This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अभि है. मैं पुणे में रहता हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं. मैं आज मेरे जीवन की पहली और सच्ची कहानी लिखने जा रहा हूँ.
बात उस वक्त की है, जब मैं नया नया पुणे में रहने आया था. मैं और मेरा दोस्त विकास, हम लोग साथ में ही रहते थे. विकास और मैं कॉलेज के टाइम से साथ में थे. विकास की एक गर्लफ्रेंड थी, जिसका नाम पूजा था. वह बहुत बड़े घर से ताल्लुक रखती थी.. लेकिन उसके घर वाले हमेशा उस पर नजर रखते थे. इसलिए वह जब भी विकास से मिलने आती थी तो अपने साथ किसी न किसी फ्रेंड को साथ लाती थी, जिस पर पूजा के घर वाले भरोसा करते हों.
ऐसी ही उसकी एक फ्रेंड थी, जिसका नाम था माला.. वो दिखने में साधारण ही थी, लेकिन उसका फिगर लाजवाब था. उसके चूचे हापुस के आम थे और कमर पर तो आधी मटकी आराम के साथ बैठ जाएगी. पूजा के आने के बाद विकास और पूजा हमारे फ्लैट मैं बेडरूम में चले जाते थे और मैं और माला बातें करते रहते थे. माला का स्वभाव काफी अच्छा था. धीरे धीरे मैं उसे पसंद करने लगा लेकिन डर के मारे बोल नहीं पाता था.
बारिश के सीजन में एक दिन हम लोग ने लोनावाला जाने का प्लान बनाया. हम लोग मेरे एक दोस्त की कार लेकर घर से निकल पड़े, साथ में खाने का कुछ सामान भी ले लिया.
विकास ड्राइव कर रहा था, उसके साथ पूजा बैठी थी और मैं और माला पीछे की सीट पर थे. थोड़ी ही देर में विकास पूजा के साथ मस्ती करने लगा, उसने अपने एक हाथ से स्टेयरिंग पकड़ कर दूसरा हाथ पूजा की जीन्स के अन्दर डाल दिया. ये बात माला को दिखाई नहीं दे रही थी क्योंकि वह पूजा के ठीक पीछे वाली सीट पर बैठी थी. उधर पूजा भी विकास का साथ देने लगी. उसने मेरी ओर देखते हुए अपनी जीन्स का ज़िप खोल दिया.
फिर क्या था.. विकास पूजा की जींस की ज़िप के अन्दर उंगली डाल कर मजा लेने लगा. पूजा भी धीरे धीरे सिसकारियां लेने लगी. माला बारिश का पूरा आनन्द ले रही थी. जब सिसकारियों की आवाज माला ने सुनी तो उसने मेरी तरफ देख कर थोड़ी परेशानी दिखाई और विकास की ओर देखकर उसे थोड़ा कण्ट्रोल करने के लिए मुझे इशारा किया. मैंने भी तुरंत थोड़ी सी की खांसी आने की एक्टिंग करके चाय पीने के लिए गाड़ी रोकने के लिए बोला.
आगे एक छोटा सा होटल देखकर विकास ने गाड़ी रोक दी. हम सभी ने चाय नाश्ता कर लिया. इतने मैं विकास ने पूजा को आँख मार कर कुछ इशारा किया और मुझे ड्राइविंग करने के लिए बोल दिया. अब मैं और माला आगे वाली सीट पर और वो दोनों पीछे वाली सीट पर आ गए. मुझे बारिश में ड्राइविंग करने में बड़ा मजा आता है तो मैं एन्जॉय करने लगा और माला भी बाहर का नजारा देख कर खुश हो गई. हम दोनों में खूब सारी बातें हो रही थीं. मैंने अपने फेवरिट मराठी भावगीत के गाने लगाये थे, जो थोड़े रोमांटिक किस्म के थे. मैं एक हाथ से स्टीयरिंग व्हील पर उंगलियों से थपकी लगा रहा था. अब धीरे धीरे माला भी उसे एन्जॉय कर रही थी.
