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मेरी कहानी के पहले भाग पड़ोसन भाभी का सेक्स-1 में अब तक आपने पढ़ा कि सुमन भाभी को मैंने अपनी गिरफ्त में ले लिया था और उन्हें चूमने की कोशिश करने लगा था. अब आगे..
मैं जैसे ही अपना चेहरा उनके फेस के करीब ले गया, वो शांत हो गईं और मुझे देखने लगीं. धीरे से मैंने अपने होंठ उनके होंठों से लगा दिए. मैं बड़े प्यार से उन्हें चूमने लगा. उनके नर्म होंठ.. आह.. क्या आनन्द था.
उनकी साँसें भी बढ़ने लगीं. किस करते करते मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा. फिर सभी जगह किस करने लगा. वो और भी मदहोश होने लगीं. उनके हाथ जो मेरे सीने पर थे, धक्का देने की जगह वो मेरी गर्दन के आस पास आ गए.
अब भाभी भी मुझे किस करने लगीं. हम दोनों बिल्कुल पागलों की तरह किस किए जा रहे थे. मैं उनके गुलाबी सॉफ्ट लिप्स काटने लगा. कभी दांतों से उनके होंठ खींच लेता. इस सब में बहुत मजा आ रहा था. मैंने उन्हें किस करते हुए गोदी में उठा लिया, उन्होंने भी अपनी टाँगें मेरी कमर में कस दीं और गले में हाथ डाल के किस किए जा रही थीं.
थोड़ी देर खड़े होकर किस करने के बाद मैं काउच पर बैठ गया और वो मेरे ऊपर ही बैठकर मुझे किस कर रही थीं. मैं उनके बूब्स टी-शर्ट के ऊपर से प्रेस करने लगा. उनके 36 साइज़ के चूचे एकदम सॉफ्ट थे और निपल्स एकदम कड़क हो रहे थे. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनकी टी-शर्ट को निकाल दिया. अब वो लैगीज और ब्रा में मेरे ऊपर मेरी गोदी में बैठी थीं. इस स्थिति में उन्हें मेरे लंड की चुभन मिल रही थी. मैंने जैसे ही उनकी टी-शर्ट हटाई, मेरा दिमाग़ एकदम सुन्न हो गया.
आह भाभी की त्वचा एकदम मक्खन जैसी गोरी और इतनी स्मूद कि मैं एकदम पागल हो गया. मैंने अगले ही पल उनका एक बूब ब्रा के ऊपर से ही मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
भाभी आँखें बंद करके मुँह खोले हुए एकदम मदहोश थीं. उन्होंने पीछे झुककर एकदम बॉडी धीरे छोड़ दी. मैंने उन्हें कसकर पकड़ा और वापस अपनी ओर खींच लिया. फिर ब्रा को बिना खोले उनके बूब्स से ऊपर खिसका दिया और उनके सेक्सी मम्मे मेरे सामने एकदम बाहर आ गए.
आह.. एकदम खरबूजे थे.. एकदम वाइट.. निपल्स का साइज़ एकदम बड़ा कड़क उठा हुआ था. मैंने अपने जीभ से उनके निप्पल को टच किया. उन्होंने अपने होंठ दबा कर सीत्कारना शुरू कर दिया और मेरे बाल कसकर पकड़ लिए. मैं धीरे धीरे अपनी जीभ से उनके निपल्स से खेलने लगा. फिर मैंने उनका पूरा बूब मुँह में भर लिया और कसकर चूसने लगा.
कभी मैं दांतों से निप्पल खींचने लगता तो कभी बूब पर कट्टू करने लगता. मैं भाभी को पागलों की तरह चूसता रहा. उनके दोनों मम्मों को दोनों हाथों से जमकर मसला. मेरा लंड एकदम लोवर में खड़ा कड़क हो चुका था.
सुमन भाभी मदहोशी में मेरे कान में बोलने लगीं- प्लीज़ जल्दी करो, मुझे अब और सहन नहीं हो रहा है.
मैं सुमन भाभी को उठा कर अन्दर वाले बेडरूम में ले गया और उन्हें बेड पे लेटा दिया. खुद भाभी के ऊपर आकर उन्हें किस करने लगा. वो भी मुझे किस कर रही थीं. मैं भाभी को किस करते हुए नीचे आने लगा और मम्मों को किस करते हुए उनकी टांगों के बीच बैठ गया.
