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हिंदी सेक्स स्टोरीज के पाठकों को मेरा नमस्कार… मेरा नाम जीत रॉक है, मैं इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हूँ और अभी सेकंड ईयर में हूँ. भाभी की चुत चुदाई की यह रियल स्टोरी तब की है, जब मैं फर्स्ट ईयर में था. उस वक्त जब मेरी छुट्टियां होतीं तो मैं अपने घर से अपनी ताई के घर चला जाता था क्योंकि उनका घर मेरे घर से सिर्फ आधा घंटे की दूरी पर था.
इसी तरह एक बार मैं ताई के घर गया. उस वक्त घर पर भाभी, ताई और उनकी लड़की जो 3 साल की है, वो थी. भाभी का नाम प्रिया था. मैं उनके घर गया, भाभी को हैलो किया, ताई को नमस्ते और जा कर बैठ गया, मैं उनसे बात करने लगा.
भाभी ने मुझे चाय और बिस्किट्स दिए और हम बातें करने लगे. भाभी मुझसे बहुत मजाक करती थीं. उस दिन वे मुझसे पूछने लगीं कि तुम्हें फ्रूट कौन से पसन्द हैं? मैंने उनके मम्मों की देखा और बोला- भाभी मुझे चूसने वाले आम पसन्द हैं.. आपको कौन सा फल पसन्द है? भाभी ने भी मुस्कुरा कर कहा- मुझे केला चूस कर खाना अच्छा लगता है! मैंने कहा- क्या..! आपको केला चूसना अच्छा लगता है? भाभी बोलीं- हां केले चूसना पसंद हैं.
इतना कह कर भाभी हंसने लगीं और रसोई में जाकर काम करने लगीं.
हम दोनों ऐसे ही बात कर रहे थे और ताई जी दूसरे कमरे में भाभी की लड़की के साथ सो रही थीं. भाभी बोलीं- जीत, आते रहा करो.. मैं अकेले बोर हो जाती हूँ.
क्योंकि उनके घर में सब जॉब करते हैं और ताई भी एक एनजीओ चलाती हैं इसलिए मैंने कहा- ओके भाभी मैं कल भी आ जाऊंगा. वो बोलीं- ठीक है.
अगले दिन मैं गया तो घर पर कोई नहीं था. केवल प्रिया भाभी और उनकी लड़की थी. मैं थोड़ी देर उनकी लड़की को खिलाने लगा. जब वो सो गई तो भाभी ने कहा- इसे दूसरे कमरे में सुला दो. मैंने कहा- ओके.
मैं उसको दूसरे कमरे में सुला आया और आकर प्रिया भाभी से बात करने लगा. हम दोनों ऐसे ही इधर उधर की बात कर रहे थे. फिर मैंने प्रिया भाभी से पूछा कि भाभी अगले बेबी की प्लानिंग कब कर रही हो? यह सुन कर वो उदास सी हो गईं.
मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी? भाभी बोलीं- नहीं होगा अगला बेबी… मैंने बोला- क्यों? तो वो बोलीं- तुम्हारे भैया को दिक्कत है कुछ!
मैं समझ गया, अब मैंने टॉपिक बदल दिया क्योंकि भाभी उदास हो गई थीं. मैंने बोला- कोई बात नहीं भाभी, एक लड़का अडॉप्ट कर लो. भाभी कुछ नहीं बोलीं, फिर मैं थोड़ी देर बाद चला आया. फिर 4 दिन तक नहीं गया.
पांचवें दिन भाभी का फोन आया. मैंने बोला- हां जी, भाभी जी.. बोलो. भाभी बोलीं- यार, आते क्यों नहीं हो, मैं अकेली बोर हो जाती हूँ. मैंने बोला- कल आता हूँ. वो बोलीं- ठीक है, मैं इंतजार करूँगी.
