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मैं करण पाटिल, आज अपनी जिंदगी की पहली चुदाई की सेक्सी कहानी बताने जा रहा हूँ, जो कि पूरी तरह सच है, इसको लिखते समय कुछ गलती दिखे तो माफ करना.
मैं पुणे से हूँ.. मेरी उम्र 23 साल है. ये कहानी तब की है, जब मैं 18 साल का था. मेरे घर में मैं मम्मी पापा और छोटी बहन है, जोकि मेरे से 3 साल छोटी है. वो पंचगनी में हॉस्टल में पढ़ रही थी. मैं भी 10 वीं तक हॉस्टल में रह कर पढ़ा हूँ. उस वक्त 12 वीं पास करके मेरा नए कॉलेज में एडमिशन हुआ था. उन दिनों हमारे घर का मरम्मत का काम चल रहा था, इसलिए हम सभी एक फ्लैट में रहने आ गए थे.
रोज सुबह 8 बजे पापा अपने फैक्ट्री के ऑफिस चले जाते, हमारी एक बड़ी कास्टिंग इंडस्ट्री है. मम्मी का लेडीज कपड़ों का बड़ा शोरूम है. वो भी 8 बजे तक निकल जाती थीं. मेरा कॉलेज सुबह 7 बजे का होता था. जब कॅालेज से घर आता, तब तक 12-1 बज जाते. फिर पूरे दिन भर घर में कोई नहीं रहता था.. बस मैं अकेला ही रह जाता था. मम्मी खाना बनाकर जाती, पर बरतन साफ करने काम वाली आती. वो 9 बजे तक आती. तो घर बंद रहता था, इसलिए हम घर की चाभी हमारे पड़ोसी के यहां रख जाते थे. वैसे वो पड़ोसी मेरे दूर के चाचा लगते थे, उनकी पहचान से ही हमने वहां फ्लैट खरीदा था.
चाचा-चाची का भी कपड़ों का व्यापार था.. पर ज्यादातर चाची घर ही रहती थीं. चाची की बेटी थी जो कि 20 साल की थी. उसका नाम मीरा (बदला हुआ) था. मैं उसको दीदी बोलता था.
पहले तो मैं उससे बात नहीं करता था. पर रोज कॉलेज के बाद उनके यहां चाभी लेने जाना पड़ता था सो बोलचा ल शुरू हो गई थी. दीदी एम एस सी में पढ़ती थीं.. उन्होंने एक्सटर्नल एडमिशन लिय़ा था.
रोज मिलने से मुझसे दीदी काफी फ्री हो चुकी थीं. अब तो वो मुझसे बातें करने हमारे फ्लैट में भी आ जाती थीं. फिर वे घंटों हमारे घर में बैठती थीं. मुझे मारती, चिढ़ातीं, मैं भी उन्हें मारता, चिढ़ाता.. हम दोनों बहुत मस्ती करते थे. हम अपनी सारी बातें शेयर करते थे. पर अब तक मैंने उन्हें गंदी नजर से नहीं देखा था.
मैं बहुत पोर्न देखता हूँ. मेरे कम्प्यूटर में बहुत पोर्न वीडियो हैं. पर मैंने इस बारे में दीदी को कुछ बताया नहीं था. एक दिन दीदी मेरा कम्प्यूटर चला रही थीं, वे मुझसे बोलीं- जा मेरे लिये शरबत बना कर ले आ.
थोड़ी देर बाद मैं लौटा तो मैं हतप्रभ हो गया. दीदी मेरे कम्प्यूटर में एक चुदाई वाली xxx वीडियो देख रही थीं. दीदी ने मेरी तरफ देखा और शरबत उठाते हुए बोलीं- चाचा को बताना पड़ेगा. मैंने शरबत वाला ट्रे बाजू में रखा. और सीधा उनके पैरों में गिर के माफी मांगने लगा. दीदी बहुत मुश्किल से मानी.. पर बोलीं- इसके बाद जो भी करोगे, पहले मुझे बताओगे.
