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मेरी पोर्न स्टोरी के पिछले भाग गर्लफ्रेंड की अदला बदली करके चुदाई की तमन्ना-2 में आपने पढ़ा कि डिस्को में दूसरे कपल से हमने गर्लफ्रेंड की अदला-बदली की. रात को एक दूसरे की गर्लफ्रेंड को चोद कर सो गए. अब सुबह क्या हुआ उसका मजा लीजिये. अगले दिन सुबह चार बजे मैंने महसूस किया कि कोई मेरे लंड को हाथ से सहला रहा है. मैं उठा तो देखा सविता साथ लेट के मेरे लंड को सहला रही थी. मैं बोला- क्या हुआ? तो बोली- मुझे बहुत प्यास लगी है, तुम्हारे लंड का पानी से ही ये प्यास बुझेगी. मैंने कहा- अच्छा, मुझे भी दूध पीना है. और उसके होठों को चूसने लगा.
“सविता, बस लंड लेना है या पूरी मस्ती करनी है?” “अब और क्या मस्ती?” “बताता हूँ.” “तुम्हारे बेडरूम में चलो!” “वहाँ क्यों? मनोज जग जायेंगे तो गजब हो जायेगा.” “अरे वो रात को बहुत पी कर सोया है, नहीं उठेगा. इसी में तो मजा है. चलो न प्लीज!” “अच्छा चलो!”
“हाय यार, तुम्हारी गांड चलते टाइम क्या मस्त लग रही है! उम्म उम्म्म!” “अरे गांड पर पप्पी ले रहे हो… आआअ स्सस्सआआ!” “ये क्या, तुमने सारे कपड़े उतार दिए? नंगे ही चलोगे मेरे कमरे में?” “जब चोदना है तो कपड़े उतार कर ही चोदूँगा न… तो देर कैसी अब?” “अच्छा बाबा चलो, मेरे भूखे मन का बहुत फायदा उठा रहे हो आप!” “वो तो उठा ही रहा हूँ. कहो तो चला जाऊँ, ना उठाऊँ फायदा?”
“सविता एक बात बताओ, जब रात को तुमने नाईटी पहनी थी तो अब ये टीशर्ट और पजामा क्यों पहन लिया? या सारी रात को कपड़े बदलती हो?” “नहीं रात को मैं आपको सेक्सी दिखना चाहती थी!” “अरे सेक्सी तो वैसे भी हो और तुमने कपड़े पहने ही क्यों हैं, किस से शर्माना, पति भी नंगी देखे या मैं देखूं शर्म कैसी?” “ही ही ही… आप भी न… चलो मैं अंदर जाती हूँ, आप भी आ जाओ!”
सविता अंदर जाकर बेड से नीचे फर्श पर लेट गई क्योंकि बढ़िया महंगा कालीन था तो कोई दिक्कत नहीं थी. मैंने उसके होंठ चूसने शुरू किये और धीरे धीरे उसके बूब्स सहलाने शुरू किये!
“समीर, तुम्हारे हाथ जब मेरे बदन पर घूमते हैं तो बड़ा अच्छा लगता है.”
मैं टीशर्ट के ऊपर से ही उसकी गर्दन और क्लीवेज पे किस कर रहा था और नाभि को सहला रहा था. वो गर्म हो गई थी- ओ समीर, तुम बहुत तड़पाते हो, कोई और होता तो नंगी कर के बस डाल देता अंदर… और इतना मजा नहीं देता मुझे! “मैं पूरा मजा देना चाहता हूँ सविता…” “मत तड़पाओ न… नंगी करके चोद दो ना!” “ऐसे नहीं मेरी जान!”
मैं चूत के पास हाथ फेरटे हुए धीरे धीरे नीचे जाकर बूब्स को टीशर्ट के ऊपर से चूसने लगा. “क्या कर रहे हो? दूध कपड़े से छान कर पी रहे हो क्या? “हाँ जानू!” मैं अब चूत के चारों और पजामे के ऊपर से ही किस कर रहा था. “आआ आआह आआ सस्सस स्स्स आआआ स्स्सस… प्लीज अब नंगी कर लो.” “अरे ये क्या, अभी से आआआ आआअ अभी तो टाइम है.”
