कुंवारी भोली–13
मैंने वे कपड़े पहन लिए। इतने महँगे कपड़े मैंने पहले…
लड़के या खिलौने
लेखिका : शालिनी जब से हमारे पुराने प्रबंधक कुट्टी स…
मेरी जवान चूत की धार
दोस्तो, एक बार फिर राज का दिल और खड़े लण्ड से नमस्कार…
कुंवारी भोली-4
शगन कुमार थोड़ी देर बाद भोंपू ने दोनों टांगों और प…
कुंवारी भोली–6
शगन कुमार मैं खाना गरम करने में लग गई। भोंपू के स…
कुंवारी भोली–8
शगन कुमार कोई 4-5 बार अपना दूध फेंकने के बाद भोंप…
बिस्तर से मण्डप तक
लेखक : विक्की हेल्लो दोस्तो, मैं विकास, आज मैं अपनी …
बाथरूम से छत तक
हेलो दोस्तो ! मैं अरशद, एक बार फिर से आपका अन्तर्वास…
कुंवारी भोली–10
शगन कुमार मुझे भोंपू के मुरझाये और तन्नाये… दोनों …
कुंवारी भोली–5
शगन कुमार शायद उसे इसी की प्रतीक्षा थी… उसने धीरे ध…