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नमस्ते मेरा नाम सरिता है। मेरी उम्र 38 हैं। मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ। मेरा रंग गोरा , कद 5’4, और मेरी आकृति 34-30-35 हैं। मैं दिल्ली में अपने दीदी जीजू उनके दो बच्चे ,मेरे पति और मेरा 4 साल का बेटा के साथ एक फ्लैट में रहती हूँ।
मेरी शादी को 5 साल हो गए जिसमे से मेरी चुदाई 30-40 बार से ज्यदा नही हुई होगी। मेरी किस्मत खराब थी। मेरी उम्र निकल रही थी और कोई लड़का नही मिल रहा था।
मेरी दीदी ने जल्दबाजी में मेरी शादी कर दी। मेरा पति मर्द कहलाने के लायक नहीं है। न ही कमाता है न ही कुछ पैसे घर पर लाता है। काम पर जाता है हर सुबह पर आज तक किसी को पता नही कहा जाता है।
मेरे बेटे की पढाई का खर्चा से लेकर हमारे कपडे ,खाना मेरी दीदी ही करती है। मुझे कभी कभी अपनी किस्मत पर बहुत दुःख लगता है। मैं दीदी के घर में खाना बना देती हूँ। और मेरा पति आता है खाना खा कर सो जयेगा।
मेरी दीदी का प्रेम विवाह हुआ था। मेरे जीजाजी बहुत स्मार्ट थे। एक घर में दीदी जीजू और मेरा बेटा को छोड़ कर कोई नहीं था। मैं रात में पानी पीने उठी तो देखा। दीदी की कमरे की बत्ती चालू थी।
मैं उठ कर चुपके से दरवाजे से झाँकने लगी। मैंने देखा जीजा जी नंगे थे और दीदी लाल ब्रा और पैंटी में। दोनों एक दूसरे को पागलो की तरह चूम रहे थे। दीदी बड़ी चाओ से लंड चूस रही थी।
जीजू दीदी का सर पकड़ कर दीदी के मुह की चुदाई करने लगे। दीदी नंगी हो गयी। 38 की गांड 30 कमर और 36 का स्तन। दीदी उनके ऊपर जाकर बैठ गयी और लंड को पकड़ कर अपने चूत में डाल दी।
दीदी चुदने लगी। घप घप की आवाज़ आने लगी। मैं तो गीली हो गयी। मैं अपने कमरे गयी और अपने चूत को ऊँगली करने लगी। मैं मजबूर थी। कभी सोचती थी। जीजू को फंस लूँ ,पर ये गलत हो जाता। मैंने कुछ दिन में पास में ही किराया का मकान ले लिया। पर यही पर रहती थी हमेसा।
एक बार मेरे बड़ी दीदी के बेटे की शादी थी। उस शादी में एक लड़के से मिली। उसका नाम राहुल था। कॉलेज खत्म कर के दिल्ली आने वाला था। उसकी मम्मी मुझसे मिली थी। मेरे दीदी की पड़ोसन थी। राहुल मेरे बेटे यश का अच्छे से ध्यान रखता था। उसकी मम्मी मुझे बहुत मानती थी। राहुल दिखने में अच्छी था। हाइट 5’8 बदन भी अच्छा था।
राहुल दिल्ली आ गया पर हम लोगो से मिला नहीं था। कुछ दिन बाद वो घर आया तो घर पर रुक था। राहुल एक कमरे में सो रहा था और उसी कमरे में मैं और यश के पापा नीचे सोये हुए थे।
मैंने नाइटी पहनी हुई थी और रात को ब्रा नही पहनती थी। मेरी स्तन की झलक दिख रही थी। और मुझे पता था वो मुझे देख रहा था। मैंने उसे देखने दिया। और सो गयी सुबह हुई तो सब काम पे चले गए।
राहुल और बच्चे थे घर पे। राहुल नहाने घुस गया और टॉवल भूल गया। मैं उसे टॉवल देने गयी और मैंने उसके लंड की झलक देख ली। बहुत बड़ा था। उसने दरवाजा बंद किया। अंदर से चप चप की आवाज़ आ रही थी।
