रैगिंग ने रंडी बना दिया-101

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दोस्तो, पिंकी हाजिर है नये पार्ट के साथ. तो पिछले पार्ट में मोना ने गोपाल को सेक्स पावर वाली गोली लेने को कहा था. अब आगे..

मोना की बात सुनकर गोपाल खुश हो गया- ऊओ मोना तुम कितनी अच्छी हो, मेरा कितना ध्यान रखती हो. मैं वो गोली अभी बाजार से ले आता हूँ. मोना- नहीं तुम आराम करो, मैं ले आऊंगी, मुझे और भी जरूरी चीजें लानी हैं. गोपाल- मोना डार्लिंग, एक बात कहूँ, आज नीतू को नीचे से चमका देना और तुम भी अपनी चुत को चिकना बना लो ताकि साधु महाराज को भी थोड़ा मज़ा आ जाए. मोना- ठीक है मेरे गोपू.. अब ज्यादा चुत चुत न करो, सो जाओ, मुझे बहुत काम करने हैं.

गोपाल ख़ुशी ख़ुशी सो गया और मोना अपने साथ नीतू को बाजार ले गई.

दोस्तो, ये वापस आएं, तब तक हम वापस अपनी सुमन के पास जाकर आते हैं.

सुबह 10 बजे गुलशन जी की आँख खुली तो सुमन उनसे चिपकी हुई मज़े से सो रही थी और गुलशन जी का लंड उसकी जाँघों में फंसा हुआ था.

गुलशन जी को सुमन पे बड़ा प्यार आया तो उन्होंने सुमन को किस कर लिया, जिससे उसकी भी आँख खुल गई.

सुमन- उउउ गुड मॉर्निंग माय स्वीट पापा आई लव यू. पापा- गुड मॉर्निंग बेटा.. मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. सुमन- पापा, आपका ये अज़गर देखो कहाँ घुस रहा है. पापा- बिल ढूंढ रहा है ये.. अब इसको क्या पता तुम इसको मुँह में लेकर मज़ा दोगी या अपनी चुत में लोगी. सुमन- कहीं भी नहीं.. आपके साथ साथ आपका लंड भी पागल हो गया है. पूरी रात मेरी जो हालत हुई है, वो कम है क्या.. जो सुबह फिर शुरू हो गए.

पापा- अरे गुस्सा क्यों होती है.. मजाक कर रहा था. वैसे एक बात माननी पड़ेगी सुमन, तुम जितना डर रही थी और इतना तगड़ा लंड लेने के बाद भी तुम ठीक हो.. ये बहुत बड़ी बात है. सुमन- हाँ पापा, मैंने भी नहीं सोचा था कि मैं आपका लंड सह पाऊंगी मगर बाद में बहुत मज़ा आया मुझे.. सच्ची आपने मेरी बहुत अच्छे से चुदाई की. पापा- अब तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं मेरी जान. आज तुम्हें चुदाई का लाइसेन्स मिल गया है. अब तुम जब चाहो, मज़े लेकर चुद सकती हो. सुमन- हाँ पापा सही कहा आपने.. चलो अब हटो मुझे फ्रेश होना है.. आप भी हो जाओ.

गुलशन जी उठे और बाथरूम चले गए और सुमन रात की बात सोच कर मुस्कुराने लगी. सुमन मन में- हाँ पापा, अब तो मैं चुदाई का पूरा मज़ा लूँगी.. वो टीना और फ्लॉरा बहुत मजाक उड़ाती हैं न मेरा, अब उनसे आगे निकल जाऊंगी मैं. संजय को इतना मज़ा दूँगी कि वो टीना और फ्लॉरा को भूल जाएगा और उसके वो दोस्त.. उनका तो मैं लंड चूस कर ही पानी निकाल दूँगी.

लो दोस्तो सुमन तो रंडी बन गई. खुद ही सबके साथ चुदवाने के प्लान बना रही है. अब इसकी ये चाहत क्या गुल खिलाएगी, ये तो वक़्त बताएगा. चलो हम मोना का हाल जान लेते हैं.

दोपहर तक मोना साधु का बताया सारा सामान ले आई और नीतू की चुत को अच्छे से चमका दिया, उसके साथ साथ खुद भी चिकनी चमेली बन गई.

साधु के आने के बाद वहां थोड़ी देर पूजा हुई, जिसमें सब शामिल हुए.

