आह… जान लेगा क्या मेरी?

दोस्तो.. मेरा नाम शाहनूर आलम है प्यार से सभी मुझे स…

सविता भाभी का बकरा-12

सोनम ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और बोली- अब द…

नाम में क्या रखा है-2

प्रेषक : होलकर नज़ारा भूले नहीं भूलता, चिकनी, चमकदा…

मिशन ॠचा का कौमार्यभंग

मैं वर्जिन जनरल आपके सामने फिर से हाज़िर हूँ। मुझे …

क्या माल है मेरी मम्मी-2

माँ पीली साड़ी और लो कट ब्लाउज में एकदम हुस्न की देव…

दोपहर में पूजा का मजा-2

फिर हम रोज बात करने लगे और कई बार फोन सेक्स भी किय…

न लज्जा कामातुरानाम्-1

मैं आपको मेरे जीवन की उस घटना के बारे में बताना च…

मेरी दीदी के कारनामे -4

क्या मस्त चूतड़ थे दीदी के ! दिल तो कर रहा था कि पूर…

लॉटरी में दो चूत मिलीं

मेरा नाम राहुल है, मैं आज आपको अपनी सच्ची कहानी बत…

दोपहर में पूजा का मजा-4

“क्या चूत के बाल साफ कर रही थी जो कट गई?” “ह हाँ भ…