मैं दूसरे बाथरूम में घुस गयी और ऊपर चढ़ कर खिड़की से झांकने लगी। राहुल का लंड तन हुआ था और खूब लंबा था 7 इंच जोर जोर से हिला रहा था। और उसके चेहरे में तड़प थी। कितना अजीब होती है जिंदगी कोई चूत के लिए तरसते है कोई लंड के लिए।
मैं राहुल को खाना दी। और पोंछा करने लगी। मुझे पता था राहुल मेरे स्तनो को देख रहा है। मैं सुध बुध खो कर पोंछा लगाने लगी और लगाकर बाथरूम नहाने चली गयी। मैं नंगी हो गयी। और चूत को सहलाने लगी। राहुल खाना खा कर दूसरे बाथरूम घुस गया और खिड़की से मुझे नहाते हुए देख रहा था मैं उसे नजर अंदाज करने लगी। मैं अपनी चूत में ऊँगली करने लगी और झड़ गयी। फिर मैं बहार आई तोह राहुल चला गया।
राहुल हमारे घर से बहुत दूर रहता था। उसका कोचिंग खत्म हुआ तो दीदी से बोलकर मेरे घर के पास किराये वाला घर दिलवा लिया। मैं अब अपने घर में रहने लगी। यश स्कूल चले जाता और उसके पापा काम पे।
उसकी गैर जिम्मेदारी को देखते उसके साथ सोने का मन नही करता। यहा आई तो मेरी चूत को बस चोद कर अपनी प्यास बुझा कर साल जाता। राहुल हमारे घर भी आया कभी कभी मेरे घर खाना भी खा जाता। एक दिन शाम की बात है यश खेलने गया था। मैं घर में अकेली थी तो बात करते करते। मेरे और पति के रिश्ते में बात निकल गयी। मैंने उसकी गैर जिम्मेदारियो के बारे में बताया।
मैं बिस्तर मे बैठी थी। वो मेरे करीब आकर बैठ गया और धीमी आवाज़ में मेरे और मेरे पति की बीच के शारीरिक सम्बन्ध के बारे में पूछ लिये मैं चौक गयी और उठ कर किचन तरफ जाने लगी। मैं बर्तन धोने लगी और वो मुझे बोला की वो मुझे बाथरूम में चूत में ऊँगली करते देखा।
वो मेरे करीब आ गया पर मैं जैसे तैसे उसे पीछे की और यश आ गया। यश को मैं कभी उसके रूम में छोड़ देती। वो हर दिन घर आता पर मैं उससे नजर नही मिला पाती। वो भी अब हद में रहता।
एक बार मैं नहा के कपडे पहन रही थी। सुबह 11 बज रहे थे और मैं अकेली थी। दरवाजे पे घंटी बजी देखा राहुल। राहुल को पानी पिलाई और हम बात करने लगे उस दिन मैंने राहुल को सारी बात बता दी।
राहुल मेरे करीब आके मेरे होंठो को चूम लिया 2 मिनट तो में भी साथ दी फिर उसे धक्का दिया की यह गलत है। वो कुछ नही बोला और चला गया।
अब राहुल बहुत कम आता और समय गुजरता गया और दीवली आ गयी। यश के पापा गांव गए हुए थे। तो मैंने राहुल को घर में बुला लिया। मेरी हालात इतनी खराब थी की कुछ नही खरीद सकती।
राहुल ने यश के लिए कपडे और पटाके दिए और मेरे लिए हरी रंग की साड़ी ,मिठाई भी लाया। यश खाना खा के सो गया मैं और राहुल छत में थे नज़ारे देख रहे थे रात के। राहुल मेरे बगल में आ गया और मेरी सुंदरता की तारीफ करने लगा। उसने सेल्फी ली और दिखाई।
