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दोस्तो… मैं संजय जयपुर, राजस्थान से फिर से अपनी अगली हिंदी सेक्स स्टोरी लेकर हाजिर हूँ. जैसा कि मेरी पिछली सेक्स स्टोरी सेक्सी भाभी को चोदा तड़पा तड़पा कर के अनुसार मुझे पायल भाभी कोई सरप्राइज़ देना चाहती थीं और मैं भी उन्हें एक सेक्सी सरप्राइज़ देने की सोच रहा था.
अब आगे:
मैं उन्हें रात में सरप्राइज़ देने का बोल कर अपने घर आ गया. अब घर आकर मैं फ्रेश होकर नाश्ता करने के बाद अपने रूम में आ गया और क्या सरप्राइज़ दूं, यही सोचने लगा. तभी मेरे शैतानी दिमाग़ में आज की रात को यादगार बनाने का एक आइडिया आया. मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई. मैं फटाफट नहा धोकर अपनी बाइक से मार्केट चला गया और पायल भाभी के लिए एक डायमंड रिंग खरीदी और एक बड़ी सी यम्मी चॉकलॅट खरीदी.
मैं यह सब लेकर मम्मी से बचा कर अपने कमरे में छुपा दिया और शांति से बाकी सारे काम करने लगा और शाम होने का इंतजार करने लगा.
शाम को भाभी का मैसेज आया कि तुम 8 बजे बाद ही आना. मैंने रिप्लाई किया- क्यूँ… मैं 8 बजे तक कंट्रोल नहीं कर सकता. उनका जवाब आया- सरप्राइज़ है तो सब्र तो करना ही पड़ेगा और हाँ खाना मत खाना… यहीं आकर खाना…
मैंने भी सोचा कि सब्र का फल मीठा ही होता है तो कुछ घंटे और सही… तब तक मैं अपना प्लान बना लेता हूँ.
अब 8 बजे बाद पायल का मैसेज आता है कि अब तुम आ सकते हो… घर का दरवाजा खुला है. मैंने फटाफट अपना गिफ्ट और चॉकलॅट ली और मम्मी से छुपाते हुए भाभी के घर की तरफ चल पड़ा.
मैं जब वहाँ पहुँचा तो दरवाजा खुला हुआ था और घर की लाइट ऑफ थी. मैं गेट खोलकर अन्दर आ गया और लाइट ऑन करके कुण्डी लगा दी. मैं अन्दर आया तो देखा बेडरूम की अन्दर कुण्डी लगी है. मैंने गेट खटखटाया तो एक मैसेज आया कि टेबल पर खाना रखा है, पहले वो खा लो, फिर ही गेट खुलेगा.
मैंने देखा कि टेबल पर शानदार खाना रखा है, जिसमें पूरी, सब्जी और काफ़ी पकवान व खीर… जो मेरी सबसे पसंद की चीज़ है. मैंने भाभी को आवाज़ दी- जानेमन बाहर तो निकलो… हम दोनों साथ में खाना खाएंगे. तब फिर एक मैसेज आया कि मैंने खा लिया, तुम भी जल्दी से खा कर अन्दर आओ… तुम्हारे लिए सरप्राइज़ है.
मैंने उत्साहित होते हुए जल्दी से खाना खत्म किया और भाभी को आवाज़ दी कि मैंने खाना खा लिया है… अब प्लीज़ जल्दी से गेट खोलो. तभी कुण्डी खुलने की आवाज़ आई. मैं अन्दर गया तो बेडरूम की लाइट ऑफ थी. मैंने लाइट ऑन की और देखा तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं.
