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मैं रोहित, मेरी उम्र 20 साल है, मैं आज एक ऐसी कहानी आप सभी को बताने जा रहा हूं, जिसे आप पढ़ कर बेहद उत्तेजित हो जाएंगे. अगर आप लड़का हैं तो लंड खड़ा हो जाएगा और अगर लड़की हैं तो आपके चूचे टाइट हो जाएंगे.
यह कहानी 2014 की है. मैंने कोलकाता में अपनी पढ़ाई पूरा करने के बाद सोचा कि मामा-मामी से मिल लेता हूँ. घर पर केवल मामा-मामी अपने दो साल के बेटे के साथ रहते थे. मैं अपने मामा के घर आ गया. अब तक काफी शाम हो चुकी थी. मामी मुझे देखकर बहुत खुश हुईं. इस वक्त गरमी का मौसम भी था. तो उन्होंने मुझे दही की लस्सी पिलाई. फिर मामा मुझे घर पर छोड़कर अपने काम पर चले गए.
मामा के जाने पर मामी और हम बैठ कर खूब बातें करने लगे और फिर मामी खाना बनाने के लिए चली गईं. मामी ने खाना बनाने के बाद मुझको आवाज दी और खाना खिलाया. तभी मामा भी आ गए, मामी ने मामा को भी खाना खिलाया.
इसके बाद मामा ने मुझे एक अलग कमरे में सोने के लिए भेज दिया. उस कमरे में एसी लगा हुआ था सो मैं जल्द ही सो गया. मैं जब सुबह उठा तो देखा कि मामी मेरा सर सहला रही थीं. फिर मामी ने मुझे चाय लाकर दी और खुद भी पी.
इसके बाद नाश्ता आदि करने के बाद मामा ने ऑफिस के लिए निकलते हुए कहा- रोहित का ख्याल रखना, वो अभी एक महीने के लिए हमारे घर पर ही है. मामी ने ‘ठीक है..’ कह दिया.
इसी तरह दो-तीन दिन बीत गए. एक दिन मामी ने मुझे अपने बेटे के कुछ कपड़े दिए और बोलीं- प्लीज़ इन कपड़ों को छत पर डाल दीजिए. मैंने कहा- मामी प्लीज मत कहिए, मैं डाल देता हूँ.
फिर दोपहर का खाना खाने के बाद मैं कमरे में सोने चला गया. अगले दिन फिर से इसी तरह हुआ, एक बार मैंने बाबू के कपड़े सूखने क्या डाले कि एक दिन मामी ने अपनी ब्रा और पैन्टी भी दे दी. मैंने देखा तो मुझे लगा कि शायद मामी मुझसे कुछ चाहती हैं.
दोपहर को मेरे कमरे में मामी अपने बच्चे को दूध पिला रही थीं. मैं वहाँ से जाने लगा, तो मुझे मामी ने आवाज दी- यहाँ आओ.. कहाँ जा रहे हो? मैं शरमाते हुए उनके पास गया तो वो बोलीं- आओ तुम भी यहीं लेट जाओ न. मैं तो इसी का इंतजार कर रहा था. मैं लेट गया और मामी की चूचियों को देखते हुए उनसे बातें करने लगा. थोड़ी देर बाद मामी दूध पिलाते हुए ही सो गईं पर उनके ब्लाउज से चूचे बाहर ही निकले हुए थे.
मामी के मम्मों का साइज लगभग 38 का होगा. मैं तो उनके एकदम गोरे मम्मों को देखता ही रह गया. उनके चूचे सच में कितने मस्त दिख रहे थे. मामी इस वक्त बड़ी सेक्सी दिख रही थीं.
मैंने धीरे से अपने एक हाथ को उनके चूचे के ऊपर रख दिया और सोने का बहाना करने लगा. वो और भी आराम से सीधी हो गईं. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से मामी के दोनों मम्मों को पकड़ लिया और आँख बंद किए हुए सोया रहा. वो जाग गईं और उन्होंने मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बड़े आराम से अपने मम्मों को और ठीक से पकड़वा लिया.
थोड़ी देर बाद जब मैंने अपनी आँखें खोल कर देखीं तो वो जाग चुकी थीं. मैंने देखा कि जब मामी जाग चुकी हैं और उनको मेरे हाथ में मम्मे देख कर भी कोई दिक्कत नहीं है तो मैं समझ गया कि मामी राजी हैं.
