This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अब तक मेरी सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि ड्राईवर से मन भर गया तो मैंने एक और नए लंड की तलाश की जो मुझे मेरे कॉलेज में मिला. मैंने उससे दोस्ती कर ली और उसे अपने जिस्म की नुमाईश करके पटा लिया और अपने घर बुला लिया.
अब आगे.. मैंने उससे कहा- तुम कोई बहाना बना कर मेरे कमरे में चलो. जब बिंदु वापिस आई तो उससे डेविड ने कहा कि आंटी हम लोग नेहा के कमरे में जाते हैं, आप आराम कीजिए. बिंदु बोली- देखो डेविड.. पहली बात की मुझे आंटी ना बोला करो, मेरा नाम बिंदु है और इसी नाम से बुलाया करो, आंटी सुन कर ऐसे लगता है कि मैं बूढ़ी हो गई हूँ. मैं तो अभी जवान हूँ अगर तुम्हें कोई शक़ हो तो मेरे टेस्ट भी ले सकते हो. दूसरी बात ये कि मुझे कोई तकलीफ़ नहीं है अगर तुम लोग यहीं वो सब करो, जो कुछ तुम्हें करना है. मैं जानती हूँ कि जब जवान लड़का और लड़की साथ हों तो उनका दिल क्या करने को करता है.
डेविड को तो इतनी इस तरह की बात सुनने की उम्मीद ही नहीं थी इसलिए वो कुछ बोल नहीं पाया.
तब मैं बोली- बिंदु, अभी इसे झिझक है, जब उतर जाएगी तो फिर तुम भी इस के साथ जो चाहो कर लेना, मगर अभी हमें अपने रूम में जाने दो. बिंदु ने कहा- ठीक है. मगर वो अपनी सोच के बारे में डेविड को बोल चुकी थी.
जब हम अपने रूम में आए तो वो बोला यार तुम्हारी माँ तो सच में बहुत जबरदस्त सेक्सी हैं. सही में वो तो मेरा ईमान भी बिगाड़ कर रख देगी. मैंने वासना भरी आवाज में उससे लिपट कर कहा- अभी तो मैं ही काफ़ी हूँ तुम्हारा ईमान बिगाड़ने को, उसके बाद में कुछ और सोचना. चलो जा कर फ्रेश होकर आओ और मैं भी रेडी होती हूँ.
जब वो बाथरूम से वापिस आया तो सिर्फ अपने अंडरवियर में था बाकी के सब कपड़े उतार कर आया था और इधर मैं बस ब्रा और छोटी सी चड्डी जिसमें मुश्किल से चुत ही छिप सकती थी, पहने हुई थी.
मुझे देख कर बोला कि आज तो तुम पूरी इंद्र के दरबार से आई अप्सरा लग रही हो. मैंने दूध हिलाते हुए कहा- तुम भी पूरे कामदेव लग रहे हो.
बस फिर क्या था, उसने मुझे अपने गले से लगा लिया और ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया, जिसका असर यह हुआ ब्रा उतर गई और मैं ऊपर से पूरी नंगी हो चुकी थी. अब मेरे मम्मे उसके हाथों में थे और वो उनको दबा दबा कर निचोड़ रहा था. जल्द ही वो मेरी गुलाबी घुंडियों को चूसने में लग गया.
मगर लगता था उसका ध्यान अभी भी बिंदु की चुत पर लगा हुआ था. वो फिर से उसी की बात करने लगा. मैंने गुस्सा करते हुए कहा- छोड़ो यार मुझको.. तुम बिंदु के पास जाओ. उसने कहा- नहीं जान, मैं तुमको छोड़ कर कहीं नहीं जा सकता. मैंने उससे कहा- ठीक है, फिर सारा ध्यान मुझ पर रखो. फिर मैं तुमको उससे भी मिलवा दूँगी.
अब मैंने उसका अंडरवियर भी उतारना शुरू कर दिया था और उसके लंड को जोर से पकड़ लिया, जो पूरा आयरन रॉड बन चुका था.
उसने भी मेरी चड्डी उतार दी और मेरी चुत में उंगली करनी शुरू कर दी. फिर उसने मेरी चुत पर अपना मुँह रख कर उसको चूसना शुरू कर दिया. ये देख कर मुझे लगा कि इस काम का तो ये पूरा खिलाड़ी है.. और उसने ज़रूर कई लड़कियां चोदी हुई होंगी.
खैर मुझे इससे क्या.. मैं भी तो बहुत चुदी हुई हूँ.
अब उसका लंड मैंने मुँह में भर लिया और उसके लंड की चमड़ी को सुपारे के नीचे करके अपनी ज़ुबान उस पर फेरने लगी. उसका लंड उछल उछल का मस्ती कर रहा था. कुछ देर बाद चुदास बढ़ गई और उसने मुझे लिटा कर मेरी चुत में अपना लंड डाल दिया.
