लड़कपन की यादें-1
मैं काफ़ी समय से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। अधि…
लड़कपन की यादें-4
काफी देर तक सोनी नहीं आई तो मैंने फिर से उसे आवाज…
लण्डों की होली-1
Lundo ki Holi-1 विराट दोस्तो, आज मैं आपके लिए एक न…
लड़कपन की यादें-5
मैं समझ गया कि वो ओर्गेज्म पर पहुँच चुकी थी इसलिए उ…
उज्जैन की वो रात
प्रेषक : राहुल वर्मा सबसे पहले तो मैं अपार हर्ष प्रकट…
लण्ड की प्यासी-2
प्रेषक : सुनील कश्यप मैं कुछ देर तक उसके होंठों को …
लड़कपन की यादें-8
अब उसे भी मज़ा आने लगा था इसलिए अब उसकी सिसकारियाँ…
लड़कपन की यादें-7
‘अभी तुम लोग अपने कमरे में जाकर सो जाओ… कल हम डैड…
उसकी खुद की फट गई !
हरीश महरा सभी अन्तर्वासना पढ़ने वालों को मेरा यानि ह…
बीवी की अदला बदली
प्रेषक : उमेश मैं अहमदाबाद शहर में रहने वाला शादीश…