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सभी लंडो और चूतो को मेरी नमस्कार आज से आपको मेरे और दोस्तों के असली काण्ड पड़ने को मिलेंगे, सबसे पहले मैं अपने बारे में बता दू.
मेरा नाम अभिषेक शर्मा है मैं पंजाब का रहने वाला हूँ मेरा कद्द 6 फुट है और मैं जिम का शोकीन हूँ मेरे लंड की लंबाई 7.5 इंच है और अब मेरे शौंक चूत मारना हो गए हैं.
मेरी यह कहानी कुछ ही देर पहले की है जब मैं कॉलेज में पड़ता था मेरे साथ एक सिमरनदीप सिंह नाम का लड़का पढता था जो मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया था और पढ़ाई के लिए हम दोनों एक दूसरे के घर जाते थे.
सिमरनदीप के परिवार में उसकी माता और पिता जो दोनों सरकारी नौकरी करते थे और उसकी एक छोटी बहन थी, जिसका नाम हरजोत कौर था. वो पढ़ाई में हमसे सिर्फ 2 साल ही पीछे थी वो देखने में बहुत सुन्दर थी, आप सबको पता ही होगा पंजाबने बहुत ही सुन्दर होती है और हरजोत का जिस्म भी बहुत ही कोमल और गोरा था.
उसके बूब्स का साइज बहुत अच्छा था और उसकी गोल गांड किसी के भी लंड को खड़ा कर देती थी, क्या शेप थी हरजोत गांड की, हरजोत के गुलाबी होठ बहुत ही रसीले थे और उसके गाल एक दम गोरे और भरे हुए थे.
जब भी मैं उनके घर जाता हरजोत ने टाइट पजामा और टी शर्ट पहना होता था और पूरे फिट कपड़ों में वो एक दम माल लगती थी उसकी गांड की शेप टाइट कपड़ो में बहुत ही सेक्सी बनती थी और ना चाहते हुए भी मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
हम तीनो की एक ही पढ़ाई थी लेकिन हरजोत किसी और कॉलेज में पढती थी मैने जब उसको पहली बार देखा था, तभी मेरे मन में आ गया था काश भगवान इसकी चूत मुझे मिल जाये, मुझे मैथ्स बहुत अच्छी तरह से आता था लेकिन उन दोनों भाई बहन को कम आता था, मैं दोनों को समझता था.
अब उनको मेरे ऊपर इतना विश्वास हो गया था, मैं हरजोत को एकेले उसके कमरे में भी पढ़ा देता था, धीरे धीरे मैं हरजोत की तरफ और खीचा जा रहा था, मेरे दिमाग में बस उसकी चूत ही रहती थी.
वैसे हरजोत काफी अकड़ में रहती थी और मुझे उसकी यह अकड़ ख़तम करनी थी और वो सिर्फ उसकी चूत में अपना लंड डाल के हो सकती थी.
मैं रोज़ सोचता था किसी तरह इसकी कुवारी चूत मुझे मिल जाये मैं उसकी गांड देखकर ही टाइम पास करता था, आखिर वो दिन भी आ गया जिस दिन उसके घरवाले रिश्तेदारी में गए थे और मैं हरजोत के घर पर चला गया.
उसने गेट खोला और मैने देखा आज तो पटाका लग रही थी वो, उसने टीशर्ट और लाल रंग का पजामा पहना हुआ था वो अभी सर नहा के आयी थी और वाल खुले थे और बहुत माल लग रही थी, उसकी गांड का आकार तंग कपड़ो में बहुत अच्छा बनता था मैने उसके भाई के बारे में पूछा तो उसने कहा घरवाले तो रिश्तेदारी में गए हैं.
मैने कहा तो चलता हूँ, पर तभी हरजोत बोली मुझे पढ़ाई में कुछ समझना है, मेरे मन में तो लड्डू फूट पड़े और मैं अंदर चला गया वो मेरे आगे चल रही थी और उसकी गांड मटक मटक कर रही थी मुझे इस से अच्छा मौका नहीं मिलने वाला था.
हम कमरे में चले गए और में उसे पढ़ाने लग गया और सोचने लगा क्या करू तभी हरजोत ने पढ़ाई में मदद करने के लिए मेरा धन्यवाद कीया तभी मुझे सही मौका लगा और मैने कहा बस सिर्फ धन्यवाद कह के काम चला दोगी.
हरजोत : तो और क्या कहूं.
मैं: कुछ नहीं.
हरजोत : बोलो भी यार.
मैं : नहीं तुम बुरा मान जाओगी.
हरजोत : नहीं मानूगी यार बताओ.
मैं : मुझे तुमसे प्यार है.
हरजोत : अच्छा तो फिर.
मैं : नहीं कुछ नहीं.
हरजोत : बोलो कुछ और?
मैं :मुझे किस करना है तुमको.
हरजोत : कुछ देर सोचने के बाद ठीक है पर एक बार और किसी को बताना नहीं.