जब वो लंड को मेरी चूत के अन्दर डाल रहा था तो बहुत आराम से जा रहा था क्योंकि मेरी चुत लंड को लेने के लिए हमेशा ही तैयार रहती है.
मगर मैंने उसके सामने नाटक करना शुरू कर दिया- आह ओह.. यार धीरे धीरे अन्दर डालो.. बहुत दर्द होता है.
वो थोड़ा थोड़ा करके लंड अन्दर डालता रहा.. जब तक पूरा लंड अन्दर नहीं हो गया. मैंने उसे पता नहीं लगने दिया कि यह चुत बहुत चुदी हुई है. वो यही समझ रहा था कि या तो यह नहीं चुदी या फिर बहुत कम चुदी है.
उसके हर धक्के पर मैं कराहते हुए बोलती रही- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उई माँ यार धीरे धीरे करो क्या मेरी जान लोगे.. आह.. मैं मर जाऊंगी तुम्हारे लंड से.
मगर आप तो जानते ही हैं ना कि जब लंड चुत में चला जाता है तो फिर वो जंग के मैदान में होता है, वहाँ प्यार नहीं बंदूक चलती है. यही हाल वो मेरी चुत का कर रहा था. वो मेरी कुछ नहीं सुन रहा था और जोर जोर से लंड के धक्के मार रहा था.
वो तब तक धक्के मारता रहा, जब तक लंड का पानी निकलने को ना हो गया. मैंने उससे कहा कि अपना माल मेरे मुँह में डालना.. चुत में ना छोड़ना वरना कोई मुसीबत हो जाएगी. इस तरह से मुझे चोद कर उसका लंड मेरी चुत से बाहर आ गया और वो नंगा ही सोफे पर बैठ गया.
तब मैंने उससे पूछा- बुलाऊं बिंदु को.. अगर उसको भी चोदना चाहते हो? उसने कहा- जब उसकी बेटी सामने होगी तो वो नहीं आएगी. मैंने कहा- वो मेरी माँ नहीं है. अब वो मेरी फ्रेंड है. वो 2 मिनट में आएगी और अगर कहो तो उसको नंगी ही आने को बोलूं.. तुम्हारा अगर उसको चोदने का विचार है तो.
जब वो सोचने लगा तो मैंने उससे कहा- मैं समझ गई हूँ कि तुम क्या चाहते हो. फिर मैंने बिंदु को फोन किया कि तुम भी अभी मेरे रूम में आ जाओ.. नेचुरल ड्रेस में आना. एक मिनट बाद ही वो पूरी नंगी आ पहुँची. डेविड तो पहले ही नंगा था, मगर मेरी चुत को चोद कर उसके लंड का जोश खत्म हो चुका था.
बिंदु ने मेरे कमरे में आते ही डेविड के लंड को हाथ में लिया और चूसने में लग गई. वो लंड चूसते हुए बोली- अभी इसे अपने लिए तैयार करती हूँ.
जैसे ही डेविड का लंड उसने मुँह में लिया वो अपना रंग दिखाने लगा. दो मिनट में ही वो आसमान को छूने लगा और बिंदु की चुत को सलामी मारने लगा. बिंदु उसको गलीचे पर ही लेटा कर अपनी चुत को खोल कर उस पर चढ़ गई और लगी धक्के मारने क्योंकि जब से बिंदु ने उसे देखा था, उसका दिल भी उसी से चुदने का था.
बिंदु ने खुद को उसके लंड पर चढ़ कर ही चुदवाया और जब उसका पानी निकलने को हुआ तो उसने लंड को मुँह में ले लिया.
इस तरह से डेविड ने हम दोनों को तसल्ली से चोद लिया. हम दोनों को जी भर के चोदने के बाद वो मस्ती करके अपने घर चला गया और हम अगली चुदाई का इंतज़ार करने में लग गए.
इधर राम रतन को हमने कुछ पैसे दे कर कहा कि तुम अब कोई और दूसरी नौकरी ढूँढ लो. उसने कहा- मेमसाहिब यह अच्छी बात नहीं है, आप लोग मुझसे धोखा कर रहे हैं.
जब देखा कि वो कुछ ज़्यादा ही उछल रहा है.. तब उसको स्क्रीन पर उसके पहले दिन का लिया हुआ सेक्स क्लिप दिखा कर बोला कि यहाँ से चलते बनो वरना यह क्लिप तुम्हें जेल की हवा तो खिलवा ही देगी और जो भी सुनेगा और देखेगा तुमको चप्पलें मारेगा.
वो देख कर इतना डर गया कि उसी रात अपने गांव चला गया.
