क्या यही प्यार है-2

वह ज़बरदस्ती ऊपर ले गई। वहाँ कोई नहीं था। वह अपने घ…

तीन पत्ती गुलाब-22

जिन पाठकों को यह कहानी पसंद नहीं आ रही है, जो भद्द…

जिस्म की जरूरत-22

उनके होठों की नर्मी और साँसों की गर्मी ने मुझे पिघल…

मेरी बेबाक बीवी-2

फिर भी दोस्त ने उससे पूछा- भाभी, आप बताओ और कोई प्र…

बात बनती चली गई-2

विजय पण्डित भैया दोपहर का भोजन करके एक बजे ड्यूटी प…

मैं और मेरी बुआ-2

इस भाग में आप पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी सगी बुआ को …

मेरी चालू बीवी-2

इमरान सलोनी- हाँ…हाँ, मुझे पता चल रहा है कि तुम्हा…

तीन पत्ती गुलाब-27

आप सभी तो बहुत गुणी और अनुभवी हैं पर एक बात आपको …

तीन पत्ती गुलाब-25

कई बार मुझे संदेह होता है कहीं मधुर जानबूझ कर तो …

कामिनी की प्यास-2

दोस्तो मैं अपनी कहानी “कामिनी की प्यास” का अगला पार्…