सविता ने खुद ही टीशर्ट उतार दी- अपना हाथ दो. “ये क्या कर रही हो?” “चूत पर हाथ लगवा रही हूँ. देखो कितनी गीली हो गई है.”
“ठीक है.” मैंने उसके बूब्स चूसने शुरू किये और पजामे के अंदर हाथ डाल के चूत को सहलानी शुरू की. “तुम तो नंगी करोगे नहीं, मैं ही हो जाती हूँ. लो उतार दिया पजामा, हो गई पूरी नंगी… अब चोद दो मुझे प्लीज!” “तुमने तो मजा बिगाड़ दिया, अब तुमको तड़पाऊँगा बहुत ज्यादा” “आआअ स्स्स्स चूसो पूरा दूध पी जाओ आआआह आआ आआअ!” “बहुत टेस्टी है.” “मेरी चूत को और कितना उंगली से सहलाओगे? लंड डाल दो न प्लीज!”
मैंने लंड को चूत पर रख कर अंदर धक्का दिया और लंड आधा अंदर चला गया. “आआआ आआआस स्सस्सस्सस समीर… आआआ… बहुत मजा आ रहा है.” मैं पूरा लंड अंदर डाल कर आराम से धीरे धीरे चोद रहा था. “आआअ स्सस्स स्स्स्सस समीर, इतना प्यार से चोद रहे हो. कितना मजा आता है जब इतने प्यार से कोई चोदता है.” “आआअ स्स्स्स तेज तेज करो नआआआअ आआआ स्सस्स स्स्स्स…” “नहीं, तुमने मेरा मजा ख़राब किया था न, अब तुम भी तड़पो!” “आआ… आआअह समीर… आआआ आआआ प्लीज तेज चोदो… आआ आआअ… मैं मर जाऊँगी आआ आआआआ!”
मैंने एक उंगली गांड में डाल के चोदना शुरू किया. “आआअ स्ससस स्स्सह…हाहाह!”
15 मिनट धीरे धीरे तड़पा तड़पा के चोदने के बाद उसका पानी निकल गया ‘आआ समीर आआआ हाहाह… तुमने बहुत तड़पाया मगर ऐसे चुदने में मजा भी बहुत आया.” “अब तुमको तेज तेज चोदूँगा जान… आआअ स्स्स्स तुम ऊपर आकर लंड पर सवारी करो!” “ठीक है जानू!”
सविता लंड पर चढ़ कर कूद रही थी और मैंने गांड के छेद में उंगली डाल कर गांड भी चोदना शुरु किया. चूत में लंड अंदर बाहर हो रहा था. मैं एक हाथ से निप्पल पकड़ के और एक निप्पल को दांतों से पकड़ के चूस रहा था. सविता जब भी ऊपर होती तो उसके निप्पल खिंच जाते और मीठा सा दर्द होता उसे!
थोड़ी देर बाद सविता ने पानी छोड़ दिया, मेरा भी निकलने वाला था, मैंने उसे नीचे लिटा कर उसकी चूत में जोर जोर से धक्के मारते हुए अपना माल छोड़ दिया. उसने मेरा लंड चाट के साफ कर दिया.
थोड़ी देर मैं वहीं पर उसके निप्पल चूसते हुए लेटा रहा, फिर मैं और वो खड़े हुए. “सविता ये क्या कर रही हो?” “कपड़े पहन रही हूँ.” “क्यों?” “तो नंगी ही सो जाऊँ क्या?” “हाँ…” “आओ इक चीज दिखाता हूँ.”
मैं और वो मेघा को देखने गये, मेघा पूरी नंगी सो रही थी. “देखो तुम भी ऐसे सो जाना!” “इसको डर नहीं लगता?” “अरे डर कैसा? मनोज ने चोदा होगा तो रात को ऐसे ही आकर सो गई.” “ठीक है. अब जाओ तुम भी!” “ठीक है.”