उसने मुझे पूछा- आजकल के मॉडर्न ज़माने में भी तुम्हें ऐसे पुराने गाने पसंद हैं? मैंने कहा- मुझे तो बस इसी तरह के पुराने गाने बहुत पसंद हैं और हिंदी में मुकेश जी के गाने भी पसंद हैं. वह थोड़ा सा मुस्कुराई और बाहर देखने लगी.
पीछे विकास ने पूजा के टॉप मैं हाथ डाल कर उसके चूचे दबाने चालू किये हुए थे.
थोड़ी ही देर मैं हम लोनावला के भूषि डैम पर पहुँच गए.. वहां काफी भीड़ थी. पूजा और विकास हाथों में हाथ डाल कर चल रहे थे. जैसे ही हम डेम की स्टेप्स पर आ गए, पूजा ने माला पर पानी उछाल दिया. इस झटके से माला थोड़ी हड़बड़ा गई और फिर उसने भी मौका देख कर पूजा को पूरी भिगो दिया.
उधर विकास ने पूजा पर अपना निशाना बना कर उसे पूरा भिगा दिया, जिससे उसका टॉप उसके शरीर को पूरी तरह से चिपक गया. ऐसे ही कुछ हालात माला के भी थे. उसने दूसरी तरफ देख कर अपना टॉप ठीक कर लिया.
इतने मैं पूजा और विकास ने मुझ पर निशाना लगा कर मुझे भिगाने की शुरुआत की, जिसमें माला ने भी उनकी सहायता की. मैं पूरा भीग गया.. फिर मैंने भी शुरुआत की और तीनों के ऊपर पानी फेंकना स्टार्ट कर दिया. हम सब को काफी मजा आने लगा था. इस घटना से हम सभी का मूड सेक्स से भर गया.
तब तक दोपहर के 2 बज गए और फिर हम खाना खाने के लिए चले गए. वहां पर बहुत सारे होटल थे, उसमें से एक में हम बैठ गए. हम सभी ने खाना खा लिया. पूजा ने माला की ओर देख कर बाथरूम जाने का इशारा किया, लेकिन माला ने न का इशारा किया तो विकास उसे बाथरूम ले कर चला गया.
अब मैं और माला वहां पर लगे शो पीस देखने लगे. एक पीस माला को बहुत पसंद आया, लेकिन वह शॉपिंग करने के मूड में नहीं थी. इतने में विकास और पूजा आ गए और वह तीनों डैम की तरफ चले गए.
मुझे माला को पटाना था सो मैंने वह शो पीस खरीद कर चुपके से गाड़ी में रख दिया और डैम की ओर चला गया. जैसे ही मैं वहाँ पर गया आगे का नजारा देख कर मेरे होश ही उड़ गए.
इतनी देर तक चुपचाप बैठी हुई माला पानी के फ्लो के नीचे डांस करने लगी थी. उसके टॉप के अन्दर की ब्रा साफ साफ दिख रही थी और उसने जो जीन्स पहनी थी, वह पानी के प्रेशर की वजह से थोड़ा नीचे खिसक गई थी, जिससे उसकी स्काई ब्लू कलर की पैंटी दिख रही थी. उसका शरीर देख कर मेरा मन उत्तेजित हो गया. मैं भी पानी में चला गया और डांस करने लगा.
मैंने माला की कमर में हाथ डाल कर नाचते हुए उससे कहा कि तुम बहुत ही अच्छा डांस करती हो! तो उसने मुझे ‘थैंक्यू..’ कहा और वह प्रोफेशनल डान्सर की तरह एक एक स्टेप्स करती गई.
उधर विकास और पूजा तो एक दूसरे के साथ चिपक कर बारिश और पानी का पूरा फायदा उठा रहे थे. उतने में वहां और एक ग्रुप आ गया और वह भी साथ में डांस करने लगा.
मैंने माला को इशारा करके उसकी जीन्स और पैंटी ठीक करने को बोला तो वह थोड़ा शर्मा गई और उसने अपने कपड़े ठीक किये. फिर वह थोड़ा थक कर वहीं पर बैठ गई और मुझे अपने नज़दीक आने को बोला.
