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अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले सभी भाई और भाभियो, आंटियों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम रिक्की आहूजा है. ये बात उन दिनों की है… जब मैं 12वीं में पढ़ता था. मेरे मम्मी-पापा इंदौर में रहते थे और मैं दिल्ली में पढ़ता था. इंदौर में पुश्तैनी बिजनेस है और काफ़ी बड़ा करोबार है. मैं दिल्ली वाले घर में रहता था और मेरे साथ अजय मेरा केयर टेकर रहता था. वो साला इतना बड़ा वेवड़ा था कि एक बोतल के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता था.
स्कूल से ज्यादा कोई जगह सेक्सी नहीं होती. स्कूल के दिनों में ही मैंने अपनी पहली चुदाई की थी. मेरी 12वीं क्लास की शुरुआत थी. जोशना और परिधि क्लास की सबसे सेक्सी दो लौंडियां थीं, दोनों पक्की सहेलियां थी. यूनिफार्म के टॉप में ऊपर से ही उन दोनों के मम्मों को उछलते हुए देखने में ही मज़ा आ जाता था. शॉर्ट स्कर्ट में जैसे कोई राज़ छुपा हो ऐसा लगता था.
कमसिन उम्र ही ऐसी होती है. कभी किसी लड़की को बिना कपड़ों के नहीं देखा था, तो बस लड़की के नंगे जिस्म की कल्पना ही थी. मेरे दिलो दिमाग में बस चुदाई ही घूमती थी.
शायद जोशना को पता लग गया था कि मैं उसके शरीर को कुछ खास तरह से देखता हूँ. वो अक्सर फ्लर्ट करते हुए काफ़ी कुछ कह जाती थी. वो मुझे पसंद करती थी.
एक दिन संडे को सुबह ही मेरे घर की डोर बेल बजी. अजय ने दरवाज़ा खोला. अजय ने मुझे आवाज दी- रिक्की भैया, कोई मैडम आई हैं.
मैं ब्रेकफास्ट करके उठा ही था. मैं- कौन है… मैं देखता हूँ. दरवाजे के पीछे से आवाज़ आई ‘सरप्राइज सरप्राइज…’
आवाज़ सुनते ही मैं समझ गया कि ये तो जोशना है. पर यहाँ और अभी कैसे? मैं- हाय, वेलकम… जोशना- मुझे लगा कि तुम तो कभी बोलोगे नहीं तो खुद ही बोलने आ गई. मैं- क्या बोलने आई हो? जोशना- साले, पूरे दिन मुझे और मेरे जिस्म को ताड़ते रहते हो शर्ट के ऊपर से ही और अब पूछ रहो हो क्या? मैं- यू आर सेक्सी… सो यू नो… जोशना- यस आई नो… लेकिन मैं वर्जिन हूँ तुम्हारी तरह… लेकिन अब बड़े होने का टाइम आ गया है… सो लेट्स क्रेजी. मैं- आइडिया अच्छा है.
ये सब हम दोनों अंग्रेजी में बात कर रहे थे क्योंकि अजय हमारे बिल्कुल पास ही खड़ा था.
मैंने अजय को पैसे दिए और कहा- अजय, ये 500 रुपए ले और दो घन्टे से पहले घर मत आना. अजय- ओके भैया.
अजय के जाने की देर ही थी कि बस जोशना ने मेरा कॉलर पकड़ा और ऐसे किस करने लगी जैसे इसके अलावा उसे कुछ दिख ही नहीं रहा. मैं- उम्म अरे जोशना, ज़रा रुको तो… जोशना- क्या हुआ? मैं- संडे को यहाँ हो तो घर पे क्या बोलोगी? जोशना- चिंता मत करो… परिधि के घर पे मिल कर ग्रुप स्टडी कर रही हूँ. मैं- स्मार्ट… लेकिन अरिधि को सब बता दिया ना? जोशना- नो, उसे बोला है कि डेट पे जा रही हूँ. डोंट वरी, वो मेरे घर वालों को सम्हाल लेगी.
इतना बोलकर वो फ़िर शुरू हो गई. अब मैं भी अपने आप उसे किस करने लगा. पता नहीं कब मैंने उसकी शर्ट उतार दी. गजब का सीन था… ब्लैक ब्रा में उसके दूध जैसे दो मस्त कबूतर कैद थे. मेरा हाथ अपने आप ही उसके एक चूचे पे पहुँच गया. उसके होंठ इतने गर्म हो रहे थे कि उनकी गर्मी मुझे मेरे होंठों पर महसूस हो रही थी. ऐसा एहसास मुझे कभी नहीं हुआ था. मुझे पता ही नहीं चला कि मेरी टी-शर्ट कब उतर गई.
मैं उसकी गर्दन को किस करता हुआ उसके दोनों चूचों के बीच पहुँच गया. एक अजीब सी खुशबू आ रही थी. मैं पीछे से उसकी ब्रा खोलने की कोशिश करने लगा पर कई बार कोशिश करने के बाद भी नहीं खोल पाया. जोशना ने हंसते हुए कहा- छोड़ो, तुमसे नहीं होगा, मैं खोल देती हूँ.
उस ने अपने पीछे हाथ ले जाकर अपनी ब्रा को खोल दिया. अब वो दोनों गोरे चूचे मेरे सामने थे. मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करूँ. जोशना ने खुद से अपना एक ब्राउन निप्पल मेरे होंठों पर रख दिया. मानो कह रही हो कि चूस लो इन्हें.
