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हैलो दोस्तो, मेरा नाम सैम है, बदला हुआ है. मैं लखनऊ उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. आज मैं आपको अपनी पहली और सच्ची देसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमें मैंने एक आंटी को चोदा. मैं एक हॉस्पिटल में काम करता हूँ और साथ में स्टडी भी करता हूँ. मैं दिखने में नार्मल हूँ और मैं थोड़ा मजाकिया स्वभाव का भी हूँ.
करीब एक साल पहले हमारे हॉस्पिटल में डायग्नोस्टिक डिपार्टमेंट में एक नई आंटी की ज्वाइनिंग हुई थी. वो थोड़ी मोटी सी हैं. तो पहले मैंने उनके ऊपर कभी इतना ध्यान नहीं दिया.
फिर एक दिन उन्होंने नया मोबाइल खरीदा और उसमें कोई प्रॉब्लम हो गई तो वो मेरे पास आईं और कहने लगीं- इसे सही कर दो.
मैंने कर दिया. पर इसी बहाने से हमारी बात होने लगी, जिसमें पता चला कि उनका डिवोर्स हो चुका है और उन्होंने दूसरी शादी की है मगर कुछ फैमिली प्रोब्लम्स की वजह से वे अपनी मम्मी के घर में ही रहती हैं. पर धीरे धीरे मेरी उनसे व्हाट्सप्प (whatsapp ) पे बात होने लगी. वो मुझसे उम्र में करीब दस साल बड़ी थीं तो मेरी उनसे ऐसी-वैसी बात करने की हिम्मत न होती थी.
फिर एक दिन मोबाइल में फिर से कुछ प्रॉब्लम हो गई तो आंटी ने अपना मोबाइल मुझे सही करने के लिए दिया. मैंने फ़ोन में देखा तो ब्लू मूवी पड़ी हुई थी, थोड़ी देर के लिए तो मुझे यक़ीन ही नहीं हुआ. उस टाइम तो मैंने मोबाइल वापस कर दिया और उसी दिन से मन ही मन मैंने उन आंटी को चोदने का मन बना लिया. अब धीरे-धीरे मैंने फ़ोन पे थोड़े बहुत गंदे मैसेज भेजना शुरू कर दिए. इस पर वो नाराज़ नहीं हुईं तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई.
फिर एक दिन वो कहने लगीं- कुछ काम है, कर दोगे? तो मेरे मुँह से निकल गया- काम तो कर दूंगा मगर मुझे क्या मिलेगा? तो उनका जवाब आया- हम पूरे ही तुम्हारे हैं यार.. कुछ भी ले लेना. यह सुन कर मेरा तो दिमाग हिल गया.
आंटी बोलीं- बोलो क्या चाहिये तुमको? उस दिन मैंने भी बोल दिया- मुझे प्यार चाहिए. तो बोलीं- क्यों तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है क्या? मैंने कहा- नहीं. तो आंटी हंसने लगीं और कहने लगीं- झूठ मत बोलो. मैंने कहा- आप मत मानिए मगर सच में मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है. तो कहने लगीं- ठीक है.
फिर उस दिन के बाद से हम दोनों कॉल पर बात करने लगे और देर तक बातें करने लगे. जब शाम में जब हमारे डिपार्टमेंट में कोई नहीं होता था तो वो मेरे पास आ जाती थीं और हम दोनों बातें करते थे. अब तो हम दोनों चिपक कर बैठते थे. पहले तो मैंने उनकी चूची को कोहनी से दबाना शुरू किया, फिर तो बात जम गई तो मैं सामने से भी उनकी चूची भी दबा लेता था. वो भी मुझसे मज़े लेती थीं.
फिर एक दिन मैंने कहा- मुझे सेक्स करना है. तो कहने लगीं- जल्दी क्या है, सब मिलेगा.
ऐसे करते-करते कई दिन निकल गए. फिर एक दिन संडे था और मैं घर पे था. उस वक्त गर्मी का मौसम था. करीब 12 बजे आंटी का कॉल आया. मैंने फ़ोन उठाया तो बोलीं- कहाँ हो? मैंने कहा- घर में. तो बोलीं- मेरे फ़ोन में कुछ खराब हो गया है.. क्या तुम मेरे घर आ सकते हो? यह सुनते ही मेरे मन में उनको चोदने का ख़याल आने लगे और मैं उनके घर के लिए निकल गया.
मैं उनके घर पहुँचा, जहाँ उनके घर में उनके मम्मी-पापा भी थे और उनके लड़का भी था. वो लोग कहीं बाहर जा रहे थे. कुछ ही पलों बाद घर में सिर्फ मैं और आंटी ही रह गए थे. यह देख मेरे मन में अब तो पक्का कर लिए था कि आज आंटी को चोद कर ही रहूंगा.
मैंने उनको देखा वो सफ़ेद कलर की मैक्सी में थीं.. क्या सेक्सी डॉल लग रही थीं. मेरे मन में पहले से ही उसे चोदने का प्लान था, इसलिए मेरा लंड खड़ा हो रहा था और मैं लंड को संभाल रहा था.
फिर मैं बिस्तर पर बैठ गया और वो मेरे बगल में बैठ गईं. मैंने उनका हाथ पकड़ लिया, तो वो मुस्कुराने लगीं. मुझे लगा कि आज तो मेरा काम हो जाएगा और मैंने हिम्मत करके आंटी को किस कर लिया. आंटी भी हंसने लगीं और बाहर का गेट बंद करने चली गईं. जैसे ही वे वापस आईं मैंने आंटी को पीछे से पकड़ लिया. कसम से मुझे ऐसा मजा आ रहा था, मैंने पहली बार किसी लड़की या औरत को ऐसे पकड़ा था.
