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नमस्कार दोस्तो… अन्तर्वासना पर ये मेरी तीसरी कहानी है. मेरी पिछली दो कहानिया थी: मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी मम्मी को खेत में चोदा मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे और मेरी मम्मी को चोदा
अब मुझे बहुत से लोगों का मेल आता है, काफी लोगों को जवाब भी देती हूँ लेकिन सभी को जवाब देना संभव नहीं है, इसके लिए माफी चाहती हूँ. अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले मेरे बहुत से मित्र मुझे चोदने की इच्छा प्रकट कर चुके हैं मगर मेरे प्यारे दोस्तो, अब सब से चुदना संभव भी नहीं… अगर आप सच में सेक्स का ज्यादा आनन्द लेना चाहते हैं तो घर पर ही सेक्स कीजिये… जैसे भाभी, चाची, बहन और मम्मी… इन सब में मम्मी या बहन को चोदने में सबसे ज्यादा मजा आता है.
मेरे भाई ने जब मुझे और मम्मी को चोदा तो उसने यही कहा- दीदी, मुझे ज्यादा मजा मम्मी को चोदने में आया है.
अब मैं कल रात की मैं अपनी रियल सेक्स कहानी, माँ और बहन की चुदाई की, लिख रही हूँ.
रात के 10.30 बजे मम्मी मेरे रूम आई और कहा- आरती बेटा, मुझे नींद नहीं आ रही है, तू मेरे साथ सोने के लिए मेरे कमरे में आ जा. मैंने भी हाँ कर दी और मम्मी के साथ उनके रूम में चली गयी. हम दोनों बिस्तर पर लेट गई. मैंने मम्मी से पूछा- नींद क्यूँ नहीं आ रही थी? तो मम्मी कहने लगी- आज मेरा लेस्बियन सेक्स करने का मन है! मेरा मन नहीं था मगर मैं कुछ बोली नहीं क्योंकि थोड़ी देर पहले ही मुझे मेरे छोटे भाई ने चोद लिया था. तो सोचा कुछ देर मम्मी के चूत की प्यास बुझा देती हूँ.
मम्मी ने कहा- पहले हम लेस्बियन सेक्स करेंगे, बाद में रोल प्ले सेक्स करेंगे. मैंने कहा- ओ. के. मम्मी ने सिर्फ पेटीकोट और ब्रा पहन रखी थी और मैंने सूट सलवार.
बिना कुछ कहे ही मम्मी ने मेरे ओंठ चूसने शुरू कर दिए और मेरी चूत सहलाने लगी. मैंने भी मम्मी के बड़े बड़े बूब्स दबाने शुरू कर दिए और ब्रा खोल कर मम्मी के बूब्स आज़ाद कर दिए. वाह क्या मम्मे थे… मैंने उन्हें खूब मसलना शुरू कर दिया. मम्मी भी मेरी चूत खूब मसल रही थी. अब मैं भी गर्म होने लगी और मुझे भी मजा आने लगा.
इतनी देर में मम्मी ने मेरी सलवार का नाड़ा खोल कए मुझे नीचे से नंगी कर दिया और मेरे ऊपर आकर मेरी चूत को चाटने लगी. क्या मजा आ रहा था…आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी. मम्मी मजे से मेरी चूत चाटे जा रही थी और मुझे आनन्द के सागर में गोते लगाने के लिए मजबूर कर रही थी. मेरे तन-बदन में एक अजीब से हलचल हो रही थी, मैं दोनों हाथों से अपनी नर्म नर्म चूची दबा रही थी.
इतनी देर में मम्मी उठी और अपना पेटीकोट ऊपर किया और मेरे ऊपर आकर लेट गयी और अपनी चूत मेरी चूत से रगड़ने लगी. उफ्फ्फ… आह… अम्म आह मम्मी मारा डाला… क्या मजा आ रहा था… मम्मी चूत रगड़े जा रही थी और दोनों से मेरी चूची दबाये जा रही थी, कभी मेरे ओंठ चूस रही थी और तो कभी मेरे गालों को काट रही थी.
