बहन का लौड़ा -54

अभी तक आपने पढ़ा.. रोमा के जलवे देख कर नीरज का लौड़…

जिस्म की मांग-4

प्रेषिका : लीला “बाबू, तू मेरा प्यार है, चाहे अब मै…

बहन का लौड़ा -55

अभी तक आपने पढ़ा.. राधे- नहीं मीरा.. मैंने पहले भी…

कलयुग की लैला-1

अंधेरे में एक साया एक घर के पास रुका और सावधानी स…

स्वयंवर का सच-1

लेखक : प्रेम गुरु और अरमान मैं जानता था कि यह राखी…

स्वयंवर का सच-2

लेखक : प्रेम गुरु और अरमान मैंने झट से अपने कपड़े उ…

बहन का लौड़ा -57

अभी तक आपने पढ़ा.. नीरज अपनी खास दोस्त शीला के पास …

क्या यही प्यार है?

दोस्तो, मैं अंतर्वासना का पुराना पाठक हूँ और इस साइ…

बहन का लौड़ा -58

अभी तक आपने पढ़ा.. दोपहर को रोमा अपनी दोस्त टीना के…

बहन का लौड़ा -59

अभी तक आपने पढ़ा.. रोमा- देख लो, ये तो कितने आराम …