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हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम दीप्ति है, मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ. आपकी जानकारी के लिए और लंड खड़ा करने के लिए बताना चाहती हूँ कि मेरा फिगर 28-26-30 का है, मैं एकदम फेयर कलर की माल किस्म की लौंडिया हूँ.
मैं यहाँ अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी काफी पहले से पढ़ रही हूँ. मैंने काफ़ी टाइम से तो सोचा भी था कि मैं भी अपना एक्सपीरियेन्स आप सभी के साथ शेयर करूँ. मगर मन में थोड़ी हिचकिचाहट होती थी. लेकिन फिर आज अंततः मैं आपके सामने अपने सेक्स स्टोरी लिख रही हूँ.
मेरा एक फ्रेंड है, वो मुझे बहुत पसंद करता है, उसका नाम राहुल है. उसकी उम्र 25 साल की है. मैं भी उसको पसंद करती हूँ लेकिन वो मुझसे उम्र में बड़ा है इसलिए कभी उसको इस बारे में मैंने हां नहीं कहा.
मुझे लगता था कि इसके साथ पता नहीं मुझे कैसा लगेगा. हालांकि आज मुझे लगता है कि मर्द की कोई उम्र नहीं होती है, उसकी फुर्ती और जोश ही औरत की चुदाई के लिए काफी होता है.
यह बात 5 महीने पहले की है, उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था. मम्मी पापा मेरी नानी के यहाँ गए हुए थे क्योंकि नानी की तबीयत खराब थी. उनको आने में समय लग रहा था तो मम्मी ने मुझसे फोन करके कह दिया था कि कोई दिक्कत हो तो फोन कर लेना.
मैंने भी उनको परेशान करना ठीक नहीं समझा और मुझे कोई दिक्कत भी नहीं हो रही थी.
उस रात राहुल की मुझसे फोन पर बात हुई तो मैंने उसको बताया कि नानी की तबियत खराब होने के कारण मम्मी पापा उधर गए हैं और उनको आने में कुछ दिन लग सकते हैं. उसने पूछा- तो घर में तुम अकेली हो क्या? मैंने कहा- हां.. उसने मुझसे कहा- मेरी कोई जरूरत हो तो बताओ? लेकिन मुझे कोई दिक्कत नहीं थी, तो मैंने मना कर दिया.
दूसरे दिन सुबह राहुल की कॉल आई. उसने मुझसे शॉपिंग के लिए बाहर चलने की बात कही.
उस दिन मॉर्निंग में शॉपिंग के लिए निकलने के हिसाब से बहुत सर्दी थी.. फिर भी हम लोग गए.. और 3 बजे दोपहर को उसने मुझे मेरे घर ड्रॉप कर दिया. मैंने उसको अन्दर बुला लिया था क्योंकि पूरा दिन शॉपिंग की वजह से हम दोनों काफी थक गए थे.
मैं उसे अपने बेडरूम में ले गई थी. उसको वहां बैठा कर मैं उसके लिए कॉफी बनाने रसोई में चली गई थी.
अचानक से वो रसोई में मेरे पीछे आ गया, जिससे मैं एकदम से डर गई थी. फिर हम दोनों ने रसोई में ही कॉफ़ी पी. इस दौरान वो मुझसे प्यार की बातें करने लगा. मैंने उससे हंस कर पूछा कि तुम इधर क्यों आ गए? उसने कहा- मुझे तुमसे बात कहनी थी.
मैंने उसकी तरफ सवालिया नजरों से देखा तो उसने मुझसे अपने प्यार का इजहार करते हुए मुझसे कहा कि यदि तुम मुझे पसंद करती हो तो मेरे प्यार को स्वीकार कर लो.
ऐसी बातें करते करते वो मेरे बहुत पास आ गया था. मैंने उसकी बात से कोई इन्कार नहीं किया था, जिससे उसने मुझे चूमना चालू कर दिया. मैंने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.
अब जो काम वासना बढ़ी, तो वो मुझे उठा कर मेरे बेडरूम में लेकर आ गया. मुझे खड़ा करके उसने मुझे फिर से चूमना शुरू किया और मेरी जीन्स व टॉप को निकाल दिया. हालांकि मैंने उसका सहयोग किया, पर मैं शर्म के मारे दीवार की तरफ मुँह करके खड़ी हो गई.
वो मेरे पीछे आकर पीछे से मुझे पकड़ कर मेरे कान में बोला- कैसा लग रहा है.. क्या और आगे कुछ करने की परमीशन है? पहले तो मैं कुछ नहीं बोली तो वो और आगे बढ़ गया.