इतने में मम्मी बोल पड़ी- आरती बेटी मुझे गाली दे ना… गन्दी गन्दी बदतमीजी से भरी गालियाँ… मुझे भी बड़ा आनन्द आ रहा था तो मना नहीं कर पाई, मैं अपनी मां को गालियाँ देने लगी- साली कुत्ती… और रगड़ अपनी गर्म चूत मेरी चूत से… रंडी कहीं की निचोड़ दे साली बेटेचोद… अपने बेटे से चुदवाने वाली… अह उफ़… ओह हां… रंडी और कर… मजा आ रहा है… अहह मेरी रंडी मम्मी…
मम्मी भी कहने लगी- ले भाईचोद साली, बापचोद… मैंने कहा- मम्मी, मैं अभी सिर्फ भाईचोद हूँ बाप ने नहीं चोदा मुझे… जिस दिन मेरा बाप मुझे चोद देगा, उस दिन बापचोद भी बन जाऊँगी… अभी तो बस तू मजा दे अपनी बेटी को…
मम्मी अपनी चूत खूब रगड़ने लगी मेरी चूत से… मुझे तो जन्नत का सा आनन्द आने लगा… मैंने भी अपनी चूचियां मम्मी की चूची से रगड़ी… आअह म्माम्माह ओह… ओह रंडी डार्लिंग रगड़ ना और रगड़ अपनी झांटों वाली चूत मेरी चिकनी चूत से… मेरी मम्मी ने कहा- आरती बेटी, अब मैं झड़ने वाली हूँ…
मैंने भी अपना मुंह माँ की चूत पर लगा दिया और उनकी चूत से बहने वाला गरमा गर्म रस मैंने अपने ओंठों से लगा के चाट लिया. मम्मी की कामुकता, चुदास शांत हो चुकी थी.
पर मैं अभी भी प्यासी थी, मैंने मम्मी से कहा- यार मम्मी, मैं तो अभी भी प्यासी हूँ. मुझे सच में लंड चाहिए अभी… मम्मी ने कहा- जा अपने भाई का लंड ले ले… मैंने कहा- नहीं मम्मी, भाई से तो कुछ देर पहले चुदा चुकी हूँ और अब वो सो चुका है. तो मम्मी ने कहा- तो अपने बॉयफ्रेंड यशवंत को बुला ले…
मैंने यश ( यशवंत को मैं प्यार से यश कहती हूँ) को फोन लगाया उसने फ़ोन उठाया और कहा- क्या बात है? इतनी रात को नींद नहीं आ रही? तो मैंने कहा- नहीं, तुम्हारी याद आ रही है… तो यश ने कहा- तो मैं मिलने आ जाऊं? मैं तो यही चाहती थी, मैंने झट से हाँ कह दिया.
साढ़े ग्यारह बज चुके थे यश को मेरे घर पर आने में आधा घंटा लगता है… तब तक मैंने मम्मी को कहा- मम्मी, मेरी चिकनी चूत में आप अपनी बीच वाली लम्बी उंगली देती रहो. मम्मी ने मेरी बात मानी और जब तक मेरा चोदू यार नहीं आ गया, मां मेरी चूत को उंगली से चोदती रही.
जब यश आया तो हम दोनों माँ बेटी नंगी पड़ी थीं, यश के आते ही मैंने उसे गले से लगाया और उसे खूब चूमना शुरू किया… यश ने भी मेरी रसीले ओंठ खूब चूसे. इतने में मम्मी ने भी यश को खूब चूमा.
मैंने यश की पेंट निकाल दी, यश अब अंडरवियर में था और उसका लंड उन्द्र्वीय्र फाड़ कर बाहर निकलने को था. इतने में मम्मी ने यश का अंडरवियर नीचे कर के लंड हाथ में लेकर सीधा अपने मुंह में देकर चूसने लगी. यह देख कर मैं और गर्म हो गयी, मैंने यश की कमीज़ और और बनियान निकाल के यश को नंगा कर दिया. अब यश भी पूरी तरह नंगा था.
यश ने कहा- तुम दोनों को चोदने से पहले मैं नंगा डांस करना चाहता हूँ. हम दोनों ने भी हाँ कर दी क्योंकि पिछली बार नंगा डांस करने में मुझे बहुत मजा आया था.
तो यश ने कहा- जा आरती, अपनी भाई को बुला के ला, तभी मजा आएगा. मैं भाई को बुलाने चली गयी.
उधर यश ने टीवी ओन कर के गाना चला दिया. मैं भाई को बुला के ले आई.