साधु- मोना बेटी, तुम और नीतू अपने सारे वस्त्र निकाल दो, अब ये चंदन का टीका तुम्हारी और इसकी योनि पे लगाऊंगा. उसके बाद बाकी की क्रिया होगी और तुम्हारे पति के सिर से काल का साया हट जाएगा. मोना- ठीक है बाबा जैसा आप कहो, बस मेरे सुहाग को कुछ नहीं होना चाहिए.

मोना ने नीतू को पहले ही सब कुछ समझा दिया था कि आज क्या होगा और उसकी चुदाई होगी. ये सब के लिए नीतू भी एकदम तैयार थी. अब दोनों नंगी हो गईं और दोनों की चमकती चुत देख कर गोपाल का लंड फुंफकारने लगा. उधर साधु का लंड भी धोती में उछल रहा था.

साधु ने दोनों की चुत पर टीका लगाया, फिर कुछ मन्त्र पढ़े और अपनी धोती खोल दी. उनका 8″ का काला लंड खड़ा होकर दोनों चूतों को सलामी दे रहा था.. जिसे देख कर मोना के मुँह में भी पानी आ गया.

गोपाल भी उनका विशाल लंड देख कर खुश हो गया क्योंकि मोना को ऐसा लंड ही खुश कर सकता था.

साधु- तुम दोनों मेरे लिंग को चूसो इसका आशीर्वाद लो.

मोना और नीतू घुटनों के बल बैठ गईं और बारी बारी से लंड को चूसने लगीं. तभी साधु ने गोपाल को भी नंगा होने को कहा और दोनों की चुत चाटने का कहा.

गोपाल तो खुद यही चाहता था, वो जल्दी से नंगा हुआ और उनके नीचे लेट कर चुत को चाटने लगा.

अब ये सब चाटने में लगे हुए थे और साधु ने अपने झोले से कोई चीज निकाली और अपने मुँह में रख ली.

थोड़ी देर ये चलता रहा जब दोनों ने साधु के लंड को चूस चूस कर एकदम गीला कर दिया तो साधु ने मोना को कहा- ज़मीन पे दो बिस्तर पास पास लगाओ ताकि आख़िरी क्रिया ठीक से हो पाए.

मोना ने वैसा ही किया जैसा साधु ने बताया था. दो बिस्तर एक साथ लगा दिए. अब चुदाई के लिए वो एकदम तैयार थी.

साधु ने दोनों को लेटा दिया और गोपाल को कहा कि तुम जाकर देसी घी ले आओ, तब तक में इन दोनों की योनि से अपना लिंग स्पर्श करा देता हूँ.

गोपाल अन्दर घी लेने चला गया और साधु पहले नीतू के पास बैठा, उसकी चुत पे अपना मोटा लंड रगड़ा, जिससे नीतू एकदम सिहर उठी.

साधु ने नीतू की चुत को छुआ उसकी फांकें खोल कर अच्छी तरह मुआयना किया, फिर उसकी चुत को चाटने लगा.

मोना- बाबा आप क्या कर रहे हो आपको मुझे चोदना है तो आप नीतू की चुत क्यों चाट रहे हो? साधु- ये भी एक क्रिया है बेटा, इसके साथ कामक्रीड़ा तुम्हारा पति ही करेगा. मैं बस इसको आशीर्वाद दे रहा हूँ ताकि इसको कम तकलीफ़ हो और ये मज़े से सब करे. मोना- ठीक है बाबा आप कुछ भी करो.. बस ये संकट दूर कर दो.

साधु ने नीतू को कुछ जड़ी बूटी खाने को दी, जिससे उसको दर्द कम हो तब तक गोपाल भी पावर वाली गोली ले चुका था और घी लेकर बाहर आ गया.

साधु- गोपाल आओ अपना स्थान ले लो, अब कामक्रीड़ा आख़िरी क्रिया है.. इसके बाद सब ठीक हो जाएगा. गोपाल- ठीक है बाबा, जैसा आप कहो, मैं वैसा ही करूँगा. साधु- पहले इसको उत्तेज़ित करो, फिर ये घी अपने लिंग पे लगा कर इसकी कुंवारी योनि में अपना लिंग प्रवेश करवाना. बाकी आख़िर में क्या करना है तुम जानती हो मोना बेटी. मोना- हाँ बाबा अब आप भी शुरू हो जाओ. आपके लंबे लंड को देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा. जल्दी से इसको मेरी चुत में घुसा दो.. कर दो मेरी बेचैनी दूर.

