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अब तक की इस गर्म कहानी में आपने पढ़ा था कि सुमन और टीना दोनों ही संजय के लंड से मजा लेने के लिए एक योजना के तहत संजय के पास पहुँची थीं. अब आगे..
ये दोनों ऐसे ही सेक्सी गर्म बातें करने लगे और इनकी बातें सुनकर सुमन का हाल बिगड़ने लगा, मगर वो अभी भी छुपी हुई थी. उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.
संजय- मेरी जान.. अब बातों में टाइम तुम खराब कर रही हो.. कपड़े निकालो और मुझे मेरी फेवरिट चुत के दीदार कराओ.
टीना ने अपने कपड़े निकालने शुरू किए और एक-एक करके उसने सब कपड़े निकाल दिए. उसके साथ ही संजय भी नंगा हो गया और जब उसने टीना की तरफ़ देखा तो बस उसका नंगा जिस्म संजय के सामने था. वो उसे गौर से देखने लग गया.
दोस्तो, आपके सामने भी टीना पहली बार नंगी हुई है.. तो चलो आप भी जी भर के इसके जिस्म को देख के मज़ा ले लो.
टीना का रंग दूध सा सफ़ेद था और उसके चूचे 34 इंच के एकदम पके हुए खरबूजे थे. वैसे तो वो कई बार चुद चुकी है और संजय ने उसके मम्मों को काफ़ी मसला हुआ है. मगर उनकी कसावट अब भी वैसी ही है. टीना के मम्मे बिल्कुल भी लटके हुए नहीं हैं. उसके बाद उसकी 30 इंच की पतली कमर और उसके नीचे ऊपर को उठी हुई 32 इंच की मदमस्त गांड.. जो संजय को पागल बनाने के लिए काफ़ी थी.
टीना की चुत किसी त्रिभुज के जैसी थी एकदम क्लीन चुत.. वैसे उसे देख कर बताना मुश्किल था कि वो चुदी हुई है. क्योंकि टीना की चुत की दोनों फांकें आपस में मिली हुई थीं.
संजय- वाह मेरी जान, मानना पड़ेगा.. तूने अपने जिस्म को बड़े प्यार से संभाला हुआ है.. वैसा का वैसा ही है. टीना- सब तुम्हारे ही लिए है मेरे प्यारे संजू आ जाओ और निचोड़ लो.. मेरे एक-एक अंग को. संजय- मेरी जान आज तुझे ऐसे चोदूंगा कि बस तू याद करेगी. टीना- रूको मुझे छूने से पहले तुम्हें मेरी एक बात माननी होगी. संजय- अब क्या हुआ तुम्हारी कौन सी बात बाकी रह गई है.. जल्दी बोलो. टीना- आज बहुत दिनों बाद तुम मुझे छूने जा रहे हो तो पहले अपनी आँखों पर पट्टी लगाओ. उसके बाद ही तुम मुझे छू पाओगे. संजय- क्या यार, ये भी कोई बात है? टीना- प्लीज़ मेरी खातिर संजय.. आज हम एक खेल खेलेंगे, तुम बस अंधे बने रहो और हम ऐसे ही मज़ा करेंगे.
संजय ने टीना की बात मान ली और टीना ने उसकी आँखों पर एक काली पट्टी बाँध दी. फिर टीना ने संजय को बेड पे लेटने को कह दिया. संजय- यार कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा अब आ जाओ ना.. कहाँ हो तुम! टीना- रूको ना, पहले कोई अच्छा सा गाना लगा देती हूँ.. मुझे म्यूज़िक के साथ चुदाई करने में ज़्यादा मज़ा आता है.
टीना ने गाना चालू कर दिया और वो अब अलमारी के पास आ गई.. जहाँ सुमन छुपी थी. टीना- आ जाओ बाहर.. अब तुम आराम से एंजाय कर सकती हो. सुमन- नहीं दीदी मुझे डर लग रहा है कहीं संजय को पता चल गया तो? टीना- पागल मत बन.. उसको कुछ दिखाई नहीं देगा. अब चल भी आज तुझे असली लंड दिखाती हूँ आ जा मेरे साथ..!
ये दोनों बहुत धीरे-धीरे बातें कर रही थीं. वैसे तो संजय को सब पता था मगर वो अनजान बना हुआ था.
संजय- डार्लिंग कहाँ रह गईं.. जल्दी आओ ना..! टीना- आ रही हूँ यार.. इतने बेसब्र मत बनो.. तुम कभी तो कुछ नया करने दो.
