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हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम आलिया है. यह सेक्स कहानी मेरे अपने बेटे के साथ मेरा सच्चा माँ बेटा सेक्स एक्सपीरियेन्स है. मेरा निकाह 22 साल की उम्र में ही हो गया था और वो भी मुझसे 10 साल बड़े आदमी से. शुरू शुरू में मुझे बड़ा अजीब सा लगता था पर अब आदत सी हो गई थी. निकाह की पहली रात ही मैं समझ गई थी कि मेरा शौहर मुझे चुदाई का पूरा सुख नहीं दे सकता है. मैं किसी तरह से अपनी भावनाओं को अन्दर ही अन्दर रख कर जिये जा रही थी. मेरे शौहर जो सेक्स के लिए ज्यादा रूचि नहीं रखते थे, इसलिए मैं अपनी जवानी में भी पूरी तरह से चुदाई का मज़ा नहीं ले सकी.
मेरा मन बहुत करता कि किसी और के पास जा कर चुत की भूख मिटा आऊं, पर मुझे बदनामी का डर लगा रहता था, इसलिए मैंने आज तक किसी बाहरी आदमी से नहीं चुदवाया. शादी के एक साल बाद ही मैंने एक लड़के अरमान को जन्म दिया और उसके 6 साल बाद एक लड़की आयशा को जन्म दिया.
मेरे शौहर का इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का बिजनेस था तो हमें पैसे की कोई कमी नहीं थी. बस इस तरह हमारी फैमिली खुशी खुशी जिंदगी चल रही थी.
यह बात गर्मी के दिनों की है, जब मेरे शौहर काम के सिलसिले में आउट ऑफ कंट्री गए हुए थे, उस समय बच्चों के छुट्टियां चल रही थीं, इसलिए घर में मैं, मेरा लगभग जवान हो चुका बेटा और उससे छोटी बेटी घर में अकेले थे. मेरे शौहर के जाने के बाद एक दिन मैं मेरे बेटे के कमरे की सफाई कर रही थी तो मुझे उसकी चड्डी मिली. मेरे बेटे की चड्डी उसके वीर्य से भीगी हुई थी. तब मुझे लगने लगा कि मेरा बेटा अब जवान हो गया है.
मैं जरा मुस्कुराई, फिर अपने काम में लग गई लेकिन काम ख़त्म करने के बाद मैं अपने बेड में लेटी हुई थी, तभी मुझे फिर से उस चड्डी की याद आने लगी, उसकी मीठी मीठी गंध की याद आने लगी. उस समय मुझे कुछ कुछ होने लगा और मैंने अपनी उंगली चड्डी के अन्दर चुत में घुसेड़ दी और अन्दर बाहर करने लगी.
तभी घर की डोरबेल बजी और मैंने अपने आपको ठीक किया और गेट खोलने गई. बाहर मेरी बेटी मेरे बेटे के साथ खड़ी थी. मैं गेट खोलने के बाद उन्हें डांटने लगी कि धूप में खेलने मत जाया करो, बीमार हो जाओगे.
फिर वो हाथ मुँह धोने चले गए. मैं भी किचन की जा रही थी कि मैं अपने रूम के बाथरूम की तरफ गई तब मैंने अपने बेटे को पेशाब करते देखा. मुझे ये देख कर बड़ा अजीब लगा क्योंकि मेरे बेटे का लंड 6 इंच लंबा था, जब कि मेरे शौहर का लंड भी मुश्किल से 4 इंच का था. ये देखने के बाद मैं हिल गई थी, पर मैंने अपने आपको संभाला और वापस किचन में आ गई. मुझे लगने लगा कि मुझे वो सब नहीं देखना था, पर मुझे नहीं पता था कि मेरा बेटा वहां पेशाब कर रहा है.
वैसे भी मेरे बेटे और बेटी का कमरा ऊपर है इसलिए कभी कभार एमर्जेन्सी में वो मेरा बाथरूम यूज कर लिया करते थे. लेकिन मेरे बेटे का लंड देखने के बाद मुझे बार बार उसका लंड ही दिखाई दे रहा था. उसका लंड सांवला सा, लंबा, मोटा, कुँवारा लंड.. आह.. ये सब सोच कर मेरे मुँह और चुत में बार बार पानी आ रहा था.
उसके बाद हमने खाना खाया और अपने अपने रूम में चले गए लेकिन जब मैं अपने रूम में आई तो मैंने अपने अलमारी से एक पोर्न वीडियो की सीडी निकाल कर प्ले की और अपने कपड़े खोल कर अपनी चुत में उंगली करने लगी. इस वक्त भी मैं अपने बेटे के लंड को सोचने लगी. इस तरह में कुछ ही देर में चुत में उंगली करने के बाद झड़ गई.
