत को चोद!” मैं बोला- रीनू, क्या ये अपनी बहन को चोदते हैं? वो बोली- भइया, अभी आप मेरी चूत को शांत कर दो, फिर सारी कहानी बताती हूँ. अभी हम चार दिन यहाँ हैं, और आपको मैं रोज़ अलग अलग चूत दिलवाऊंगी और हमारी पूजा बन्नो को रोज़ नया लन्ड.
फिर हम चारों जने कस कस के चुदाई में व्यस्त हो गए.
रीनू बोली- भैया लंड का रस मेरी चूत में मत छोड़ना, जब निकलने वाला हो तो अपना लौड़ा मेरे मुँह में दे देना. चूत में छोड़ा तो मेरे पेट में आपका बच्चा ठहर जायेगा.
पूजा की भी सेक्सी सेक्सी सिसकारी सुनाई दे रही थी, वो धीरे धीरे बोल रही थी- जीजू, जोर से चोदो… और जब भी मौका मिले घर आ जाना, आपकी सेवा में ये चूत हमेशा हाज़िर है.
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी फैमिली में बने सेक्स रिलेशन की कहानी? मुझे इमेल से अपने विचार बतायें! [email protected]
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