पूरा कमरा सज़ा हुआ था और फूलों से भरी बेडशीट पर पायल भाभी लाल कलर की साड़ी पहने घूँघट निकाले बैठी थीं. भाभी एकदम दुल्हन की तरह सजी थीं. एक पालने में उनका बेबी सोया हुआ था. मेरे मन में लड्डू फूटने लगे… मैं तो खुशी के मारे पागल हो गया. पायल भाभी बोलीं- कैसा लगा मेरा सरप्राइज़ मेरे राजा? मैंने कहा- जान, तुमने तो मुझे झटका ही दे दिया… मैं तो पागल हो गया हूँ खुशी के मारे. पायल बोलीं- बस आज से मैं तुम्हारी हूँ. मैं बोला- जानेमन, अब मेरी बारी है तुम्हें सरप्राइज़ देने की…
और इतना कह कर मैं बेड पर उनके पास जाकर बैठ गया. मैंने उनका घूँघट हटाया. क्या लग रही थीं वो… पूरी गहने से लदी… आँखों में सुरमा… एकदम लाल होंठ… गोरे गाल…
मैंने चॉकलेट साइड में रख दी और अपनी जेब से अंगूठी निकाल कर उनका हाथ पकड़ते हुए अंगूठी उनकी उंगली में पहना दी और हाथ चूमते हुए कहा- मेरी जान के लिए यह छोटा सा तोहफ़ा इस नाचीज़ की तरफ से. वो अंगूठी देखने लगीं और उसे चूमते हुए बोलीं- तुम मेरी जान हो… यह सच में मेरे लिए अनमोल तोहफ़ा है.
भाभी की आँखों से आँसू आ गए. मैंने भी झट से उनके आँसू पोंछते हुए कहा- आज तो खुशी का दिन है… आज के दिन इन आँसुओं के लिए कोई जगह नहीं है. मैंने उन्हें गले से लगाते हुए कहा- आओ, आज की रात को यादगार बना दें.
अब मैंने भाभी के गहने उतारने शुरू कर दिए और साइड में रख दिए. मैंने उनके माथे को चूमा और फिर गालों पर एक किस कर दी. भाभी एकदम से लरज गईं. मैंने धीरे से उनके लबों को चूमा और उन्हें दीवार के पास खड़ा कर दिया. मैंने उनको अपनी देह से दबाते हुए अपनी जीभ निकाल कर उनके चेहरे पर फिराना शुरू कर दी. पहले माथे… फिर नाक… फिर गाल और अंत में उनके गुलाबी होंठों पर आ गया. मैं उनकी लाल लिपस्टिक चाटने लगा. मेरी पूरी जीभ लाल हो गई.
अब मैं भाभी के होंठों को बुरी तरह से चूमने लगा और उनकी साड़ी का पल्लू गिराते हुए उनके चूचे दबाने लगा. कोई दस मिनट तक होंठ चूसने के बाद वो हांफने लगीं और ज़ोर से साँसें लेने लगीं, जिससे उनके चूचे ज़ोर से ऊपर नीचे होने लगे.
मैंने तुरंत अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए कहा- क्या रसीले लब है तुम्हारे… मज़ा आ गया रस पान करके. मेरी पूरी जीभ और होंठ पूरी से लाल हो गए थे. मैंने तुरंत ही फिर से उनके होंठों पर जीभ फिराते हुए भाभी की जीभ को चूसने लगा. वो ‘बस म्म्म्म …’ करते हुए ज़ोर से हांफने लगीं.
मैं धीरे धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगा और भाभी के मम्मों पर आ गया. मैं उनके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा. भाभी कामुक सिसकारियां भरने लगीं, तो मुझे और जोश आ गया. मैंने दोनों हाथों से उनके ब्लाउज को ज़ोर से पकड़ कर खींच दिया. भाभी के ब्लाउज के सारे बटन एक झटके में खुल गए और दो बटन टूट कर भी ज़मीन पर बिखर गए.