इतना बोल कर दीदी उठ कर चली गईं. उसके बाद 2-3 दिन वो मेरे घर नहीं आईं. तीसरे दिन दीदी आईं और बोलीं- अब तो बताना पड़ेगा. मैं बोला- अब क्या किया? तो बोलीं- तुझमें बहुत घमंड है. मैंने बात नहीं की, तो तू भी मुझसे नहीं बोला? मैंने बताया- दीदी मैं बहुत डरा हुआ था, इसलिए मैंने आपसे नहीं बात की.
वो मेरे बाजू में आकर बैठ गईं और मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोलीं- इस उम्र में ऐसा होता ही है. मैंने पूछा- क्या अभी भी आप मुझसे नाराज हो? तो बोलीं- तुझे ये बातें मुझे बतानी चाहिए थीं. मैं बोला- कोई लड़का कैसे किसी लड़की को ये चीजें बताएगा. वो बोलीं- लेकिन तू मेरा अच्छा फ्रेंड है, तो इतना तो बता सकता था. मैंने पूछा- आपने xxx वीडियो ढूंढी कैसे? तो बोलीं- रिसेंट डाक्यूमेंट्स से.
मैं उनका मुँह देखने लगा.
दीदी आगे पूछने लगीं- वो पोर्न वीडियो अभी है या फिर डिलीट कर दी? मैं बोला- है ना.. फिर दीदी पूछने लगीं- नंगी वीडियो देख के तू क्या करता है?
मैं शरम के मारे लाल हो रहा था. मुझे अजीब सा लग रहा था.
फिर दीदी खुद ही बोलीं- हिलाता है न.. पता है मुझे. मैं अवाक सा उनका मुँह देखने लगा. दीदी बोलीं- कितने सेक्स वीडियो हैं तेरे पास? मैं बोला- बहुत हैं. दीदी बोलीं- चल दिखा.
हम दोनों बेडरूम में आ गए, मैंने कम्प्यूटर चालू किया और वीडियो दिखाना शुरू कर दिया. उसमें से एक वीडियो दीदी ने प्ले किया. वो एचडी वीडियो थी, उसे 5-10 मिनट देखने के बाद मैं अपना लंड हिलाने के लिये उठकर बाथरूम जाने लगा तो दीदी अचानक से बोलीं- जो करना है.. मेरे सामने कर..
मैं चुपचाप बैठ गया. मेरे लंड का उभार दीदी ने देख लिया था. मैं लंड छुपाने के लिए उसे नीचे दबा रहा था. तभी दीदी ने मेरे लंड पर हाथ रखा. मुझे एकदम से करंट सा लगा. मैं दीदी को वो टच फील करने लगा, फिर मैं भी दीदी की जांघ पे हाथ फिराने लगा. दीदी मेरा लंड दबाए जा रही थीं. मैं भी कपड़ों के ऊपर से दीदी की चूत पर हाथ दबा रहा था. दीदी की सांसें तेज हो गई थीं.
इसके बाद मैंने दीदी के चूचों पर हाथ रखा और उनकी चूचियों को दबाने लगा. मेरी इस तेजी से दीदी चौंक गईं और पागलों की तरह मुझे किस करने लगीं. मैंने दीदी को कम्प्यूटर के सामने से उठाया और बेड पर लिटा कऱ हाथों से गरदन पकड़ कर होंठों से होंठ मिलाने लगा. मैं दीदी के होंठ चूम रहा था, जीभ से होंठ सहला रहा था. दीदी ने भी जीभ बाहर निकाली, फिर हम दोनों जीभ से खेलने लगे, एक दूसरे की लार पीने लगे.
दीदी तो मानो पागल सी हो गईं, वो मुझे सहलाए जा रही थीं, उन्होंने मेरी आधी शर्ट निकाल दी थी, मैंने वो पूरी उतार दी, उसकी गरदन पर कान पर छाती पर पागलों की तरह किस करने लगा “मुआहहहह.. मुआहहह.. मुआहहहह..” मैंने दीदी की गरदन पर काटा तो वो सिसकारी लेने लगी थीं- इशस्सस.. बस्सस.. आहहहह.. ईशस्स.. आहम्म..
दीदी मेरे बाल खींच रही थी. मैं शर्ट की ऊपर से चूचे दबाने चूसने लगा. वो पागल हो रही थीं. मैंने शर्ट उठाई.. उनकी गोल नाभि देख कर पागल हो गया. जीभ को दीदी की नाभि में घुसेड़ कर चाटने लगा, पेट पर काटने लगा. वो हल्के हल्के से चिल्ला रही थीं “आआह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआह.. इस्स..”