मैंने उनकी पजामी निकाल दी. अब वो सिर्फ़ मेरे सामने पेंटी में थीं. रेड कलर की पेंटी उनके गोरे बदन पर.. आह.. मैं एकदम पागल सा हो रहा था.
सुमन भाभी की जांघें एकदम भरी हुई गोरी केले के तने सी एकदम मांसल थीं. सुमन भाभी एकदम भरी हुई सेक्सी औरत थीं. इतनी मस्त कि अच्छे अच्छे मर्द उनकी जवानी के आगे पानी छोड़ दें.
उन्होंने उठकर मेरी टी-शर्ट को खींचा और जैसे ही मेरा बदन सामने आया. वो वासना से उसे देखने लगीं. भाभी मेरी छाती पर हाथ फेरने लगीं, किस करने लगीं.
मैं भी उनको किस करने लगा और वापस उनके हाथ पकड़ कर उनको बिस्तर पर लेटा दिया.
वो सेक्स की इतनी अधिक भूखी लग रही थीं मानो उनकी नज़रें बस यहीं कह रही थीं कि बस अब लंड अन्दर डाल दो.
मैं वापस बैठ गया और भाभी का एक पैर अपने कंधे पे रखकर उनको किस करने लगा. उनके पूरे बदन की स्किन एकदम सॉफ्ट और सफ़ेद थी. जब भी मैं उनके बदन की सॉफ्टनेस को फील करता मेरा लंड और भी ज़्यादा कड़क होता जा रहा था. मैंने भाभी की जाँघों में किस किया और किस करते हुए झुककर उनकी पेंटी के ऊपर से उनकी गीली हो चुकी चुत को भी टेस्ट किया.
आह.. क्या मस्त खुश्बू थी आई लव इट..
मैंने अपने दोनों होंठ भाभी की चुत पर पेंटी के ऊपर से ही रख दिए. भाभी की पेंटी गीली हो चुकी थी. मैंने अपने होंठों से उनकी चुत का रस पेंटी के ऊपर से ही चाटने लगा.
भाभी एकदम से तड़पने लगीं. मैं धीरे धीरे भाभी की चुत को चूसता जा रहा था. फिर मैंने उनकी पेंटी निकाल दी और मैं एकदम फिर पागल सा होने लगा.
सुमन भाभी की चुत एकदम चिकनी क्लीन थी और ऊपर से गीली थी. आआह.. मेरा दिमाग़ पागल हुआ जा रहा था. मन कर रहा था कि बस लंड अन्दर डालकर चोद दूँ. लेकिन मैं उनको अभी और तड़पाना चाहता था.
मैंने सुमन भाभी की क्लिट पर जीभ को फेरा तो वो उछलने लगीं. मैंने जीभ रगड़ कर क्लिट को अच्छे से घिसा और चुत को ऐसे चूसने लगा, जैसे कोई बर्फ का गोला चूस रहा होऊं. मैं भाभी की चुत का सारा रस पी गया. उनकी चुत बहुत कसी हुई थी.
मैंने दो उंगलियां डालीं, लेकिन आसानी से नहीं जा रही थी. मैं सोच रहा था कि एक बच्चे के बाद भी इतनी कसी हुई चूत कैसे है. मैंने भाभी की चुत में जैसे उंगली डाली, वो पागलों की तरह उछलने लगीं, अपने पैर से मेरा सिर दबाने लगीं, बाल पकड़ लिए.
मैं उंगली अन्दर बाहर करने लगा, वो सिसकारियां लेते हुए एकदम छटपटा रही थीं. मैंने उनकी चुत और अच्छे से चूसी और फिर उनके ऊपर आकर उन्हें किस करने लगा. उसी दौरान मैंने अपना लोअर निकाल दिया. वो भी मुझे आँखें बंद करके किस कर रही थीं.
अब मैं जानता था कि ना उनसे सहन हो रहा है.. ना मुझसे. उन्होंने अपना हाथ मेरा लंड पकड़ने के लिए नीचे सरकाया तो मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और उनके सिर के पास दोनों हाथ अपने हाथों से जकड़ लिए.
वो बोलीं- देखने तो दो. मैंने बोला- नहीं.. बाद में देखना, अभी सिर्फ़ फील करो. भाभी बोलीं- एक बार प्लीज़.