भाभी ने बोला- आह… क्या कर रहे हो जान… आराम से करो ना… मैं कहीं भाग थोड़े रही हूँ. मैंने भाभी के मुँह पर उंगली रखते हुए कहा- चुप रहो डार्लिंग… मैं जैसे करना चाहता हूँ… मुझे करने दो… डिस्टर्ब मत करो… बस मज़े लेती रहो मेरी जानेमन…
यह कहकर मैंने पायल भाभी का ब्लाउज निकाल कर फेंक दिया. अब मैं उनकी में फंसे हुए मस्त रसीले मम्मों पर टूट पड़ा और उन्हें ज़ोर से दबाने लगा.
इसके बाद मैंने उनकी रेड कलर की ब्रा की दोनों तनियों को दोनों हाथों से सरका कर नीचे कर दिया और उनके नंगे कंधे और गर्दन पर जीभ फिराने और चूमने लगा.
भाभी भी मस्ती से मुझसे रगड़ सुख ले रही थीं. मैं भाभी के आधे नंगे मम्मों पर जीभ फेरने लगा. उनके मुँह से तो बस मादक सिसकारियाँ निकली जा रही थीं- अह्ह्ह ह्ह्ह्ह… मम्म… मेरी जान और जोर से… म्मम्मम्म… मैं भाभी के मम्मों को दबाते हुए नीचे उनके पेट पर आ गया और पेट पर जीभ फिराने लगा. मैंने उनकी गहरी और गोल नाभि में जीभ डाल कर गोल गोल घुमाने लगा.
पायल भाभी अब छटपटाने लगीं और मेरा मुँह अपनी नाभि से हटाने लगीं. मैंने भी उनके दोनों हाथ पकड़कर दीवार से सटा दिए और फिर से अपनी जीभ उनकी नाभि में घुसेड़ कर ज़ोर जोर से घुमाने लगा. वो अब जोर जोर से सिसकारियां लेने लगीं- उम्म्म… नहीं जान… आह… रुक जाओ प्लीज़… आह… मैं मर जाऊंगी… उम्म्म्म… आह… उनका पेट बहुत तेज़ी से अन्दर बाहर होने लगा… लेकिन मैं नहीं रुका और जीभ फिराता ही रहा.
नाभि में जीभ घुमाते हुए मैं अपने हाथ उनकी कमर पर बंधी साड़ी की गांठ पर ले आया और ज़ोर से उनकी साड़ी की गांठ को पकड़ कर खींचा तो साड़ी एक झटके के खुलकर नीचे गिर गई. वो चिल्लाईं- आह… आराम से… आह…
मैं भाभी के होंठों पर उंगली रख कर फिर से अपनी जीभ उनकी नाभि में फिराने लगा. अब मैं अपना हाथ भाभी के पेटीकोट के नाड़े पर ले गया और उसे ज़ोर से पकड़ कर खींच डाला, जिससे भाभी का पेटीकोट एकदम से नीचे गिर पड़ा. भाभी अब रेड कलर ब्रा पैंटी में मेरे सामने खड़ी थीं. मैं अभी भी उनकी नाभि में जीभ फिराए जा रहा था.
यह करते हुए करीब 15 मिनट बीत जाने के बाद भाभी ज़ोर से चिल्लाते हुए पेंटी में ही झड़ गईं- आह… मेरा निकल रहा है… आह… रुक जाओ… अह्ह्ह्ह… हय…
चूत से रज निकलने के कारण भाभी काँपने लगीं और निढाल होकर मेरे ऊपर गिर गईं. मैंने भी उन्हें अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर उल्टा लेटा कर उनकी नंगी पीठ पर जीभ फिराते हुए उनकी ब्रा का हुक खोल दिया. फिर नीचे जाकर उनकी पेंटी को भी ज़ोर से नीचे खींच दिया. ब्रा पैंटी अभी भी उनके शरीर में फंसे हुए थे. वो अभी भी कंपकंपा रही थीं.
इधर मेरी हालत भी खराब हो रही थी तो मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया. इसके बाद मैं भाग कर किचन में गया और फ्रिज से कोल्ड ड्रिंक और बर्फ के टुकड़े उठा लाया और कमरे में आकर कुण्डी लगा दी.
