This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
दोस्तो, मैं आपका दोस्त सन्नी. कभी कभी मुझे अपने से बड़ी उमर की औरतें बहुत अच्छी लगती हैं. मेरी पिछली एडल्ट स्टोरी भाभी ने मेरा लंड चूस कर दिया ब्लोजॉब भी ऎसी ही थी. अब मैं आपको मेरे एक ऐसे ही एक अनुभव के बारे में बताना चाहूंगा.
उस शाम को बारिश हो रही थी, मेरी छोटी बहन जिसकी उमर 18 साल है, वो बारिश में नहा रही थी, उसने लाल रंग का टॉप पहन रखा था और नीचे लोवर था. बारिश में वो दोनों पारदर्शी हो गये थे और मेरी बहन के बड़े बड़े मम्में मेरी आँखों के सामने साफ़ नज़र आ रहे थे. यह देखते साथ ही मेरा लंड 90 डिग्री में खड़ा हो गया, कामुकता के अधीन हो कर मेरा मन किया कि अपनी बहन को पकड़ कर पूरी नंगी करके वहीं छत पे लिटा कर उसके मम्में चूस लूं, उसकी चुत चुदाई कर दूँ. पर वो मेरी बहन है, यह सोच कर मन को रोक लिया.
खैर बारिश रुक गयी और मेरी बहन नीचे चली गयी पर मेरी आँखों के सामने उसके संतरे ही नज़र आ रहे थे.
बारिश रुकने के बाद मौसम सुहाना हो गया और बगल के घर की औरतें ऊपर छत पर आ गयी. उनमें से एक थी सुनयना भाभी. वो बेहद खूबसूरत हैं, उनको देख कर लगता है कि कोई स्वर्ग की अप्सरा आ गयी हो. मैं तब कम उम्र का था जब उनकी शादी हुई थी और वो हमारे मोहल्ले में आई थी. मोहल्ले के सारे आवारा लड़के उन पर नज़र मारा करते थे. लेकिन वो काफ़ी ज़्यादा गुस्से वाली थी, ऐसा लगता था कि अपनी खूबसूरती का घमंड है. वो ऊपर आई और फोल्डिंग बिछा कर लेट गयी.
उनके दो बच्चे हैं एक लड़का और एक लड़की. लड़का 5 साल का है और लड़की को 2 महीने की.
मैं भी अपनी छत पर खड़ा था, वो ऊपर आई, उन्होंने मेरी तरफ देखा और लेट गयी. मैंने इस बात पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि अभी भी मेरी आँखों के सामने अपनी बहन के मम्मे दिखाई दे रहे थे. तभी उनका लड़का भागता हुआ आया और अपनी मम्मी से दूध की बात करने लगा. तभी भाभी ने अपना एक मम्मा निकाला और अपने बच्चे के मुँह में दे दिया.
मैं यह देख कर हैरान रह गया कि भाभी अपने 5 साल के लड़के को अपना दूध पिला रही हैं. मैं अपनी गर्दन टेढ़ी करके उनकी तरफ देखने लगा. अचानक उन्होंने मेरी तरफ देखा तो मैं घबरा गया और नीचे चला गया. मैं उनके मम्मे को अच्छी तरह नहीं देख पाया था तो मैंने डिसाइड किया कि वापिस ऊपर चला जाए और उनके चूचे को निहारा जाए.
मैं वापस ऊपर चला गया लेकिन वो वहां नहीं थी. मुझे अपने पर बड़ा गुस्सा आया कि मैंने इतना अच्छा मौका हाथों से जाने दिया.
रात भर मुझे मेरी आँखों के सामने उन दोनों के मम्में ही दिखाए देते रहे. मैं शाम का इंतज़ार करने लगा. शाम हुई और मैं दोबारा छत पर पहुँच गया. भाभी सामने ही बैठी थी. उन्होंने मेरी तरफ देखा और मुझे बुलाया.
मैं चौंक गया कि आज तक तो उन्होंने मुझे कभी बुलाया नहीं, फिर आज कैसे बुला लिया? मैं उनके पास गया, उन्होंने मुझे आपने पास बिठाया और कहा- कल तुमने कुछ देखा? मैंने ना में गर्दन हिला दी. वो बोली- देखो बेटा, मैं जानती हूँ कि कल तुमने मुझे अपने बेटे को दूध पिलाता देख लिया. वो भले ही 5 साल का है, पर है तो मेरा बेटा ही… वो भले ही 40 का हो जाए मैं तो उसे तब भी दूध पिलाऊँगी.
मैं उनकी तरफ देखे जा रहा था… वो कह रही थी- भले ही वो कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए, रहेगा तो मेरा बच्चा ही ना! मुझे भाभी की बात सही लगी. वो बोली- शायद तुम्हारी मां ने भी तुम्हें काफ़ी उमर तक दूध पिलाया होगा. मैंने कहा- शायद… “पिलाया होगा… इसमें कोई ग़लत नहीं है.”
