लण्डकन्या से गाण्ड मराई
यह मेरी पहली कहानी है पर मैं अन्तर्वासना की नियमित …
तीसरी कसम-1
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना हज़ारों साल नरगिस अपनी बे…
तेरी याद साथ है-24
“उम्म… हम्म्म्म…” फिर से वही मादक सिसकारी लेकिन इस बा…
पैसों की मजबूरी, चूत की गर्मी
लेखिका : मंजू मनचन्दा अन्तर्वासना के सभी पाठकों को न…
दोस्त की गर्लफ्रेंड को नंगी करके चोदा
हाय फ्रेंड्स… यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर ! …
तीसरी कसम-2
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना हे लिंग महादेव ! अगर मुझ…
तीसरी कसम-7
प्रेम गुरु की अनन्तिम रचना “जिज्जू ! एक बात सच बोलूँ…
तेरी याद साथ है-23
“प्लीज मुझे जाने दो और तुम भी जल्दी से तैयार होकर ऊ…
कामना की साधना-7
मैंने अपना एक हाथ बाहर निकला कर ऊपर किया और तर्जनी…
तेरी याद साथ है-22
मैं जानता हूँ कि आप सब बड़ी बेसबरी से ‘तेरी याद सा…