यश ने कहा सब कपड़े पहनो, कपड़ा फाड़ डांस होगा. हम सब ने कपड़े पहने… उसके बाद शुरू हुआ हमारा नाच. यश मम्मी की कमर पर हाथ रख कर नाचने लगा और मैं अपने भाई को बाँहों में लेकर नाचने लगी. फिर कुछ देर बाद मेरा भाई अपनी मम्मी को बाँहों में लेकर नाचने लगा और मैं यश को… कभी यश मुझे किस करता तो कभी मम्मी को… कभी भाई मुझे किस करता तो कभी मम्मी को!
धीरे धीरे हम सब पर नाच का खुमार चढ़ने लगा. इतने में अचानक यश ने मेरा कुर्ता फाड़ दिया. अब मैं सफ़ेद ब्रा में थी. उधर मेरे भाई ने मम्मी का ब्लाउज फाड़ कर मम्मी की चुचियों को आजाद कर दिया. और डांस करते करते मम्मी को किस करने लगा. इतने में भाई ने मम्मी को छोड़ा तो मेरे करीब आ गया और मैंने अपने भाई की कमीज़ फाड़ के ऊपर से उसे नंगा कर दिया. उधर मम्मी ने यश की टी-शर्ट फाड़ दी और यश को किस करने लग गयी. अब हम सब आधे नंगे होकर डांस करने लग गये. बहुत मजा आ रहा था हम सब को. अब भाई मुझे गोदी में उठा के नाचने लगा और मैं गोदी में से ही उसे किस करने लगी.
अब यश मम्मी के पेटीकोट एक ही झटके में ऊपर उठा कर मेरी माँ की चूत चाटने लगा. इधर मैं भी एक ही झटके में अपने भाई का लंड अपने मुख में लेकर चूसने लगी. उधर अब की बार यश ने खड़े खड़े मम्मी की चूत में लंड घुसेड़ दिया और दो झटके मार के लंड बाहर निकाल कर मुझे पकड़ लिया फिर भाई ने मम्मी को पकड़ के उसकी चूत में खड़े खड़े लंड डाल के पेलने लगा. ऐसे ही कुछ देर हमने खूब मजा लूटा, फिर बैठे के चुदाई का प्लान बनाने लग गये.
मम्मी ने कहा- आरती बेटी, तूने कभी एक साथ दो लंड लिए हैं या नहीं? मैंने कहा- नहीं मम्मी, मैंने तो नहीं लिए, क्या तुमने लिए हैं दो लंड एक साथ? तो मम्मी हंसने लग गयी और कहा- एक साथ तीन तीन लंड ले चुकी है तेरी चुदक्कड़ माँ तो! दो चूत में और एक गांड में…
मैं सोच में पड़ गयी… एक साथ तीन तीन? मम्मी ने कहा- ज्यादा सोच मत, आज दो लंड एक साथ ले कर देख ले…
मेरी मासूम सी चूत में दो लंड एक साथ… सोच कर ही मैं कांपने लगी. फिर सोचा कि ज्यादा से ज्यादा क्या होगा… दर्द ही तो होगा… और बॉयफ्रेंड के लंड से ही तो दर्द होगा. फिर मैंने हामी भर दी.
फिर मम्मी ने यश से कहा- तुम नीचे लेटो, आरती बेटी तुम्हारी ऊपर आएगी. यश नीचे लेट गया और मैं उसके ऊपर उलटी खड़ी होकर उसके लंड को अपनी चूत में ले लिया. अब इधर से भाई मेरे ऊपर आकर मेरी चूत में अपना लंड पेलने लगा मगर गया नहीं क्यूंकि यश का लंड पहले से ही मेरी चूत में था.
तो मम्मी किचन में गयी और फ्रिज से मलाई लेकर आई और भाई के लंड पे लगा दिया और पहले भाई का लंड खूब चाटा, फिर कहा- अब डाल अपनी दीदी की चूत में! मेरे भाई ने अपना लंड मेरी चूत में लगा के एक ही झटके में अंदर घुसेड़ दिया… मेरी जोर से चीख निकली- हयी माँ मैं मर गयीई मेरी चूत फट गई… मेरी रंडी माँ ने मेरी चूत फड़वा ड़ी… मुझे बहुत दर्द हो रहा था मगर मेरा बेरहम भाई कहाँ मानने वाला था… वो और धक्के मारने लगा.