मैं हाँ में गर्दन हिला कर वहां से चला गया. मैं सोचने लगा काश मेरी माँ भी ऐसी होती जो मुझे आज तक अपने मम्मॉम से चिपकाये रहती.
अगले दिन भाभी मेरे घर आई और मेरी मम्मी से बातें करने लगी. मेरी मम्मी ने उन्हें बताया कि वो बचपन से मुझे माँ का प्यार नहीं दे पाई. भाभी ने यह सुन कर मेरी तरफ देखा और कहा- कोई बात नहीं, अगर आप माँ का प्यार नहीं दे पाई तो मैं दूँगी. आख़िर भाभी माँ समान होती है.
मेरे पेरेंट्स रोज ऑफिस जाते हैं इसलिए कई बार तो मैं घर में बिल्कुल अकेला ही होता था. मेरे पेरेंट्स अब 2 हफ्ते के लिए यू एस ए जा रहे थे और साथ में मेरी बहन भी जा रही थी और उधर भाभी भी बिल्कुल अकेली थी तो मम्मी ने मुझे भाभी के घर रुकने को कहा. मैं फटाफट राज़ी हो गया.
अगले दिन मैं भाभी के घर चला गया. भैया वहां से निकल ही रहे थे, वो बोले- बच्चे, अब तुम्हें अपनी भाभी का ख्याल रखना है, मैं 10 दिन में आ जाऊंगा. मैंने कहा- भैया, आप बेफ़िक्र होकर जाइए, मैं हूँ ना यहाँ, मैं सबका ख्याल रखूँगा. इधर भाभी किचन में थी और बर्तन साफ़ कर रही थी. मैं सीधा उनके पास गया और वहाँ जाकर बैठ गया. भाभी जब बर्तन घिस रही थी तो उमके मम्में हिल रहे थे, मैं उनको निहारने लगा.
भाभी ने मेरी तरफ देखा और कहा- बेटा, अपनी माँ की सहायता नहीं करोगे? मैंने कहा- मम्मी तो गयी. वो हंस पड़ी और बोली- बेटा मैं जानती हूँ कि तुम्हें आज तक माँ का सच्चा प्यार नहीं मिला है. इन 2 हफ्ते के लिए मैं ही तुम्हारी माँ हूँ. मुझे काफ़ी खुशी हुई.
मैं अपनी प्यारी भाभी उर्फ नयी माँ के सहायता करने लगा. उनके दोनों बच्चे स्कूल गये हुए थे, इसका मतलब हम दोनों घर पर बिल्कुल अकेले थे. तभी उन्होंने मुझे नहाने के लिए कहा. मैंने टॉवल लिया और बाथरूम में घुस गया, मेरे पीछे पीछे वो भी आ गयी. मैंने पूछा- ये आप क्या कर रही हो? वो बोली- तुम मेरे लिए एक नन्हे मुन्ने बच्चे हो, मैं तुम्हें एक छोटे बच्चे से लेकर एक जवान बच्चे तक का माँ का प्यार दूँगी.
उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए, अब मैं केवल अंडरवीयर में था. वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी और उनके गोरे-2 मम्में आधे नंगे थे. ये देख कर मेरा तो लंड तनतना गया. भाभी ने ये देख लिया पर वो कुछ ना बोली और मुझे साबुन मलने लगी.
अब मैं नहा लिया था और कपड़े पहन रहा था. भाभी किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी. मैं डाइनिंग टेबल पर जाकर बैठ गया और भाभी नाश्ता ले आई.
मैंने दूध पीना स्टार्ट किया पर उसका टेस्ट मुझे अलग सा लगा, मैंने पूछा- ये किसका दूध है? वो बोली- तुम बताओ किसका हो सकता है? मैंने कहा- शायद बकरी का होगा? क्योंकि मैंने आज तक बकरी का नहीं पिया था.
तभी एक दर्जी आ गया, शायद भाभी ने उन्हें अपने ब्लाउज का नाप देने के लिए बुलाया था. भाभी ने अपना पल्लू सरका दिया और अपने वक्ष का नाप देने लगी. मैं उनकी तरफ देख रहा था. भाभी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी. वो दर्जी 50-55 साल का लग रहा था और मेरी भाभी केवल 26 साल की. और वो साला दर्जी मेरी नयी माँ के मम्में घूर रहा था, उन्हें छू रहा था. पर मुझे मज़ा बहुत आ रहा था.