मेरी भाभी का रंग गोरा है और वो बहुत ही सेक्सी भी हैं, लेकिन उस दिन के पहले मैंने अपनी भाभी के बारे मैंने कभी गलत नहीं सोचा था.
मैं उनके घर गया और कॉल बेल बजाई तो प्रिया भाभी ने डोर खोला. मैं उनके तने हुए मम्मों को देखने लगा और देखता ही रह गया. भाभी ने ब्लैक साड़ी और ब्लैक ब्लाउज पहना था. उसमें से उसके चुचे बाहर आने के लिए तड़प रहे थे. मैं आपको बता दूँ कि मैं चूचियों का बहुत बड़ा दीवाना हूँ. भाभी ने मेरे को अपने मम्मों को देखते हुए देख लिया. वो बोलीं- क्या देख रहे हो.. आओ अन्दर..
मैं अन्दर आ गया. उस दिन उनकी लड़की अपनी नानी के घर गई थी और घर पर कोई नहीं था. मैं बोला- भाभी आप बहुत अच्छी लग रही हो. वो बोलीं- थैंक्स.
हम बैठ कर बात करने लगे. भाभी अपने दूध उठाते हुए बोलीं- तुम बाहर मुझे घूर कर देख रहे थे. क्या देख रहे थे? मैंने कहा- भाभी, मुझे कहने में थोड़ी झिझक लग रही है. भाभी बोली- बिंदास बोलो यार.. मुझे बुरा नहीं लगेगा.
मैंने उंगली उठा कर उनके दूध की तरफ इशारा किया कि इन्हें देख रहा था. भाभी इठला कर सीना तानने लगीं. मैं समझ गया कि भाभी मस्ती के मूड में हैं, मैं बोला- भाभी मैं एक बार आपके मम्मों को टच कर सकता हूँ? वो बोलीं- नहीं.
मैं ज़िद करने लगा तो वो मान गईं, फिर बोलीं- ओन्ली टच करने की बात हुई है. मैंने कहा- ओके..
भाभी ने साड़ी पहनी हुई थी. मैंने उनका पल्लू हटाया और उनके मम्मों को टच किया. मैंने छूने के साथ ही हल्के से दबाए तो वो कहने लगीं- आह प्लीज़ हाथ हटाओ.. ये गलत है. मैंने दूध मसलते हुए कहा- कुछ गलत नहीं है.. भाई आपको जो संतुष्टि नहीं दे पाए, वो मैं आपको दूँगा भाभी.. मैं आपको बच्चा दूँगा. मैं इस बात को कहते समय भाभी के मम्मों को दबाए जा रहा था. उन्होंने कुछ नहीं बोला, बस ‘आह उह्ह.. न्हइ प्लीज्ज़ ये गलत है..’ बोले जा रही थीं.
इतने में मैंने आगे बढ़ कर भाभी के होंठों पे अपने होंठों रख दिए. वो एकदम से पीछे हट गईं. मैंने बोला- भाभी प्लीज़..
उन्होंने फिर अपनी आँखें बंद कर लीं और मैं आगे बढ़ कर उनको किस करने लगा. एक मिनट बाद भाभी भी रिप्लाइ करने लगीं. हमने कुछ 5 मिनट तक स्मूच किया, फिर हम अलग हो कर एक मिनट के लिए बैठ कर एक दूसरे की आँखों में देखने लगे.
फिर भाभी आगे बढ़ीं और मुझे किस करने लगीं, उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने चूचों पे रख दिया; मैं भाभी के मम्मों को मस्ती से दबाने लगा; फिर मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा. गर्दन पर चुम्मी लेने से लड़कियों को जल्दी सेक्स चढ़ता है. अभी ये ही हुआ था कि वो ‘अहह ओह जीत.. प्लीज़ और तेज़ दबाओ..’
