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दोस्तो, मैं राज सिंह आप लोगों के लिए एक गरमा-गरम देसी पोर्न कहानी लेकर आय़ा हूँ. यह मेरी इस साईट पर पहली कथा है, आशा करता हूँ आपको यह पसंद आएगी.
मैं राँची, झारखण्ड से हूँ. मेरी उम्र 20 साल है, मैं दिखने में अच्छा हूँ. फिलहाल मैं इंजीनियरिंग कर रहा हूँ. मेरे लंड का साईज 8 इंच है. जो भी लौंडिया मेरा लंड एक बार देख ले वो मेरे लंड की दीवानी हो जाती हैं. ऐसा मैं नहीं कहता, जिन्हें मैंने अपने मोटे लंड से चोदा है, वे कहती हैं.
यह कहानी मेरी और मेरी सेक्सी चाची की है, जो दिखने में बहुत मस्त हैं. उनका नाम रेश्मा है, उम्र 28 साल, हाईट साढ़े पांच फुट है. फिगर साईज 36-28-38 का है. उनकी उठी हुई चुची, निकली हुई गांड अय हय.. जो एक बार देख भर ले, उसका तो पैन्ट में ही माल निकल जाएगा.
उनका एक 5 साल का बेटा था और उनके पति एक प्राईवेट कम्पनी में काम करते थे. वो मेरे पड़ोस में रहती थीं और हमारे घर से उनके अच्छे सम्बन्ध थे, तो हमारे घर आना जाना होता था, पर मैं उनसे ज्यादा बात नहीं करता था. क्योंकि उस वक्त मेरी एक गर्लफ्रेंड थी और मैं उसी के साथ काफी व्यस्त रहता था. इसी वजह मैंने चाची की तरफ कभी ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
यह बात उन दिनों की है, जब मैं 12वीं में था. चाची हमेशा मुझे फोन करती और कुछ न कुछ काम बोल देती जिससे कि मुझे उनके घर जाना पड़े और मैं जब भी उनके घर जाता तो वो मेरा बहुत अच्छे से स्वागत करती थी.
मुझसे काफी बातें करती और कभी कभी तो मजाक भी कर लेती थीं. मैं भी उनकी बातों का हंसकर जवाब दिया करता था. पर मेरा उनके प्रति कभी कोई गलत सोच नहीं थी क्योंकि मैं तो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मस्त रहता था. मैं घंटों अपनी गर्ल फ्रेंड से फोन पे बातें करता रहता पर उसके साथ भी मैंने किस से ज्यादा कभी कुछ किया नहीं था क्योंकि साली नखरे बहुत करती थी. मैं कुछ भी करना चाहूँ तो वो मुझे मना कर देती थी. वो बोलती कि यह गलत है ये सब हम शादी के बाद करेंगे.
एक बार मैंने उसके साथ सेक्स करने की कोशिश भी की, तो साली गुस्सा हो गई और मुझसे बोली कि तुम तो मुझसे प्यार ही नहीं करते, तुम तो बस मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो. उसने मुझसे बात करना भी बन्द कर दिया. मैंने उसे बहुत मनाया पर साली नहीं मानी.
इससे मैं काफी दु:खी रहने लगा, अब मैं न ज्यादा किसी से बात करता था और न ही ज्यादा बाहर जाता था. मैंने अपने दोस्तो से भी मिलना जुलना कम कर दिया था. इस बात से मेरे घर वाले भी परेशान थे कि आखिर मुझे हुआ क्या है.
मेरी माँ ने मुझसे कई बार पूछा भी कि आजकल तू इतना चुप चुप सा क्यों रहता है? किसी से झगड़ा हुआ है क्या? या फिर किसी ने तुझे कुछ कहा? मैंने माँ से कहा- नहीं माँ ऐसी कोई बात नहीं है, तुम परेशान मत हो, मैं बिल्कुल ठीक हूँ.
अब मैं चाची से भी ज्यादा बात नहीं करता था, उनका फोन आता तो मैं उठाता भी नहीं था और न ही उनके घर जाता था.
फिर एक दिन सुबह चाची मेरे घर आईं और मेरी माँ से पूछा- राज कहां है? मुझे उससे कुछ सामान मंगवाना है. माँ ने कहा- वो अपने कमरे में है. मैं कमरे में बैठा ये सब सुन रहा था.