तभी वो साला ठरकी बूढ़ा अपनी हरकत पर आ गया और उसने भाभी से उनका ब्लाउज उतारने को कहा. मुझे लगा कि भाभी शायद नाराज़ हो जाएँगी पर उन्होंने बिना कुछ कहे अपना ब्लाउज निकाल दिया. अब भाभी सिर्फ़ ब्रा में थी. उनके मम्में इतने बड़े थे, ऐसा लग रहा था शायद ब्रा को फाड़ देंगे. जब मैं ही अपनी नयी माँ के मम्में घूर रहा था तो फिर वो दर्जी कैसा रुकता. वो पान चबा रहा था और वो नाप लेकर चला गया.
मैं भाभी के पास गया और उनसे इस बारे में पूछा कि वो कुछ ना बोली और मुँह धोने बाथरूम चली गयी. ऐसे ही भाभी के साथ एक दिन बीत गया.
अगले दिन मैं सुबह टट्टी जाने लगा तो भाभी ने मुझे रोका और बोली- तुम्हें धोना आता है ना? मैं बोला- हां क्यों? इसमें कौन सी बड़ी बात है? वो बोली- चलो, मैं देखती हूँ. मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था.
वो मेरे साथ टायलेट में आ गयी. वो इंडियन टायलेट थी और काफ़ी छोटी थी. मैं नीचे बैठ गया और अपना अंडरवीयर उतार दिया और टट्टी करने लगा. भाभी मेरे लंड को निहार रही थी. खैर मैंने टट्टी कर ली और साफ़ करने लगा. भाभी बोली- तुम रहने दो, मैं करती हूँ! और उन्होंने मेरी गांड साफ़ कर दी और अब वो टट्टी करने लगी, उन्होंने मेरे आगे ही अपनी पेंटी उतार दी और मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. भाभी की चूत एकदम चिकनी और गुलाबी थी, चूतड़ एकदम गोलमटोल थे. भाभी बैठ गई और निपटने के बाद अपने चूतड़ धोकर खड़ी हुई तो मुझे भाभी की चूत फिर दिखाई दी.
अब बस मैं आपे से बाहर हो गया और अपनी भाभी पर टूट पड़ा, मैंने उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उनके चूचों को अपने मुँह में भर लिया. फिर मैंने भाभी को अपनी बाँहों में उठाया और बिस्तर पर ले जाकर पटक दिया. और मैं उस रंडी पर वहशियों की तरह टूट पड़ा. इधर भाभी ने अपना कैमरा भी ओन कर दिया और बोली- तुम मेरी चूत को चोदते हुए वीडियो बनाओ.
मुझे क्या चाहिए था, मैंने कैमरा ऐसा अड्जस्ट किया ताकि हमारी चुदाई की अच्छी वीडियो आ सके. अब मैं और भाभी पूरे नंगे थे, मेरे आगे एक ऐसी औरत नंगी पड़ी थी जो दो बच्चो की माँ थी और जिसके पीछे पूरा शहर पागल था. वो मेरे होंठों को किसी भूखी औरत की तरह चूसे जा रही थी और मैं उसके होठों को!
भाभी की हैवानियत बढ़ती जा रही थी, वो एकदम पागल हो चुकी थी. मैंने भाभी के बूब्स को दबाना चूसना शुरू किया, वाह क्या मस्त मुलायम थे उफ़फ्फ़… वो उसके बड़े बड़े बूब्स, उसके ऊपर छोटी सी किशमिश जैसी निप्पल. मैं अब उन्हें ज़ोर से चूस रहा था और उसके मुख से अब सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी- आअहह उह्ह ह्ह हाँ… और ज़ोर से चूसो, खा जाओ… अह्ह ह्ह्ह मेरी जान… आईई ईईईई… खा जाओ, और ज़ोर चूसो, दबा कर पी जाओ मेरे दोनों बूब्स को… अह्ह आईई. करीब 20 मिनट तक मैंने भाभी का दूध पिया फिर कुछ देर के बाद मैंने भाभी से कहा- तुम भी अब मेरा लंड चूसो.
मेरा 6.5 इंच का लंड मेरी पैन्ट से बाहर निकाला जो अब तक पैन्ट में तम्बू बन कर खड़ा था और फिर वो नीचे बैठ कर चूसने लगी. मैं तो जन्नत में था दोस्तो… उसने मुझे सातवें आसमान पर पहुंचा दिया था. मेरे लंड का सुपारा वो अपने मुख में पूरा अंदर तक ले गई थी और उसे लोलीपोप की तरह चूस रही थी.
तभी कुछ देर के बाद मेरा वीर्य भाभी के मुँह में ही निकल गया और उसने वहीं पर उल्टी कर दी. फिर मैंने थोड़ी देर भाभी के बूब्स दबाए और फिर मैं हाथ को नीचे बढ़ाते हुए उसकी चूत को सहलाने लगा. भाभी ने मुझसे कहा- प्लीज पहले कंडोम लगा लेना, तभी आगे कुछ करना. मैंने कहा- हाँ भाभी माँ, ठीक है!