दीदी ने अपनी शर्ट और स्लिप को उतार दिया और मुझे अपने ऊपर खींचने लगीं. मैं उनके ऊपर आ गया. दीदी के 34 इंच के तने हुए बोबे देख कर मैं पागल ही हो गया और ब्रा के ऊपर से ही दीदी के चूचे निचोड़ने लगा क्योंकि मुझसे जल्दबाजी में ब्रा खोली नहीं जा रही थी.
फिर उन्होंने ब्रा का हुक खोला तो मैंने ब्रा खींच कर हटा दी. आह.. क्या मक्खन की तरह मुलायम और गोरे मम्मे थे. दीदी का पूरा गोरा बदन, उस पर 34 के तने हुए बोबे.. उन पे गुलाबी रंग के हल्के भूरे से निप्पल एकदम कड़क हो उठे थे. मैंने दीदी के एक निप्पल को किस किया तो उन्होंने मेरा सिर पकड़ कर कसके अपने निप्पलों पर दबा लिया. मैं मजे से निप्पल चूस रहा था “मु.. मुआ.. हहह..”
मैं मस्त होकर लपक लपक कर दीदी के निप्पलों को चाट रहा था.. और अपनी जीभ से सहलाए जा रहा था. दीदी भी मजे ले रही थीं “इस्स्स्स.. शशश.. आआहहह.. उम्म.. अहहह.. उफ्फ..” बीच में धीरे निप्पल काट लेता, तो “ओहह.. आआह.. उहहम्म..” करती जाती.
मैं नीचे आया और दीदी की लेगिंग्स उतार दी.. उनको पलटा दिया.. और उनकी फूलों वाली पैंटी नीचे खिसका दी, दीदी के चूतड़ दूध की तरह गोरे चिट्टे थे. कम से कम 36 इंच के तो होंगे ही. मैं जैसे ही दीदी के चूतड़ चाटने लगा, वैसे ही वो ज्यादा हरकत में आ गईं.. और गांड उठाते हुए मुझे अपनी चूत चाटने को बोलीं. मैंने सर हां में हिलाया तो वो सीधे हो कर लेट गईं.
अब तक मैंने चड्डी और अंडर गारमेंटस उतार दिये. मेरा लंड फटने की हालत में था. आज तक इस लंड ने कुछ भी नहीं किया था. लंड की सारी नसें तनी हुई थीं. मेरा लंड अपनी पूरी औकात में आ गया था यानि 6 इंच लंबा और खूब मोटा हो गया था. मैंने उनसे लंड मुँह में लेने को बोला उन्होंने मना कर दिया और लंड हिलाने लगीं. उनके स्पर्श से मैंने पानी छोड़ दिया. सारा पानी उसके मम्मों पर पिचकारी की शक्ल में गिरा था.
अब लंड हिचकोले दे रहा था. वीर्य निकल जाने से मेरा मन भर सा गया था. अब मैं कपड़े पहनने के लिए उठने लगा. तो दीदी ने मुझे खींचा और रंडी के जैसे बोलीं- ओए… पहले मेरी इस चूत की आग को ठंडा कर.
मैंने देखा दीदी की पैंटी पर धब्बा बन गया. मुझे वो अपनी चूत चाटने को बोल रही थीं. मेरा चूत चाटने का मन नहीं था. उनकी पैंटी पीछे से थोड़ी नीचे आ गई थी, लेकिन आगे चूत पर चड्डी चढ़ी थी.
मैंने दीदी की चूत पर पैंटी के ऊपर से किस किया. वो मुझे जोर से खींच रही थीं. मैं उनकी जांघों पर किस करने लगा. वो “अअ.. आहहहह..” किए जा रही थीं. मैंने पैंटी निकाल दी.. आह दीदी की चूत एकदम साफ़ थी. मैंने पूछा- झांटें किधर गईं? तो बोलीं- मुझे चूत साफ़ रखना ही पसंद है.