फिर चाची मेरे कमरे में आई, उस वक्त मैं किताब लेकर बैठा हुआ था. उन्होंने मुझे देखते हुए कहा- क्यों जनाब, आजकल पढ़ाई पे बहुत ध्यान दे रहे हो क्या बात है? वैसे लगता है तुम अपनी चाची को तो भूल ही गए, न तो मेरा फोन उठाते हो और न ही मिलने के लिए घर पे आते हो, मुझसे नाराज हो क्या? मैंने कहा- नहीं चाची, ऐसी कोई बात नहीं है. “तो कैसी बात है?” मैंने उनसे कहा- आईऐ बैठिए न. तो उन्होंने कहा- मैं यहां बैठने नहीं आई, मुझे तुमसे कुछ काम है, तुम मेरे साथ मेरे घर चलो. मैंने कहा- ठीक है, मैं थोड़ी देर में आता हूँ. उन्होंने कहा- ठीक है, पर आना जरूर.
फिर वो चली गईं.
उसके लगभग एक घन्टे बाद मैं उनके घर पहुँचा तो देखा वो अपने बाल सुखा रही थीं, शायद थोड़ी देर पहले ही वो नहाकर आई थीं. उन्होंने लाल कलर की नाईटी पहनी थी और शायद उन्होंने नाईटी के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी. क्योंकि बाल गीले होने के कारण उनकी नाईटी हल्की भीग सी गई थी और शरीर से चिपक गई थी.. जिससे उनकी चुचियों का काला दाना साफ नजर आ रहा था. साथ ही उनकी वो बाहर को निकली हुई गांड उफ्फ.. क्या बताऊं.. एकदम कयामत लग रही थी.
आज पहली बार उन्हें इस रूप में देखकर मुझे कुछ होने लगा, मैं तो जैसे उनकी चुचियों में खो गया और इधर मेरे लंड महाराज पेन्ट में सलामी देने लगे. चाची ने मुझे देखा तो बोला- अरे तुम आ गए.. आओ बैठो. उनकी बात से मुझे होश आया. फिर उन्होंने कहा- तुम बैठो, मैं तुम्हारे लिए चाय बना के लाती हूँ. वो किचन में चाय बनाने चली गईं और मैं वही सोफे पर बैठ गया.
पर अभी भी मेरी आँखों के सामने उनका सेक्सी बदन घूम रहा था. थोड़ी देर बाद चाची चाय लेकर आईं और मेरे साथ वहीं सोफे पर बैठकर चाय पीने लगीं. उनको इतने पास बैठा देख मेरी तो हालत और खराब हो गई. मैं तो बस उनकी चुचियों को घूरे जा रहा था.
चाची शायद समझ गईं कि मैं उनकी चुचियों को देख रहा हूँ. उन्होंने मुझसे पूछा- क्या देख रहे हो? तो मैं हड़बड़ा गया, मैंने कहा- कुछ नहीं. वो बोलीं- मैं सब समझती हूँ, लगता है लड़का जवान हो गया है. यह बोल कर वो मुस्कुराने लगीं. मैंने तो शर्म से अपनी आँखें नीचे कर लीं.
फिर वो बोलीं- क्या हुआ, तू इतना शर्मा क्यों रहा है? मैं कुछ नहीं बोला, वो भी मुझे देखने लगी.
तो मैंने उनसे पूछा- आपको मुझसे क्या काम था? उन्होंने कहा- अरे काम कुछ नहीं था. वो बात ये है कि राहुल (उनका 5 साल का बेटा) स्कूल चला जाता है और तेरे चाचा अपने ऑफिस चले जाते हैं और शाम को वापस आते है, तो मैं दिन भर घर में अकेली बोर हो जाती हूँ और मेरा अकेले मन नहीं लग रहा था इसलिए तुझे बुला लिया. वैसे एक बात बता तू आजकल मेरे घर क्यों नहीं आता? और न ही मेरा फोन उठाता है.. बात क्या है? मैंने कहा- कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा- कुछ न कुछ तो जरूर है जो तू मुझे बताना नहीं चाहता. तेरी माँ भी बोल रही थी कि आजकल तू बड़ा चुपचाप रहता है किसी से ठीक से बात नहीं करता, क्या हुआ है? मुझे बता, शायद मैं तेरी कोई मदद कर सकूं.
