मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-2

उसके बाद उसने अपने हैण्ड बैग से टिशु पेपर निकाला औ…

मुम्बई के सफ़र की यादगार रात-1

सन्दीप शर्मा दोस्तो, मेरी पिछली कहानियों के बाद आप …

पलक की चाहत-4

मैंने कहा,”अब मत रोक ! नहीं तो तेरा देह शोषण हो ज…

मुम्बई की गंध

“तेल भरवा लें !” कह कर रतन ने अपनी कार जुहू बीच ज…

मेरी बेबाक बीवी-2

फिर भी दोस्त ने उससे पूछा- भाभी, आप बताओ और कोई प्र…

मेरी बेबाक बीवी-4

लेखक : अरुण रात बहुत हो चुकी थी। शेविंग का सामान …

मुम्बई की गंध-2

तीन फुट ऊंचे, संगमरमर के फर्श पर, बहुत कम कपड़ों मे…

मेरी बेबाक बीवी-1

होली पर घटी यह घटना वास्तव में अप्रत्याशित थी। लेकिन…

पुष्पा का पुष्प-2

उसकी पनीली आँखों में, जिनमें एक अजब-सा मर्म को छूत…

आपकी गली सुंदर है

प्रेषक : राजेन्द्र चौहान मैं मुंबई से हूँ, मेरा नाम …