मैं वाकई में बहूत सुन्दर लग रही थी। वो मेरी कमर पकड़ लिया और धीरे धीरे सहलाने लगा। मैं उसे रोकने लगी। उसने मेरी चूत में हलचल मचा कर मेरी हलचल शुरू कर दी। वो मेरी चूत को रगड़ने लग था। मेरी पीठ को चूमने लगा था। और मैं पलट कर उसे देखने लगी।
उसने मेरे चेहरे को पकड़ कर मेरे होंठो को चूम लिया। ये मेरी जिंदगी का पहला चुम्बन था। मैं होश खो बैठी। राहुल मुझे गोद में उठा कर नीचे कमरे में ले गया मैंने जैसे गेट की कुण्डी लगाई उसने मेरे दूध को मसलने लगा। उसने मेरी साड़ी खीच दी। मैं मना करने लगी।
वो जबरदस्ती करने लगा। मैं हरे रंग की पेटीकोट और ब्लाउज में थी। राहुल मुझे अपनी बाँहो में जकड कर मेरे गले को चूम रहा था। मैं अभी भी उसे मना कर रही थी।
राहुल मुझसे अलग हो गया और दूर खड़ा हो गया। फिर अचानक से वो मेरी ब्लाउज को खिंच दिया और ब्लाउज के हुक टूट गए। मेरे दोनों गोरी थान बहार आ गए और राहुल उन्हें दबाकर चूसने लगा।
मैंने बेकाबू हो कर उसके बाल सहलाने लगी। वो मेरे चुचियो को चूसने लगा। फिर उसने मेरे गांड को दबाना शुरू किया। मैं उसे चूम रही थी। देखते ही देखते उसने मेरी पेटीकोट का नाड़ा खीच दिया और मैं बस पैंटी में।
वो मेरे जिस्म को चूम रहा था। मैंने उसे चोदने से माना किया। वो मेरी पैंटी को कैंची से काट दिया। मैं पूरी नंगी हो गयी। और जोर जोर से मेरी चूत को ऊँगली से चोदने लगा। मेरी मूत निकल गया।
वो सोफे में लेट गया और मेरे चूतर को पकड़ कर अपने चेहरे के ऊपर ले आया हम 69 स्थिति में थे। मैं जोर जोर से उसके लंड को चूसने लगी। और वो मेरे चूत के होंटो को चाटने लगा। मैं डर रही थी कहीं यश न उठ जाये।
उसने मुझे सोफे में लिटा दिया और मेरी एक टांग उठा कर अपना लंड रगड़ने लगा। फिर डाल दिया तो मेरी जान निकल गयी। बहुत मोटा और लंबा था। वो जोर जोर से चोदने लगा। मेरा गाला दबा के चोदने लगा। में भी अआह अआह राहुल आआअह करने लगी।
थोड़ी देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से चोदने लगा। मैं उसके लिए पागल हो गयी थी। फिर उसने मेरे मुह में अपना लौड़ा दिया। मैं पहली बार किसी का लंड चूसी थी।
राहुल मेरे मुह में लौड़े को पुरे गले तक डाल देता और मेरी सांस अटक जाति। उसने मेरे सर को पकड़ा और जोर जोर से चोदने लगा। मेरी तो जान ले ले रहा था।
मैं खड़ी थी दरवाजे के चौखट पे वहां उसने मेरी एक टांग उठाई और मेरी चूत को जोर जोर से चोदने लगा मैं उसे होंठो में काट ली। उसने मुझे चोदते हुए उठाया और हवा में चोदने लगा। हम बैडरूम में थे। यश सोया हुआ था।
राहुल मुझे चोद रहा था। और थोड़ी देर में मेरी चूत के अंदर झड़ गया। हम चूमने लगे एक दूसरे को। और एक दूसरे की बाँहों में सो गए। सुबह उठे तो वो बहार सोया हुआ था।
मैंने उसे कल की चुदाई के बारे में बताया की ये मेरी सबसे अच्छी चुदाई थी। इसने मेरी ख्वाइसें जानी जैसे की मुझे चुदाई की तड़प रहती है ,और अच्छे कपडे , सेक्सी ड्रेस ,नाइटी ब्रा पैंटी। वो मेरे लिए ऑनलाइन कपडे माँगा देता और वो कपडे में सिर्फ उसके लिए पहनती।