मैंने कहा भी कि ऐसी कोई बात नहीं है, मैं बिल्कुल ठीक हूँ, पर वो जिद करने लगीं, कहने लगीं- नहीं, मुझे जानना है कि बात क्या है? तू क्यों इतना परेशान रहता है. फिर मैंने उन्हें बता दिया कि मेरा मेरी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप हो गया है. वो पूछने लगीं- ब्रेकअप क्यों हुआ? मैंने कहा- ये मैं आपको नहीं बता सकता. वो बोलीं- बता न.. अब मुझसे क्या छुपाना, मैं थोड़े ही किसी को बताऊँगी.
मैं बताना नहीं चाहता था, पर वो बार बार जिद करने लगीं. अन्त में मैंने उन्हें बता दिया कि मैं उसके साथ सेक्स करना चाहता था इसलिए वो मुझसे नाराज हो गई और मुझसे बात करना बन्द कर दिया.
यह सुन कर वो हंसने लगीं, मुझे बड़ा गुस्सा आया, मैंने उनसे पूछा- इसमें हंसने वाली बात क्या है? तो वो बोलीं- कुछ नहीं, बस ऐसे ही मुझे हंसी आ गई.
मैं उनका मुँह देखने लगा.
फिर वो बोलीं- एक बात बता, मैं तुझे कैसी लगती हूँ? मैंने कहा- अच्छी लगती हो. तो वो बोली- तुझे मुझमें सबसे ज्यादा क्या पसंद है?
मैं कुछ नहीं बोला, वो अपने चूचे उठा कर कहने लगीं- देख शर्मा मत.. खुल के बोल, तुझे मुझमें सबसे ज्यादा क्या पसंद है, मैं बुरा नहीं मानूंगी. मैंने बोल दिया कि मुझे आपके कूल्हे और चुचियां बहुत अच्छी लगती हैं. यह सुनकर वो मुस्कुराने लगीं और बोलीं- क्या तू मेरे साथ सेक्स करेगा?
यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ, मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि चाची मुझसे चुदना चाहती हैं. पर मैंने नाटक करते हुए कहा- यह आप क्या कह रही हैं? मैं आपके साथ ये नहीं कर सकता. उन्होंने कहा- देखो मैं तुम्हें पसंद करती हूँ और तुमसे चुदना चाहती हूँ. तुम्हारे चाचा ने आज तक मुझे संतुष्ट नहीं किया, वो तो ढंग से चुदाई कर भी नहीं पाते और बहुत जल्दी थक जाते हैं. मैं बहुत प्यासी हूँ.. और मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे चोदकर पूरी तरह संतुष्ट कर दो. प्लीज मना मत करना.
यह बोलकर वो मुझे किस करने लगीं. मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिस चाची को मैं इतना सीधी सादी समझता था, वो इतनी चुदक्कड़ हैं.
खैर मैंने भी ज्यादा नाटक करना ठीक नहीं समझा और मैं उनका साथ देने लगा. मैं भी उन्हें किस करने लगा और एक हाथ से उनकी चुची को नाईटी के ऊपर से दबाने लगा. मैं दूसरे हाथ से नीचे उनके बड़े बड़े चूतड़ों को सहला रहा था. कभी मैं उनके ऊपर के होंठों को चूमता, तो कभी नीचे के होंठों को काटता. मुझे बहुत मजा आ रहा था. इस तरह लगभग हम लोग दस मिनट तक स्मूच करते रहे.
चाची बहुत गर्म हो गई थीं, अब उनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, वो बोलीं- चलो बेडरूम में चलते हैं. तो मैंने उन्हें गोद में उठाया, बेडरूम में ले जाकर पलंग पर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया.
अब मैं चाची की चुची को नाईटी के ऊपर से चुसकने लगा और उनके निप्पलों को काटने लगा. उनके मुँह से ‘अह्ह… अह्ह…’ की आवाजें आने लगीं.
मैंने एक बार में ही चाची की पूरी नाईटी निकाल दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ काली पेन्टी में थीं. उन्हें इस रूप में देखकर मेरा लंड लोहे की तरह टाईट हो गया, ऐसा लग रहा था, जैसे अभी पैन्ट फाड़ कर बाहर आ जाएगा. मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैं उनके ऊपर लगभग कूद ही पड़ा और दोनों हाथों से उनकी बड़ी बड़ी चुची पकड़ कर दबाने लगा. मैं कभी उनकी चुचियों को दबाता कभी मुँह में लेकर चूसता तो कभी उसके दाने को दाँतों से काटता.
