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दोस्तो, भाइयो, और भाभियो, आपका देवर सैम दिल्ली से हूँ. मेरी उम्र 22 साल है और कद 5 फुट 7 इंच है. मैं अपनी कॉलेज लाइफ की एक मस्त चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ. यह बात तब की है, जब कॉलेज में मेरा पहला साल था. नई जगह नए दोस्त सब कुछ नया था. जैसे जैसे दिन निकल रहे थे, मजा आता जा रहा था.
उसी दौरान हमारे बायोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर का तबादला हो गया. उनकी जगह नई प्रोफेसर जो आईं.. आह्ह.. वो क्या कयामत थी.. उसकी जवानी ने सब लौंडों के लंड खड़े कर दिए. मैडम का 34-30-34 का क्या जानलेवा फिगर था दोस्तो.. उसकी हाइट 5 फुट 5 इंच एकदम पहली धार का नशा देने वाली कातिलाना माल थी, ऊपर से नीचे तक दूध सी गोरी और कपड़ों की मस्त मैचिंग में खुद को संवारे हुए.. ऊपर से नीचे तक सब बड़ी ही मस्त काँटा माल थी.
देखते ही कलेजा धाड़ धाड़ धड़कने लगा. मैं मन ही मन सोच रहा था कि अब तो हो गई बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई, इसे देखूँगा कि किताब देखूंगा. उसने क्लास में आते ही अपने बारे में बताया. उसने अपना नाम अंकिता बताया और वो गुजरात से थी. इसके बाद उसने एक एक करके हम सबसे अपने अपने बारे में पूछा. पहले दिन इतना ही हुआ और वो कल से स्टडी का बोल कर चली गई.
शाम 5 बजे जब कॉलेज ऑफ़ होने लगा तो हम सब दोस्त जा ही रहे थे कि हमारे डीन ने मुझे बुलाया और मेम को हॉस्टल तक ड्रॉप करने को कहा. मैंने सर हां में हिलाते हुए कहा- चलिए मेम.. मैं अपनी बाइक पर मेम को लेकर गर्ल्स हॉस्टल तक ड्रॉप करके आ गया.
जैसे ही मैं वापिस जाने लगा, मेम ने मुझे थैंक्स कहा. मैंने कहा- इट’स ओके मेम. यू आर वेलकम! मैं अपने फ्लैट पर आ गया.
अगले दिन क्लास में जब मैडम आई तो एकदम वाइट झीना सा सूट, जिसमें से उसकी कंप्लीट ब्रा दिख रही थी. क्या चूचे थे यार.. जैसे ही वो बोर्ड पर लिखती तो उसकी चूतड़ों की वो लाइन सबको पागल कर रही थी. मैडम पढ़ा रही थीं कि लंड खड़ा कर रही थीं, किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था.
इस तरह कुछ दिन निकल गए.
फिर एक दिन मेम ने सबका टैस्ट लिया और इस टैस्ट में मुझे सबसे कम मार्क्स मिले. मेम ने मुझसे क्लास के बाद मिलने के लिए अपने चेंबर में आने को कहा. मैं क्लास खत्म होने के बाद मेम से मिलने गया. उनके पास जाते ही मेम ने मुझे डांटना शुरू कर दिया- इतने कम मार्क्स क्यों सैम? “मेम आगे से ध्यान रखूंगा.” मेम- नो.. अभी तक क्यों नहीं रखा?
जैसे वो टेबल पर हाथ रख कर बात करने लगीं, मेरी हरामी नजर उनके मम्मों पर चली गई.. और उनके वाइट वाइट चूचे देख कर मैं फिर से पागल हो गया. उनकी मदमस्त दूधघाटी देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. तभी मेम ने कहा- ओ हैलो.. आई एम आस्किंग यू समथिंग..! (मैं तुमसे कुछ पूछ रही हूँ!) मैं कुछ नहीं बोला.. और सर झुका कर खड़ा रहा.
तभी उनका ध्यान मेरी पेंट में बने तम्बू की तरफ गया और वो हंसने लगीं. मैंने सर उठाया और कहा- क्या हुआ मेम? वो बोलीं- तुमको नहीं पता क्या? “मेम मुझे कैसे..?” “देखो आई एम मैरीड.. तुमसे उम्र में भी काफी बड़ी हूँ, सो जो मन में है, उसे निकाल दो.”
मैं नहीं जानता था कि वो इतनी ओपन माइंडेड हैं और इतनी जल्दी मुझे पकड़ लेगी. मैंने कहा- मेम, कुछ मन में नहीं है. उसने मेरी पैन्ट की तरफ़ इशारा किया- वॉट इस दिस.. हुउऊऊं? “मेम.. वो सॉरी..” मेम- कोई बात नहीं, इस एज में होता है लेकिन मैं तुम्हारी टीचर हूँ, कोई गर्लफ्रेंड नहीं हूँ. जो भी तुमारी फीलिंग है, वो अपनी गर्लफ्रेंड को बताओ.