अब दीदी ने पैर फैला दिए. इससे उनकी चूत की महक ने मुझे दीवाना कर दिया. अन्दर से चूत एकदम गुलाबी दिख रही थी. दीदी मेरा सर चूत के पास खींच रही थीं. मैं दीदी की चूत की पंखुड़ियां चाटने लगा. फिर मुझे मजा आया तो चूत पर पूरा मुँह लगा दिया और चूत को अपने मुँह में भर के चूसने लगा. चूंकि दीदी की चूत गोरी थी, लेकिन साइड में एकदम हल्की सी काली सी दिख रही थी.
वो आहें भर रही थीं- अमन.. आआह.. सश.. उफ्फ.. खाजा इसको बहुत खुजलाती है.. साली आआहह.. आआऊऊऊच..
मैं दीदी की गुदा से लेकर ऊपर तक चूत चाट रहा था. कुछ ही पल बाद वो मेरे मुँह पर बैठ गईं और अपनी चूत चटवाने लगीं. मेरे मुँह पर अपनी चूत दबाने लगी.. इतना जोर से चूत रगड़ रही थीं कि मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. मैंने किसी लड़की की चूत पहली बार देखी थी सो मैं भी मस्ती से चाटे जा रहा था. वो बोलीं- साले ऊपर भी चाट.. मैं दीदी की चूत के दाने को भी चाटने लगा, हल्के से काटने लगा. वो “मर गईई.. ओओहह.. आहह.. इस्स.. अममन..” करने लगीं और मुझे कसके पकड़ कर थऱथऱाने सी लगीं.
उसी वक्त दीदी ने बहुत सारा पानी मेरे मुँह पे छोड़ दिया. ज्यादातर पानी मैंने पी लिया, अजीब सा स्वाद था, पर उत्तेजना में मुझे इसका स्वाद पसंद आ गया.
अब तक मेरा लंड खड़ा होकर तैयार था. मैंने दीदी को अपने लंड के नीचे लिटाया और उनकी चूत पे लंड घिसने लगा. वो पगला गईं.. और नीचे से गांड उठा कर लंड अन्दर लेने की कोशिश करने लगीं. दीदी चुदास से भर कर बोलने लगीं- जल्दी से घुसा दे.. अब सहन नहीं होता.
मैं लौड़ा घुसाने लगा, पर दीदी की चूत के अन्दर ही नहीं जा रहा था. मुझे भी दर्द हो रहा था और उन्हें भी. मैं परेशान हो गया, मैंने अन्दर डालने से मना किया, तो उन्होंने मुझे नीचे लेटने को बोला. मैं नीचे आ गया और दीदी मेरे लंड पर आ गईं.
मेरे लंड दीदी ने अपनी हाथों से थूक लगाकर गीला किया. अपनी चूत पर भी थूक लगाया और लंड पर धीरे धीरे बैठने लगीं मुझे बहुत दर्द हो रहा था.. बस थोड़ा सा ही लंड अन्दर गया.. लंड तो दर्द कर ही रहा था.. उन्हें भी दर्द होने लगा, दीदी “उउउउहह.. उउइइइइ..” करते हुए अपनी चूत मेरे खड़े लंड पर दबा रही थीं. ऐसा करते करते आधा लंड दीदी की चूत में अन्दर घुस गया. वो उतने लंड से ही चूत में मजे लेने लगीं.
लंड पर थोड़ा खून लग गया था. उसे देखकर वो बोलीं- पहली चुदाई में ऐसा होता ही है. वो अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगीं. मैं दीदी के निप्पलों को हाथों से सहला रहा था. “आआहहह आआआहहह अममन..” करते हुए दीदी ऊपर नीचे गांड हिला रही थीं, उनकी चूत से पानी आने लगा.
अब तो मुझे मजा आने लगा था, मैंने उन्हें नीचे लेटने को बोला, वो झट से लेट गईं. अब दीदी की कमर के नीचे मैंने तकिया लगाया, जिससे उनकी चूत फूल कर ऊपर को उठ गई. मैंने समय ना गंवाते हुए उनकी टांगें फैला दीं औऱ फिर से धीरे धीरे आधा लंड चूत के अन्दर पेल कर दीदी को चोदने लगा.
