मेरा गुप्त जीवन- 118

लेकिन मैं वाकयी में उन तीनों से बहुत ही ज़्यादा प्रभ…

मेरा गुप्त जीवन- 116

अगले दिन सुबह कोई 10 बजे के करीब एक मिनी बस हवेली…

मेरा गुप्त जीवन- 170

अगले दिन बारात का दिन था तो सभी उस काम में व्यस्त थ…

मेरा गुप्त जीवन- 117

फिर उसने अपने गरम होंट मेरे होंटों पर रख दिए और ए…

ब्लेड से पजामी काटी

प्रेषक : निखिल शर्मा हेलो, मेरा नाम निखिल है, मेरी …

मेरा गुप्त जीवन- 113

थोड़ी देर में मधु मैडम झड़ने के करीब पहुँच गई थी, उ…

मेरा गुप्त जीवन- 109

मैंने कहा- कम्मो, तुमको भी यहाँ सोना पड़ेगा आज की र…

मेरा गुप्त जीवन- 148

सलोनी और रूही के जाते ही टेलीफ़ोन की घंटी बज पड़ी, …

मेरा गुप्त जीवन- 169

जब मैं अपने वाले कमरे में पहुँचा तो वहाँ लड़कियों …

मेरा गुप्त जीवन- 112

अगले दिन पापा ने मुझको नाश्ते के टेबल पर बताया- बॉ…