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दोस्तो, मेरा नाम अगम जैन है, मैं 12वीं में पढ़ता हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है. मेरी सेक्स स्टोरी पढ़िए और मजा लीजिये.
मेरी एक बहन है, विया जैन.. मेरी बहन मुझ से 5 साल बड़ी हैं. मेरी दीदी देखने में एक दम हीरोइन लगती हैं. उनका रंग दूध जैसा सफ़ेद है और फिगर साइज़ 34-30-36 का है. उन्हें देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है. वो मुझ से बिल्कुल फ्री होकर बात करती रहती हैं. मेरे साथ मेरे कंधे पर अपनी बाहें डाल कर घूमती रहती हैं. मैंने कई बार मज़ाक में उनके मम्मों को भी दबाया है, पर उन्हें पता ना चले, इस तरह से दीदी के चूचे दबाए हैं.
मैं देख रहा था कि विया दीदी का रवैया कुछ दिनों से बदला हुआ सा था. वो मुझसे ज़्यादा ही फ्री सी हो गई थीं.
ये बात तब की है, जब मैं और विया दीदी घर पर अकेले थे.. बाकी सब घर से बाहर गए थे. तभी मैंने देखा कि विया दीदी मुझे अपनी कातिलाना नज़रों से देख रही हैं लेकिन मैं कुछ समझ नहीं पाया. फिर कुछ देर बाद विया दीदी ने मुझे आवाज़ लगाई और बोलीं- मेरा एक काम कर दे.. इसे केवल तू ही कर सकता है.
मैं बाहर वाले कमरे में था, सो मैं उनके कमरे में गया. वहां का जो नज़ारा था उसे मैं देखता ही रह गया. विया दीदी केवल ब्रा और पेंटी में थीं. मैंने वैसे तो उन्हें अनजाने में ब्रा और पेंटी में काफ़ी बार देखा है, लेकिन उस दिन उन्होंने ब्लैक ब्रा-पेंटी का सैट पहना हुआ था और वो एकदम मस्त लग रही थीं. मैं उन्हें अपलक देखता ही रह गया. फिर मैं एकदम झटके से पीछे घूमा तो उन्होंने मुझे बुलाया. मैं करीब को हुआ तो दीदी ने एकदम से मुझे पकड़ लिया. मैंने कई बार उनके नाम की मुठ भी मारी है सो मैं एकदम से गनगना गया.
दीदी ने मुझे पकड़ा और बोलीं- मेरी जान.. मेरा काम करेगा? मैं अभी कुछ समझ पाता कि उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया. अब मैंने भी उन्हें किस किया.. और मैं उन्हें बेड के करीब ले गया और उन्हें बेड पर लिटा कर उनके ऊपर चढ़ गया.
दीदी ने मेरे सब कपड़े उतार दिए, सिर्फ मेरा अंडरवियर ही छोड़ दिया. मैंने उनके होंठ चूसे और फिर उनकी गर्दन पर किस करने लगा. शायद गर्दन पर चूमने से वो और गरम हो गईं. फिर मैंने उनकी ब्रा उतारी और उनके मम्मों को चूसने लगा. दीदी मेरे मुँह में मानो अपने मम्मों को घुसेड़ देना चाहती थीं.
फिर मैंने दीदी की पेंटी उतारी और उनकी मखमली चुत को देखा.. दीदी ने अपनी चुत एकदम क्लीन शेव की हुई थी. मुझसे रहा नहीं गया और मैं दीदी की चुत को चाटने लगा. दीदी ने जीभ का स्पर्श चुत पर पाया तो और वे टांगें फैला कर चुत चुसाई का मजा लेने लगीं. कुछ देर बाद दीदी झड़ गईं और उनकी चुत का नमकीन रस मेरे मुँह का मस्त जायका बना गया.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड दीदी के मुँह में दे दिया. वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं. उसके बाद मैंने उनकी टांगें थोड़ी फैला दीं और अपना लंड दीदी की चुत की फांकों के बीच रख दिया. दीदी की चुत कुछ टाइट थी और चिकनी भी थी. मैंने धक्का मारा तो मेरा लंड फिसल गया. फिर दूसरी बार मैंने लंड को दीदी की चुत पर रखा और हाथ से लंड पकड़ कर ज़ोर का धक्का दे मारा. अभी मेरे लंड का कुछ हिस्सा ही दीदी की चुत में गया था कि वो एकदम से चिल्ला पड़ीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैं रुक गया और मैंने दीदी के मुँह पर अपने होंठों का ढक्कन लगाया और जल्दी जल्दी दो बमपिलाट धक्के दे मारे, इससे मेरा पूरा लंड दीदी की चुत में घुस गया. दीदी दर्द से छटपटाने लगीं और रोने लगीं. मैंने उनके होंठों पर अपने होंठों रखे हुए थे.. इसलिए उनकी आवाज बाहर न निकल सकी.