मैंने एक एक करके उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए और ब्लाउज उतार दिया. उन्होंने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी आह्ह.. यार क्या बताऊं वो बहुत सेक्सी लग रही थी. आज भी भाभी की उस गरम जवानी को याद करके लंड सलामी देने लग जाता है.
मैं उनके चुचे तेज तेज दबाने लगा और स्मूच करने लगा. वो भी अच्छे से रिप्लाइ दे रही थीं. बहुत मजा आ रहा था. उन्होंने मेरी शर्ट खोल दी और मेरी छाती पर किस करने लगीं. मेरे मुँह से ‘ऑश एस्स ऑश..’ निकल गया. मैंने उसकी पूरी साड़ी और पेटीकोट खोल दिया और अपनी भी जीन्स उतार दी.
अब भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी, मैं अंडरवियर में था. मैं सोफे पर बैठा था, मैंने उन्हें अपने ऊपर बिठा लिया. उनकी पीठ मेरी तरफ़ थी और फिर मैं ब्रा के ऊपर से ही भाभी के चूचों को दबाने लगा. फिर मैंने भाभी की ब्रा को खोल कर उतारते हुए फेंक दिया. अब भाभी को पलटा कर उनके तने हुए चूचों को देखा तो मेरा लंड और अकड़ कर खड़ा हो गया.
वो बोलीं- लंड चुभ रहा है. मैंने कहा- कोई बात नहीं.. थोड़ी देर में अन्दर डाल दूँगा, फिर नहीं चुभेगा. भाभी हंसने लगीं.
फिर मैं एक हाथ से उनके चूचों को दबाता रहा.. दूसरा हाथ भाभी की पेंटी में डाल दिया. भाभी की चुत पर बिल्कुल छोटे छोटे बाल उगे हुए थे, जो कि पकड़ में भी नहीं आ रहे थे.. ऐसी चुत मेरे को बहुत पसन्द है.
मैंने एक उंगली भाभी की चुत में डाल दी और फिंगरिंग करने लगा. भाभी- आह उहह ओह हह उम्म्ह… अहह… हय… याह… यसस्स फक्क मी फक मी.. यस.. मैं ये सब सुन और तेज़ उंगली करने लगा. वो ‘आह ऑश अहहह.. यस यस..’ करे जा रही थीं.
फिर मैंने उनको सोफे पर बिठा कर खुद नीचे बैठ गया और उनकी पेंटी को उतार कर उनकी टाँगें खोल कर उनको आगे को खींच लिया. अब मैंने भाभी की चुत पर जीभ लगा दी, जीभ का अहसास पाते ही वो सिहर उठीं और ‘श.. आह..’ करने लगीं. मैं उनकी पिंक चुत को चाटने लगा. वो भी चूत चुसाई के मज़े ले रही थीं. वो दस मिनट बाद झड़ गईं.
मैंने भाभी की चुत का सारा पानी पी लिया और चुत को तौलिया से पोंछ दिया. फिर उठ कर भाभी को एक किस किया और अंडरवियर उतार दिया.
भाभी मेरे लंड को देख कर बोलीं- जीत यार, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है. मैंने कह- भाभी, आप इसे मुँह में लेकर प्यार करोगी? वो बोलीं- नहीं ये सब मुझे पसंद नहीं है जानू. ‘आप तो कह रही थीं कि आपको केला चूसना पसंद है!’ ‘वो तो ऐसे ही मजाक में कह दिया था.’ मैंने कहा- ओके कोई बात नहीं.
अब भाभी की चुदाई का वक्त आ गया था, मैं उनको उठा कर बेड पे ले गया और उनको बोला कि आप मेरे ऊपर आ जाओ. मैं बेड पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गईं.