मेरी कमीनी कुत्ती माँ मेरे पास बैठी अपनी बेटी की चूत फटती देख खीसें निपोर रही थी.
अब यश और भाई एक साथ धक्के मार कर मेरी मासूम सी चूत के चीथड़े उड़ाने लगे… कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लग गया था, मैं अपनी चूत में दो दो लंड लेकर आनन्द के सागर में गोते लगाने लगी… मुझे पहले इतना आनन्द कभी नहीं आया था. मेरा मुँह मेरे भाई के मुंह के सामने था, मैं उसके ओंठ चूसने लग गयी… मम्मी मेरे चूचे पीने लगी.
अब मेरी मुख से सिसकारियाँ निकलने लग गयी- अआह हाह्ह… ओह माँ…. माँ मैं मर गई… मार डाला रे… ओयी ओ हहा अह पूरा कमरा मेरी कामुकता भरी आवाज़ से गूंजने लगा.
कुछ देर में मैं झड़ चुकी थी मगर वो दोनों जालिम मेरा भाई और मेरा यार लगे हुए थे धक्के पर धक्के मारने में! वो दोनों भी झड़ने वाले थे, मैंने कहा- कमीनो, तुम दोनों अपने लंड का माल मेरी चूत में ही छोड़ देना… मुझे तुम दोनों के बच्चे की माँ बनना है. फिर दोनों ने आखिर शॉट लगाया और अपने गर्म गर्म वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिये.
हम तीनों तृप्त हो गये थे. भाई और यश ने कुछ देर अपना लंड मेरी चूत में ऐसे ही फंसाए रखे जैसे कुत्ते कुतिया की चूत में रखते हैं. फिर हम तीनों अलग हुए… मैंने अपने भाई को गले लगाया और उसे खूब चूमा और कहा- थैंक्स भाई, तूने मुझे आज चुदाई का परम सुख दिया है. फिर मैंने यश को गले लगाया.
अब हम चारों एक साथ बिस्तर पे लेटे हुए थे, मम्मी की एक टांग यश के ऊपर थी और सर सीने पे और लंड पकड़ के उसे हिला रही थी ताकि वो फिर से खड़ा हो सके चुदाई के लिए… और मैं भाई के ऊपर लेट गयी, उसे किस करने लगी.
कुछ देर बाद हम चारों फिर से चुदाई के तयार हो गये. अब मेरी चालू मम्मी मेरे यार यश से और मैं अपने भाई से चुदाने लगी. करीब आधा घंटा तक खूब जम के चुदाई हुई… बीच में यश ने मुझे और भाई ने मम्मी को भी चोदा. पूरा कमरा हम चारों की कामुक सिसकारियों और आवाजों से गूंजने लगा. मैंने यश से कहा- अब की बार अपने लंड का माल मेरे मुख में डालना.
जब यश झड़ने लगा तो उस ने अपना सारा माल मेरे मुंह में डाल दिया. उधर भाई ने अपने लंड का माल मम्मी की चूची और मुंह में डाल दिया, मम्मी ने भाई का लंड अपनी जीभ और होंठों से चाट चाट के साफ कर दिया और मैंने यश का लंड भी ऐसे ही साफ़ कर दिया.
उस पूरी रात हम सोये नहीं, बस बारी बारी चुदाई का आनन्द लिया. सुबह के पांच बजे तक हम चुदाई करते रहे और फिर ऐसे ही एक साथ नंगे सो गये. जब उठे तो दिन के दो बज चुके थे. फिर हम चारों उठ गये, बाथरूम गये और नंगे ही नहाए.
फिर हमने प्लान किया बाज़ार का… बाज़ार गये शॉपिंग की और खाया पिया. यश ने मेरे और मम्मी के लिए एक एक नाईटी ली जालीदार.
फिर हम सब घर आये रात को, खाना बनाया एक बार फिर से चुदाई की और सो गये.
दोस्तो, यह कोई फेक सेक्स कहानी नहीं है बल्कि एक सच्ची सेक्स कहानी है. मेरी कहानी पढ़ने और पसंद करने के लिय धन्यवाद. आप सबकी चहेती आरती [email protected]
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