मेरा गुप्त जीवन- 131

कम्मो ने थोड़ी देर में ज़ोर से कहा- ज़ूबी तुम्हारा समय…

मेरा गुप्त जीवन- 151

कम्मो कुछ सोचते हुए बोली- कल जब ग्रुप सेक्स शुरू होग…

विधवा आंटी का प्यार

नमस्कार दोस्तो, मैं रवि (बदला हुआ नाम) उत्तराखंड के …

असगर मियां की ठर्क-1

यह कहानी हमारे ही मोहल्ले में राशन की दुकान चलाने …

असगर मियां की ठर्क-2

मेरे प्यारे दोस्तो, आप सब ने मेरी लिखी कहानी असगर म…

कलयुग का कमीना बाप-10

एक दिन पापा मुझे शॉपिंग कराने ले गये और ढेर सारी …

दुनिया की तो माँ की चू…!

दोस्तो, आज मैं आपके सामने एक ऐसी कहानी पेश करूंगा,…

कलयुग का कमीना बाप-11

पापा मेरी चूत को कुछ देर चाटने के बाद ऊपर उठे और …

कलयुग का कमीना बाप-12

मम्मी मुझे खाना खिलाने लगी। उनके हाथों से खाते हुए…

दोस्त की माँ की चूत मारी

नमस्कार दोस्तो, मैं आप का जाना पहचाना नवदीप, एक बार…