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दोस्तो, मैं राहुल, मुज़फ़्फ़रपुर का रहने वाला हूँ, मेरी तरफ़ से आप सभी दोस्तों, भाभी और आंटी, लड़कियों को नमस्कार! वैसे तो मैं करीब सात साल से अन्तर्वासना पर आने वाली कहानियों का नियमित पाठक हूँ और यहाँ की चुदाई की स्टोरी मुझे काफ़ी अच्छी लगती हैं. आज मैं भी एक कहानी आप लोगों के सामने बताने जा रहा हूँ जो मेरे जीवन की ही है, उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों को मेरी ये कहानी जरूर पसंद आएगी और आप लोग अपना प्यार मुझे ज़रूर देंगे.
बात आज से करीब एक साल पुरानी है, तब मैं अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई ख़त्म करके अभी नया नया ही बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में रहने के लिए आया था और जॉब के लिए तैयारी कर रहा था. मैं जिस मकान में रहता था, उस मकान में और भी किरायेदार लोग रहते थे लेकिन मेरी उम्र का कोई नहीं था तो ज़्यादा मैं किसी से बातचीत नहीं करता था.
बात पिछले साल की सर्दियों की है, दोपहर में मैं धूप का मज़ा लेने के लिए छत पे गया और वहीं चटाई बिछा कर अपनी पढ़ाई भी कर रहा था. तो कुछ देर बाद मुझे लगा कि मेरे पीछे कोई खड़ा है, जब मैंने पीछे की ओर देखा तो पाया कि एक बहुत ही खूबसूरत औरत बगल वाली छत से मेरे तरफ ही देख रही थी.
उसे देख कर मैं थोड़ा मुस्कुरा दिया तो वो भी जवाब में मुस्कुरा दी.
फिर मैं पढ़ने में लग गया लेकिन मेरा ध्यान तो उसकी खूबसूरती को देखने के बाद लग ही नहीं रहा था पढ़ाई में… और मेरी अंदर की वासना भी जाग रही थी. क्या बताऊँ यार… वो एक 22-24 साल की औरत थी और उसके चुचे भी 36 इंच के लग रहे थे.
कुछ देर बाद मैं वहाँ से उठ कर नीचे अपने कमरे में जाने लगा तो उसने मुझे बुलाया और पूछा कि मैं क्या करता हूँ और मेरा नाम भी पूछा. तो मैंने उसे अपनी सारी जानकारी दी और अंत में उसका नाम भी पूछ लिया तो पता चला कि उसका नाम नेहा है और वो यहाँ अपने ससुराल में रहती है.
उस दिन बस इतनी ही बात हुई और फिर मैं नीचे चला गया और उस औरत को याद करके 2 बार मुठ मारी. उसके बाद अगले दिन का बेसब्री से इंतजार करने लगा.
अगले दिन फिर मैं उसी टाइम पे छत पे गया तो वो पहले से ही छत पे थी और मुझे देखते ही मुस्कुरा दी मानो वो मेरा ही इंतजार कर रही हो! मैंने कहा- भाभी, आज तो आप हमसे पहले ही छत पे आ गयी हैं? मेरे इतना कहने पे वो मुझे बोली- राहुल तुम मेरी ही उम्र के हो और मुझे भाभी कहते हो तो मुझे अच्छा नहीं लगता है, तुम मेरे दोस्त की तरह हो, तुम मुझे मेरे नाम से ही बुलाओगे तो मुझे अच्छा लगेगा!
उसके इतना बोलने के बाद मैं मौका नहीं गंवाना चाहता था और मैंने बोला- तो ठीक है, आज से हम लोग दोस्त हैं नेहा! फिर हम लोगों की बातें होने लगी मैं- आपके घर पे कौन कौन है? नेहा- मैं और मेरे सास-ससुर! मै- आपके पति कहाँ रहते हैं और क्या करते हैं? नेहा- वो इंजिनियर हैं और बाहर दूसरे शहर में रहते हैं और कभी कभी 10-15 दिन में आते रहते हैं! उनकी बात छोड़ो न… राहुल अपनी बताओ!
