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प्रिय पाठको, मैं नील मुंबई से हूँ. अन्तर्वासना पर आज मैं अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ। अभी रात के 9 बज गए हैं मुझे मेरे जीवन का एक किस्सा याद आ रहा है। मुझे इस किस्से ने इतना अधिक उत्तेजित कर दिया है कि मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए हैं और अब मैं पूर्ण रूप से नंगा हो गया हूँ। मैं अपने लण्ड को सहलाते हुए अपनी ये कहानी लिख रहा हूँ। मैं सच कह रहा हूँ कि मैंने इस कहानी में खुद को जिया है।
इस किस्से में मैं और मेरी कुलीग फ्रेंड मधु की कहानी है। हम दोनों ही एक बड़ी कम्पनी में काम करते थे और एक बार हम दोनों को कम्पनी के काम के सिलसिले में गोवा जाना पड़ा। सब तैयारी करके हम दोनों रात को गोवा के लिए निकले और सुबह पणजी पहुँच गए। उधर कम्पनी की तरफ से हम दोनों को रुकने के इंतजाम एक बंगले में किया गया था। हम दोनों के लिए अलग-अलग कमरों की व्यवस्था थी। हम दोनों के कमरे ठीक एक-दूसरे के कमरे के सामने थे।
हम दोनों ही अपने-अपने कमरों में चले गए और चूंकि यात्रा की थकान थी.. सो जल्दी से नहाने घुस गए। थोड़ी देर में मैं नहा-धो कर तैयार हो गया था।
मैं कमरे से बाहर निकला और मैंने मधु को आवाज दी.. तो उसकी भी आवाज आई- हाँ.. मैं तैयार हूँ तुम अन्दर आ जाओ.. मैं उसके कमरे में गया और कुछ ही देर में हम दोनों अपने ऑफिस के काम के लिए निकल पड़े। हम लोगों को सिटी जाना था। उधर लगभग 4 बजे तक हम दोनों ने अपना काम पूरा किया और फिर बंगले में वापस आने लगे तो मधु ने मुझसे कहा- अपना काम तो पूरा हो ही गया है.. क्यों न हम लोग बीच पर घूमने चलें।
मुझे भी उसकी बात अच्छी लगी और हम दोनों कलंगुट बीच पर आ गए।
बीच का मौसम वाकयी बहुत सुहावना था। हम दोनों ने एक रेस्टोरेंट पर जाकर बैठ गए और नाश्ता करने लगे।
सामने समुद्र के किनारे बड़ी रंगीनी थी.. कुछ रशियन लड़कियाँ छोटी-छोटी बिकनियों में पानी से अठखेलियाँ कर रही थीं.. जिसमें से उनके जवान जिस्म बहुत उत्तेजित करने वाले थे। हँसते हुए जब वे एक-दूसरे पर पानी उछालती थीं.. तो उनके हिलते हुए चूचे मुझे बड़ा ही आकर्षित कर रहे थे।
मैंने देखा कि उन फिरंगी लड़कियों के बीच कुछ इंडियन लड़की भाभी आंटी भी बिकनी पहने मस्ती कर रही थीं। उन भारतीय लड़कियों में एक देसी लड़की मुझे शर्माते हुए आती दिखी जो थोड़ी स्थूल थी.. पर उसका जिस्म बहुत मादक था। मैं उसको देख कर बहुत रोमांचित हो उठा था। मैं तो उसे देखता ही रह गया।