फिर मैं किस करना शुरू कर दिया. पहले तो एक या दो बार आंटी ने मना किया, मगर मैं कहाँ मानने वाला था. फिर हम दोनों एक-दूसरे को किस करने लगे. मैं मैक्सी को ऊपर करके आंटी के चूतड़ दबाने लगा. कसम से जो मजा आ रहा था उस टाइम मानो हमें जन्नत मिल गई हो.
मैंने जोश में अपनी टी-शर्ट उतार दी और लोअर भी, अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और आंटी मैक्सी में. मैंने आंटी को बेड पे धकेल दिया और उनके ऊपर चढ़ गया. मैं बहुत जोश में आ गया था. फिर मैंने आंटी की मैक्सी ऊपर करके उतार दी. अब आंटी पूरी नंगी मेरे सामने लेटी हुई थीं. आंटी को नंगा देख कर मेरा लंड एकदम टाइट हो गया.
आंटी ने मेरा लंड देखा और बोलीं- वाह क्या मस्त लंड है.. आज तो मजा ही आ जाएगा. मैंने कहा- आज ऐसा मजा दूंगा कि याद रखोगी. तो आंटी बोलीं- देखते हैं.
मैं आंटी को किस करने लगा. पहले मम्मों पर किस किया. मुझे तो बहुत मजा आ रहा था. मैं आंटी के मम्मों को मसल भी रहा था. धीरे-धीरे मैं किस करते करते नीचे आता गया और आंटी भी गर्म हो गईं. उनके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- आह आह ओई आअह..
मैं किस करता रहा और जैसे ही चूत को हाथों से छुआ.. कसम से एकदम मुलायम मक्खन माल सा लगा. मैंने जल्दी से अपना मुँह आंटी की चूत में लगा दिया और चूत को चाटने लगा और आंटी की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- अह.. और.. करो.. आंटी की आवाजें धीरे-धीरे तेज़ होने लगीं और आंटी की चूत गीली होती जा रही थी.
फिर मैंने आंटी से कहा- मेरा लंड मुँह में लो. आंटी ने मना कर दिया, मैंने तीन चार बार कहा पर आंटी लंड को मुँह में लेने के लिए नहीं मानी. मैंने मन में कहा कि कोई बात नहीं चूत मिल रही है अभी वो ले लो.. आंटी के मुँह में फिर कभी डाल दूंगा.
मैंने आंटी को सीधा लिटा कर उनके मम्मों के बीच में लंड फंसाया और रगड़ने लगा. इससे आंटी को भी बहुत मजा आ रहा था.. और मुझे भी बहुत मजा आने लगा. मेरा पहली बार था तो मैं उस टाइम आंटी के मम्मों पर ही झड़ गया. आंटी बोलीं- तू तो पहले ही झड़ गया, तू मेरी प्यास क्या बुझाएगा. मैं उस टाइम थोड़ा शर्मा गया मगर आंटी बोलीं- कोई बात नहीं.. पहली बार होता है.
अब मैं लेट गया आंटी मेरे ऊपर आकर मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं और करीब दस मिनट के बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. अब मैंने देर न करते हुए आंटी को सीधा लिटा कर अपना लंड आंटी की चूत पे रख दिया. मैंने ब्लू फिल्म की तरह ही लंड को चूत में झटके से डाल दिया मगर पूरा लंड अन्दर नहीं गया. तभी आंटी चिल्लाईं- धीरे करो दर्द होता है.
मैंने थोड़ी देर के बाद फिर से झटका मारा और पूरा लंड आंटी की मखमली चूत में घुस गया. मुझे तो यक़ीन ही नहीं हो रहा था कि मेरा पूरा लंड चूत में समा गया. नीचे आंटी की मादक सिसकारियों की आवाज़ आ रही थी. मैंने लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया. तो आंटी को मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगीं.
अब आंटी के मुँह से ‘आअह आअह आअह आअह..’ की आवाज़ निकल रही थी, जो कि कभी तेज़, तो कभी कम हो जा रही थी. अब तो हम दोनों को मजा आने लगा था. मेरा लंड आंटी की चूत के अन्दर-बाहर हो रहा था और पूरे कमरे में ‘फक फक..’ की आवाजें आ रही थीं.
इसी के साथ में आंटी की ‘आअह उईईईईई आआह उईई माँ आअह..’ की आवाजें भी कमरे में गूँज रही थीं. मैंने आंटी को होंठों पर कस के किस किया और उनके मदभरे होंठों को चूसते हुए चुत में धक्के लगाता रहा.
आंटी को भी मजा आने लगा था. वे भी अपनी गांड उठा कर मेरे लंड से टक्कर ले रही थीं. करीब 10-15 मिनट की चुदाई करने के बाद मैं झड़ने वाला था. मैंने कहा- आंटी मैं झड़ने वाला हूँ. तो आंटी बोलीं- माल अन्दर ही निकाल दो.
मैंने पूरा माल आंटी की चूत में ही निकाल दिया और उनके ऊपर ही लेट गया. आंटी ने मुझे कस के हग कर लिया.
उस दिन मैंने 3 बार आंटी को चोदा और मैंने तीनों बार आंटी की चूत में ही अपना माल गिराया.
उस दिन मुझे बहुत मजा आया और उस दिन के बाद से जब भी टाइम मिलता है हम दोनों बिंदास सेक्स करते हैं और मज़े करते हैं.
तो यह थी मेरी पहली चुदाई की देसी कहानी, आप लोगों को कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करके ज़रूर बताएं. मेरी मेल आईडी है [email protected] आपके मेल का इन्तज़ार रहेगा. धन्यवाद आपका अपना सैम.
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