गोपाल और साधु शुरू हो गए.. दोनों को चूसने लगे. कभी उनके मम्मों को दबाते, कभी चूसते. गोपाल तो पागल हुआ जा रहा था, वो तो नीतू के निपल्स को दबा दबा कर मज़ा ले रहा था और नीतू आहें भर रही थी.

नीतू- आह.. सस्स जीजू आराम से करो ना.. जोर से नहीं.. दुख़ता है आह… मोना- आह.. बाबा आपके चूसने का अंदाज कितना मस्त है.. उफ़.. चूसो मेरे निप्पल आह.. बाबा मज़ा आ रहा है आह.. चूसो.

इस चुसाई के बाद बाबा ने अपना लंड मोना की चुत में पेल दिया और मोना मज़े की दुनिया में पहुँच गई.

गोपाल ने लंड पे अच्छे से घी लगाया फिर नीतू की चुत को भी अच्छे से चिकना किया. नीतू- आह.. जीजू, आराम से करना मुझे डर लग रहा है.

गोपाल तो अपनी हवस में पागल हुआ जा रहा था. वो नीतू की बात कहाँ सुनने वाला था. उसने लंड को चुत पे एक दो बार रगड़ा, फिर सुपारे को चुत में फंसा कर ज़ोर से धक्का दे मारा. घी से चिकनी हुई पड़ी चुत में लंड चुत को चीरता हुआ पूरा अन्दर घुस गया. नीतू की दर्दनाक चीख निकली मगर गोपाल ने उसका मुँह बंद कर दिया.

साधु- लो मोना, तुम्हारे पति ने सिंदूर की डिब्बी खोल दी, अब बहुत जल्द वो तुम्हारी माँग में आ जाएगा. मोना- आह.. चोदो गोपाल आह.. जल्दी करो आह.. मुझे भी बाबा जी के लंड से मज़ा आ रहा है. फाड़ दो नीतू की चुत को.. आह.. बाबा ज़ोर से करो आह.. मेरी चुत बहुत दिनों से प्यासी है आह.. फास्ट करो.

करीब 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद गोपाल का लावा बह गया और उसने नीतू की चुत को रस से भर दिया.

गोपाल- आह.. मज़ा आ गया नीतू… तेरी चुत कितनी गर्म थी. गोली लेने के बाद भी मैं ज़्यादा टिक नहीं पाया.

गोपाल की बात सुनकर साधु ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. अगले ही पल वो भी मोना की चुत में झड़ गए.. और झड़ते ही वो उठे. पहले से रखी हुई कटोरी ली और नीतू की चुत से उसका और गोपाल का मिला जुला रस, जिसमें खून भी शामिल था, वो लिया और कटोरी में डाल लिया. उसके बाद मोना की चुत से रस लिया और कटोरी में डालकर मिक्स किया. उसके बाद उस रस से मोना को माँग भरने को कहा.

मोना ने वैसे ही किया और साधु ने कोई मन्त्र पढ़े. फिर आँखें बंद करके ज़मीन पे बैठ गया.

साधु- मोना बेटी, तेरे पति के सर से काल का साया हट गया है. अब इसकी आयु बहुत लंबी होगी. अब तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है. आराम से पति के साथ रहो.

मोना ने साधु का शुक्रिया अदा किया. फिर नीतू को संभाला कि वो ठीक तो है ना.

नीतू ने बताया कि वो ठीक है, बस उसका सर चकरा रहा है और चुत में भी बहुत दर्द हो रहा है. अब उसको क्या पता था ये चक्कर तो उस जड़ी बूटी का कमाल था, जो साधु ने दी थी. दरअसल वो एक नशीली दवा थी, जिससे चुदाई का दर्द कम महसूस हो.

मोना ने नीतू को उठाया और उसकी चुत को अच्छे से साफ किया. फिर साधु के कहने पर वो दोनों नहाने चली गईं. क्योंकि इस पूजा के बाद दोनों का साथ नहाना जरूरी था.

अब पूजा की वजह से नहाना जरूरी था या किसी और वजह से, ये तो आने वाला वक़्त बताएगा. अभी तो आपसे विदा लेने का वक़्त आ गया है तो दोस्तो जल्दी से कमेंट्स दो ताकि आगे के पार्ट में आपको बताऊं कि इनके नहाने के बाद क्या हुआ था.

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