चाची तो पूरी पागल हुए जा रही थी, वे मुँह से अजीब सी आवाजें निकाल रही थीं- अह्ह.. ह्हह.. और जोर से चूसो.. खा जाओ इन्हें.. पी जाओ इनका सारा दूध.. बहुत दिनों से इनका दूध किसी ने नहीं पिया, छोड़ना मत.. एक एक बूंद गटक जाओ.
अब मैं धीरे धीरे एक हाथ नीचे ले जाकर उनकी चुत को पेन्टी के ऊपर से ही सहलाने लगा. मैंने महसूस किया कि उनकी पेन्टी चुत के पानी से बिल्कुल गीली हो गई थी. मैंने अपनी दो उंगलियां उनकी पेन्टी के अन्दर डाल दीं और उनकी चुत को सहलाने लगा. मैंने महसूस किया कि उनकी चुत पर एक भी बाल नहीं था. मैंने धीरे-धीरे अपनी दोनों उंगलियां उनकी चुत में डाल दीं, चुत गीली होने के कारण मेरी उंगलियां बिना किसी रूकावट के अन्दर चली गईं.
अब मैं उंगलियों को अन्दर-बाहर करने लगा. चाची को मजा आने लगा. उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं. वे भी नीचे से अपने चूतड़ हिला कर मेरी उंगलियों को अन्दर बाहर करवाने लगीं और अपनी चुचियों को अपने दोनों हाथों से दबाने लगी.
थोड़ी देर चुत में उंगली करने के बाद मैं नीचे आ गया, मैंने उनकी जाँघों को फैलाया और उनकी पेन्टी को सूँघने लगा, उसमें से बहुत ही मादक खुशबू आ रही थी. मैंने जैसे ही उनकी पेन्टी पर अपना मुँह लगाया, वो सिहर उठीं, उनके मुँह से ‘अह्हा…’ की आवाज निकली. मैं उनकी पेन्टी को अपने जीभ से चाटने लगा, जो की उनके चुत रस से पूरा भीग चुकी थी. उसका स्वाद थोड़ा नमकीन था, पर मुझे मजा आया.
अब मैंने उनकी पेन्टी को भी उतार दिया और उन्हें नंगी कर दिया और खुद भी अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगा हो गया. मैंने उनकी चुत को देखा, जो बिल्कुल सफाचट थी.. उस पर एक भी झांट का बाल नहीं था. ऐसा लग रहा था जैसे कि उन्होंने एक दो दिन पहले ही साफ किए हों.
उनकी वो पावरोटी सी फूली गुलाबी चुत थी, उसे देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया. मैंने अपना मुँह उनकी फूली हुई देसी चुत पर लगा दिया और जैसे पोर्न फिल्मों में करते हैं, उसे चुसकने लगा. फिर अपनी जीभ से उनकी चूत के दाने को छेड़ने लगा और अपने दोनों हाथों से उनकी चुचियों को जोर-जोर से दबाने लगा.
मैं कभी अपने दाँतों से उनकी चुत के दाने को काटता, तो कभी अपने हाथों से उनकी चुचियों के निप्पल को जोर से मसल देता. वो कामुकता से चिल्ला उठतीं. अब वो अपने हाथों मेरे सिर को अपनी चुत पर जोर जोर से रगड़ने लगीं और अपने चूतड़ उठाने लगीं. वो जोर जोर से चिल्लाए जा रही थीं- ऊँ.. हाँ.. अह.. चूसो मेरी चुत को.. आह.. ऐसे ही जोर जोर से चूसो.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… खा जाओ इसे.. आह छोड़ना मत.. साली ने बहुत परेशान किया है.. बहुत खुजली होती है इसमें.. आह आज मिटा दो इसकी सारी खुजली..
ऐसा कहते हुए वो दो मिनट बाद मेरे मुँह में ही झड़ गईं, मैं उनका सारा माल पी गया. चाची की चुत का पानी थोड़ा नमकीन लगा, पर मजा आ गया.
अब मैं खड़ा हुआ तो उनकी नजर मेरे लंड पर गई जो एकदम लोहे की तरह सख्त हो चुका था, उसे देखकर उनकी आँखों में चमक आ गई. वो मुस्कुराने लगीं. चाची ने मेरे लंड अपने हाथों में पकड़ लिया और कहने लगीं- बाप रे.. इतना बड़ा लंड..! तूने इतने बड़े हथियार को अभी तक कहाँ छुपा के रखा था. लगता है आज तो यह मेरी चुत का भोसड़ा बनाकर ही छोड़ेगा.