टीना ने सुमन का हाथ पकड़ा हुआ था वो उसको लेकर सीधे बेड के पास आ गई. नजदीक आते ही सुमन की नज़र सीधे संजय के लंड पे गई, जो अभी आधा ही खड़ा था यानि पूरा कड़क नहीं था. फिर भी वो कोई 5 इंच का दिख रहा था मगर उसकी मोटाई वैसी ही थी जिसे देख कर सुमन बस उसमें खो गई.
टीना ने सुमन को कुछ नहीं कहा और वो बस लंड को सहलाने लगी. उसे आगे-पीछे करके मज़ा लेने लगी. बीच-बीच में वो उसे चूमती सुपारे को जीभ से चाटती.
संजय- आह.. टीना तेरा ये अंदाज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आह.. चूस मेरी जान आह.. मुँह में पूरा ले ना आह..
अब ऐसी हरकतें तो लंड को खड़ा करने में सहायक होती हैं. संजय का लंड अपने पूरे शबाब पे था.. और पूरा 8″ का तन कर खड़ा हो गया.
जब टीना ने अपना मुँह हटाया तो सुमन की आँखें फटी की फटी रह गईं. संजय का लंड पूरा तन कर फुंफकार मार रहा था.
सुमन बस टकटकी लगाए लंड को देख रही थी.. तभी टीना ने उसका हाथ पकड़ कर लंड पर रख दिया. इस अचानक हमले से सुमन घबरा गई मगर टीना ने धीरे से उसके कान के पास जाकर कहा- डर मत.. ये मज़े में खोया हुआ है.. तू भी असली लंड का थोड़ा मज़ा ले ले.
संजय के लंड को देख कर वैसे तो सुमन का मन भी बेचैन था मगर एक झिझक उसमें थी, जो टीना ने दूर कर दी, अब सुमन आहिस्ता-आहिस्ता लंड को सहलाने लगी.
सुमन के हाथ का स्पर्श संजू से छुपा नहीं था.. वो उसके लंड छूने से बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया. संजय- आह.. उफ़ मेरी जान अब मत तड़पा आह.. चूस ना इसे.. आह.. देख तेरे होंठों का स्पर्श पाने के लिए ये कितना बेचैन है.
टीना ने सुमन को इशारा किया कि ले ले मुँह में.. तुझे ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा. बस सुमन तो खुद यही चाहती थी. टीना के कहने की देर थी और सुमन ने सुपारा मुँह में भर लिया. सुमन के मुलायम मगर तपते होंठों का अहसास संजय को मज़े की अलग दुनिया में ले गया.. वो बस आहें भरने लगा.
संजय- आह.. ससस्स मेरी जान उफ तेरे होंठों में ऐसी गर्मी है आह.. तो तेरी चुत में कितनी गर्मी होगी आह.. चूस मेरी जान चूस आह..
संजय की बातों से सुमन की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. उसकी चुत रिसने लगी थी. टीना पास बैठी इस पल को मज़े से एंजाय कर रही थी.. फिर उसने धीरे से सुमन के कान में कहा कि संजय चुत की चुसाई बहुत मस्त करता है.. कपड़े निकाल दे और चुत चुसवा कर मज़ा ले ले.. मगर सुमन के दिल में डर था. उसने ‘ना’ में इशारा किया.
टीना भी कम नहीं थी, वो सुमन के पास बैठ गई और उसके मम्मों को सहलाने लगी. टीना बार-बार कहने लगी कि कुछ नहीं होगा, बस एक बार असली मर्द के हाथों अपने जिस्म को रगड़वा ले, बहुत मज़ा आएगा.
वासना की मारी सुमन ने आख़िर कर ‘हाँ कह दी और संजय का लंड टीना के हवाले करके उसने टीना को एक बार दूर चलने को कहा ताकि वो कुछ बात कर सके.
टीना उसका इशारा समझ गई और उसने संजय के लंड को मुँह से निकाल दिया.
संजय- उफ क्या हुआ टीना.. करो ना यार.. टीना- बस एक मिनट सब्र करो मेरे संजू, मैं बस अभी गई.. अभी आई.
संजय तो जानता था कि वो कहाँ जा रही है मगर फिर भी उसने थोड़ा नाटक किया तो टीना उसे वॉशरूम का बोल कर सुमन को लेकर कमरे से बाहर चली गई.