मैं : ठीक है.
अब मैं सोच रहा था एक बार तुम मेरी बाहों में आ जाओ फिर छूट के कैसे जाओगी, हम दोनों चुप चाप बैठे रहे और कोई भी आगे नहीं आया.
फिर मैने हरजोत का हाथ पकड़ा और उसको सहलाने लग गया जिस से उसका मूड बन जाये क्योंकी मुझे तो उसको चोदना था और मैं जल्दी नहीं करना चाहता था, उसके हाथो को सहलाते हुए मैने उसकी बाहों पे अपना हाथ फेरना शुरू कर दीया और धीरे धीरे उस कच्ची कली को कंधे से पकड़ के अपनी तरफ खींच लीया, अब हम दोनों की सांसे तेज़ हो गयी थी, मैने हल्का सा उसकी गाल को चूमा.
मैं हरजोत गरम करने के लीये उसकी पीठ पर हाथ फेर रहा था तभी मैने अपने दांत उसकी गाल पर लगा दिए और उसकी गालों के रस को चूसने लग गया मेरा दिल कर रहा था इनको खा ही जाऊं.
मैने उसकी गालों को पूरा दिल भर के चूसा जिस से उनका रंग लाल हो गया और मेरे दांतो के निशान भी लग गए, अब मैने होठो को चूसना शुरू कर दीया, उसके कोमल होठो का रस मैने पीना शुरू कीया हम दोनों पूरे गरम हो चुके थे मैं रुकना नहीं चाहता था.
हमने एक दूसरे की जीभ को खूब चूसा मैने उसके होठो को चूस चूस कर फूला दीया मैने हरजोत की आँखों में देखा और उसकी टीशर्ट उतार दी उसने मुझे बिलकुल भी नहीं रोका हरजोत ने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी.
मैने बिना देर कीये ब्रा को निकाल दीया और हरजोत के कोमल गोरे बूब्स मेरे सामने थे, मैने हरजोत को बेड पे लिटा दीया और उसके दोनों मम्मो को अपने हाथो में ले लीया और अपने दोनों हाथो से उस कच्ची कली के कोमल बूब्स को निचोड़ना शुरू कर दीया.
हरजोत ने सिसकीआं लेनी शुरू कर दी अहह आ श.. मैने एक मम्मा मुँह में ले लीया और उसकी निपल को दांतो से चबाना शुरू कीया.
हरजोत की आवाज़े तेज़ होती जा रही थी वो कमरे के बाहर भी जा रही थी, मैने उसके बूब्स को चूस चूस कर उनका रंग लाल कर दीया और निपल्स अब बहुत सख्त हो गए थे.
फिर मैने हरजोत के दोनों बूब्स को अपने हाथो से ज़ोर ज़ोर से दबाना चालू कीया जैसे आटा गूँधा जाता है, मेरा दिल कर रहा था इनको इतना निचोडूं जो इस कच्ची कली को पता चले जब बाद में दर्द हो और इनका साइज भी और बढ़ जाये.
मैने अपने दांतो से उसके पेट को भी चूसा और उसका पजामा भी निकाल दीया उसका गोरा बदन और गोरी गांड देख कर मैं तो पागल हुआ जा रहा था हरजोत ने काले रंग की चडी पहनी हुई थी जो गीली हो चुकी थी.
मैने उसे उतार दीया उसकी गोरी टांगे और गुलाबी चूत अब मेरे सामने थी, उसने चूत को शेव कीया हूआ था. अब एक कुवारी लड़की मेरे सामने नंगी पड़ी थी उसके गोरे बदन में से रस टपक रहा था मैं उस रस को पीने वाला था.
तभी मैने हरजोत की आँखों में देखा वो पूरे नशे में थी मैने उसे गरम कर दिया था और अब वो मेरे लंड से अपनी चूत को बचा नहीं सकती थी.
मैने उसकी जांघो को चूसना शुरू कर दिया फिर मैने उसको उल्टा कीया और कोमल कोमल चूतड़ों को चूसा, मैने उसके चूतड़ों को चूसा भी और अपने हाथो से ज़ोर ज़ोर से दबाया इस से उनका रंग भी लाल हो गया.
मैने चूत पर हाथ रखा तो हरजोत छटपटा उठी, मैने उसकी टांगे उठाई और उसकी चूत को अपने हाथो से खोलके दर्शन कीये.
क्या सुन्दर चूत थी उस कुवारी कली की चूत के होठ गुलाबी थे वो बहुत मुलायम थी उसमे से रस निकल रहा था.
मैने अपने होठो से चूसना चालू कीया और हरजोत ने अह्ह्ह्ह आयईईई आ आ आयी करना चालू कीया उसका शरीर कांप रहा था, क्योंकी मैं उसकी चूत को बहुत ज़ोर से चूस रहा था जैसे भूखा शेर मॉस खाता है.