छः बज गए थे. मैं अपने कमरे मैं लेटा हुआ था मेघा के साथ. तभी मेघा का फ़ोन बजा, वो बोली- मनोज इतनी सुबह सुबह कैसे फ़ोन किया? मैं समझ गया कि मनोज इसे चुदाई करने के लिए बुलाया है. तो मैंने उसे फ़ोन ओन रखने के लिए कहा. मेघा एक शाल ओढ़ कर दूसरे कमरे में गई पर जाते टाइम उसने बोला- नंगी जा रही हूँ तो मनोज बोलेगा कि फ़ोन क्यों लाई हो तो? तो मैंने कहा- ठीक है, तुम जाओ, मैं खिड़की मैं से देख लूँगा.
वो चली गई ओर उसके पीछे पीछे मैं भी चला गया. वहां मनोज पहले से था. आगे की बात उन्हीं की जुबानी सुनो:
“ओह मनोज, इतनी सुबह क्यों फ़ोन कर दिया? रात को भी बहुत देर हो गई थी.” “क्या करूँ मेघा, मन नहीं माना और पता नहीं फिर कब मिलना हो… कब तुम्हारे मखमली बदन को छूना नसीब हो!” “अच्छा? इतनी पसंद आ गई क्या मैं?” “तुम हो ही इतनी मस्त… और इतनी दूर क्यों खड़ी हो? और ठण्ड लग रही है क्या जो ये शाल ओढ़ रखी है? उतार दो इसे यार!” “लो आ गई पास… और शाल भी हटा दिया. ठीक है?”
“ये क्या, तुम नंगी आ गई?” “तुमने मुझे यहाँ बातें करने तो बुलाया नहीं होगा न? तो वक्त बर्बाद न हो इस लिए ऐसे नंगी आ गई.” “हाँ, मन तो चोदने का है पर धीरे धीरे… कुछ कपड़े पहन लो ताकि मैं खुद एक एक कर के तुम्हारे कपड़े उतारूँ, तुम्हे नंगी करूं, फिर तुम्हारी चूत चोदूं!” “तो मैं अपने कपड़े पहन कर आती हूँ.” “उन में तो कल कर लिया था, आज कुछ अलग पहनो न!” मेरे पास कपड़े कहां हैं?” “आओ सविता की कुछ अच्छी ड्रेस हैं, वो पहन लो.” “ठीक है.” “वैसे तुमको क्या पसंद है, वो ही बता दो, वो ही पहन लूंगी?”
मैं फटाफट जा कर छुप गया, मनोज उसे सविता के कमरे में ले गया, वहां वो नंगी सो रही थी. “वैसे सविता बहुत सुंदर है.” “हाँ, पर तुम से ज्यादा नहीं!” “ये लो, इनमें से कुछ भी पहन लो!” “ठीक है तुम वापिस जाओ, मैं कुछ पहन कर आती हूँ!” मनोज वापिस चला गया.
तो मैं सविता के कमरे मैं गया और उसकी सारी ड्रेस देखी, एक ड्रेस मुझे बहुत सेक्सी लगी, मैंने उसे वो पहन कर जाने को बोल दिया और किस कर के उसे भेज दिया. मेघा ने एक अल्ट्रा शोर्ट स्कर्ट और टॉप पहना था.
इधर सविता को नंगी देख मेरा मन करने लगा था पर मैं मेघा की चुदाई भी देखना चाहता था तो मैंने बस सविता को होठों पर चूसा और चूत पर किस किया और जाने लगा. तो सविता उठ के बोली- आग लगा कर मत जाओ! मैं बोला- मेघा मनोज के पास गई है, मुझे देखना है.
तो सविता मुझे उस कमरे के साथ वाले कमरे में ले गई. वहां से मेघा और मनोज साफ दिख दे रहे थे क्योंकि दोनों कमरों में ट्रांसपेरेंट कांच लगा हुआ था और वहां से उन दोनों की आवाज भी सुन पा रहे थे. “सविता, कहीं ये लोग भी तो हमारी आवाज और हमें देख तो नहीं पाएंगे न?” “अरे समीर नहीं, बस हम ही देख और सुन सकते हैं.”