पायल अभी भी बिस्तर पर औंधी पड़ी काँप रही थीं. मैंने उन्हें सीधा किया और उनकी ब्रा और पेंटी को पूरी तरह से हटाते हुए फेंक दिया, मैं बोला- डार्लिंग असली सरप्राइज़ तो तुम्हें मैं अब दूँगा. और इतना कह कर मैंने कोल्डड्रिंक की बोतल का ढक्कन खोलकर ठंडी ठंडी कोल्डड्रिंक भाभी के मम्मों पर और पेट पर गिरा दी, जो लुढ़क कर उनकी नाभि में भर गई.
भाभी एकदम से सिहर उठीं. तभी मैंने बर्फ के दो टुकड़े उठाए और एक टुकड़ा मुँह में दबा कर उनके होंठों पर फिराने लगा और उनके मुँह में डालकर बर्फ चुसवाने लगा. दो पल बाद मैं नीचे को आया, दूसरा टुकड़ा मैंने भाभी के पेट पर फिराते हुए अपनी जीभ उनकी नाभि में घुसड़ते हुए कोल्ड ड्रिंक चाटने लगा.
अब तो भाभी मस्ती से काँपने सी लगीं और सिसकारिया भरने लगीं- आह… छोड़ दो मुझे… मत करो… आह… प्लीज़… रुक जाओ… म्म्म्म… आह…
जब तक पूरी बर्फ नहीं पिघल गई तब तक मैं यह करता रहा. इसके बाद मैं फिर से उठा और कोल्ड ड्रिंक फिर से भाभी की नाभि में भर कर बर्फ के दो टुकड़े उठा लिए. इस बार मैंने के टुकड़ा उनके मम्मों पर और दूसरा टुकड़ा उनकी चूत पर रख दिया और उन्हें फिराते हुए अपने मुँह से उनकी नाभि चूसने लगा.
वो ज़ोर से चीख पड़ीं और मुझे दूर हटाने लगीं.
मैंने जल्दी से उनकी ब्रा उठाई और उनके मुँह में ठूंस दी और हाथों में अपना लंड पकड़ा दिया. इसी के साथ मैंने अपना काम दोहराता रहा.
वो कंपकंपाते हाथों से मेरे लंड से खेलने लगीं. करीब दस मिनट तक ऐसा ही चलता रहा. अब मैंने चॉकलेट उठाई और उसका रैपर फाड़ते हुए चॉकलेट अपने लंड पर लगाई और थोड़ी सी उनकी चूत पर लगा दी. चूँकि चॉकलेट पिघली हुई थी तो मुझे उसे लगाने में कोई दिक्कत नहीं हुई.
अब मैंने उनके मुँह से ब्रा निकाल दी और उनके होंठ चूसने लगा. भाभी अभी भी हाँफ रही थीं. मैंने उन्हें उठाकर 69 की पोज़िशन में लिटा दिया. अब मैं नीचे भाभी की चूत की तरफ मुँह करके लेट गया और वो मेरे लंड के ऊपर मुँह करके लेट गईं.
उनके मुँह में मेरा चॉकलेट से सना हुआ लंड था और मेरे मुँह में चॉकलेट से सनी हुई चूत थी. मैं भाभी की चुत के दाने पर जीभ फिराते हुए बुरी तरह से चॉकलेट चाट रहा था और पायल भाभी मेरे लंड को पागलों की तरह चूस रही थीं. पूरे कमरे में हमारी मादक सिसकारियां गूँज रही थीं. करीब दस मिनट बाद वो मेरे मुँह में झड़ गईं ‘आह… अइय… आह… आह…’
मैंने भाभी की चूत का सारा पानी पी लिया और पूरी चॉकलेट और पानी अपनी जीभ से चटकार साफ कर दिया. उसके अगले कुछ मिनट बाद मेरा लंड भी पिचकारी छोड़ बैठा… पूरी धार भाभी के मुँह में छूट गई. भाभी ने भी मेरा लंड पूरी तरह साफ कर दिया और सारा वीर्य पी गईं. अब हम दोनों की साँसें बहुत तेज चल रही थीं.