टीना- क्या हुआ.. तू ना क्यों कह रही है? सुमन- मैं नंगी हो जाऊंगी तो संजय जी मुझे देख लेंगे. टीना- पागल मत बन वो कैसे देखेगा? उसकी आँख तो बंद हैं.. मज़ा लेने में तेरा क्या जाता है? सुमन- मगर जोश में उन्होंने आँख खोल दीं या फिर मेरी चुत में लंड घुसा दिया तो? टीना- मैं किस लिए हूँ ऐसा कुछ नहीं होगा.. अब जल्दी कर मेरी चुत में बड़ी आग लगी है. तेरे मज़े लेने के बाद चुदाई तो मुझे ही करवानी है.
सुमन वासना के भंवर में थी, तो वो टीना की बातों में आ गई और उसने नंगी होने की ‘हाँ’ कह दी. दोनों साथ में अन्दर आ गईं और सुमन अपने कपड़े निकालने लगी.
टीना- संजू डार्लिंग मैं आ गई हूँ मगर अब तुम्हारे लंड को बाद में चूस कर मज़ा दूँगी.. पहले तुम मेरी चुत को थोड़ा चूस के गरम करो.. ओके..! संजय- ठीक है मेरी जानेमन आ जाओ.
सुमन अब एकदम नंगी थी, उत्तेजना से उसके निप्पल खड़े हो गए थे मगर उसको अभी भी ये डर सता रहा था कि कहीं संजय उसको ऐसे ना देख ले.
टीना ने सुमन को लेट जाने को कहा और फिर वो उसके पास बैठ कर बोली- संजू मैं तुम्हारे पास लेटी हूँ मगर तुम्हें मेरी कसम है.. देखने की कोशिश मत करना.. बस तुम मज़ा लो. संजय- ठीक है मेरी जान तेरी कसम मैं कैसे तोड़ सकता हूँ. अब देख तुझे कैसे मज़ा देता हूँ.. आज तेरी चुत चूस चूस कर ही तुझे ठंडा ना कर दूँ तो कहना.
संजय ने करवट बदली और सुमन उसकी बांहों में आ गई. अब संजय उसके मखमली होंठों को चूसने लगा और एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा.
वैसे तो सुमन और टीना के मम्मों में बहुत फर्क था मगर संजय को पता था ये सुमन है. बस ये बात सुमन के दिमाग़ में नहीं आई वो तो वासना की आग में सब कुछ भूल गई थी.
संजय का लंड तो झटके खाने लगा था. वो जानता था जिसे सिर्फ़ मोबाइल में नंगा देखा था आज वो उसके नीचे लेटी है. संजय अब सुमन के निप्पलों को चूसने और काटने लगा वो सिसकने लगी थी मगर उसकी आवाज़ संजय पहचान ना जाए, इस डर से वो दबी-दबी आहें ले रही थी. सुमन- ससस्स आह.. एम्म आह.. सस्स उफ़..
संजय तो अपने काम में लगा हुआ था. वो सुमन को धीरे-धीरे चूसता हुआ उसकी नाभि तक पहुँच गया. अब वो अपनी जीभ उसकी नाभि में घुसा कर कुरेदने लगा.
सुमन तो बेचारी मॉंटी से ये खेल खेली हुई थी. अब असली खिलाड़ी के सामने वो कब तक टिक पाती. उसकी उत्तेजना चरम पर पहुँच गई. सुमन- आह.. सस्स सस्स आह.. आ उम्म्म..
जब संजय के गर्म होंठ उसकी चुत पे लगे. उसी पल उसका बाँध टूट गया और वो कमर को हिला-हिला कर झड़ने लगी.
संजय ने भी मौका नहीं गंवाया. उसने सारा चुत रस जीभ से चाट कर साफ किया और फ़ौरन वो सुमन की टांगों के बीच बैठ गया, जिसकी उम्मीद सुमन को नहीं थी.
संजय ने उसके पैरों को मोड़ दिया और अपना लंड उसकी चुत पर सैट कर दिया और धीरे-धीरे वो उसको चुत पर घिसने लगा.
जब सुमन को इस बात का अहसास हुआ उसकी तो जान ही निकल गई कि अचानक ये क्या हो गया?
साथियो, आप मुझे मेरी गर्म कहानी पर मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें.
[email protected] देसी लड़की की गर्म कहानी जारी है.
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