फिर वो बोला- कुछ तो बोलो. मैंने कहा- ये सवाल तुमको मेरे कपड़े उतारने के पहले पूछना चाहिए था.
वो मेरी बात का मतलब समझ गया कि मैं राजी हूँ. तब भी उसने कहा- उस समय मुझे लगा था कि तुमसे पहले पूछना चाहिए, मगर जब तुमने मेरा हाथ नहीं रोका तो मुझे लगा कि इसमें तुम्हारी रजा है. इतना बोल कर उसने मुझे मेरे गालों पर हौले से काट लिया.
मेरी एक मीठी सी चीख भरी सिसकारी निकल गई और मैं उससे और अधिक चिपक गई. उसने मेरे पीछे से अपने हाथों को मेरे मम्मों पर रख दिया और उन्हें दबाने लगा. उस वक्त मैं सिर्फ़ पेंटी ब्रा में थी और मुझे इतनी शर्म आ रही थी कि पूछो मत.
कुछ देर हम दोनों यूं ही प्यार करते रहे. फिर उसने भी अपनी जींस शर्ट निकाल दी और लगे हाथ अपने इनरवियर भी उतार दिए. उसने अब फिर से मुझे पीछे से पकड़ लिया. मैं उसकी नंगी छाती को महसूस करके एकदम से सिहर गई.
तभी उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया. मैं उसको देखे बिना ही उसके साथ चिपक गई. हम दोनों फिर से किसिंग करने लगे.
अचानक उसने अपना एक हाथ मेरी सीधे तरफ वाली चुची पर रख कर उसको मींजना शुरू कर दिया. अब मैं भी गर्म होने लगी और मेरी कामुक सीत्कारें निकलने लगीं.
इससे उसकी हिम्मत और बढ़ गई और उसने मेरा सीधा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया.
तब मैंने महसूस किया कि इसने अपना बॉक्सर नहीं उतारा था. उसके बॉक्सर के ऊपर मेरा हाथ रख कर वो मेरे हाथ को अपने लंड पर दबाने लगा. उसका लंड मुझे इतना बड़ा लग रहा था कि मैं डर गई.
मैंने उसके लंड से हाथ हटाने की कोशिश की, पर वो मुझे किसिंग करते हुए जकड़े रहा. फिर वो मुझसे बोला कि नीचे बैठ कर मेरे लंड की किस्सी लो न.
मैं पता नहीं क्यों इतनी कामुक हो चुकी थीं बड़े लंड से डरने के बावजूद भी उसको मना नहीं कर पाई. अब मैं अपने घुटनों पर बैठ कर उसके लंड को देखने लगी.
उसने मेरे सर को अपने लंड की तरफ दबाया तो मैंने उसके लंड की महक को जज्ब करते हुए उसके सुपारे पर एक किस किया.
वो मुझसे लंड को मुँह में लेने को बोला- डार्लिंग मुँह में लो ना.. इसे जितना ज्यादा मुँह में लोगी, उतना ही मज़ा आएगा.
मैंने ट्राई किया और सुपारे पर जुबान फेरी. लेकिन उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था.. लगभग 7″ लंबा और 3″ मोटा रहा होगा. मैंने कोशिश की और जितना लंड मेरे मुँह में मैं ले सकती थी, मैंने लंड चूसना चालू कर दिया.
अब उसकी आँखें बंद हो गईं और मेरी खुल गईं.
मैंने उसके लंड की गोटियों पर भी हाथ फिराना और सहलाना चालू कर दिया, जिससे उसकी गरम आवाजें निकलने लगीं.
वो मेरे मुँह में अपने लंड को अन्दर तक ठेलने की कोशिश करने में लग गया. मैंने भी उसके लंड को अपने गले तक लेकर चूसने लगी थी.
कुछ ही देर में मुझे मजा आने लगा और मैंने भी पूरी तन्मयता से उसका लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. वो बीच बीच में मेरे सिर को पकड़ कर मेरे मुँह में अपने लंड को अन्दर बाहर करता रहा. एक दो बार तो उसने मेरे गले तक लंड डालने की कोशिश भी की, जिससे मुझे तेज खांसी सी आ गई.
सर्दी के मौसम में भी हम दोनों की बॉडी बहुत गर्म हो चुकी थी.
मेरी चुत भी पानी छोड़ रही थी.
फिर उसने मुझे दीवार के तरफ मुँह करके खड़ा किया और वो मेरे पीछे आ गया. जैसे ही उसने मेरे चूतड़ों को हाथ से पकड़ा, मेरी सिसकारियां निकलने लगीं. फिर उसने मेरी गांड को मसला, जिससे मेरी सिसकारियां और तेज होने लगीं.