इस वक्त मेरे लंड में ना के बराबर दर्द था और उधर चूत का दर्द भी खत्म हो गया था. अब दीदी को भी खूब मजा आ रहा था. वो मजे से “आआहह.. अमनन.. इस्स.. ऊऊह.. आआहह..” कर रही थीं.
तभी मैंने पूरा भार चूत पर देते हुए एक जोर का झटका लगाया. पूरा लंड दीदी की चूत के अन्दर चला गया. लंड में थोड़ा सा दर्द हुआ, पर उन्हें बहुत ज्यादा हुआ. वो चिल्लाईं- अय़ाआय उउउउ ऊऊऊफ्फ.. फट गई.. ओओह.. वो मुझे धकेलने लगीं.. लेकिन मैं नहीं हटा बल्कि और जोर से चोदने लगा. वो “ऊऊफ्फ आआह.. उई..” किए जा रही थीं. मैं दीदी को चोदता रहा, मेरा लंड अब चिकना हो रहा था. दीदी की चूत के पानी छोड़ने से रस रिसने लगा था.. लंड सटासट चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.
दीदी भी चुदाई का मजा ले रही थीं. उनकी चूत से “फच्च फच्चच..” की मधुर आवाज आने लगी थी. दीदी खुद मजे में गांड उठा कर “आआहहहह उउम्म.. अमन.. और चोद तेज से पेल.. आह..” चिल्ला रही थीं. मैं लंड फटाफट अन्दर बाहर कर रहा था.
फिर 20-25 धक्के लगाने के बाद वो मुझे जकड़ने लगीं. उन्होंने पैरों से कैंची बनाकर मुझे जकड़ लिया. मेरे गाल पे किस किए जा रही थीं. वे थऱथऱाने लगीं और “ईईईई..” करके झड़ने लगीं. चूत खूब पानी छोड़ रही थी. चूत अन्दर से मेरे लंड को खींचने लगी.. सिकुड़ने लगी. मैं लगातार धक्के मार रहा था. पर ऐसे लग रहा था कि कोई मेरा लंड चूस कर निचोड़ रहा है. उनकी चूत के हमले के आगे मैं टिक नहीं पाया और मेरे लंड ने अपना सारा पानी दीदी की चूत की गहराई में छोड़ दिया.
वो “मैं झड़ गई आह्ह.. आहह.. अममन..” करके कमर हिला रही थीं. मेरा पानी छूटने के बाद वह शांत पड़ी रहीं. मैं भी उनके ऊपर लेटा रहा.
दीदी की चूत ने मेरा वीर्य सोख लिया था, पर वह इतना ज्यादा था कि चूत से बह कर बेड पे गिर रहा था. साथ में उनकी चूत का पानी और थोड़ा सा खून भी था. थोड़ी देर वैसे ही पड़े रहने के बाद दोनों ने एक दूसरे को साफ किया और किस किया.
कुछ देर बाद दीदी अपने घर चली गईं. मैंने देखा कि वो लंगड़ा कर चल रही थीं. चाची के पूछने के बाद दीदी ने उनको बताया कि मुझसे खेलते हुए पैर में मोच आ गई. ये उन्होंने मुझे बाद में बताया ताकि चाची मुझसे पूछें तो मैं उनको यही बता सकूँ.
दीदी के जाने के बाद मैंने बेडशीट बदल दी, उस पर दाग बन गया था. मेरा भी लंड थोड़ा सा छिल गया था. शाम को दीदी के फ्लैट में जा कर मैंने उनको चुपके से आईपिल की गोली दे दी. उन्होंने वो दवा खा ली. इस तरह मैंने अपनी पहली चुदाई का मजा लिया दीदी की चुदाई का मजा लिया चूत चोद कर! इसके बाद तो हम दोनों ने खूब चुदाई की, ब्लू फिल्म देख कर अलग अलग पोजीशन में खूब चुदाई करके मजा लेने लगे. मैंने दीदी की एक सहेली को भी चोदा.
दीदी की यह चोदन कहानी दीदी की परमिशन से ही लिखी है. तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई की सेक्सी कहानी. कोई सुझाव हो तो जरूर बताइएगा. आपके सुझाव, प्रतिक्रिया और कहानी कैसी लगी, बताने के लिये मुझे मेल करें. [email protected] धन्यवाद.
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