मैंने भाभी से पूछा- कैसा लगा नया टेस्ट? भाभी बोलीं- आज तो चॉकलेट वाला मिल्कशेक पी लिया… मज़ा आ गया. वो मुस्कुरा रही थीं.
मैंने उन्हें बेड पर चित किया और उनके मम्मों पर फिर से टूट पड़ा, जिससे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
चुदास चढ़ गई तो मैंने भाभी की टांगें चौड़ी की और अपना लंड उनकी चूत की फांकों पर रगड़ने लगा. भाभी आहें भरने लगीं. मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा, तो मेरा पूरा लंड एक बार में ही उनकी चूत में घुस गया. भाभी ज़ोर से चीख पड़ीं- आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊऊईई… ऊओह… आआ… मर गई… बेदर्दी ने मेरी फाड़ दी… आह…
मैंने तुरंत उनके होंठों पर होंठ रख दिए क्योंकि सोया हुआ बेबी जाग सकता था. भाभी कुछ शांत हुईं तो मैंने धीरे धीरे धक्के देना स्टार्ट किए. मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी तो उनके मुँह से आवाज़ निकलने लगी- आह… आआअह… ज़ोर से… चोद दो… उम्म्मक… आआह…
करीब 10-15 धक्कों के बाद में रुक गया और अब मैंने बेड पर चित्त लेटते हुए भाभी को अपने लंड पर बिठा लिया. भाभी भी मेरे लंड पर चूत फंसा कर ऊपर नीचे होने लगीं. इस आसन में भाभी के चूचे बहुत तेज़ी से उछल रहे थे, तो मुझे जोश आ गया और मैं उनके मम्मों को पकड़ कर ज़ोर से दबाने लगा. करीब 5 मिनट बाद ही भाभी ज़ोर से चीखती हुई झड़ गईं- आह… आआह… गई… आआह… जान… आह… रूको… आह…
भाभी मेरे ऊपर गिर गईं… पर मेरा तो अभी बाकी था, तो मैंने उन्हें तुरंत नीचे लेटाया और टांगें फैला कर अपना मूसल लंड एक ही झटके से पूरा पेल दिया. चूत में रस की चिकनाई इतनी ज़्यादा थी कि पूरा लंड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था. पूरे कमरे में फ़च्छ… फ़च्छ… की आवाज़ गूँज रही थी.
पायल भाभी तो बेजान सी आँखें बंद करे पड़ी थीं और बस काँप रही थीं. मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और दस मिनट बाद मैं भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया. मेरा भी गरमागरम लावा उनकी चूत में फूट पड़ा ‘आह… जान… आइ एम कमिंग… आह…’ मैं भाभी के ऊपर ही गिर पड़ा और कुछ मिनट तक हम दोनों बेजान लाशों की तरह पड़े रहे. मेरा लंड भी अब सिकुड़ गया था. पायल की चूत में हम दोनों के प्यार का रस था जो कि हल्का-हल्का बाहर निकल कर बेडशीट पर आने लगा.
मैं तुरंत उनकी चूत के पास गया और अपनी उंगली से वो रस फिर से उनकी चूत में घुसाने लगा. भाभी बोलीं- आह… क्या कर रहे हो… आह… मैं बोला- मैं नहीं चाहता कि हमारे प्यार की एक बूँद भी वेस्ट हो.
मेरे इतना कहने पर पायल भाभी ने मुझे अपने ऊपर खींचा और मुझे किस करने लगीं. फिर बोलीं- यह रात मैं हमेशा याद रखूँगी… यह रात मेरे लिए यादगार है. मैंने कहा- मेरे लिए भी… पर अभी काम पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने बोला- मतलब? मैं बोला- मतलब अभी थोड़ी देर में समझाता हूँ.