मैंने समझ लिया कि शायद ये अपने पति से खुश नहीं है तो मैंने भी ज़्यादा कुछ नहीं पूछा और बोला- आप ही बताओ कि क्या बोलूं मैं? तो उसने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने ना में जवाब देते हुए कहा- मेरी तो पहली बार आपसे ही दोस्ती हुई है और आप चाहें तो मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड समझ सकता हूँ.
इस बात पर नेहा भाभी हंस पड़ी और मेरा हाथ पकड़ लिया. उसके हाथ पकड़ते ही मुझे कुछ हुआ और मैं भी मौके को देखते हुए उसकी छत पर चला गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया, उसने भी मेरा साथ दिया और मुझे कस के अपनी बांहों में जकड़ लिया.
फिर हम लोग एक दूसरे को चूमने लगे और फिर मैं अपना एक हाथ उसकी चुची पर लाकर उसे दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसके चूतड़ को मसल रहा था. चूंकि हम लोगों की छत आसपास की छतों से ऊँची थी तो ये सब कोई देख भी नहीं सकता था.
फिर मैं उसकी साड़ी के अंदर हाथ ले गया और उसकी चड्डी में हाथ डाल कर उसकी चूत को रगड़ने लगा, भाभी की चूत के ऊपर बाल नहीं थे, शायद उसने आज ही साफ किये होंगे. मैंने जब उसकी चूत को रगड़ते रगड़ते उसमें उंगली डाली तो वो चिंहुक गई और मेरी चड्डी में हाथ डाल कर मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर हिलाने लगी, जो अभी खड़ा था और 7 इंच लंबा और काफ़ी मोटा हो गया था.
अब मैं उसकी चूत में उंगली कर रहा था और वो मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे कर रही थी, हम लोग एक दूसरे में खो गये थे.
तभी उसकी सास ने आवाज़ देकर उसे नीचे बुलाया और वो जाने लगी, जाते जाते उसने मुझे अपना नंबर दिया और मिसकाल देने को बोला. इस तरह हम दोनों का मिलन अधूरा ही रह गया. फिर मैंने नीचे जाकर उसके नंबर पे मिसकाल किया और फिर उसके कॉल का इंतजार करने लगा.
रात को ख़ाना खाकर मैं बेमन से पढ़ाई करने बैठा और फिर करीब रात के 11 बजे उसका काल आया, उसने मुझे अपनी छत पे बुलाया. मैं तुरंत ही छत पे गया और उसे देखते ही मेरे तो होश ही उड़ गये, वो पिंक कलर के गॉउन में बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
मेरे वहां जाते ही वो मुझे नीचे अपने बेडरूम में ले गयी और मुझे अपनी बांहों में भर लिया. मैं भी उसे चूमने लगा और चूमते चूमते उसके गाऊन को उतार फेंका और उसे बेड पे लेटा दिया. वो अंदर में पिंक कलर की ही ब्रा और चड्डी पहनी हुई थी जिसे मैंने तुरंत निकाल दिया और उसके चुचे और चूत को देख कर मैं तो जैसे पागल ही हो गया.
उसके चुचे बहुत ही कड़क थे और चूत तो ऐसे लग रही थी जैसे कभी उस चूत में कभी लंड गया ही न हो, मैं उस पर टूट पड़ा और एक हाथ से उसके चुचे मसल रहा था तो दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगली कर रहा था.
फिर मैं अपना मुंह उसकी चूत के पास ले गया और उसकी चूत को जीभ से चुदाई करने लगा, वो भी चूतड़ उठा उठा कर मुख चुदाई का मज़ा ले रही थी. उसके बाद वो मेरे कपड़े खोल कर मेरे लंड को चूसने लगी और फिर हम लोग 69 की पोज़िशन में हो गये. मुखचुदाई में ही उसकी चूत ने एक बार पानी छोड़ दिया और वो भी पूरे ज़ोर से मेरे लंड को हिलाने लगी और बोली- राहुल मैंने बहुत दिन से अपनी चूत में लंड नहीं लिया है, प्लीज़ मुझे और ज़्यादा नहीं तड़पाओ, मेरी चुदाई करके मुझे अपना बना लो.