मैंने धीरे से कहा- मेम आई एम सिंगल! “ये हो ही नहीं सकता.. तुम झूठ बोल रहे हो.” “मेम मैं सच कह रहा हूँ.” “ओके कोई बात नहीं आगे से ध्यान रखना.. वैसे तुम रहते कहां हो और किसके साथ?” “मेम मैं बाहर फ्लैट लेकर अकेला ही रहता हूँ.” “ओह.. ड्रिंक वगैरह करते हो?” मैंने कहा- नो मेम..
मैं समझ गया कि ये क्यों पूछ रही है. वो उठी और मेरे पास आई- देखो हम दोनों में जो बात हुई है, उसे किसी के साथ शेयर नहीं करोगे. मैंने कहा- ओके मेम.
तभी उन्होंने मुझे 500 का नोट दिया और कहा- कल एक वोड्का.. मैंने नोट पकड़ते हुए कहा- यहाँ कॉलेज में? उन्होंने कहा- नहीं.. मैं तुम्हारे फ्लैट पर आ जाऊंगी.. कोई दिक्कत तो नहीं? मैंने कहा- कैसी दिक्कत मेम.. आपका स्वागत है. उसने एक कागज़ पर लिखा और मुझे देते हुए कहा- ओके अब जाओ और ये मेरा नम्बर है. मुझे कॉल करना और इस बात को हम दोनों तक ही रखना. मैंने कहा- प्रॉमिस मेम.
मैं आज खुशी के मारे पागल हुए जा रहा था.
कॉलेज खत्म हुआ और मैंने परमिट शॉप से जाकर एक वोद्का की बॉटल ले आया. रात में तकरीबन 11 बजे मेम ने कॉल किया और पूछा- ले आए? मैंने कहा- हां मेम. वो बोली- क्या यार, हाँ मेम हाँ मेम… लगा रखा है.. वो सब कॉलेज में ठीक है.. यहाँ मैं अंकिता हूँ.. कल सुबह में कॉलेज नहीं आ रही हूँ.. तुम भी अपना ऑफ़ रखना. मैं तबियत खराब का बोल कर ऑफ ले रही हूँ और सुबह 10.30 तक आ जाऊंगी. बस स्टॉप से मुझे पिक कर लेना. मैंने कहा- ओके.. गुडनाईट.. मैंने फोन रख दिया.
अगले दिन मैं 10.30 उनको पिक करके अपने फ्लैट में ले आया. आते ही वो बोली- बॉटल किधर है? मैंने कहा- मेम, थोड़ी देर आराम कर लो. उसने कहा- कैसा आराम चल आ जा एंजाय करते हैं. “मेम मैं ड्रिंक नहीं करता.” उसने कहा- देख, स्टडी, कॉलेज सब अपनी जगह और एंजायमेंट अपनी जगह.
उसने एक पैग बनाया और एक सांस में पी गई. मैं यह नजारा देख कर शॉक्ड था. मैं सोच रहा था कि यार कहां फंस गया इस बेवड़ी के चक्कर में..
वो एक के बाद एक पैग खींचती जा रही और उसका नशा बढ़ता जा रहा था. उसने अपने पर्स में से ट्रिपल फाइव सिगरेट की डिब्बी निकाली और मेरी तरफ बढ़ा कर बोली- सिगरेट जलाओ. मैंने एक दो बार सिगरेट पी थी. सो मैंने एक सिगरेट होंठों में दबाई और जला कर कश खींचा. तभी उसने मेरे मुँह से सिगरेट खींच ली और खुद कश खींचने लगी. उसकी इस अदा से मेरा लंड टनटना गया था.
बड़ी देर तक नमकीन के साथ दारू चलती रही, अब दोपहर के एक बज गए थे.
तभी वो बोली- तुम लड़के पता है क्या सोचते हो.. कि ये आइटम है.. पटाखा है.. ये साली मिल जाए तो ये कर दूँ.. वो कर दूँ. मैं बोला- अंकिता जी आपको काफी हो गई.. अब आप आराम कर लो. वो खड़ी होकर मेरे पास आई और बोली- क्या तुम मेरे चूचे नहीं देखते हो? क्या तुम मेरी चाल को देख कर कमेंट्स नहीं करते? “अंकिता जी ऐसा नहीं है..” “उफ़ ऐसा नहीं है.. तो कैसा है..”
