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हेलो मैं हूँ वीनीत उम्र २४ वर्ष, कोलकाता का रहने वाला हूँ। और ये मेरी पहली कहानी है, ये कहानी सत्य घटना पे आधारित है। और मैंने इसमें सिर्फ पात्रो के नाम बदले है।
तो चलिए बिना बोर किये हुए, आपको कहानी पर चलते है| ये कहानी मेरी एक दोस्त चंचल (बदला हुआ नाम ) और उसके बॉयफ्रेंड स्वरुप (बदला हुआ नाम) की है। तो चलिए ये कहानी मैं चंचल की जुबानी ही सुनता हूँ, जैसे उसने मुझे बाताया है।
दोस्तों मेरा नाम चंचल है, उम्र २२ साल और और मैं इंजीनियरिंग तृतीया वर्ष की छात्रा हूँ। ये कहानी एक साल पहले की है, जब चौथी सेमेस्टर के बाद के छुट्टियां चल रही थी। २ महीने पहले ही स्वरुप और हम दोनों औपचारिक रूप में गिर्ल्फ्रेंड और बॉयफ्रेंड बने थे।
वो ५ फुट ११ इंच का एवरेज बॉडी वाला गोरा लड़का है, और मेरी ५ फुट ४ इंच की , ३४ की चूचियां है, और ३६ की गांड। हम दोनों को कुछ करने का ज्यादा मौका नहीं मिला था। बस कॉलेज में जब मौका मिलता, तो वो मेरी चूत में ऊँगली करता और मै उसका लंड चूस देती थी।
फिर सेमेस्टर एग्जाम के बाद छुट्टियां हुई। और एक दिन हम दोनो ने घूमने का कार्यक्रम बनाया। उसने लोकल वेंडर से एक बाइक भाड़े पर ली और हमदोनो NH 116B पर लॉन्ग ड्राइव के लिए निकल पडे।
फिर शायद सोया दिल्ली के आसपास हमे एक छोटा सा जंगल मिला। हमने बाइक वहां ले ली। कुछ दूर जाने बाद हमे एहसास हुआ की ये जगह बहुत ही शुनसान है। मेरे बॉयफ्रेंड को मस्ती सूझी और उसने बाइक एक जगह रोकी और हम लोग जंगल के अंदर चलने लगे। थोड़ी दूर चलने के बाद हमे एक साफ़ सुथरी जगह मिली। हम लोगो ने वह अपना सामान रखा और चादर बिछा कर बैठ गए। फिर स्वरुप ने मुझे कहा।
स्वरूप – चलो आज कर ही लेते है।
मैंने पूछा – यहाँ?
स्वरूप – हां, देखो यह दूर दूर तक कोई दिख नहीं रहा है। खुले आसमान के निचे मज़ा भी ज्यादा आएगा, और ये हमारा पहला अनुभव यादगार रहेगा।
मैंने कहा – ठीक है।
अब वो आगे बढ़कर मुझे मेरे होठो पर चूमने लग गया, मैं भी उसका साथ देने लग गयी। फिर उसने मेरी नीली जीन्स के बटन्स खोले और मैं खड़ी होकर जीन्स और पैंटी एक साथ शरका कर निचे से पूरी नंगी हो गयी।
स्वरुप ने भी अपनी जीन्स और अंडरवियर उतर दी। हम दोनो उस सुनसान जगह पर निचे से नंगे थे और हमारे क्लीन शेव्ड अंतरंग दोपहर के रौशनी में चमक रहे थे। फिर मैं चादर पे लेट गयी, और वो मेरी चूत के साथ अपनी उँगलियों से खेलने लग गया।
मैं गुदगुदी के मारे हंस रही थी, कि अचानक से उसने अपनी जुबान मेरी चूत पर लगा दी। और मेरी सिसकरी निकल गयी। मैं छटपटान लगी और मैं बोली।
मैं – लंड डाल दो प्लीज।
पर वो न माना और वो बोला – इतनी जल्दी! अभी तो बस सुरुवात है।
फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह के सामने कर के चूसने का इशारा किया, और मैं लंड को चूसने लग गयी, जैसे वो एक आइसक्रीम हो। अब उसने मेरी पिंक टॉप तो पूरा ऊपर सरका दिया, और मेरी ब्रा को भी बिना खोले सरका कर दोनों को एक एक कर के बारी बारी से चूसने लगा।
फिर वो अपना लंड ले के चूत के पास आया और ऊपर रगड़ने लग गया। और वो धीरे से लंड को अंदर सरका रहा था। चुकी मैं मूली से बहुत बार सेक्स कर चुकी हूँ, इसलिए मुझे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई, पर फिर ये मेरे लिए एक अलग एहसास था।
एक जिन्दा चीज़ मेरे शरीर के अंदर जा रही थी। एक अलग सा सुकून मिल रहा था, अभी स्वरुप ने दो धक्के मारे ही थे की दूर से आवाज़ आयी “तोमरा की कोरचो ” (तुमलोग क्या कर रहे हो)।
हमने पीछे मुड कर देखा तो दो हट्टे काटते आदमी खड़े थे। मै एक दम डर गयी और वो बिछी हुई चादर को मैंने अपने ऊपर लपेट लिया। स्वरुप अपने जीन्स की तरफ भगा पर उन्होंने उसे पकड़ लिया।