इतना कहकर उसने अपने पैरों को फैला लिया, मैं भी उसकी तड़प को देख कर उसके पैरों के बीच में आ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर सेट करके रगड़ने लगा, रगड़ने से उसकी तड़प और भी बढ़ती जा रही थी, वो ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी.
मैंने रगड़ते रगड़ते अपने लंड को उसकी चूत में धीरे धीरे डालना शुरू किया, लंड का टोपा अंदर जाते ही वो दर्द से कराहने लगी और बोली- इसी तरह धीरे धीरे डालो. और मैंने भी धीरे धीरे करके ही लगभग 2 मिनट में पूरी तरह मेरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. वो दर्द से कराह रही थी और उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे, मगर उसे चुदाई में इतना मज़ा आ रहा था कि वो अपने दर्द को बर्दाश्त कर रही थी.
जब वो नॉर्मल हुई तो मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और वो भी चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी. मैं भी तेज़ी से धक्के लगते हुए जबरदस्त चुदाई की और इस बीच वो 2 बार पानी छोड़ चुकी थी. चुदाई करते करते मैंने भी पानी छोड़ दिया और उसके बाद उसके ऊपर ही लेट गया.
कुछ देर बाद वो उठी और मेरे लंड के साथ खेलने लगी, फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया और ईस बार मैं उसे घोड़ी बनाकर उसकी चूत चुदाई करने लगा. हम लोग चुदाई में इतना मस्त थे, हम लोग दरवाजा बंद करना भी भूल गये थे और हम लोगों को पता भी नहीं चला कि कोई हम लोगों की चुदाई को देख भी रहा है.
चुदाई करते करते जब मेरी नज़र दरवाजे की तरफ गयी तो मैंने देखा कि कोई 45 साल की औरत नाइटी पहने खड़ी होकर अपनी नाइटी को कमर तक उठाकर अपनी चूत को रगड़ रही थी, मैं समझ गया कि यह औरत नेहा की सास है. मैंने जब उसे देखा तो वो मेरी तरफ़ आई और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पे रख दिया और उसे रगड़ने को बोली.
अभी तक नेहा को नहीं पता था कि उसकी सास भी आ गयी है, अचानक जब नेहा की नज़र अपनी सास पे गयी तो वि बिल्कुल डर गयी और बैठ गयी. लेकिन जब उसने देखा कि मैं उसकी सास के चूत में उंगली कर रहा हूँ और उसकी सास भी मज़े ले रही है तो वो नॉर्मल हो गयी.
अब नेहा की सास ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और उसे हिलाने लगी. फिर उसे मुंह में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. लगभग 10-15 मिनट लंड चूसने के बाद वो बोली- तुम लोगों की चुदाई देख कर मेरी चूत में भी बहुत खुजली हो रही है… प्लीज़ जल्दी से मेरी चूत की खुजली को मिटा दो! और नेहा से बोली- तुम डरो नहीं, मैं समझ सकती हूँ तुम्हारा प्राब्लम, तुम चिंता नहीं करो!
फिर मैंने अपने लंड से नेहा की सास की जबरदस्त चुदाई की.
उसके बाद तो नेहा और उसकी सास को हमेशा साथ साथ ही चुदाई करता था और वो दोनों मुझ से इतना खुश थी कि हर चुदाई के बाद मेरे लाख मना करने के बाद भी 2000 रुपया दे ही देती थी. इस तरह उन सास बहू की चुदाई चलती रही और उसके बाद मैंने और भी बहुत सारी आंटी और भाभी लोगों की चुदाई की है.
आपको मेरी यह सच्ची कहानी कैसी लगी, माफ़ कीजिएगा अगर कोई ग़लती हुई होगी तो… क्योंकि मैंने पहली बार यहाँ अपनी कहानी को पोस्ट किया है. आप मुझे मेल ज़रूर कीजिएगा मेरे कहानी के बारे में ताकि मैं आगे और कहानियाँ लिखूँ और आप सभी का मनोरंजन करूँ? मेरी भाभी लोगों और आंटी लोगों को नमस्कार! आपका अपना राहुल मैं आप लोगों के जवाब का इंतजार करूँगा. [email protected]
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