तभी वो मुझे किस करने लगी. वो मुझे ऐसे किस कर रही थी, जैसे काफ़ी टाइम की प्यासी हो. मैं भी उसका साथ दे रहा था. अब तो वो मुझसे चिपक गई थी. मैं भी कपड़ों के ऊपर से उसके मम्मों को दबाने शुरू कर दिए.
जैसे ही मैंने उसे बूब्स दबाने शुरू किए.. वो मुझसे अलग हो गई और बोली- अब तुम मुझसे सच बोलो.. क्या तुम मेरे बारे में यही सब सोचते हो ना? मैंने ‘हां’ कहा.
वो वापिस मेरे होंठों को चूमने लगी और अबकी बार उसने खुद अपना शर्ट उतार दिया. इसी के साथ ही साथ मैं उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चुत पर हाथ फेरने लगा. जैसे ही उसका सूट निकला.. उसने मेरा सर पकड़ के अपने दोनों मम्मों के बीच में दबा लिया. मैं जोर जोर से उसके मम्मों को पीने लगा.
आह क्या नजारा था.. साला जिन मम्मों को कल तक मैं ऊपर से देख कर लंड हिलाता था, वो आज खुद मेरे पास में खड़ी होकर मुझे दूध पिला रही थी. फिर तो जोश ही जोश में मैं उसके चूचे भी पी रहा था और उसे मसल भी रहा था. वो मादक सीत्कार निकाल रही थी- आआह.. ईईए..
जैसे ही मैंने उसके एक निप्पल को दांत से मसला, वो तड़प उठी और बोली- नो बेबी ऐसे नहीं.. प्यार से मजा लो.. जब तक मैं यहाँ हूँ, पी लो इनको जी भर कर..
अब मैं जोश में आकर मेम के मम्मों को एक के बाद एक खूब पीता रहा. साथ में उसकी सलवार के ऊपर से चुत को मसलता रहा. उसने एक एक करके मेरे कपड़े उतारे और मैंने भी उसकी सलवार खींच कर उतार दी. मैडम की चिकनी गोरी जांघें देख मेरी कामवासना अपने चरम पर पहुँच गई.
अब वो पेंटी में और मैं अंडरवियर में था. वो नीचे बैठ गई और मेरे अंडरवियर के ऊपर से लंड को मसलने लगी. थोड़ी ही देर बाद उसने अंडरवियर को नीचे कर दिया और लंड को देखटे ही चहक उठी- वॉववव सुपर्रर.. कितना प्यारा लंड है..
उसने एक पल की भी देर नहीं की, मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी. मैं 2-3 मिनट में ही उनके मुँह में फ्री हो गया. वो मेरे लंड का सारा माल पी गई लेकिन तब भी लगातार मेरे लंड लगातार चूसती रही. मेरे लंड धन्य हो गया था.
तभी वो बोली- चलो एक एक पैग ले लेते है. मैंने कहा- आप लो.. मैं नहीं..
लेकिन वो नहीं मानी और मुझे जबरदस्ती एक पैग पिला दिया. एक सिगरेट फिर से सुलगा कर कश खींचते हुए फिर से मुझे बिस्तर में गिरा कर मेरे लंड को सक करने लगी. मैं एकदम मस्त होकर जैसे जन्नत में होऊं, ऐसा फील कर रहा था.
पता नहीं क्या जादू था उसमें, जैसे ही वो लंड को गले तक ले जाकर चूसती, हर बार करेंट सा दौड़ जाता. क्या मस्त हुनर था उसमें लंड चूसने का.. तभी वो बोली- नाउ बेबी योर टर्न..
उसने अपनी पेंटी निकाली और चूत को मेरी तरफ कर दिया. अब हम दोनों 69 में हो कर लंड और चूत की चुसाई का मजा लेने में लग गए. हम दोनों कई मिनट तक एक ऐसे ही 69 में चुसाई का मजा लेते रहे. इस बीच वो झड़ गई.
जैसे ही मैं उसकी चुत को सक करता था, वो एक फिंगर से अपनी चुत के दाने को ऊपर से रगड़ते हुए भड़कने लगती- आह.. यस बेबी.. आई लाइक इट.. उआ.. एमेम.. मैं एकदम गर्म हो गया. तभी वो बोली- नाउ फक मी और अब मुझसे रुका नहीं जाता, प्लीज़ जल्दी से लंड पेल दे.
उसके ये कहते ही मैं उसके ऊपर आ गया. मैंने लंड को उसकी चुत पर सैट किया और इशारा किया. उसने आँख मारी तो मैंने कमर पकड़ कर पुश किया. चिकनाई भरपूर थी तो एक ही शॉट में लंड चूत में अन्दर घुस गया. लंड अन्दर जाते ही “उउउहह..” की आवाज से मैं समझ गया ये पक्की चुदक्कड़ है.. लेकिन अपने को क्या.. जब तक लंड के नीचे है, तब तक चुदाई एंजाय करो. तभी मैंने दूसरा शॉट ओदे मारा और इस बार वो उछल पड़ी और मुझे रुकने को कहने लगी.