स्वरुप उनके सामने गिड गिराने लगा कि हमे जाने तो यहाँ फिर नहीं आएंगे। एक ने अपना फ़ोन निकला और सबकुछ रिकॉर्ड करने लग गया। मैंने उसे रोकना चाहा तो मेरी चादर फिसल गयी मेरा भी नंगा बदन कैमरा में आ गया।
मैंने अपनी चूत को हाथो से ढकने के कोशिश करने लगी। तभी वो लोग बोले।
वो – देखो डरने के जरुरत नहीं है, हमे पता है तुमलोग यहाँ क्या कर रहे हो और अगर मेरी बात मानोगे तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।
हम लोगो ने पूछा क्या? और उन्होंने कहा ।
वो – एक बार मुझसे से सेक्स कर लो, हम लोग चले जायेंगे और ये वीडियो भी डिलीट कर देंगे।
स्वरुप रोने लगा और वो बोला – सर ये मेरी गिर्ल्फ्रैंड है, ऐसा मत करो आप कुछ पैसे ले लो।
वो नहीं माने और बोले – पैसा नहीं चाहिए हमे ऐसी माल चाहिए।
फिर हम दोनों वह रोने लग गये। फिर उन लोगो ने आपस में बंगाली में कुछ बात की और कहा।
वो – देखो फाइनल ऑफर मनना है तो मानो नहीं तो ये वीडियो पुलिस को दे दूंगा। और फिर जानते ही हो वो क्या करेंगे।
हमने पूछा की क्या है ऑफर ?
वो – देखो ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है इसलिए हम इसमें अपना लंड नहीं डालेंगे। हम बस ऊपर ऊपर से मजा लेंगे, लेकिन हम दोनों का लुंड तुम्हे लेना होगा।
ऐसा उन्होंने स्वरुप को कहा, ये सुन कर हम दोनों असमंजस में आ गये।
मैंने स्वरुप से कहा – मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है बस तुम मुझे यहाँ से निकालो।
हमने सोचकर हां कह दिया, अब उन्होंने स्वरूप को घोड़े की तरह बैठा दिया, और मुझे उसके बगल में खड़ा कर दिया। फिर दोनों ने अपना लम्बा मोटा लंड बाहर निकला। उनके लंड देख के मैं तो डर ही गयी थी।
पर स्वरुप की हालत कयदा ख़राब थी, क्योकि उसे ये लंड लेने थे। अब एक आदमी मेरे बदन को सेहला रहा था, और दूसरा अपना लुंड स्वरुप के मुँह के आगे कर रहा था। स्वरुप फिर थोड़ी देर सोचकर गप से लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लग गया।
वो आदमी सामने से मेरे चुचे सेहला रहा था, और दूसरा पीछे से मेरा बदन को सहला रहा था। फिर वो आदमी मेरे पीछे से हटा और जा कर स्वरूप की गांड में अपना लंड पेलने लग गया। वो दर्द से छटपटाने लग गया, लेकिन वो चिल्ला नहीं पाया, क्योकि उसके मुँह में भी लंड था।
उस आदमी का लंड अभी आधा ही घुसा था, फिर उसने लंड को बहार निकाल कर उस पर अपना थूक थोड़ा माला। और वापस पूरा जोर लगा कर अंदर डालने लग गया। लुंड चीरते हुए जड़ तक जा घुसा। स्वरुप की हालत ख़राब हो गयी, उसकी आँखों से आंसू आने लगे।
और वो घु घु करके के कराह रहा था। करीब दो मिनट तक उसने स्वरुप की गांड पिलाई करने के बाद, फिर सामने वाले आदमी ने उसकी जगह ली। और ये स्वरुप के मुँह में अपना लंड चूसाने आगे चला गया।
वो लोग चोद तो स्वरुप को रहे थे, पर खेल मेरे बदन से रहे थे। कभी वो मेरी चूत को सहलाते तो कभी मेरे स्तन को। अब उस आदमी ने स्वरुप के मुँह में अपना वीर्य निकाल दिया, और उसका वो ५०% निगल गया।
इधर दूसरे इंसान ने स्वरुप के गांड को गरमा गर्म वीर्य से भर दिया था। उसकी गांड से उसका पानी बाहर बह रहा था। स्वरुप थक हार कर लेट गया, उसके मुँह और गांड से वीर्य बह रहा था।
उन लोगो ने फिर उसे पानी ला कर दिया जिससे स्वरुप ने अपना मुँह साफ़ किया, और उसने गांड को धोया। हम लोगो ने कपडे पहने और गाड़ी के तरफ चलने लगे। उन्होंने खाने का ऑफर दिया, पर हमने मन कर दिया।
हम लोग जल्दी से गाड़ी के पास पहुंचे और स्टार्ट करके निकल लिए। रास्ते में मूड हल्का करने के लिए मैंने कहा यादगार लम्हा था और हसने लगी वो भी हसने लग गया। और कहा की चूत के चक्कर में गांड मरवा बैठा। हमलोग आज भी गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड है, और जब भी ये लम्हा याद आता है चेहरे पे मुस्कान आ जाती है।
दोस्तों मुझे अपनी राये मेल या कमेंट्स में जरुर बताना।
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