जिस्मानी रिश्तों की चाह -2

सम्पादक जूजा फरहान ने ये बात सुनी और तवज्जो दिए बगै…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -1

सम्पादक जूजा दोस्तो, यह कहानी पाकिस्तान के एक लड़के स…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -8

आपी हम दोनों को डांट रही थी वो बोलीं- तुम दोनों ह…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -4

उसने कहा- कोई बात नहीं.. और ये कहते हो कामरान डॉ…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -3

मोईन ने हँसते हुए मेरे कंधे पर हाथ मारा और मुझे छ…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -7

मैंने फरहान को ऐसे ही अपने सीने पर सिर रखने को बो…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -6

सम्पादक जूजा अब तक आपने पढ़ा.. उसने एक ही झटके में …

जिस्मानी रिश्तों की चाह -9

सम्पादक जूजा कंप्यूटर स्क्रीन उनके सामने थी और की बोर्…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -5

यह कहते हुए मैं बाथरूम गया और वहाँ से हेयर आयल की…

दगड़ी हम दोस्तों ने बहुत रगड़ी

दोस्तो, यह कहानी बहुत पुरानी है, तब की है जब मैं औ…