हम देवर भाभी ने कुछ देर आराम किया और फिर मैंने उन्हें ज़ोर से पलट दिया. अब मैं भाभी की जाँघों पर बैठकर उनकी गांड को दोनों हाथों से चौड़ी करने लगा. मैंने एक क्रीम उठाई और काफ़ी मात्रा में उनकी गांड के छेद पर लगा दी और अपनी उंगली पर लगाकर गांड के अन्दर तक क्रीम लगाने लगा. वो ज़ोर से आहें भरने लगीं- आह… उफ़… आह… इसके बाद मैंने अपने लंड पर भी क्रीम लगा ली और उन्हें उठाते हुए दीवार के पास ले गया.
मैंने उन्हें कुतिया जैसे झुका दिया. भाभी के दोनों हाथ दीवार पर टिक गए. मैंने अपने हाथों से उनकी कमर पकड़ी और अपना लंड उनकी गांड पर सैट करके एक करारा झटका मार दिया.
वो बुरी तरह से चीख पातीं कि उससे पहले मैंने अपने हाथों से भाभी का मुँह बंद कर दिया, मेरा आधा लंड भाभी की गांड में घुस गया. मैंने टाइम ना गंवाते हुए एक और कस के झटका मारा, मेरा पूरा लौड़ा उनकी गांड में समा गया. वो बस ‘गून्ह… गून्ह…’ ही कर पाईं. मैंने धक्के लगाने शुरू किए. मैं कस कस के झटके दिए जा रहा था और वो उतनी ज़ोर से चिल्ला रही थीं- आह… आईईईई… ज़ोर से… और तेज… आह… करते रहो… आह…
मुझे भी जोश चढ़ गया और मैंने तुरंत भाभी को दीवार से हटकर बेड पर आधा लेटा दिया. उनका ऊपर का हिस्सा बेड पर नीचे का हिस्सा ज़मीन पर लटक रहा था. मैं अब भाभी के पीछे से ऊपर चढ़ कर उनके बाल पकड़ कर बुरी तरह से गांड मार रहा था.
वो चीख ना पाएं इसलिए मैंने ब्रा फिर से उसके मुँह में ठूंस दी थी. मैं भाभी की गांड में सटासट धक्के दिए जा रहा था और वो छटपटा रही थीं. मैं पूरे जोश में था. पांच मिनट तक इसी पोजीशन में भाभी की गांड चुदाई करने के बाद मैंने लंड बाहर निकाला तो वो तरह से कंपकंपा रही थीं और अधमरी कुतिया सी बेड पर निढाल पड़ी थीं.
मैंने भाभी को संभलने का कोई मौका ना देते हुए तुरंत बेड पर खींचकर घोड़ी बनाया और एक तेज झटका मारते हुए पूरा लंड एक बार में पेल दिया. वो तो अच्छा हुआ कि उनके मुँह में ब्रा थी… नहीं तो उसकी इस बार बहुत तेज चीख निकलती.
मैं भी थक गया था तो मैंने भी 5-6 करारे धक्के मारे और उसकी गांड को को वीर्य से भर दिया. वीर्य निकलते ही मैं पायल भाभी को अपने ऊपर लेकर बेड पर गिर पड़ा.
मैं बुरी तरह हांफ़ रहा था और वो बेजान सी पड़ी थीं. मैंने उसके मुँह से ब्रा निकाली और उन्हें किस किया.
कुछ पल बाद मैं उठ कर किचन से एक पानी की बॉटल ले आया और उन पर पानी छिड़का. थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हो गईं और गुस्से से मुझे देखने लगीं.
मेरी सेक्सी कहानी जारी रहेगी. यह सेक्स स्टोरी आपको कैसी लग रही है, मुझे मेल करके बतायें! [email protected]
कहानी का अगला भाग : दुल्हन बन कर भाभी ने सुहागरात मनाई-2
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