मैंने उसके माथे पर किस किया और उसके बाद उसके गुलाबी गुलाबी होंठों को चूसा, फिर गर्दन को चूमा, फिर बूब्स और फिर मैंने उसकी चूत के पास आकर उसकी जाघों पर किस किया. लेकिन अब उसकी चूत की खुशबू मुझे बिल्कुल पागल बना रही थी. मैंने जल्दी से उसकी जाँघों को एक दूसरे से अलग करके देखा तो उसकी वो छोटी सी गुलाबी चूत मेरी आँखों के सामने थी. मैंने अब बिल्कुल भी देर ना करते हुए उसकी चूत में अपनी जीभ को लगा दिया और फिर चूसने लगा.
दोस्तो, मुझे इसमें बहुत मज़ा आ रहा है और वो अब सिसकारियाँ ले रही थी- आहहहा उम्म्महाअ उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म्म आह्ह प्लीज आईईइ थोड़ा और ज़ोर से चूसो. हाँ तुम आज खा जाओ आह्ह्ह! भाभी माँ के मुँह से निकलती हुई सिसकारियों की आवाज अब मुझे एकदम दीवाना बना रही थी. मैंने उसकी बहुत देर तक अपनी जीभ से चुदाई की और फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने 69 में आकर दोनों की प्यास बुझाई. उसने कुछ देर बाद अपनी चूत का पानी मेरे मुँह में डाल दिया.
फिर उसके कुछ देर बाद मैंने अपना 6.5 इंच का लंड भाभी की चूत के छेद पर लगा दिया. मैं अब धीरे धीरे लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा लेकिन वो अब गर्म होने के साथ साथ बहुत डर भी रही थी क्योंकि मैंने उसके कहने के बाद भी अपने लंड पर कंडोम नहीं लगाया था. उसने मुझसे कहा- प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करना, मुझे बहुत दर्द होगा क्योंकि तुम्हारा यह बहुत लम्बा और बहुत मोटा भी है. और मुझे ढंग से चुदवाये काफी वक़्त हो गया है.
तो मैंने भाभी से कहा- तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो. मैं बहुत धीरे करूंगा जिससे तुम्हें ज्यादा दर्द नहीं होगा, लेकिन थोड़ा तो जरूर होगा. उसे तुम्हें सहन करना होगा, तुम्हारा वो दर्द ही आगे जाकर तुम्हारा मजा बन जाएगा. और फिर लंड को चूत पर रखकर धीरे से धक्का दिया. तभी ‘अह्ह आईई ईईईई…’ भाभी के मुँह से एक ज़ोर की चीख निकल गई. मेरा सुपारा चूत के अंदर था. अब हम दोनों एक हो गये थे और वो चीखने चिल्लाने लगी थी और वो अपने दर्द से कराह रही थी.
फिर मैंने कुछ देर रुक कर एक और ज़ोर का धक्का दिया और साथ ही साथ उसको किस करता रहा और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेती रही और चीखती चिल्लाती रही- आह्ह आईईई इईई! लेकिन मैंने लगातार धक्के मारने चालू किए. “वाह आह्ह्ह उम्म्म उईईईई माँ मर गई उफ… आआआः आआः माअर ले आज तू मेरी आआ आआआआः माआआर ले साआले… मेरा पति तो नामर्द है फ़ाआआड़ देईई तू ऊ… आआअज मेरी ईईई चूत साआले हराम की ईईई औलाद… कुत्ते कमीने… आज तू अपनी माआआआँ की गाअंड माअर ले.
हमारी वीडियो बन रही थी.
मैंने भाभी माँ को करीब 15 मिनट तक चोदा और उन की चूत में अपना गरम गरम लावा छोड़ दिया. और कुछ समय बाद हम फिर एक दूसरे के शरीर से खेलने लगे. और फिर मेरा लंड दोबारा से खड़ा होने लगा. फिर हमने दिन भर चुदाई की, मैंने रात में भाभी मां को नंगी करके छत पर भी चोदा.
हमने 10 दिन जी भर कर चुदाई की. आज मैं भाभी की चुदाई करने अपने कॉलेज से छुट्टी लेकर पहुँच जाता हूँ. मेरी भाभी की छोटी बहन भी उन्हीं की तरह बेहद सुंदर है और मैंने डिसाइड किया है कि मैं उसी से शादी करूँगा. यह सुन कर मेरी भाभी बेहद खुश है.
दोस्तो, मुझे लगता है शायद आपको मेरी एडल्ट स्टोरी पसंद आई होगी. अपने विचार मुझे जरूर बताना. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000