इस तरह हम दोनों ने उससे भी छुटकारा पा लिया. अब डेविड हमारे पास जो आ गया था. वो हमारी चुतों पर अपना हल चला रहा था.
किसी ने सही कहा है कि चुदक्कड़ औरतों तो को जब देखो नया नया लंड ही सपनों में आता है. लगभग एक साल तक डेविड हमारी चुत का ख्याल रखता रहा. फिर उसको उसके पापा ने अपने पास बुला लिया और हमारा उससे रिश्ता ही खत्म हो गया.
उसके जाने के बाद हमें बहुत परेशानी होने लगी. मैंने बिंदु से कहा कि किसी लंड की कुछ सोचो ना यार.. कैसे काम चलेगा.
बिंदु ने मुझसे कहा- कल तेरे पापा तुम्हारा पक्का काम करने के लिए बोल रहे थे. इससे तुम्हारी चुत को हमेशा के लिए लंड मिल जाएगा मतलब कि तेरी शादी की बात कर रहे थे. मेरी उम्र भी शादी की हो गई थी, इसलिए तेरे पापा तेरी शादी अपने किसी दोस्त के लड़के के साथ करना चाहते हैं. उसे मैंने देखा नहीं है.
बिंदु ने पापा को कहा कि एक दिन उनको अपने घर पर लंच या डिनर पर बुलाओ और नेहा और आपके फ्रेंड के लड़के को मिलवा देते हैं. फिर दोनों आपस में मिल कर हमे अपनी राय दें ताकि आगे का काम शुरू किया जा सके. पापा ने कहा- वो लड़का अभी यूएस में है कुछ दिनों बाद आ जाएगा, फिर प्रोग्राम बनाता हूँ. वैसे मेरी तरफ से हां बोल दी है अगर लड़का और लड़की दोनों एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं तो.
बिंदु ने मुझको उसकी फोटो दिखा दी थी. फोटो में तो वो बहुत हैंडसम लग रहा था. मुझे तो वो पसंद आ ही जाएगा ऐसे मेरी सोच थी.
खैर मैं अब इंतज़ार करने लगी उस घड़ी की.. जब उससे मुलाकात होगी.
जिस दिन पापा के दोस्त अपने लड़के के साथ आए तो पापा और उनके दोस्त यह बोल कर वहाँ से चले गए कि यार इनको बातें करने दो.. अब हम लोग इनकी बातें थोड़ी ना सुनेंगे. वरना ये लोग खुल कर बात भी नहीं कर पायेंगे.
मुझे वो पहली नज़र में ही भा गया और मुझे लगता था कि उसने भी मुझे पसंद कर लिया था.
मुझसे अकेले में उसने कहा- देखो नेहा जी.. मैं कोई सूफ़ी संत नहीं हूँ और मैं लाइफ के पूरे मज़े लेता रहा हूँ. अगर आप भी मजे लेती हैं तो मुझे इसमें कोई प्राब्लम नहीं होगी. मगर एक बात है हमें शादी के बाद कोई ऐसा काम नहीं करना होगा, जिसमें किसी एक को भी पता ना हो या वो ना चाहे. मैं समझता हूँ आप मेरी इस बात से सहमत होंगी. मैंने कहा- जी पूरी तरह. मैं तो खुद ही ऐसा कोई काम नहीं करना चाहती, जिससे घर में किसी को भी किसी तरह का शक़ हो आ परेशानी हो.
जब वो वापिस जाने लगे तो पापा ने विक्रम से पूछा. लड़के का नाम विक्रम था.
पापा- विक्रम, तुम अपना इरादा बता दो फिर आगे की बात तुम्हारे पापा से करूँ. उसने जवाब दिया- मैंने नेहा जी से बता दिया है.. और उन्होंने भी अपनी राय दे दी है. हम दोनों को कोई प्राब्लम नहीं है, आप जो चाहे कर सकते हैं.
इस पर पापा ने 50000 रूपए से विक्रम का तिलक कर दिया और इतने ही उसके पापा को भेंट देकर कहा कि यह रिश्ता अब पक्का हो गया है.. अब विक्रम मेरा बेटा है और नेहा तुम्हारी बेटी. शादी का मूहुर्त जल्दी से निकालो ताकि एक काम पूरा हो जाए.
शादी अगले ही महीने हो गई और शादी के बाद विक्रम मुझे कई जगह घुमाने के लिए ले गया.
हां एक बात अब मैं बिंदु को बिंदु नहीं माँ बुला कर बात करती हूँ और उससे किया हुआ वादा पूरी तरह से निभा रही हूँ. मैं अपने पति के लंड से बहुत खुश हूँ.
दोस्तो, इस कहानी का यहीं पर अंत होता है. आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000