अब मैं उनके मम्मों को सहलाने लगा.. तो वो बोलीं- ये क्या कर रहे हो? मैं जैसे डर सा गया था. मामी सेक्स से भरी हुई जवान माल थीं. वो बोलीं- क्या तुम्हें पता है कि इनको छूने से औरतों को घबराहट सी होती है? मैं चुप होकर सो गया, फिर थोड़ी देर बाद वो खुद से मेरा हाथ पकड़कर अपने मम्मों पर रख कर बोलीं- क्या करना चाहते हो.. लो कर लो. मैं बोला- मैं कुछ भी तो नहीं करना चाहता हूँ. वो फिर से बोलीं- डरिए मत, अब तो शुरू हो ही गया है.
मैंने अपना हाथ को आगे बढ़ाया, मामी ने मेरे हाथों से अपने चूचों को खूब दबवाया. फिर उन्होंने धीरे से अपने हाथ को आगे बढ़ाते हुए मेरे हाफ पैंट के अन्दर डाल कर मेरे लंड को छुआ. लंड पर मामी के हाथ के स्पर्श से मुझमें एक अजीब सी सिहरन हुई, पर धीरे-धीरे मुझे भी मजा आने लगा.
लगभग 20 मिनट के बाद मामी ने मेरे एक हाथ को अपनी चूत के छेद के ऊपर रख दिया. मैंने भी धीरे से मामी की चुत के अंदर उंगली करने लगा. मैंने महसूस किया कि उनकी चूत भीग चुकी थी.
मैंने धीरे-धीरे अपनी तीन उंगलियों को उनकी चुत में घुसा दिया था. वो बहुत अकड़ गई थीं. फिर मामी ने मुझे अपना मम्मों को चूसने को भी कहा. पहले तो मैंने मना किया, फिर वो चूसने की जिद करने लगीं, तो मैं भी शुरू हो गया. बस अब क्या था.. वो अब पूरी तरह गरम हो चुकी थीं.. उनके मुंह से कुछ कामुक आवाजें आने लगी थीं. ‘आह.. उफफ्फ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआहहह रोहित अब सहा नहीं जा रहा मुझसे.. उफ्फ..
मैंने उन्हें जोर से किस किया, तो उन्होंने मुझे पकड़ लिया और छोड़ने का तो नाम ही नहीं ले रही थीं. वो बोलीं- रोहित मुझे तो पता ही नहीं था कि इतना बड़ा और मोटा लंड होगा.. पर ये तो सॉलिड लंड है, बड़ा मजा आएगा जब ये मेरी चुत के अन्दर जाएगा. वैसे तो मेरा लंड कुछ खास नहीं है, पर हाँ यही कुछ 7″ लम्बा और काफी मोटा है.
कुछ पलों बाद मामी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थीं. लगभग दस मिनट बाद वो हटीं और मुझे अपने ऊपर चढ़ा कर मेरे लंड को अपनी चूत में डलवाने लगीं. मेरा लंड बार-बार फिसल कर चुत से बाहर आ रहा था. फिर मैंने झट से अपने लंड को मामी की चूत की फांकों में फंसा कर एक तगड़े झटके से घुसेड़ डाला. मामी चीख पड़ीं- उउउफ्फ मर गईईई..
अभी तो मेरा लंड का टोपा ही अन्दर गया था.. फिर धीरे से पूरा लंड एक झटके में अन्दर धकेला वो तो गला फाड़ कर चीखने ही वाली थीं कि मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से बंद करते हुए किस किया.
वो एकदम से शांत हो गई. फिर मैंने धक्का देना शुरू किया. कुछ 8-10 धक्के देने के बाद मामी को भी मजा आने लगा. अब वो भी मेरा साथ दे रही थीं.
मैंने उस दिन अपनी मामी की खूब चुदाई की और हम दोनों लिपट कर सो गए.
इसके बाद जब भी हम कभी मामा के घर जाते या मामा लोग मेरे घर आते, तो मैं और मेरी मामी खूब मस्ती करते.
आपको मेरी मामी की चुदाई की हिन्दी सेक्स कहानी पसंद आई? कमेंट जरूर कीजिएगा. धन्यवाद [email protected]
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