शायद उसने भी मुझे खुद की तरफ घूरते हुए देख लिया था.. जिससे वो और भी शरमा रही थी और उसने अपने हाथों से अपने मम्मों को ढक लिया।
मुझे तो वो और भी अधिक सेक्सी लगने लगी थी। फिर कुछ देर बाद उसने मेरी निगाहों का मजा लेना शुरू कर दिया और अपने हाथों को अपने मम्मों से हटा दिया तथा पानी से किलोलें करते हुए मेरी तरफ देख कर मादक अदाएं बिखेरने लगी। उसकी मादक अदाओं को देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मेरी पैन्ट में तम्बू सा उभार बन गया।
ये सारा मंजर मधु भी देख रही थी। उसने मेरे खड़े लौड़े को देख कर मुस्कुराते हुए कहा- ये गोवा की मस्ती ही होती है कि इंडियन देसी लड़कियां भी बिंदास हो जाती हैं। मैंने भी उसकी बात से सहमति जताते हुए कहा- हाँ ये बात सही है और जब गोवा है ही मस्ती के लिए.. तो इसका पूरा आनन्द उठाना भी चाहिए। इस पर मधु बोली- तो क्यों न हम लोग भी नहाने का मजा लें? “मुझे कोई आपत्ति नहीं है पर यार मेरे पास पहनने के लिए कोई हाफ पैन्ट नहीं है और अन्दर मैंने सिर्फ अंडरवियर पहना हुआ है।”
मधु ने एक वेटर को आवाज दी और उससे पूछा- नहाने के लिए कपड़े वगैरह किधर मिलते हैं? तो उसने कहा- मेम, हम लोग ही कुछ पैसे लेकर कपड़े उपलब्ध करा देते हैं।
बस काम बन गया था, मैंने एक हाफ पैन्ट ली और बदलने के लिए अन्दर बने चेंजिंग रूम में चला गया। शायद मधु पहले से ही अन्दर एक शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहने हुए थी.. सो वो भी अपने कपड़े बदलने अन्दर चली गई।
दो ही मिनट में हम दोनों पानी में अठखेलियाँ करने लगे थे। मैंने मधु के साथ बहुत मस्ती की उसको पानी से खूब भिगोया.. उसकी टी-शर्ट में से उसकी खूबसूरत जवानी उभर कर आने लगी जिसे देख कर मेरा लौड़ा एक बार फिर अपनी ऊँचाइयों पर सर उठाने लगा था। मधु मिनी शॉर्ट्स में बहुत कामुक लग रही थी।
तभी मधु ने मुझसे कहा- वाटर राइड पर चलें? मैं कहा- ओके..
हम दोनों एक ही वाटर राइड पर सवार हो गए। आगे मधु बैठी थी और मैं उसके पीछे उसकी कमर को पकड़ कर बैठा था.. मेरा लवड़ा खड़ा हो गया था और तेज रफ़्तार के कारण मेरा जिस्म मधु के पिछवाड़े से सटा हुआ था। मेरे लौड़े ने भी बगावत कर दी थी.. वो मानने को राजी नहीं था।
अंततः मेरे लौड़े ने मधु की गाण्ड में अपनी नोक लगा दी। जिदगी में पहली बार मेरे लौड़े ने इतना सुख पाया था। मुझे मधु बहुत हसीन लग रही थी।
हम दोनों कुछ देर यूं ही पानी में खेलते रहे और जब वापस किनारे पर आये तो मधु उतर कर चलने को हुई। लेकिन मेरा लौड़ा अब भी तन्नाया हुआ था.. सो मैं पानी में ही कमर तक खुद को डुबोये खड़ा रहा। मधु ने मुझसे कहा- आओ अब क्या पानी में ही खड़े रहोगे?
मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूँ।
तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा बाहर खीच लिया तथा वो आगे चलने लगी। मैं उसके पीछे-पीछे चलने लगा। मुझे अब भी बहुत अजीब सा लग रहा था.. क्योंकि मेरा लौड़ा नब्बे डिग्री के कोण पर खड़ा था।
मैं अपने आगे चलती हुए मधु के भीगे बदन को बड़ी कामुक निगाहों से देखा रहा था। उसके मटकते चूतड़ों की थिरकन मेरे लौड़े को खड़े रहने पर मजबूर कर रही थी।
तभी मधु ने पलटी मारी और मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा कर कहने लगी- वास्तव में मजा आ गया। मेरी घिग्घी बंध गई कि अब इसने मेरे खड़े लौड़े को जरूर देख लिया होगा।
खैर.. हम दोनों हँसते-खिलखिलाते हुए अपने बंगले में वापस आ गए और अपने-अपने कमरों में चले गए।
अँधेरा हो गया था और मैं कमरे की बिजली खोले बिना बाथरूम की तरफ जाने लगा। मैंने अपने कमरे का दरवाजा यूं ही अधखुला छोड़ दिया था।
तभी मैंने पलट कर देखा तो पाया कि मधु ने भी अपने कमरे के दरवाजे बंद नहीं किया थे। उसके दरवाजे तो पूरी तरह से खुले हुए ही थे।
चूंकि ये एक प्राइवेट बंगला था और इधर केयर टेकर के अलावा सिर्फ हम दोनों ही रुके थे। तो मधु ने भी शायद कमरे का दरवाजा खुला छोड़ दिया था। वो बाथरूम में शावर लेने घुस गई थी उसके कमरे की लाइट जली हुई थी।
तभी अचानक मधु बाथरूम से बाहर कमरे में आकर अलमारी में कुछ खोजने लगी। मैंने देखा कि वो इस रोशनी में और भी मदमस्त लग रही थी।
तभी मधु ने अपनी टी-शर्ट उतार दी। आह्ह.. मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया और मैं मधु के जवान जिस्म को नंगा होते हुए देखने की चाह को नहीं छोड़ सका।
मधु ने मेरी तरफ पीठ की हुई थी.. इसलिए मुझे उसके मम्मों का दीदार नहीं हो पा रहा था। उसने टी-शर्ट के नीचे एक सफ़ेद ब्रा भी पहनी हुई थी। इसके बाद उसने अपनी ब्रा को भी उतार कर टेबल पर रख दिया और अपने लहराते हुए बालों का जूड़ा सा बना कर सर पर इकठ्ठा कर लिया।
इसके बाद उसने अपने शॉर्ट्स की तरफ हाथ बढ़ाया.. तो मेरा रक्तचाप बढ़ गया। उसने अपने मिनी शॉर्ट्स को पकड़ा और अपनी चिकनी टांगों से नीचे खींच दिया।
नजारा देख कर मानो मेरा कलेजा हलक में आ गया। उसने शॉर्ट्स के नीचे पैंटी नहीं पहनी हुई थी। एकदम नंगी मधु मेरे सामने पीठ किए हुए खड़ी थी और मेरा लवड़ा फटा जा रहा था।
तभी उसने अपनी गाण्ड को खुजाया और फिर सर झटकाते हुए बाथरूम में चली गई। मैं बेसुध सा खड़ा था.. मुझे बस मधु की चिकनी और गोरी गाण्ड ही दिख रही थी।
मैंने सोचा शायद मधु फिर से वापस आएगी पर अगले ही पल मैंने कुछ सोचा और अपने कमरे का दरवाजा बंद करके मैं बाथरूम में चला गया और मधु की नंगी जवानी को याद करके अपने लौड़े को हिलाने लगा।
मुझे पता ही न चला कि कितने समय तक मैं मधु की नंगी जवानी में खोया हुआ अपना लवड़ा हिलाता रहा।
तभी बाहर से मधु की आवाज आई.. तो मेरी तन्द्रा टूटी। मैंने आने की आवाज देते हुए नंगा ही बाथरूम से बाहर आकर दरवाजे को थोड़ा सा खोला और उसको देखा।
मधु- नहा लिये? “अभी नहीं बस नहा ही रहा था।” मधु ने मेरा जरा सा दरवाजा खुला देखा तो वो समझ गई कि मैं नंगा खड़ा हूँ। उसने मेरी स्थिति को समझते हुए कहा- जल्दी नहा लो.. फिर खाना खाने भी चलना है।
इतना कह कर वो पलट गई और वापस अपने कमरे की तरफ जाने लगी मैं उसकी मटकती उस गाण्ड को देखने लगा जिसको मैंने अपने जीवन में पहली बार नंगा देखा था और एक बार फिर मेरा हाथ मेरे लवड़े पर आ गया।
अब मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने जल्दी से दरवाजा बंद किया और तेजी से मधु की नंगी गाण्ड को याद करके मुठ्ठ मारने लगा। जल्द ही मेरा माल निकल गया और मैं नहाने घुस गया।
मित्रों ये मेरे जीवन की एकदम सच्ची घटना है जिसमें मैंने सिर्फ वो लिखा है जो वास्तव में मेरे साथ हुआ था।
मेरी एडल्ट कहानी आपको कैसी लगी, आप सभी पाठकों की प्रतिक्रियाएं आमंत्रित हैं।
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