This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
दोस्तो, मेरा नाम राज है… मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ… मैं भी आप लोगों की तरह अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. मैं करीब 4-5 साल से अन्तर्वासना से जुड़ा हुआ हूँ. मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सारी कहानी पढ़ी हैं, उनमें से कुछ तो हकीकत कहानी हैं और कुछ झूठी भी लगती हैं!
हर किसी की जिंदगी में कुछ ऐसा होता है, जो हमें हमेशा याद रहता है. मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, जो मैं आप लोगों के सामने बताना चाहता हूँ. मुझे उम्मीद है आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आएगी.
मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. मेरी एक बड़ी दीदी है, उसका नाम सपना है, वो मुझसे 2 साल बड़ी है. वो भी उस समय इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी. वो फाईनल ईयर में थी और मैं फर्स्ट ईयर में था. हमारी फैमिली हर तरह से बेहतर जिंदगी जी रही थी.
ये बात आज से 4 महीने पहले की है. जब एक दिन जब मैं कॉलेज से घर आया तो मेरी दीदी सपना किसी से बात कर रही थी. मैं धीरे-धीरे ऊपर गया तो मैं हैरान हो गया कि दीदी पड़ोस वाले लड़के सुमित की गोद में बैठी थी. सुमित मेरी दीदी को बार-बार किस कर रहा था. मैं भी ये सब देखता रहा.
सच बताऊँ तो उस समय मन कर रहा था कि सुमित को पकड़ कर अभी दो झापड़ लगाऊँ पर मैंने ऐसा नहीं किया, मैं देखता रहा और वो दोनो एक दूसरे को किस करते रहे. अचानक सुमित खड़ा हुआ और अपना लंड निकाल कर मेरी दीदी के हाथ में रख दिया. दीदी ने भी उसके लंड को पकड़ा और लोलीपोप की तरह चूसने लगी.
मैं ये सब कुछ देख रहा था और उधर सुमित साला भोंसड़ी का मेरी दीदी के मजे लिये जा रहा था. दीदी अब पूरी गर्म हो चुकी थी और सुमित के लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे बरसों से भूखी हो. मैंने सोचा कि कुछ तो करना पड़ेगा वरना मेरी बहन मेरे सामने चुद जायेगी. तब मैंने नीचे जा कर सपना दीदी को आवाज लगाई. तुरंत दो मिनट के अंदर सपना नीचे आई!
जैसे ही वो नीचे आई, थोड़ी डर गई पर उसने सोचा कि मैंने कुछ नहीं देखा. फिर उसने मेरी लिए रोटी बनाई. जब वो मुझे रोटी दे रही थी तो उसकी बाजू पे एक निशान था शायद वो सुमित ने आपने दांतों से काटा होगा. जैसे ही मैने उससे पूछा कि ये क्या हुआ तो वो बोली कि चिंकी ने काट दिया! चिंकी हमारे पड़ोस की एक लड़की है.
जैसे तैसे दिन बीत गया पर मेरे दिमाग़ में तो बस एक ही बात घूम रही थी कि क्या मेरी बहन पहले भी किसी से चुद चुकी है? बस उस दिन से दीदी को देखने का मेरा नजरिया बदल गया, अब तो मैं भी उसे एक माल की तरह देखने लग गया और सोचने लगा कि जब मेरी दीदी दूसरों की प्यास बुझा सकती है तो मेरी क्यों नहीं!
अब मैं उसे एक जवान लड़की की तरह देखने लगा. जब भी मैं उसको देखता तो मेरा मन उसको चोदने को करने लगता. उसकी पतली कमर. उठे हुए 34 इंच के चूचे मोटी गांड… मतलब यह कि अब मुझे सपना एकदम कयामत दिखने लगी.
बस फिर क्या था मैं भी मौके का इंतजार करने लगा और वो दिन भी जल्दी आ गया. उस दिन घर पर कोई नहीं था, बस मैं और मेरी रंडी दीदी सपना ही थे. उस दिन मुझे वो और भी कयामत लग रही थी. मैं सोच ही रहा था कि दीदी को कैसे चोदूँ.
उसी वक्त वो मेरे पास आई और बैठ गई. अचानक दीदी का फोन बजा तो मैंने देखे तो उसमें नाम कस्टमर केयर लिखा था. उसने फोन कट कर दिया… लेकिन दो मिनट बाद फिर से फोन आया. अब मैं समझ गया था कि ये फोन पक्का सुमित का है. मेरी दीदी ने तुरंत फोन काट दिया. मैंने भी अब जानबूझ कर अपना पैर दीदी के पैर पर रख दिया. पहले तो उसने भी कुछ नहीं बोला… पर जब मैंने धीरे-धीरे उसकी कमर में हाथ डाला.
तो वो एकदम से चिहुंक कर बोली- राज, तुम क्या कर रहे हो? मैं भी थोड़ा डर गया और बोला- कुछ नहीं. तभी दीदी वहां से उठ कर चली गई.
जैसे-तैसे करके दिन तो गुजर गया. अब रात हो चुकी थी जिसका मैं इंतजार कर रहा था. रात के करीब 12 बज चुके थे, मेरी दीदी सो रही थी. सोते समय वो एकदम परी लग रही थी. मैं धीरे से जाकर उसके पास बैठ गया और उसको धीरे-धीरे से छूने लगा. कुछ देर बाद जैसे ही मैंने उसके चूचे को पकड़ा, दीदी तुरंत उठ गई मैं डर गया. वो बोली- तुम मेरे कमरे में क्या कर रहे हो? मैं बोला- तुम्हें प्यार कर रहा हूँ. दीदी देखती रह गई कि मैं क्या बोल रहा हूँ.