यह बो लकर वो मेरे लंड को अपने हाथों से मसलने लगीं. उनके कोमल हाथों का स्पर्श पाकर मेरा लंड और सख्त हो गया. अब वो धीरे-धीरे मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं बिल्कुल पोर्न मूवीज की अभिनेत्री की तरह. मैं तो जैसे सातवें आसमान पर उड़ रहा था, पहली बार मेरा कोई लंड चूस रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैं उनके बालों को पकड़ कर उनके सिर को आगे पीछे हिलाने लगा और चाची का मुख चोदन करने लगा. उनकी मुँह की गर्म साँसें मेरे लंड पर पड़ रही थीं, जिससे मैं ज्यादा देर तक कंट्रोल नहीं कर पाया और उनके मुँह में झड़ने लगा.
चाची मेरे लंड का सारा माल पी गईं और उन्होंने मेरे लंड को चाटकर पूरा साफ कर दिया. वो अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए बोलीं- इतने दिनों बाद एक जवान देसी लंड का माल पीकर मजा आ गया.
फिर हम एक दूसरे को किस करने लगे. मैं एक हाथ से उनकी चुचियां और दूसरे हाथ से उनकी चुत सहलाने लगा. वो भी अपने हाथों से मेरे लंड को सहला रही थीं.
पाँच मिनट की चुम्मा चाटी के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब न उनसे बर्दाश्त हो रहा था और न ही मुझसे.
उन्होंने मुझे हटाया और अपनी टाँगें फैला कर किसी भूखी कुतिया की तरह मुझे देखने लगीं. वो किसी पोर्न एक्ट्रेस की तरह से अपनी देसी चूत पर हाथ फेरते हुए गालियां देने लगीं- देख क्या रहा है.. भोसड़ी के.. चल जल्दी से चोद मुझे.. तेरा चाचा तो हिजड़ा है मादरचोद.. आज तक मेरी चुत की आग नहीं मिटा सका.. कम से कम तू तो दिखा, तेरे इस मोटे लंड में कितना दम है, चोद दे मुझे… बुझा दे मेरे चुत की खुजली.. बना दे मेरी चुत का भोसड़ा… आ साले हरामी.
मुझे उनकी बातें सुनकर बड़ा गुस्सा आया. मैंने आव देखा न ताव और उन पर कूद पड़ा.
मैंने उनकी टाँगें फैला कर अपने कन्धे पर रख लीं. उन्होंने खुद मेरे लंड को अपने हाथों से अपनी चुत के छेद पर सैट किया और मुझसे बोली- अब लगाओ धक्का.
मैंने अपने दोनों हाथों से उनके हाथों को जोर से पकड़ लिया ताकि वे हिल न सकें और अपनी पूरी ताकत से एक जोर का धक्का उनकी चुत में लगा दिया. चाची की चुत गीली होने के कारण मेरा लंड चुत को चीरता हुआ सीधा उनकी बच्चेदानी से टकराया.
उनके मुँह से जोर से चीख निकली- उई माँ.. मार डाला हरामी ने.. फाड़ डाली कुत्ते ने मेरी चुत… उनकी आँखों में आँसू आ गए.. वो बोलने लगीं- धीरे-धीरे चोद कुत्ते.. मैं कहीं भागी थोड़े ही न जा रही हूँ… फाड़ डालेगा क्या मेरी चुत को..!
धक्का जोर से लगाने के कारण मेरे लंड की चमड़ी छिल गई थी और काफी जलन हो रही थी, पर उनकी बातों को सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया. मैंने चाची के बालों को जोर से पकड़ा और बोला- चुप साली रंडी.. अभी तो लंड के लिए बड़ा तड़प रही थी.. साली कुतिया.. अब जब लंड तेरी चुत में गया तो तेरी गांड क्यों फट गई भैन का लौड़ी.. ले मेरे लंड का दम देख.
मैं पूरे दम से धक्के लगाने लगा, वो बोली- आह.. तेरा लंड बहुत बड़ा और मोटा है.. साले मुझे दर्द हो रहा है. “होने दे दर्द.. कुछ देर में मजा आने लगेगा.” वो जोर जोर से चिल्लाते हुए बोल रही थीं- अह्हा… धीरे धीरे चोद भोसड़ी के.. मुझे लग रही है.
