अहमदाबाद का जिगोलो
दोस्तो, मेरा नाम सागर है, मैं अहमदाबाद में रहता हू…
मेरी चालू बीवी-107
सम्पादक – इमरान फिर ऐसे ही मस्ती करते हुए हम शादी व…
एक बेवा का शिकार-3
भाभी की चुदाई के चार रोज़ बाद एक रात ऐसा मौका भी आ…
मेरी चालू बीवी-108
सम्पादक – इमरान क्या मजेदार चुदाई मैं आज कर रहा था,…
आसान काम नहीं है-1
सुबह दूध वाले भैया को तड़पाने के बाद मैंने अपने मि…
मेरी चालू बीवी-119
सलोनी- हाँ मामाजी.. आप सही कह रहे हैं… शाहरूख भाई…
मेरी चालू बीवी-125
नलिनी भाभी- क्या अंकुर? खुद तो सोते रहते हो पर यह …
मेरी चालू बीवी-110
सम्पादक – इमरान मामा जी कहा था कि यार अंकुर, यहाँ …
मेरी चालू बीवी-109
सम्पादक – इमरान चादर में सिमटा सलोनी का चिकना जिस्म…
मेरी चालू बीवी-128
मैं- तुम्हें कुछ पता है? बिल्कुल मूर्ख हो तुम… ऐसे ह…