भाभी ने मेरे लंड को अपनी चुत के मुँह पर रखा और उसी वक्त मैंने एक तेज झटका दे मारा. लेकिन मेरे झटके में केवल टोपा ही अन्दर गया था. भाभी एकदम से थर्रा गईं और चीख उठीं. उनको बेहद दर्द हो रहा था, वे मेरे मोटे और लम्बे लंड को झेल ही नहीं पा रही थीं. मैंने पूछा- क्या हुआ जान..? वे बोलीं- आह.. तेरा बहुत बड़ा है.. मुझे नहीं चुदना.. अब बस करो. मैंने बोला- उठो जान ऐसे काम नहीं चलेगा.. अब अलग पोज़ में खेल होगा.
वो उठीं और फिर मैंने उनको घोड़ी बना कर एक जबरदस्त झटका दे मारा. पहले झटके में मेरा दो इंच लंड अन्दर चला गया. भाभी चिल्ला उठीं. उनकी पिंक चुत बहुत टाइट थी. भाभी रोते हुए बोलने लगीं- आआआहह.. निकालो…. इसे बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है जानू.. प्लीज़ निकालो.
मैं ऐसे ही थोड़ी देर खड़ा रहा, वो दर्द से रो रही थीं. कुछ देर बाद भाभी शांत हुई, तब मैंने एक और झटका मारा. मेरा आधा लंड भाभी की चुत में चला गया था. फिर उसी समय देर ना करते हुए मैंने एक और झटका मार दिया और पूरा लंड उनकी पिंक टाइट चुत की जड़ के दर्शन कर चुका था.
भाभी रो रही थीं- निकालो प्लीज़.. बहुत दर्द हो रहा है.. पर मैं कहां मानने वाला था.
थोड़ी देर बाद वो शांत हुईं, तो मैंने आगे पीछे होना शुरू किया. कुछ देर बाद वो सामान्य हुईं और गरम होने लगीं. अब भाभी बोलने लगीं- आहह ऑश यसस्स्स तेज.. और तेजज़्ज.. फास्ट बेबी फास्ट फास्ट..
कुछ देर यूं ही कुतिया बना कर चोदने के बाद मैंने अपना लंड निकाला और बेड पर लेट गया. फिर वो भी मेरे ऊपर आ कर बैठ गईं. उन्होंने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत पर लगाया और बैठ गईं. अब मेरा पूरा लंड भाभी की चुत के अन्दर समा गया.. वो ऊपर नीचे होकर लंड का मजा लेने लगीं.
पहले भाभी धीरे धीरे ऊपर नीचे होकर अपनी चुत चुदाई करवा रही थीं.. फिर वो तेज तेज हो गईं. अब मुझे भी जोश चढ़ गया और मैं भी तेज़ तेज़ चोदने लगा. मैं उन्हें अपनी तरफ़ खींच कर किस करने लगा. भाभी बोलने लगीं- आहह ओह हह अहह ओह यस.. फ़क मी उउइई ईईई.. माँआआ मर गई.. और तेज करो.. मैं तेज तेज़ चोदने लगा. मैं समझ गया था कि वो झड़ने वाली हैं.
फिर थोड़ी देर में उनका सेक्सी बदन अकड़ गया और वो झड़ गईं.
उनके झड़ जाने के बाद मैं और तेज चोदने लगा. करीब एक मिनट बाद मैंने उनसे पूछा- बेबी मेरा लंड झड़ने वाला है.. क्या करूँ बच्चा चाहिए कि मार दूँ. उन्होंने कहा- नहीं नहीं ज़ानू मुझे बच्चा चाहिए आई लव यू.
फिर मेरा लंड सीधा उनकी बच्चेदानी में जा कर झड़ गया और मैं उनको अपने जिस्म से सटा कर किस करने लगा.
वो दिन मैं अपनी लाइफ में वो लम्हा कभी नहीं भुला सकता. उसके करीब 9 महीने बाद उनका लड़का हुआ. आज एक साल बाद वो 3½ महीने का हो गया है.
दोस्तो, भाभी की चुत चुदाई की रियल स्टोरी आपको पसंद आई या नहीं, मेल करें मुझे! धन्यवाद. [email protected]
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