मैं नहीं माना, मैंने हाथ बेड से ऊपर बाँध दिए और उनकी आँखों पर पट्टी भी कस दी. अब भाभी मेरे सामने पूरी नंगी बेड पर पड़ी हुई थीं. मैं बेड पर खड़ा हुआ, अंडरवियर उतार कर लंड बाहर निकाला और लंड को पकड़ के धीरे से ऊपर नीचे करने लगा.
मेरा लंड एकदम कड़क हो रहा था. मेरा लंड पहली बार किसी शादी शुदा भाभी की चुत चोदने वाला था. वो भी सुमन भाभी जैसे बदन वाली सेक्सी लेडी को.
मैं वापस उनके ऊपर आया और किस करते हुए भाभी को सब जगह किस करते हुए उनकी चुत को फिर से गीला किया. अपने लंड को उनकी चुत पे रगड़ने लगा, वो तड़पने लगीं. मैं धीरे धीरे चुत पर लंड रगड़ता जा रहा था.
इतने में सुमन भाभी बोलीं- अन्दर करो प्लीज़. मैंने बोला- तुम्हें चुदवाना है? तो बोलीं- हां प्लीज़ डालो अन्दर. मैंने बोला- चुत प्यासी है तुम्हारी लंड के लिए? तो बोलीं- हां प्लीज़ मत तड़पाओ.. हां बहुत प्यासी है भूखी है ये.. प्लीज़ डालो और प्यास बुझा दो मेरी.
भाभी लंड के लिए तड़प रही थीं. मैंने लंड छेद पर रखा और तड़पाने लगा. उन्होंने मुझे बांहों में कस लिया और बोलने लगीं- करो अन्दर.
मैंने छेद पर लंड लगाया.. 1-2-3 बोला और झटका देने का नाटक किया. वो एकदम मुझे कस चुकी थीं लेकिन मैंने लंड अन्दर नहीं किया.
अब वो गुस्से में बोलने लगीं- डालो ना.
भाभी ने इतना ही बोला था कि मैंने लंड अन्दर पेल दिया. मेरा 8 इंच का लंड उनकी चुत के लिए मोटा और बड़ा था. क्योंकि उनकी चुत का छेद बहुत छोटा था. दर्द के मारे भाभी का मुँह एकदम से खुला रह गया. वो मुझे मारने लगीं. मैंने उन्हें बांहों में कस लिया और धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ शॉट्स के बाद उनको अच्छा लगने लगा. उनकी आँखें एकदम मदहोशी वाली हो गई थीं.. पुतलियां ऊपर की तरफ थीं. भाभी को मेरा लंड एकदम अन्दर तक फील हो रहा था. मैं धीरे धीरे उनकी चुत में लंड अन्दर बाहर करने लगा. मुझे भी इतना अच्छा फील हो रहा था, उनकी गरम चिकनी सॉफ्ट चुत.. लंड पर पूरी तरफ महसूस हो रही थी. उन्होंने मुझे पूरी तरह से बांहों में कस लिया था और पैर लपेट लिए थे.
उनके 36 साइज़ के चूचे मेरे सीने से छिपे दबे हुए थे. क्या स्मूद मखमली बदन था मेरी बांहों में.. आह..
मैं धीरे धीरे उनकी चुत में और अन्दर लंड डालता जा रहा था. थोड़ी देर होने के बाद मैंने ज़ोर से एक झटका दिया और पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
वो एकदम फिर तड़प गईं लेकिन इस बार मैंने उन्हें किस करके नॉर्मल किया और लंड अन्दर बाहर करता रहा.
धीरे धीरे उनका दर्द वाला चेहरा बदलकर कामुक सिस्कारियों में बदल गया. अब उनको बहुत मज़ा आ रहा था. वो भी नीचे से मेरा साथ दे रही थीं. मेरा लंड एकदम कसा हुआ उनकी चुत में अन्दर बाहर हो रहा था.
मैंने सुमन भाभी को जोर से पेलना शुरू किया तो सुमन भाभी भी स्पीड के साथ रिप्लाइ करने लगीं. मैं समझ गया था कि सुमन भाभी के अन्दर जो जंगली बिल्ली थी, आज बाहर ज़रूर आएगी.
वो मुझे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगीं. मेरे चूतड़ों को जकड़ कर मुझे पुश करने को बोलने लगीं. मैं भी अब ज़ोर ज़ोर से उनकी चुत चोदने लगा.
भाभी भी आहें भरने लगीं- एयाया उउउ.. प्लीज़ और ज़ोर से करो. तुम्हारा लंड बड़ा मस्त है.. एयाया ऐसा फील मुझे आज तक नहीं मिला.. एयाया ईइसस्स्शह..