तभी अचानक उसने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड सैट कर दिया. उसका लंड इतना अधिक गर्म था.. मानो लोहे की गर्म रॉड हो.
उसने मेरे कान में कहा कि रेडी हो? मैंने उससे कहा- तुमने ग़लत जगह सैट किया है. लेकिन उसने बोला कि मुझको यही चाहिए.
इतना कह कर उसने बिना मेरे उत्तर की प्रतीक्षा किए बिना ही धक्का दे दिया. उसका लंड सटाक से मेरी गांड में घुस गया.
दर्द से मेरी चीख निकल पड़ी, लेकिन उसने मेरी चीख को ध्यान ही नहीं दिया. हालांकि मेरी तड़फ की वजह से उसका लंड गांड के छेद से स्लिप कर गया और मैं झटके से घूम गई.
मैंने उसकी तरफ मुँह करके कहा- उस तरफ के लिए अभी मैं रेडी नहीं हूँ. लेकिन वो मान ही नहीं रहा था. उसने मुझे फिर से दीवार की तरह मुँह करके खड़ा कर दिया और इस बार उसने मेरी गांड पर थूक लगा कर फिर से लंड टिका दिया.
इस बार उसने मेरी गांड में लंड घुसा ही दिया.. मेरी चीखें पूरे कमरे में गूँजने लगी थीं. लेकिन उस बेदर्दी को कोई फ़र्क ही नहीं पड़ रहा था. मेरी आँखों से आंसू आने लगे थे. वो मेरे कान में बोला कि सच में यार तेरी गांड बहुत टाइट और बड़ी मस्त है.
कुछ मिनट धीरे धीरे गांड की चुदाई से मेरा दर्द कम होने लगा और अब मैं भी उसका साथ देने लगी. फिर वो मेरे कान में बोला कि बेड पर चलते हैं. उसने जैसे ही अपना लंड बाहर निकला.. मुझे अजीब सा दर्द हुआ.
वो मुझे बेड की तरफ ले गया और बेड के किनारे पर मुझे घोड़ी बनने को बोला. है. मैं घोड़ी बन गई. उसने पीछे से मेरी गांड पर फिर से लंड सैट किया और अन्दर डाल दिया.
लंड घुसते समय मुझे फिर से बहुत दर्द हुआ लेकिन वो मेरी एक नहीं सुन रहा था. वो मजे से धीरे धीरे मेरी गांड मारता रहा. जब उसका पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया, तब वो एक मिनट के लिए रुक गया.
उसने मुझसे पूछा- कैसा लग रहा है? मैंने भी बता दिया कि दर्द तो हो रहा है लेकिन मीठा सा मजा भी आ रहा है. वो बोला- दर्द ज्यादा है कि मजा? मैने कहा- दर्द ज्यादा हो रहा है.
उसने फिर से मेरी कमर को पकड़ कर पूरा लंड निकाला और फिर झटके से पूरा लंड अन्दर तक पेल दिया. अब उसने मुझे पूछे बिना ही धकापेल झटके देना शुरू कर दिए.
इसके बाद उसने मेरी चुत में अपनी उंगली डाली तो मुझे डबल मजा मिलने लगा. मैंने भी उसके एक हाथ को अपनी चुचियों पर धरवा लिया और उसने मेरी चूचियों को आटे जैसा गूँथना शुरू कर दिया.
करीब 15 मिनट तक मेरी गांड मारने के बाद उसने अपने लंड का पानी मेरी गांड में ही निकाल दिया.
उसके बाद हम ऐसे ही लेटे रहे. वो मुझे चूमने लगा, मुझे भी इस वक्त उसका साथ अच्छा लग रहा था. हम दोनों फिर से गुत्थम गुत्था हो गए. उस वक्त बहुत ज्यादा तो कुछ नहीं हुआ, बस यूं ही दुबारा मिलने की बात पक्की हो गई.
थोड़ी देर बाद वो अपने कपड़े पहन कर चला गया. उसके जाने के कुछ देर बाद जब मैं बेड से खड़ी होने लगी, तो मेरी टाँगें कांपने लगीं.. बेहद दर्द के कारण मुझसे चला भी नहीं जा रहा था. मैं वापस लेट गई और बेड की दराज से पेन किलर निकाल कर खा ली. मुझे नींद आ गई और मैं सो गई.
एक दो दिन बाद मेरा दर्द नॉर्मल हो गया. उसके बाद उसने मेरी फिर से चुदाई की. इस बार उसने मुझे आगे से पेला, जिससे मुझे बेहद मजा आया. वो किस्सा मैं फिर कभी लिखूँगी.
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