फिर मैंने सोचा कि अगर मुझे चुदाई की भूख मिटाने के लिए लंड ही चाहिए तो फिर वो मेरे बेटे का ही लंड क्यों नहीं हो सकता. और इस तरह में अपने बेटे को गंदी नज़र से देखने लगी और माँ बेटा सेक्स के लिये उसे सिड्यूस करने का प्लान बनाने लगी. मुझे यह पता था कि मुझे जो भी करना है, जल्दी करना पड़ेगा क्योंकि मेरा बेटा हॉस्टल में रहता था. वो भी गोआ के बोर्डिंग स्कूल में, जो नागपुर से दूर है. इसलिए मैंने बेटे को पटाने का काम अगले दिन से ही शुरू कर दिया.
मुझे पता था कि मेरा बेटा बहुत भोला है इसलिए वो इधर-उधर की बात ज्यादा नहीं जानता है. इसलिए मुझे थोड़ी परेशानी होगी लेकिन मैं काम को पूरा करके ही रहूंगी. अब खेल शुरू करने के नजरिये से मैंने अगले दिन बड़े गले वाली नाइटी पहनी, वो भी बिना ब्रा के, जिससे मेरी चुची नाइटी में उभर कर दिख रही थीं. साथ में मेरे क्लीवेज भी दिख रहा था.
अब सबसे पहले मैं उसे सुबह उठाने गई और जानबूझ कर उसके सामने झुक कर उसे उठाने लगी. जब उसने आँखें खोलीं तो वो देखता ही रह गया. वो चोरी-छिपे मेरे दूध देखे जा रहा था. मैं छुपी नजरों से नोटिस करने लगी. फिर मैंने उससे कहा- आज से तुम रोज जल्दी उठोगे और मेरे साथ योगा करोगे. वो नखरे करने लगा कि इसकी क्या ज़रूरत है. पर मैंने उससे कहा कि इससे तुम्हार शरीर फिट रहेगा.
वो जैसे तैसे मान गया. फिर हम दोनों छत पर गए और योगा करने लगे. योगा करते टाइम मैंने ड्रेस बदल लिया था और चेंज करके एक लोवर और टी-शर्ट पहना हुआ था. इस वक्त मैंने जानबूझ कर अपने लोवर के अन्दर पतली स्ट्रीप वाली चड्डी पहनी थी और लोवर को नीचे से फाड़ दिया था. ताकि वो मेरी चुत को देख सके. इस खेल के लिए मैंने कल ही अपनी चुत को क्लीन शेव भी कर लिया था.
जब हम योगा कर रहे थे तो मैं मेरे बेटे के आगे आ गई और योगा करने लगी. जब हम पैर फैला कर झुकने वाला स्टेप कर रहे थे.. तब मेरा बेटा मेरे लोवर के छेद के अन्दर मेरी गुलाबी चुत को देखे जा रहा था. तब मैंने उसके पैन्ट में बना तंबू देखा तो मैं और जोश में आ गई और धीरे-धीरे अपनी कमर को हिलाने लगी. ये देख कर मेरा बेटा और जोश में आने लगा और फिर मैंने मेरे बेटे से कहा कि आज बस इतना ही करते हैं, बाकी कल करेंगे.
अब मैं जाने लगी तो मैंने देखा कि मेरा बेटा अपना लंड पैन्ट में छुपा रहा था. उसके बाद वो अपनी बहन के साथ खेलने चला गया. मैं अपने रूम में आ कर चुत में उंगली करने लगी और अपने आप को शांत किया. फिर मैं जाकर घर के काम करने लगी.
काम ख़त्म करने के बाद मैंने फिर से बड़े गले वाली नाइटी बिना ब्रा के पहन ली. जब वो दोनों खेल कर घर वापस आए, तब तब मैंने खाने बैठने को कहा. वो दोनों हाथ मुँह धोने चले गए. फिर जब मैं उनको खाना परोस रही थी तो झुक झुक कर अपने बेटे को अपने दूध दिखा रही थी. चूंकि मेरी बेटी अभी छोटी थी, इसलिए उसे इस सबसे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था. मैंने छुप कर देखा कि मेरा बेटा अपनी माँ की नंगी चुची को देख रहा है और एक हाथ से अपने लंड को पैन्ट में छुपा रहा है.