तभी दीदी बोली- मैं तुम्हारी बहन हूँ. मैंने भी बोल दिया- तो क्या हुआ, आज रात के लिए गर्लफ्रेंड बन जाओ. अचानक वो उठी और बोली- मैं सब कुछ पापा को बोल कर आती हूँ. तो मैंने भी कह दिया- तो ठीक है मैं भी तुम्हारे और सुमित के बारे में सब बता दूंगा.
ये बात सुनते ही वो एकदम से हैरान हो गई और बोली- प्लीज़ ऐसा मत करना… तुम जो बोलोगे मैं वही करूंगी.
बस फिर क्या था… वो समय आ चुका था, जिसका मुझे बहुत दिनों से इंतजार था. मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी तरफ खींच लिया. वो भी समझ चुकी थी कि आज उसका भाई उसे चोद देगा.
तब तक वो कुछ बोल पाती मैं दीदी के रसीले गुलाबी होंठों को चूसने लगा. उसने भी मेरा साथ देने में भलाई समझी और वो भी मुझे किस करने लगी. करीब 10-15 मिनट के लंबे चुम्बन के बाद मैंने धीरे-धीरे उसका टॉप उतार दिया. अचानक से दीदी मेरे से दूर खड़ी होकर बोलने लगी- नहीं भाई, ये सब गलत है.
मुझे गुस्सा आ गया और मैं बाहर की तरफ जाने लगा. उसे डर लगा कि राज कहीं सुमित वाली बात पापा को ना बता दे. उसने दौड़ कर मुझे खींचा और एक लंबा किस करते हुए बोली- कहाँ जा रहा है मेरे राजा. मैं भी फिर थोड़े नखरे करने लगा. लेकिन जब सामने चूत तैयार हो तो कोई भी हथियार डाल दे. मैंने भी वैसे ही किया, उसे अपनी बांहों में उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया. अब मैं उसको किस करने लगा, वो भी पूरा सहयोग दे रही थी.
मैं धीरे से दीदी के चूचे मसलने लगा और अपने हाथ का जादू उसके सोने जैसे शरीर पर चलाने लगा. सपना भी अब अपनी जवानी की मस्ती में लीन होती जा रही थी. मैंने उसका नाईट सूट खोल दिया.
उसके उफनते हुस्न को देखते ही मैं बोल उठा- वाह मेरी बहन सपना तू तो आज एकदम हुस्न की मलिका लग रही है. वो भी थोड़ी शरमाई और मेरा खड़ा लंड पकड़ कर बोली- तू भी तो इस मलिका का आशिक लग रहा है.
फिर मैंने भी देर ना करते हुए उसकी चूत पर हाथ रख दिया, जिससे वो एकदम से सिहर गई और उसके मुँह से ‘आहह…’ की एक छोटी सी किलकारी निकल पड़ी.
अब जैसे-जैसे मेरी उंगली उसकी चूत पर घूमती गई, वैसे-वैसे दीदी भी पागल होती जा रही थी. सपना कह रही थी कि आज अपनी इस बहन की आग बुझा दो. मैंने एक लंबा सा किस करते हुए कहा- सुमित क्या-क्या करता है? दीदी बोली- वो तो बहुत जल्दी हार मान लेता है. उससे मिले बहुत दिन हो गए आज तुम ही कुछ कर दो मेरे राजा भाई.
मैंने भी तुरंत अपने सारे कपड़े निकाल कर अपना मुँह उसकी चूत पे रख दिया. मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो भी अपने हाथ से मेरा सर को अपनी चुत कर ऊपर दबा रही थी.
थोड़ी देर बाद दीदी बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… अब कुछ कर भी दो… मुझसे रहा नहीं जाता.
मैंने भी देर ना करते हुए अपना लंड उसकी चूत पर रखा और धक्का मारने लगा, पर मेरा लंड उसकी चुत के अन्दर नहीं जा रहा था. सपना बोली- जल्दी करो ना! तो मैंने कहा- तू पहले मेरे लंड को गीला करो.
वो उठी और तुरंत मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. आह… लंड चुसाई में बहुत मजा आ रहा था. मैं तो मानो जन्नत की सैर कर रहा था. सपना भी मेरे लंड को गपागप चूसे जा रही थी.
फिर मैंने उसको लेटा दिया और अपना लंड दीदी की चूत के निशाने पर लगाते हुए एक जोरदार झटका दे मारा, जिससे एक बार में ही मेरा पूरा लंड दीदी की चूत को चीरते हुए अन्दर जड़ तक जा पहुंचा. लंड की चोट से वो भी मस्ती से चिल्ला उठी और बोलने लगी- आह… और जल्दी करो… फाड़ दो अपनी बहन की चूत को… बहुत मोटा लंड है तेरा… आह… मजा आ गया. मैं भी उसकी बातें सुन कर जोर-जोर से झटके मारने लगा और बोलने लगा- ले रंडी चुद आज अपने सगे भाई के लंड से… आह…
वो भी गांड ऊपर उठा कर चुदने लगी. करीब दस मिनट बाद हम दोनों एक साथ चरम पर आ गए और मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया.
उस रात हमने दो बार और जम के चुदाई की और फिर तो हर रात यही खेल हम दोनों खूब मस्ती से खेलने लगे थे.
मेरी दीदी की चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी, आप मुझे मेल कीजिए. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000