मैं 2 मिनट रुका.. तभी उसने नीचे से गांड उठाना चालू कर दिया. मैं समझ गया कि इसको मजा आने लगा है.
बस इसके बाद एक के बाद एक झटके देता रहा और उसकी आवाज मेरे मनोबल को बढ़ाती रही. सच में पता नहीं जैसे ही वो ये बोलती “आह.. और जोर से..” मेरा लंड डबल स्पीड से अन्दर बाहर होने लगता.
दस मिनट तक चुदाई ऐसे ही चलती रही. कमरे में उसकी कामुक आवाजें गूँज रही थीं. तभी मेरा माल निकलने वाला हो गया था. मैंने कहा- आ रहा हूँ.. उसने कहा- अन्दर ही आ जाओ.
फिर दो मिनट और चुदाई की, साथ में वो भी चरम पर आ गई. उसका शरीर अकड़ने लगा था. हम दोनों एक साथ में फ्री हो गए. मैं उसके ऊपर ऐसे ही लेट गया और होंठों पर किस करने लगा. उसने मेरे तौलिया से मेरा और अपना पसीना पोंछा.
थोड़ी देर बाद उसने कहा- अब मुझे जाना चाहिए. मैंने सर हिला कर कहा- ह्म्म्म्म .. उसने नहाने का कहा.. तो मैंने कहा- साथ में नहाते हैं.
उसने मुस्कुरा कर मुझे चूम लिया.
जैसे ही हम दोनों फव्वारे के नीचे गए, पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने उसको दीवार की तरफ़ मुँह करके खड़ा किया और नीचे उसकी टांगों से लेकर तक पूरी बैक साइड को किस करने लगा.
वो फिर से गर्म हो गई और मुझे बेतहाशा चूमने लगी.
उसने कहा- आज फर्स्ट टाइम मुझे कोई मिला जो मुझे इतना मजा दे सका है.. अब तुम जब भी कहोगे, मैं तुम्हारे पास आ जाऊंगी. मैंने कहा- मेम, मैं आपकी गांड मारना चाहता हूँ.. “ओह्ह.. रियली बेबीई..”
उसने किस करना चालू रखा और गांड मेरी तरफ घुमा दी.
मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा, वो नल पकड़ कर खड़ी हो गई. मैंने लंड पर साबुन लगाया और थोड़ा उसकी गांड के छेद पर लगाया. फिर लंड को गांड के छेद पर रख कर कमर पकड़ कर पुश किया. पहली बार में लंड फिसल गया.
उसने कहा- बेबी.. मैंने आज तक इस छेद में कभी नहीं लिया. मैं खुश हुआ कि चलो गांड की सील तोड़ने का मजा तो मिलेगा.
इसी जोश में आकर मैंने एक बार और सुपारा सैट किया और अबकी बार थोड़ा टाइट पकड़ कर शॉट लगाया. आधा लंड उसकी गांड के अन्दर घुस गया. वो दर्द से चिल्ला उठी और बोलने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बाहर निकाल साले… फाड़ दी..
लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और जल्दी से एक शॉट मार कर पूरा लंड अन्दर कर दिया. वो रोने लगी, लेकिन जैसे जैसे टाइम निकलता गया, उसका दर्द कम होता गया. मैं कमर पकड़ कर शॉट पर शॉट देता गया और साथ में मम्मों को भी दबाता रहा.
अब वो “एआ उउउ एयेए ईई यस बेबी कम ऑन.. हार्ड फक्क माय आस.. यस्स यस आहह.. आह.. उउउ बेबी फास्ट फास्ट..” उसकी कामुक आवाजें मुझे जोश दे रही थीं और मैं एक के बाद एक कड़क झटके देता रहा. उसने कहा- बेबी अब आगे भी चोदो..
मैंने लंड उसकी गांड से निकाला और एक टांग हाथ में लेकर उसकी चुत में शॉट लगाने लगा. जैसे जैसे शॉट लग रहे थे हम दोनों एक दूसरे के होंठों चूमते और चूसते जा रहे थे. कुछ ही टाइम बाद हम दोनों ढेर हो गए. फिर हमने साथ में स्नान किया. उसने मेरे लंड पर साबुन लगा कर साफ किया, मैंने उसकी चुत साफ की.
नहाने के बाद वो अगली बार फिर से आने का बोल कर जाने लगी. जाते जाते उसने एक किस दिया और बाई बोल कर चली गई.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी चुदाई की कहानी. मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा. [email protected]
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