खाना खाने के बाद सब अपने अपने रूम में सोने चले गए. फिर रात को भी यही सब हुआ, लेकिन जब मैं रात को पानी पीने गई तो मैंने सोचा कि अपने बेटे के रूम में देखकर ही सोने जाऊं. जब मैं ऊपर गई और उसके रूम के सामने गई तो देखा कि उसके रूम की लाइट जल रही है. मैंने की-होल से झाँक कर देखा तो मैं दंग रह गई क्योंकि मेरा बेटा मेरी पैन्टी लेकर मुठ मार रहा था, वो भी लॅपटॉप पर पोर्न वीडियो देखते हुए लंड को हिला रहा था. मैंने देखा कि वो बार बार पैन्टी को सूँघे जा रहा है. ये देख कर मेरा बुरा हाल हो रहा था और इसलिए मैं वहीं पर अपनी चुत में उंगली करने लगी और अपना पानी झाड़ दिया. तब तक मेरे बेटे का भी पानी निकल चुका था.
फिर मैं अपने रूम में आकर सो गई. अगली सुबह जब मैं उसे उठाने गई तो वो पहले से ही जगा हुआ था और मेरा वेट कर रहा था. उस दिन भी मैंने वही ड्रेस पहना हुआ था. जब हम योगा करने लगे तो वो बार बार मुझे देख रहा था, लेकिन मैंने उसको पता लगने नहीं दिया कि मैं ये जान रही हूँ कि मैंने उसे देख लिया है.
उसके बाद हम वापिस नीचे आ गए. आज मेरा बेटा बाहर खेलने नहीं गया था. वो अपने रूम में ही था और अपना सामान पैक कर रहा था. मेरी बेटी बाहर खेलने गई थी. तब मैं भी उसके रूम में गई और उसकी हेल्प करने लगी. तब मैंने गोल गले वाली नाइटी पहनी थी. जब मैं कपड़े डालने के लिए झुक रही थी तो वो मेरे हिलते हुए चुचे देख रहा था, जिससे उसका लंड खड़ा हो गया था. तब मैंने मौके का फायदा उठाया और उससे बात करने लगी. बातों ही बातों में मैंने उससे पूछा. मैं- और बताओ अरमान.. क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
वो थोड़ा अकबका गया और उसने मुझसे कहा कि नहीं है. मैंने कहा- अब तो तुम्हें इसकी ज़रूरत पड़ेगी. तो पूछने लगा कि क्यों. तब मैंने कहा- तुम अब बड़े हो रहे हो इसलिए..
तो वो समझ गया कि मैंने उसे कल रात को मुठ मारते हुए देख लिया होगा. इसलिए वो चुप हो गया. तब मैंने उसकी आँखों में आँखें डाल कर फिर से पूछा तब भी उसने कुछ नहीं कहा. तो मैंने उसका लंड अपने हाथों में ले लिया और पैन्ट के ऊपर से ही हिलाने लगी. तो वो मुझे मना करने लगा. मैंने उससे कहा कि जब खाना परोसते टाइम तुम मेरे चुचे देखते हो, तब तुम्हें सही लगता है? जब तुम योगा करते टाइम मेरी चुत देखते हो तो तुम्हें सही लगता है?
ये सब सुन कर वो डर गया और मुझसे कहने लगा कि अम्मी प्लीज़ ये बात अब्बू को मत बताना. तब मैंने उससे कहा कि मैं जैसा कहूँ, तू वैसा ही करेगा तो मैं तेरे अब्बू को कुछ नहीं बोलूँगी. वो मान गया, तब मैंने कहा कि चल मेरे कपड़े भी उतार दे. मैं उस वक़्त सेक्स की आग में जल रही थी. मेरे बेटे ने जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतार दिए. फिर मैंने भी उसके कपड़े उतार दिए.
अब मेरा बेटा और मैं दोनों ही चड्डी में खड़े थे. फिर मैंने मेरे बेटे से कहा कि मुझे बांहों में ले लो बेटा. उसने मुझे कसके पकड़ लिया और मेरे बालों को सहलाने लगा, जिससे मेरी सिसकारी निकल गई ‘आआहह..’
अब वो मेरे मम्मों को जोर से दबाने लगा और चूसने लगा. मैं पागल जैसी होने लगी. मेरे अन्दर जो चुदास की भूख थी, वो पूरी तरह से जाग गई थी. मैं उसकी बांहों में अपने आपको रगड़ने लगी. फिर मैंने मेरे होंठ उसके होंठों से लगा दिए और हम पूरी ताक़त से एक दूसरे के जीभ को चूसने लगे. कभी वो मेरी जीभ चूसता तो कभी मैं उसकी जीभ चूसे जा रही थी. सच में बहुत मजा आ रहा था. मैं उसके सिर को पकड़ कर दाएं बाएं करके चूमे जा रही थी.