पर मैं उनकी बातों को अनसुना कर पूरी ताकत से धक्के लगाए जा रहा था. फिर कुछ देर बाद उन्हें भी मजा आने लगा वो भी नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देने लगीं. चाची कहने लगीं- हाँ… और जोर जोर से चोदो मेरे राजा.. बहुत मजा आ रहा है… बस ऐसे ही मुझे चोदते रहो… आज मिटा दो मेरी चुत की गरमी… मिटा दो इसकी सारी खुजली…. साली ने मुझे बहुत परेशान किया है… आह.. छोड़ना मत फाड़ ड़ालो इसे…
पाँच मिनट इस तरह चोदने के बाद मैंने उन्हें घुमा दिया और पीछे से उनकी चुत मारने लगा. फिर थोड़ी देर बाद मैंने उन्हें अपने ऊपर ले लिया और मैं नीचे लेट गया.
अब वो खुद ही अपने चूतड़ों को ऊपर नीचे करके मुझसे चुदने लगीं. इस तरह मुझे भी उन्हें चोदने में बड़ा मजा आ रहा था क्योंकि यह मेरा फेवरेट आसन है.
इस तरह चुदते हुए थोड़ी देर बाद वो झड़ने लगीं और जोर-जोर से अपने चूतड़ों को मेरे लंड पे हिलाते हुए वो शांत हो गईं.
चाची तो झड़ गईं, पर मेरा अभी नहीं हुआ था, उनकी चुत का गरम माल मुझे मेरे लंड पे महसूस हो रहा था. अब मैंने उन्हें नीचे लेटाया और मैं उनके ऊपर आ गया और धक्के लगाने लगा. उनकी चुत से फच् फच् की आवाजें आने लगीं.
इस तरह करीब मैंने उन्हें पाँच मिनट और चोदा और जब मुझे लगने लगा कि मैं अब झड़ने वाला हूँ तो मैंने उनसे पूछा- मैं अपना माल कहा गिराऊँ? तो वो बोलीं- तू अपने धक्के तेज कर दे, मैं दोबारा झड़ने वाली हूँ और तू अपना माल मेरी चुत में ही निकाल दे.. क्योंकि बहुत दिनों से मेरी चुत ने किसी जवान लंड का माल नहीं चखा.
बस फिर क्या था.. मैं भी जोर-जोर से धक्के लगाने लगा और उनकी चुत में झड़ने लगा. वो भी मेरे साथ साथ झड़ने लगीं और झड़ते हुए चाची की किलकारियां निकल रही थी जैसे पोर्न हीरोइनें करती है. चाची की चुत मेरे और उनके गर्म वीर्य से पूरा भर गई थी और वीर्य उनकी चुत से निकल कर गांड के छेद से होता हुआ बेड पर गिर रहा था.
उन्होंने मुझे किस किया और कहा- मजा आ गया.. आज तुमने मुझे पूरी तरह सन्तुष्ट कर दिया. आज से तुम ही इस चुत के असली मालिक हो. अब से जब भी तुम्हारा मन करे तुम आ कर मुझे चोद सकते हो.
उसके बाद हम दोनों बाथरूम गए और अपने आपको साफ किया. उस दिन मैंने उन्हें तीन बार और चोदा. जब तक उनका बेटा स्कूल से घर नहीं आया हम दोनों चुत चुदाई का खेल खेलते रहे.
इस तरह मेरी और चाची की चुदाई लगभग एक साल तक चलती रही. जब उनके घर पर कोई नहीं रहता, तो वो मुझे फोन करके बुला लेतीं और मैं उनके घर जाकर उनकी चुदाई कर देता.
इस दौरान मैंने बहुत बार उनकी गांड भी मारी. फिर उनके पति का किसी दूसरे शहर में तबादला हो गया और वो लोग चले गए. मैं आज भी उन्हें बहुत याद करता हूँ.
अब मैं किसी गरम देसी चुत की तलाश में हूँ, जिसके साथ मैं मजे कर सकूं और आप लोगों के लिए एक नई पोर्न स्टोरी लिख सकूं.
दोस्तो, आपको मेरी देसी पोर्न कहानी कैसी लगी, आप अपने विचार मुझे भेज सकते हैं.
मेरा ईमेल आईडी है. [email protected] धन्यवाद.
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