हम देख रहे थे कि कमरे में मनोज मेघा को पीछे से हग कर के उसके गर्दन पर और गालों पर किस कर रहा था. “उम्म्म…” मनोज- मेघा, क्या बूब्स हैं… उम्म्म उम्म्म्म… मनोज ने उसको ऊपर से लेकर नीचे तक चूमा पीछे से और फिर उसका टॉप उतर दिया और बूब्स चूसने लगा, होंठ चूसने लगा, उसकी नाभि को चाटने लगा और बूब्स को काटने लगा. “आआआ प्लीज काटो मत न आआअ आआअ धीरे धीरे चूसो न… तुम्हारे ही हैं. आआआ स्सस्सस्स!”
उसकी स्कर्ट तो थी ही छोटी से तो मनोज मेघा की जांघें चाटने लगा और चूत को मसलने लगा. “आआआ स्सस्सस्स सआआअ अच्छा लग रहा है मेरी चूत चाटो न प्लीज!” मेघा ने उसकी पजामे में हाथ डाल कर लंड पकड़ के सहलाना शुरू कर दिया और उसे नंगा कर के लंड सहलाने लगी.
“मेघा तुम्हारे जिस्म का हर अंग इतना कोमल है मन करता है खा जाऊँ!” “खा जाओ न, किसने रोका है?” “आआ स्स्स्स… मुझे भी चूसना है इसे… 69 में आ जाओ न!” “हाँ ये ठीक है… उम्म्म्म… क्या मस्त चूत है!” “आआअ धीरे मनोज स्स्स्स आआअ… उम्म्म लंड टेस्टी है आआअ स्स्स्स!” “आआअ धीरे करो लंड काट लोगी क्या?” “आआअ आप चूत का पानी निकल दोगे मेरी!”
थोड़ी देर तक ऐसे करने के बाद मनोज ने मेघा के हाथ पैर बेल्ट से बेड से बांध दिए और हाथ पैर पूरे खोल दिए. “ये क्या कर रहे हो मनोज?” “कुछ नहीं बस देखना, कैसा मजा आएगा!” “ठीक है.”
“ये मोर पंख से क्या करोगे?” “बस देखती जाओ!” “आआ गुदगुदी हो रही है… मत करो न!” “उम्म्म्म स्स्स्स उईईइ आआआ स्स्स्स चूत में गुदगुदी मत करो, मैं तड़प रही हूँ. आआअ!”
मनोज ने अब उँगलियों से चूत के चारों और सहलाना शुरू कर दिया और जांघों से सहलाते हुए ऊपर निप्पल तक सहला रहा था. “आआआआ… आज तुम मुझे मार डालोगे! स्सस्सस्स!” “उम्म्म्म म्म चूत में से पानी आने लगा है मेघा… क्या सुगंध है!” “और कितना तड़पाओगे? अब इस में कुछ डालो!” “आआअ स्स्स्स स्स्स्स मर गई!” “अभी कहां, मुझे अभी दूध भी पीना है.” “पी लो पर नीचे आग लगी है.” “आआअ… सारा दूध पी जाओ!” “आआआ स्सस्सस्स… काटो मत… गुदगुदी मत करो न!”
“स्स्स्सस्स… तुमने फिर से गुदगुदी क्यों शुरू कर दी, डालो न नीचे!” “तुम्हें चूसना नहीं क्या?” “चूसना है पर नीचे कण्ट्रोल नहीं हो रहा, मर जाऊँगी मैं!” “उसका इंतजाम कर लिया था मैंने… ये वाईब्रेटिंग डिल्डो है, आर्टिफीशियल लंड… जो चुदाई के काम आता है.” “लो सेट कर दिया चूत पर… ऑन करते ही चुदाई शुरू! ये लो, ये इसको तेज धीरे करने का रिमोट, तुम्हारे हाथ के पास है जितना तेज करना चाहो कर लेना!’ “ये तो असल लंड जैसे अंदर जा रहा है?”
मनोज ने मेघा का दूसरा हाथ खोल के उस की चुचियो पे बैठ गया- लो चूसो इसे! “आआआ स्सस्सस्सस मूऊमूऊ… टेस्टी है! आआआ… मैंने स्पीड तेज केर दी है… आआह… आह… बड़ी तेजी से चोद रहा है नीचे से ये डिल्डो!” “आआआ.. अच्छा लग रहा है मेघा!”