उसको अब बाथरूम जाना था तो उसने मुझे उसके साथ चलने को कहा. हम लोग होटल की तरफ जाने लगे, लेकिन उतने में तेज़ बारिश आने लगी. तो माला बोली कि मैं यहीं पर डैम के बाजू में पेड़ों के बीच चली जाती हूं. मैंने सर हिला कर हामी भरी, वह चली गई.. लेकिन जाते ही उसी स्पीड से भागते हुए वापस आई तो उसने बोला कि उसने वहाँ पर एक सांप देखा.
वो वहां से वापस आकर जीनों पर बैठने लगी कि इतने में पूजा ने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने उसे सारी हकीकत बताई और उसे साथ चलने को कहने लगी. लेकिन अब तो पूजा भी सांप से डरने लगी. उसने भी इंकार किया तो माला ने मुझसे बोला कि तुम मेरे साथ अन्दर तक चलो.
फिर मैं उसके साथ चला गया. उसने मुझे पीछे मुड़ कर देखने के लिए बोला लेकिन मैं तो उसके पहले ही पीछे की तरफ देख रहा था.
वह मूत कर वापस आ गई.. और हम फिर एक बार डांस करने लगे. लेकिन अब माला का अंदाज़ कुछ बदल सा गया था. उसने मेरे हाथ में हाथ दे कर डांस करना चालू किया और मैं भी बेझिझक उसके हाथ और कंधे पे एक हाथ रख कर नाचने लगा. मैं बहुत ही खुश था कि एक मस्त लड़की के साथ मैं बारिश में भीगते हुए डांस कर रहा था. उतने में पानी की वजह से मेरा हाथ कंधे पर से फिसलकर माला की कमर पर आया, लेकिन उसने कोई आपत्ति नहीं जताई. हम खूब एन्जॉय कर रहे थे.
अब मुझे माला को गोदी में उठाने का मन कर रहा था लेकिन मैंने अपने आप पर काबू रखकर कमर का हाथ धीरे धीरे माला की गांड पर फेरने लगा. उसने भी उसका एक हाथ मेरे पीठ पर डाल दिया. अब तो मुझे खुद पर यकीन ही नहीं हो रहा था. मैंने मेरे हाथ उसकी गांड की दरार में डाल दिया लेकिन माला ने तुरंत वहां से मेरा हाथ हटा दिया और कमर पर रख दिया. मुझे उसको चोदने का मन हो रहा था लेकिन आज ऐसा कुछ हो नहीं पा रहा था. पर इतना तय था कि माला मुझे पट चुकी थी. उस दिन हम ने बहुत ही मजे उठाये और वापस पुणे चले आए.
उस दिन से माला और मेरी फ़ोन पर हर रोज बातें होती थीं. करीब एक महीने बाद हम एक दूसरे के बहुत करीब आ गए और फिर हम दोनों ने ही फिर से लोनावाला जाने का प्लान बनाया. लेकिन अबकी बार हम बाइक से चले गए. जाते टाइम माला ने मुझे पीछे से कस कर पकड़ लिया और एक झप्पी देने के बाद उसने अपने दोनों हाथ हवा में फैला कर टाइटैनिक वाला पोज़ दिया. वो आज काफी खुश दिखाई दे रही थी.
तभी पानी की बूंदें पड़ना शुरू हो गईं. मेरे दिमाग में एक आईडिया आया. मैंने माला को बोला कि देखो बारिश में भीगने से अच्छा है कि हम लोग होटल में रुक कर इत्मिनान से बातें करें, क्या कहती हो?
पहले तो उसने नानुकर किया लेकिन फिर वो मान गई और हम होटल में एक कमरे में चले गए. कमरे में जाते ही हमने कॉफी ऑर्डर की. कॉफी पीते हुए मैंने माला को अपने गोदी में बिठाया तो उसने मुझे उसके कप वाली कॉफी पिलाना शुरू किया. मैंने तुरंत एक हाथ उसके चूचे पर रख दिया और उसे प्यार से मसलने लगा. थोड़ी देर मसलने के बाद माला सिसकारी छोड़ने लगी.