फिर मैंने उसे अपने मम्मों की तरफ इशारा किया तो वो 10 मिनट तक मेरे दोनों मम्मों को बारी बारी से जोर-जोर से चूसने लगा. अब उसने मुझे बेड पे लेटा दिया और मेरी चुत चाटने लगा. कुछ ही मिनट में वो मेरी पूरी चुत को चाट चाट कर मेरी चुत का सब पानी पी गया. मैं तो अपनी चूत चटवाते समय सिर्फ मादक सीत्कारें ही भर रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं एक बिन पानी मछली की तरह बिस्तर पर मचलती रही. और उस दिन मुझे दुनिया का सब से बड़ा सुख मिला.
फिर मैं ज़मीन पर बैठ गई और उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. वो तो एकदम जन्नत की सैर करने लगा और ‘अहह अहह..’ की आवाजें निकालने लगा. मेरा जवान बेटा मुझसे कहने लगा कि आह अम्मी और जोर से लंड चूसो.. और जोर से.. और फिर उसके लंड का पानी निकल गया.
मैंने कहा- अब रहा नहीं जाता.. जल्दी से तू अपना लंड मेरी चुत में पेल दे.. नहीं तो तेरी बहन आ जाएगी. मैंने उसे मेरी चुत की तरफ इशारा किया तब उसने मेरी दोनों टांगें फैला दीं और मेरी कमर को पकड़ कर धीरे से लंड को उसने मेरी चुत के अन्दर घुसा दिया. अहह.. मेरे शौहर का लंड 4 इंच का था पर अब 6 इंच का लंड मेरी चुत में घुसा तो मुझे दर्द होने लगा था. जिस साइज़ के लंड के लिए चुत को अभ्यास हो उससे बड़ा लंड जब चुत में जाएगा तो कुछ दर्द तो होता ही है. मेरे शौहर के लंड से मेरे बेटे का लंड मोटा भी बहुत ज्यादा था, इसलिए मेरी चुत में दर्द हो रहा था. मुझे अपने बेटे के लंड से चुदने में मजा भी बहुत आ रहा था.
अब वो अपना लंड आगे-पीछे करने लगा. देखते देखते 2-3 झटकों में उसने अपना पूरा लंड मेरी चुत के अन्दर पेल दिया आख़िरी झटका उसने बहुत जोर का दिया था. उउफफ्फ़.. मैं उसकी माँ, जिसने उसे जन्म दिया, उसका आख़िरी झटका ना बर्दाश्त कर पाई और जोर से चीख पड़ी- आअहह बेटा, थोड़ा आहिस्ता उफफ्फ़.. मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मैं मजा भी ले रही थी. मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी और बेटे का साथ देने लगी- आअहह आअहह बेटा रुकना नहीं.. मैं ठीक हूँ.. आअहह मेरी जान मेरे जिगर के टुकड़े.. आहह..
अब पूरे रूम में फचक फच की आवाज़ आने लगीं और मेरी सीत्कारें बढ़ने लगीं. वो अपनी रफ्तार में मेरी चुत को चोदता जा रहा था और पूरे रूम में हमारे रस की गंध हम दोनों को और भी नशीला बना रही थी. अचानक बेटे ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी मुझे और डबल मजा आने लगा.. मैंने उसकी कमर के इर्द गिर्द अपनी टाँगें लपेट कर उसे अपने साथ चिपका लिया. उम्म्म्मं.. उसके साथ मैं और जोर जोर से अपनी कमर हिलाने लगी- आअहह आअहह बेटा और जोर से आअहह कम ओन फक मी हार्ड आअहह बेटा और तेज़.. आहह पूरा अन्दर डाल दो.
मेरी बच्चेदानी में बेटे का लंड टच हो रहा था और मुझे बेइंतहा मजा आ रहा था. मैं खुद को आज मुक्कमल औरत महसूस कर रही थी- उम्म्म्म औमम आहह.. बेटा.. काफी लम्बी चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और एक-दूसरे के ऊपर सांप के जैसे लिपटे पड़े रहे. इस दौरान हम एक-दूसरे के होंठों को चूमते रहे. इस तरह बेटे से मम्मी की चूत चुद गई. इसके बाद मैंने उससे कहा कि ये बात किसी को नहीं पता चलनी चाहिए.
कुछ देर बाद हम दोनों कपड़े पहन कर बाहर आ गए. इस तरह पहली बार माँ बेटा सेक्स पूरा हुआ.
उसी दिन मेरे शौहर घर आ गए. फिर मैंने उससे कैसे सेक्स किया, ये अगली बार लिखूंगी. [email protected]
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