एक बार उसका एक दोस्त घर आया था। रोहित नाम था। पंजाब से था हट्टा कट्टा। राहुल के घर में जगह नही थी। तो मेरे घर में सोने अए थे दोनों।
शायद रोहित को मेरे और राहुल के रिश्ते के बारे में पता था। रोहित और राहुल कमरे में सोये हुए थे। तो राहुल के साथ मैं किचन में थी। उसे चूम रही थी।
राहुल मुझे स्लैब में बैठा कर मेरी चूत को चूस रहा था। मेरी आँखे बंद थी। राहुल पूरा नंगा था। तभी रोहित आ गया और मेरे होंठो को चूमने लगा। मैं चौक गयी। उसे दूर किया। उसने मुझे फिर मेरा चेहरा पकड़ कर जबरदस्ती चूमने लगा।
मैं हटाना चाहती थी पर उसके चुम्बन से कमजोर हो गयी। मैंने उसे बाँहो में भर कर चूमने लगी। राहुल मेरी चूत की मूत्र नाली को जुबान से छेड़ रहा था। और इधर रोहित ने मुझे अपना लंबा लंड मुह में दे डाला।
राहुल ने मुझे किचन से उठाकर सोफे पर ले गया। राहुल और रोहित दोनों अपने होंठो को चूम रहे थे। राहुल मेरी चूत को चाट रहा था। और रोहित राहुल के लंड को चूस रहा था।
फिर दोनों ने अपना लौड़ा मेरे मुह में दे दिया। मैं बारी बारी कर उनको चूसने लगी। फिर उन्होंने मेरे मुह की चुदाई की। रोहित ने अपनी गांड फैलाई और राहुल अपना लंड उसकी गांड में दाल चोदने लगा मैं रोहित के मुह पर बैठी थी और राहुल को चूम रही थी। रोहित के मुह में झड़ गयी।
फिर राहुल सोफे पर बैठ गया और मैं उसके लौड़े पर बैठ गयी। रोहित मेरी गांड के छेद को थूक लगाने लगा और झटके से मेरी गांड में घुसा दिया मैं चीख उठी। दोनों मुझे चोदने लगे। मुझे ऐसा लग रहा था की मेरी जान चले जयेगीे।
रोहित का लंड बहुत बड़ा था। उसने मुझे उछाल उछाल कर चुदा मेरे दूध को पागलो की तरह दबाया और गांड में थप्पड़ भी मारे। कभी रोहित मेरी चूत चोदता कभी राहुल। मैं और रोहित डोग्गी स्टाइल में थे और राहुल एक एक करके हमारी गांड चोद रहा था।
2 घण्टे चुदाई चली मैं बुरी तरह थक गयी थी। मेरी चूत पानी निकल गया और राहुल और रोहित दोनों मेरे चूत के अंदर झड़ गए।
उन दोनो ने बहूत अच्छी चुदाई की। मैं थक चुकी थी। राहुल और रोहित के बिच में लेट गयी। रोहित मेरी बाहों में मुझे चूम रहा था। राहुल फिर मुझे बहो में भर कर चूमने लगा और मेरी बाँहो में सो गया।
भले ही मैं तीन लोगो से चुद गयी, भले ही रोहित ने मुझे ज्यदा दर्द दिया पर राहुल हमेशा मेरा प्यार रहेगा। राहुल की बाँहो में लगता हैं की वो मेरे लिए ही आया है। काश वो मेरा पति होता, हर वक़्त चुदवाते रहती।
राहुल ने मुझे बिगड़ दिया था। उसने मेरा पूरा दर्द ले लिया। बदले में मैं उसे प्यार कर लेती। यश के स्कूल जाने के बाद वो आ जाता और हम बहुत चुदाई करते। वो कभी मेरे हाँथ पैर बांध कर चोद देता और कभी मुझे नहाते वक़्त चोदा करता। वो जब मन चाहे मुझे चोद करता मैं उसे बिलकुल मन नही करती।
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