मैं उन्हीं आवाजों से सिसकारियों से और जोश में आकर उनकी चुत चोदने लगा. मेरा लंड ज़ोर ज़ोर से अन्दर बाहर हो रहा था. उनकी चुत एकदम गीली हो गई थी, जिससे फॅक फॅक की आवाज गूँज रही थी. मैं और ज़ोर से चुत में लंड डाले जा रहा था.
उनके हाथ मेरी पीठ पर थे. वो पूरी पीठ पर हाथ फेर रही थीं, कभी बालों को पकड़ रही थीं, कभी हाथ फेरतीं.. कभी मुझे कंधे पर कट्टू करतीं.
जैसे जैसे मजा बढ़ता जा रहा था, वो भी पागल होती जा रही थीं. मैंने भी और स्पीड बढ़ा दी और जम कर चोदने लगा. अब मैं अपना पूरा लंड बाहर करके पूरा अन्दर कर रहा था. मैंने उनको अपनी बांहों में कस लिया था और ज़ोर से उनको चोदने लगा था. पूरा बेड हिलने लगा था. मैं उनको इतना ज़ोर से चोदने लगा कि उनका मुँह खुला हुआ आँखों की पुतलियां ऊपर हो गई थीं. वो एकदम मदहोश हो चुकी थीं. उन्होंने पूरा बदन ढीला छोड़ रखा था, जिसको मैंने कसके पकड़ा हुआ था.
ज़ोर ज़ोर से चोदते चोदते एकदम से उनके मुँह से ज़ोर से ‘एयेए अजय.. आह.. बेबी आआहह.. प्लीज़ रुकना मत.. इस्स इस जंगली बिल्ली को अपनी पालतू बना लो.. आआह बेबी आई लव यू…’ निकल रहा था.
भाभी पागलों की तरह अपने नाखूनों से मेरी पीठ नोंचने लगीं और खरोंचें बना दीं. जो मुझे फील हुईं, लेकिन उस वक़्त मज़ा इतना ज़्यादा था कि मुझे ये सब अच्छा लगा. मैंने चुदाई की स्पीड और बढ़ा दी.
‘आआआह.. आआहह.. अजयय..’
वो मुझे काटने लगीं. मेरे कान पर कट्टू किया, कभी कंधे पर, कभी छाती पर.. हम पसीने पसीने हो चुके थे. फिर भी मैं उन्हें चोदता जा रहा था.
चोदते चोदते सुमन भाभी एकदम से ठंडी हो गईं. उनके मुँह से ‘आआह.. ऊऊऊओह..’ निकला और भाभी ने एकदम तड़पते हुए मुझे कस लिया. बहुत सारा पानी उनकी चुत से बाहर निकला पड़ा.
मैं समझ गया कि सुमन भाभी का हो गया, लेकिन मेरा नहीं निकला था. मैं सुमन भाभी को और ज़ोर से चोदने लगा. वो आहें भर रही थीं.
कुछ देर बाद मेरी स्पीड बहुत बढ़ गई. सुमन भाभी समझ गई थीं कि मेरा माल निकलने वाला है.
भाभी बोलीं- अन्दर ही निकाल देना.. मुझे फील करना करना है.
मैं भाभी को चोदते चोदते एकदम ढीला पड़ गया. मेरा माल पूरा सुमन भाभी की चुत में अन्दर गिर गया. मैं पसीना पसीना हो चुका था. मैं थक चुका था एकदम इसलिए सुमन भाभी के ऊपर ही लेट गया. उन्होंने मुझे बांहों में भर लिया और चेहरे पर किस करने लगीं.
थोड़ी देर पड़े रहने के बाद मैं साइड में लेट गया. सुमन भाभी मुझे देखने लगीं. उनके चेहरे पर एक अलग सा सुकून था.
उन्होंने मुझे देखा और देखते हुए बोलीं- अजय आई लव यू. आज की रात मैं कभी नहीं भूल सकती. मैंने बोला- भूलने भी नहीं दूँगा.
मैं हंसते हुए उनको किस करने लगा. वो भी मुझे किस करने लगीं. उसके बाद सुमन भाभी को मैंने बहुत बार चोदा.
कैसी लगी मेरी कहानी कि कैसे मैंने भाभी का सेक्स पूरा किया, आप अपने विचार मुझे मेल कर सकते हैं. [email protected]
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