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो उन्हें कुछ राहत सी मिली. तभी मैंने देखा कि उनकी चुत से खून निकल रहा था. मैंने एक कपड़े से दीदी की चुत साफ की और फिर से लंड को चुत में लगाया और तगड़ा धक्का देते हुए अपना पूरा लंड उनकी चुत में पेल दिया. वो चिल्लाईं तो मैं एक पल को रुका और उनके मम्मों को दबाने लगा.
फिर मैंने देखा कि उनका दर्द कम हो गया है, तो मैंने धक्के मारने शुरू किए. अब दीदी मादक आवाजें निकालने लगी थीं. मैंने भी धक्कों की स्पीड बढ़ाई और धकापेल चुदाई शुरू कर दी. कुछ दसेक मिनट चोदने के बाद मैंने दीदी से कहा- मेरा निकलने वाला है. दीदी बोलीं- तू अन्दर ही निकाल दे.. और मुझे आई पिल ला देना. मैंने कहा- ओके..
मैंने तगड़े धक्के मारते हुए दीदी की चुत के अन्दर ही लंड का पानी झाड़ दिया. वो भी मेरे साथ ही झड़ गईं. फिर मैंने उनसे पूछा- अगर मैं आपके साथ सेक्स ना करता या किसी को बता देता कि आप मुझसे चुदना चाहती हो तो क्या होता? वो बोलीं- मुझे अपने भाई पर इतना तो विश्वास है. फिर मैं बोला- इस बात की क्या गारंटी थी? तो वो बोलीं- किसी के सामने एक कुंवारी हॉट सेक्सी लड़की टू पीस में खड़ी हो, तो वो क्या पागल है जो इतना अच्छा ऑफर छोड़ेगा. भले ही वो उसकी बहन क्यों ना हो!
मैंने कहा- ओके डार्लिंग सिस्टर.. मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी है. वो गांड मारने के लिए मना करने लगी लेकिन मेरे ज़्यादा कहने पर दीदी गांड मराने के लिए मान गईं. दीदी बोलीं- तू धीरे-धीरे गांड मारना. मैंने कहा- ओके डार्लिंग सिस्टर.
फिर मैंने उन्हें कुतिया जैसा बनाया.. और उनकी गांड के छेद पर लंड लगा दिया. दीदी से पूछा कि तैयार हो गांड में लंड पेल रहा हूँ?
दीदी ने ओ के कहा तो मैंने आराम से एक धक्का लगा दिया.
मेरे लंड का सुपारा दीदी की गांड में घुस गया. दीदी एकदम से ‘आह..’ बोलीं. लेकिन उन्होंने मुझे मना नहीं किया तो मैंने और जोर लगाया. इस बार मेरा और थोड़ा सा लंड उनकी गांड में घुस गया.
अब वो मना करने लगीं, उन्हें बहुत दर्द हो रहा था. लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था.
मैंने फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड दीदी की गांड में डाल दिया. वो चिल्ला पड़ीं. मैंने उनके मम्मों को अपने हाथों में भर लिया और दीदी की गर्दन पर अपने होंठों को रख दिया. वो रो रही थीं.. लेकिन कुछ देर बाद दीदी की गांड से मेरे लंड की दोस्ती हो गई तो उन्होंने अपनी गांड मटकाना शुरू कर दी. अब मैंने भी धक्के मारने शुरू किए और कुछ देर दीदी की गांड मारने के बाद उनकी गांड में ही झड़ गया.
बाद में मैं उठा और कपड़े पहन कर उनके लिए मेडिकल स्टोर से आई पिल ले आया. अब दीदी मुझे जब चाहे चुदती रहती हैं.
आपको मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मेल कीजिए. [email protected]
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