नीचे से मशीन बहुत तेज मेघा को चोद रही थी और ऊपर मनोज का भी होने वाला था और नीचे से मेघा का भी! “मनोज, मेरा होने वाला है!” “रुको… मेरा भी!” मनोज ने डिल्डो निकाल कर साइड पर रख दिया और मेघा की चूत में लंड डाल कर चोदना शुरू कर दिया. “आआआआअ… मेरा होने वाला है!” मेघा तड़पने लगी और उस की चूत ने पानी छोड़ दिया. मनोज ने अपना लंड मेघा की चूत में से निकाल कर उस के बूब्स पे अपना पानी छोड़ दिया और उसे लिप किस करने लगा.
वो दोनों साथ लेटे हुए थे और एक दूसरे के बाँहों में आराम कर रहे थे.
इधर सविता और मैं भी गर्म हो गये थे पर उस वक्त हमने सेक्स करना ठीक नहीं समझा और बस किस कर के ही वापिस आ कर सो गये.
थोड़ी देर बाद मेघा आई और मेरी कमीज पहन कर सो गई, नीचे बस पेंटी थी.
सुबह मैं बाथरूम गया तो मेघा बिना कुछ ओढ़े सो रही थी.
एक नौकर आया नाश्ता देने तो मेघा को देखते ही उसका खड़ा हो गया. मेघा गहरी नींद में थी पर मैं चुपके देख रहा था कि वो क्या करता है. उसने अपना लंड ठीक किया पैन्ट के ऊपर से ही और मेघा की चूत जो पेंटी पहने होने के कारण छुपी हुई थी, नहीं तो शर्ट तो ऊपर हो गई थी.
उस नौकर ने मेघा की चूत पर पैंटी के ऊपर किस किया. मेघा को होश ही नहीं था. मेघा को ऐसे देख उसकी हिम्मत बढ़ गई तो उसने कमीज के बटन खोल दिए तो मेघा के नंगे बूब्स साफ नजर आ गये. नौकर उन्हें दो मिनट चूस कर चला गया.
फिर मैंने उसे उठाया, हम फ्रेश हुए और बाहर गये तो सविता और मनोज भी थे, हम लोगों ने साथ बैठ कर नाश्ता किया और मनोज मेघा को अपना घर दिखने के बहाने अपने साथ ले गया. मैं समझ गया कि वो एक बार और मेघा को चोदेगा.
मुझे भी अच्छा मौक़ा लगा तो मैं सविता को लेकर अपने साथ दूसरे कमरे में चला गया. मैंने बिना साड़ी उतारे बस साड़ी ऊपर कर के चूत चाटना शुरू किया और ब्लाउज खोल कर बूब्स चूसने शुरू कर दिए. उसने भी मेरा लंड बाहर निकाल कर चूसना शुरू कर दिया. “आआ स्स्स्स स्स्स्स… समीर आआआअ धीरे… काटो मत आआआ स्सस्सस्स… इतनी जल्दी क्यों मचा रहे हो, यार मनोज कभी भी आ सकता है… आआआअ आआअ चूत पे लगाओ लंड… आआआअ धीरे चोदो… उम्म्मम्म आआआ स्सस्सस्स आआआअ!” “आआआ आआआ स्स्स्सस्स्स्स चूसो मेरा लंड!” “आआह टेस्टी है… मैं सारा पानी पी जाऊँगी.”
सविता मेरा लंड चूस चूस कर पानी निकाल कर पी गई और मैंने भी उसकी चूत चाट चाट कर उसका पानी निकाल दिया. हम फिर बाहर आकर बैठ गये.
थोड़ी देर मैं मेघा और मनोज भी आ गये. मेघा के होंठों पर काटने का निशान था तो मैं समझ गया कि वो मस्ती कर के आये हैं.
हमने नाश्ता किया और सविता मनोज से अलविदा कह कर वापिस आ गये फिर मिलने का कह कर! रात को मेघा और मनोज के बीच क्या हुआ, वो अगली कहानी! मेरी पोर्न स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल करें! [email protected]
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