अंगूर का दाना-4
मैंने उसे बाजू से पकड़ कर उठाया और इस तरह अपने आप …
अंगूर का दाना-6
प्रेम गुरु की कलम से प्रथम सम्भोग की तृप्ति और संतुष्ट…
दो लाख की डील-1
मेरा नाम आशीष है, आज मैं आपको अपने जीवन की वो घटन…
अंगूर का दाना-8
प्रेम गुरु की कलम से मैं अपने विचारों में खोया था …
अंगूर का दाना-7
प्रेम गुरु की कलम से ‘अम्मा बापू का चूसती क्यों नहीं…
तू मेरी को – मैं तेरी को
दो लड़के दो लड़कियों के पीछे पड़े हुए थे। तंग आकर लड़…
सपना सच हो गया-2
हाय. आय ऍम सोनिया. इससे पहले कि आप ये स्टोरी पढ़ें,…
दोस्त की लिव-इन
प्रेषक : अजय मेरा नाम अजय है, दिल्ली में इंजीनियरिं…
मार डालोगे क्या…?
दोस्तो, मेरा नाम प्रेम है, मैं औसत दिखने वाला लड़का …
दिल्ली की यादें
रवि नमस्कार दोस्तो, माफ़ी चाहता हूँ कि मैं अन्तर्वासना…