वर्मा जी का पाल
नमस्कार दोस्तो, यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है।…
एक और अहिल्या-7
“मेरी मंज़िल तो मेरे पास है लेकिन मेरी किस्मत में न…
वीर्यदान महादान-2
मैं अपने लण्ड की आग ज्यों ज्यों मैं दबाता तो फिर यह …
तीन पत्ती गुलाब-1
प्यारे पाठको और पाठिकाओ! इस कथानक की नायिका नाम है…
तलाकशुदा आंटी सेक्स के लिए मुझे अपने घर ले गई
मैं विशाल वेदक 24 साल का लड़का मुंबई में रहता हूँ,…
तीन पत्ती गुलाब-2
आज पूरा दिन गौरी के बारे में सोचते ही बीत गया। उस…
तीन पत्ती गुलाब-3
मैंने अपने और मधुर के दुश्मनों को (अरे भाई कपड़ों क…
तीन पत्ती गुलाब-4
इस भयंकर प्रेमयुद्ध के बाद सुबह उठने में देर तो होन…
तीन पत्ती गुलाब-5
ये साली नौकरी भी जिन्दगी के लिए फजीता ही है। यह अज…
तीन पत्ती गुलाब-6
मधुर आज खुश नज़र आ रही थी। मुझे लगता है आज मधुर ने…