मैंने उसके निप्पल को मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
जोशना अपने चूचे को मेरे मुँह पे दबाती हुई बोली- आह मेरा दूध पसंद आया? रिक्की ने चूचे को मुँह में रखकर कहा- उम्म… मजेदार है. जोशना- चूस लो मेरे मम्मों को… आह और जोर से चूस…
अब मैं चूचे बदल-बदल कर चूसे जा रहा था और वो कराह रही थी.
जोशना ने मुझे खींच के अपने सामने खड़ा कर लिया और खुद सोफा पे बैठ गई. मुझे पता था कि अब वो क्या करने वाली थी. उसने मेरा लोवर नीचे किया और मेरे पहले से ही खड़े लंड को हाथ में लेकर देखने लगी.
जोशना- हम्म… मस्त है… वर्जिन लंड लग रहा है… आज इसे चोद कर इसकी सील तोड़ दूँगी. मैं- चूसो ना इसे… जोशना- पहले साफ़ करना पड़ेगा!
वो मुझे बाथरूम में लेकर गई और लंड को प्यार से धोने लगी. लंड की सर्विसिंग के बाद हम सीधे बेडरूम में चले गए. अब हम दोनों को अपने कपड़े उतारने में एक मिनट से भी कम का समय लगा क्योंकि हमारी चुदास बढ़ चुकी थी.
मैं अपनी पीठ के बल चित्त लेटा था और जोशना अपने पेट के बल मेरी टांगों के बीच थी. मैं- अब चूसो इस लंड को.
जोशना ने मुस्कुराते हुए मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया. आह… कितना गर्म था उसका मुँह… अब उसने अपने होंठों को मेरे लंड कस लिया और अपने सर को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया. उसके मुँह को चोदने की फीलिंग ही अलग थी.
कुछ ही देर में मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ… पर पता नहीं क्यों, मैं उसे ये बता नहीं पाया और उसके मुँह में ही झड़ने लगा. उसने मेरा लंड मुँह से निकाल दिया और भागती हुई बाथरूम में चली गई.
जोशना ने वापस आकर चिल्लाते हुए कहा- दोबारा मेरे मुँह में झड़े तो फ़िर कभी नहीं चोदने दूँगी. मैं- ओके… सॉरी. जोशना- चलो अब तुम्हारी बारी, मेरी चूत चाटो.
वो अपनी टांगें फ़ैला कर मेरे सामने लेट गई. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. लग रहा था कि आज चुदने के लिए ही तैयारी करके आई है.
उसकी डार्क ब्राउन कलर की चूत को चाटने में कुछ अजीब सा स्वाद आया लेकिन मस्त फीलिंग आ रही थी. जोशना- उम्म… चाट ले यार… प्लीज़ जोर से चाटो… उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोशना- चूत गीली हो गई है यार… उम्म… चल अब चुदाई करते हैं.
वो उठी और लोशन लेकर आ गई. जोशना ने मेरे लंड पर लोशन लगाते हुए कहा- चल अब मैं लेट जाती हूँ, तू सामने बैठ के धीरे-धीरे चुत में लंड डालना. मैं उसकी टांगों के बीच बैठ गया और उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत के मुँह पर रख दिया. मैंने थोड़ा जोर लगाया तो वो थोड़ा ऊपर की तरफ़ खिसकने लगी. मैंने उसे अपनी तरफ़ कसके पकड़ लिया और फ़िर से ज़ोर लगाया. इस बार लंड थोड़ा अन्दर चला गया. जोशना- बहनचोद… साले मेरी फ़ट गई भोसड़ी के, थोड़ा रुक जा मादरचोद…
पर मुझसे रुका नहीं गया. मैंने उसकी एक न सुनी और फ़िर से ज़ोर लगा दिया. इस बार लंड पूरा चुत के अन्दर था. जोशना- आहह… दर्द हो रहा है यार, रुक जा… भैन के लंड अब नहीं चुदना मुझे… हट मादरचोद…
पर मुझे तो जैसे होश ही नहीं था, मैं धक्के दिए जा रहा था. उसकी चूत से निकले खून से लंड पेलने में फ़च-फ़च आवाज आ रही थी. लग रहा था जैसे लंड में आग लग गई हो.
कुछ देर धक्के मारने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और मैं उसके ऊपर ही लेट गया. फ़िर मुझे समझ आया कि वो कुछ बोल नहीं रही बस… हम्म…हम्म की आवाज़ निकाल रही है. ऐसा लग रहा था कि वो बेहोश हो गई है. मैं कुछ डर गया और उठ कर उसके लिए पानी लेकर आया. थोड़ा पानी पीकर उसे होश आया, उसने आँखें खोली.
जोशना ने अपनी चूत को हाथ से दबाते हुए कहा- इतनी बुरी तरह से कोई चोदता है? कितना दर्द हो रहा है… मैं- मेरा भी पहली बार ही था… सॉरी… अगली बार से ध्यान रखूंगा… जोशना- कोई अगली बार नहीं… अब कभी नहीं चोदने दूँगी.
उसकी आँखों में अभी भी आंसू थे.
अब अजय के आने का टाइम भी हो रहा था. उसने चुपचाप अपने कपड़े पहने और जाने लगी. पता नहीं उसे ऐसा क्या लगा कि दरवाजे से वापस आकर उसने मुझे किस किया और बिना कुछ बोले ही चली गई.
मुझे लगा कि ये शायद मेरी और उसकी पहली और आखिरी चुदाई थी, पर ऐसा नहीं था. मुझे नहीं पता था कि वो मेरी ज़िन्दगी में इतने रंग़ लेकर फ़िर लौटेग़ी. बाद में चुदाई की कहानी का क्या रंग हुआ, वो मैंने आपको लिखूंगा. आपके कमेंट्स का वेट कर रहा हूँ. [email protected]
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