फिर हम अपने कप टेबल पर रख कर एक दूसरे को चिपक गए. हवा में काफी ठण्ड होने की वजह से हम दोनों भी गर्म हो गए. फिर मैं अपने होंठ उसके होंठों पर रख कर किस करने लगा. अब माला भी मुझे पूरा साथ देने लगी. मैं समझ गया कि आग दोनों तरफ बराबर की लगी है, तो मैंने उसकी टॉप उतार कर उसके मम्मों हल्के से चूसने लगा. उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और मैं अपनी जीभ उसके निप्पल के चारों तरफ गोल गोल फिराने लगा. उससे वो कुछ ज्यादा ही गर्म होकर मुझसे लिपटने लगी. फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और देखा कि उसके निप्पल फूल गए थे और निप्पल के साइड में उसके पूरे रोंगटे खड़े हुए थे.
मैं उसके निप्पल चूसने लगा, दबाने लगा. माला भी पूरा मजा ले रही थी. फिर मैंने उसकी जीन्स उतार दी. इत्तफाक से उसने उस दिन भी स्काई ब्लू ही पैंटी पहनी थी. वो उस पैंटी में बड़ी गज़ब की लग रही थी. उसने भी मेरे सारे कपड़े फटाफट उतार दिए. नंगे होने पर वो मेरे लंड की तरफ देखती ही रह गई.
जब मैंने उसे हिलाया तो वह बोली कि मैंने पहली बार किसी का लंड देखा है. उसने मेरा लंड छुआ तो मेरे शरीर में से बिजली चमक सी गई. वो उसे हाथ में लेकर चूमने लगी. फिर मैंने उसको बेड पर लिटा कर उसकी पेंटी निकाल दी. उसकी चुत आह.. जैसे कोई टमाटर जैसे रसीला और लाल फल हो. मैंने उसकी चुत को हल्के से चूम लिया. उसने तुरंत अपने पैर अकड़ा लिए, इतने में ही उसकी चुत से एक फव्वारा सा उड़ गया और माला ख़ुशी से पागल सी होने लगी.
उसने मुझे अपने बांहों में भर लिया और बेतहाशा चूमने लगी. फिर मैं अपने जीभ से उसकी चुत चाटने लगा. मैंने उसकी चुत चाट चाट कर लाल कर दी. उसने भी मेरा सर पकड़ कर चुत पर दबा कर मेरा साथ दिया.
एक बार वो फिर जोर से झड़ गई और उसकी चुत का सारा रस मैंने पी लिया. मुझे वो स्वाद बहुत अच्छा लगा.
अब वो मुझे मेरा लंड अपने चुत में डालने के लिए बोल रही थी. मैंने भी अपना लंड उसकी चुत पर रख कर थोड़ा सा धक्का दिया तो वो दर्द के मारे ऊपर को सरक गई. मैं मेरी जीभ उसके मुँह में डाल कर अपना लंड उसकी चुत में डालने लगा, जिसमें मैं सफल हो गया. वो चीख पड़ी लेकिन मैंने मेरा काम जारी रखा. मैं तब तक एक के बाद एक तेज धक्के देता गया, जब तक उसकी आँख में से मजे के आंसू नहीं आ गए.
आज मैंने माला को वो हसीन दर्द दिया था, जिससे वो बहुत खुश हो गई थी. अपने अपने स्पीड बढ़ा दी और थोड़ी ही देर में उसकी चुत को मेरे दही (वीर्य) का अभिषेक कर दिया. जिससे वो निढाल हो कर मुझ पर चुम्बन की बरसात करने लगी थी.
फिर हम दोनों बाथरूम में चले गए और साथ में ही नहा लिए. फिर फ्रेश होकर घूमने चले गए.
दोस्तो, मेरी कहानी आपको कैसी लगी मुझे मेल करके बताइए. मेरा मेल आईडी है. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000