कुछ देर चूसने के बाद मैने अपना लंड हरजोत को चूसने को दे दीया उसने मेरा लंड बहुत अच्छी तरह से चूसा अब और सबर नहीं हो रहा था.
मैने उसकी टांगे उठाई और अपना लंड चूत पर रगड़ना शुरू कीया तभी हरजोत ने कहा प्लीज रहने दो मत करो यह, लेकिन अब तो वो नंगी एक मर्द के सामने थी कोई घर पर नहीं था न कोई आने वाला था मेरा लंड उसकी चूत को सपर्श कर रहा था.
आज उसकी कुवारी चूत को चोदने से कोई रोक नहीं सकता था मैने थोड़ा सा धका दीया लंड अंदर नहीं गया और वो चीख पड़ी और बोली प्लीज मुझे छोड़ दो.
मैने कहा जानेमन थोड़ा सा दर्द होगा बस, तभी मैने उसके होठो को अपने होठो से बंद कर दीया उसके दोनों बूब्स को हाथो में ले लीया और ज़ोर ज़ोर से लंड के धके मारने चालू कीये.
कुछ ही देर में मेरा लंड हरजोत की कुवारी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया.
मैने पूरी तेज़ी से लंड को अंदर बाहर करना चालू कीया जिस से हरजोत का दर्द जल्दी ख़तम हो जाये और इसको सवरग की सैर हो जाये.
थोड़ी देर में दर्द कम हो गया और वो पूरा मज़ा लेने लगी मैं उसकी चुदाई भी कर रहा था और साथ में उसके दोनों बूब्स को निचोड़ भी रहा था.
जब किसी कुवारी लड़की की टांगे उठाकर चुदाई होती है तो उसके चूतड़ों की भी एक्सरसाइज होती है और बूब्स की तो होती ही है इस से उसके बदन के आकार में बहुत फरक पड़ता है.
मैने उसको कुतीआ बना कर चोदना शुरू कीया अब पचक पचक की आवाज़े आ रही थी मेरा पूरा लंड चूत के अंदर जा रहा था, हरजोत की आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी आह आह आआईई ममी श श श.
अब हरजोत भी अपनी गांड को हिला रही थी और चुदाई की स्पीड बना रही थी मैं उसके चूतड़ों पर थपड मार रहा था, वो भी मैने लाल कर दिए बहुत ही कोमल थी उसकी गांड, मैं चाहता था इसकी चुदाई किसी मर्द ने की है इसका पता चलना चाहिए जब भी इसको कोई ध्यान से देखे, हरजोत की चूत अब लाल हो गयी थी उस पर खून भी लगा हुआ था अब हरजोत कुवारी नहीं रही थी.
मैने हरजोत को 1 घंटा चोदा और मैं दो वार झडा हरजोत भी २ वार झड़ी थी, फिर मैने अपना लंड उसकी गांड में डाल दीया क्या स्वाद दीया उसने मुझे.
चुदाई के बाद मैने फिर से उसके गालों को चूसा और उसके मम्मो को निचोड़ा वो मेरे सामने लेटी हुई थी उसका बदन मैने लाल कर दीया था अब कच्ची कली फूल बन गयी थी अब वो मेरी थी कुछ ही समय में कितना कुछ बदल गया था.
हरजोत जो कुछ देर पहले जूस से भरी हुई थी अब मैने उसका जूस पी लीया था उसको देख के ऐसा लग रहा था, जैसे सच में उसका रस निचोड़ लीया गया था अब उसकी चूत खुल गयी थी मुझे उसकी आंखों में पछतावा भी दिख रहा था.
लेकिन जो स्वाद उसे मिला था उसकी ख़ुशी भी दिख रही थी, उसके घरवालों को क्या पता था के आज उनकी लड़की को कोई चोद रहा है.
अब उसकी जो अकड़न थी वो मेरे लंड ने उसको चोद के निकाल दी थी, मैं उसके ऊपर ही लेट गया.
मैने पूछा तुमको मज़ा आया? वो मुस्करा पड़ी और बोली बहुत मज़ा आया पर दर्द हो रहा है पूरे शरीर में, तुमने तो मुझे खा ही लीया आज.
मैने उसे ज़ोर से अपने सीने से लगा लीया और हम दोनों बेड पर ही कुश्ती करने लगे कभी वो मेरे ऊपर कभी मैं उसके ऊपर आ जाता.
उस दिन की चुदाई के बाद हरजोत की अकड़न निकल गयी थी, अब उसके बदन के आकार में भी फर्क आ गया था उसके बूब्स बड़े हो गए थे और गांड का आकार और भी सेक्सी हो गया था.
एक बार मैं हरजोत को चंडीगढ़ ले गया वहां पर दो दिन उसकी खूब चुदाई की.
ऐसे मैने एक कुवारी पंजाबन को चोदा मुझे उम्मीद है आपको कहानी पसंद आएगी.
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