लड़कपन की यादें-9

मैं स्खलित होकर उसके ऊपर ही लेट गया था और हम कुछ द…

मेरे लंड की किस्मत

मैं अकेला ही दिल्ली के तिलकनगर में एक विधवा पंजाबन…

मासूम गौरी चुद गई

लेखिका : दिव्या डिकोस्टा मैं अपने घर में एकलौती लड़क…

जेम्स की कल्पना -6

कल्पना को अपने आसपास खाली-सा लग रहा था। वह भी कुछ …

जिस्म की जरूरत-16

अपनी असफलता से दुखी होकर मैंने वंदना की आँखों में…

अन्तर्वासना ट्रेन में चुदाई छह लंड से: यादगार सफ़र

प्यारे दोस्तो, काफ़ी दिनों बाद मैं अपनी एक कहानी लेक…

नितिन की टल्ली-3

लेखिका : कविता लालवानी सहयोगी : टी पी एल करीब एक …

लण्डों की होली-2

Lundo Ki Holi-2 ससुर जी ने कहा- अब सब घर की महिला…

बीवी की अदला बदली

प्रेषक : उमेश मैं अहमदाबाद शहर में रहने वाला शादीश…

जेम्स की कल्पना -4

कल्पना अलग पड़ी थी। योनि बाढ़ से भरे खेत की तरह बह र…